यूएनएचसीआर में शिनच्यांग से जुड़े निर्णय का मसौदा विफल होने पर चीन की टिप्पणी

2022-10-07 16:35:47

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचसीआर) के 51वें सम्मेलन में 6 अक्तूबर को अमेरिका के नेतृत्व में प्रस्तुत शिनच्यांग से जुड़े निर्णय के मसौदे पर मतदान किया गया, जो अंततः विफल रहा।

इसकी चर्चा में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि लंबे समय से अमेरिका और कुछ पश्चिमी देशों ने बार-बार शिनच्यांग सवाल के सहारे अफवाह फैलाई और मानवाधिकार मुद्दे के बहाने से राजनीतिक हेरफेर किया। उनका उद्देश्य चीन की छवि खराब करना और चीन के विकास को रोकना है। इन देशों ने तथ्यों और सच्चाई की अनदेखी कर मानवाधिकार परिषद में शिनच्यांग से जुड़ा झूठ फैलाया और तथाकथित निर्णय का समौदा बनाया। उनका मकसद संयुक्त राष्ट्र संघ के मानवाधिकार संगठन के प्रयोग से चीन के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप करना है, ताकि शिनच्यांग के सहारे चीन को रोकने की कुचेष्टा बढ़ सके। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की नजर तेज है। हालांकि अमेरिका और कुछ पश्चिमी देशों ने अन्य सदस्य देशों पर दबाव डालने की कोशिश की, लेकिन मानवाधिकार परिषद के अधिकांश सदस्यों, विशेषकर व्यापक विकासशील देशों ने इस निर्णय के समौदे का कड़ा विरोध किया। अमेरिका समेत कुछ पश्चिमी देशों की साजिश फिर एक बार विफल रही।

प्रवक्ता ने कहा कि शिनच्यांग मामला मानवाधिकार का मुद्दा बिलकुल नहीं है, बल्कि आतंकवाद, उग्रवाद और अलगाव विरोधी मुद्दा है। कठिन प्रयास के बाद शिनच्यांग में लगातार 5 साल से कोई हिंसक और आतंकवादी घटना नहीं हुई। शिनच्यांग में विभिन्न जातीय लोगों के मानवाधिकार की अधिकतम सुरक्षा की गई। अमेरिका समेत कुछ पश्चिमी देशों की शिनच्यांग के सहारे चीन को रोकने की कुचेष्टा को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय अच्छे से जानता है और मानवाधिकार के बहाने अन्य देशों के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप करने की चाल से बेहद नफरत करता है। हाल के वर्षों में व्यापक इस्लामी देशों सहित करीब 100 देशों ने क्रमशः मानवाधिकार परिषद और संयुक्त राष्ट्र महासभा की तीसरी समिति में खुले तौर पर चीन का समर्थन किया। तथ्यों से बार-बार साबित हुआ है कि मानवाधिकार को राजनीतिक मुद्दा बनाने और दोहरा मापदंड अपनाने की कार्रवाई अलोकप्रिय है। शिनच्यांग मामले के सहारे चीन को रोकने की साजिश सफल नहीं होगी।

(ललिता)

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