चीन और लाओस के बीच पुरानी दोस्ती, वियनतियाने में पुराने दोस्त से मिले चीनी राष्ट्रपति

2022-10-04 17:24:28

चीन और लाओस समान आदर्शों और विश्वासों, समान सामाजिक व्यवस्था और एक समान विकास पथ वाले समाजवादी-मित्र पड़ोसी हैं। द्विपक्षीय संबंधों को चीन और उसके पड़ोसी देशों के बीच अच्छे-पड़ोसी दोस्ती और व्यापक सहयोग का एक मॉडल माना जा सकता है।

पिछले 60 से अधिक वर्षों के मैत्रीपूर्ण आदान-प्रदान में चीनी सर्वोच्च नेता और उनके लाओस सहपाठी के बीच घनिष्ठ मित्रता ने दोनों देशों के बीच पारंपरिक मित्रता देखी है। नए युग में दोनों देशों की दोस्ती के साक्षी के रूप में चीन-लाओस रेलवे न केवल लाओस के रेलवे के सपने को पूरा करता है बल्कि दोनों देशों को और भी करीब से जोड़ता है।

13 नवम्बर 2017 को, चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने लाओस की यात्रा की। यह सीपीसी की 19वीं राष्ट्रीय कांग्रेस (अक्तूबर 2017) के बाद उनकी पहली विदेश यात्रा थी, साथ ही चीनी कम्युनिस्ट पार्टी और देश के सर्वोच्च नेता की 11 साल बाद पहली लाओस यात्रा भी थी।

चीनी अतिथि का यात्रा दिवस लाओस में एक भव्य उत्सव बन गया था। हवाई अड्डे से होटल तक के रास्ते में दोनों देशों के राष्ट्रीय झंडे हवा में फहराते थे, उत्साही स्थानीय युवाओं और किशोरों ने सड़कों के दोनों ओर जयकारे लगाए थे।

लाओस की 25 घंटे की यात्रा के दौरान औपचारिक राजकीय कार्यक्रमों के अलावा, एक और असाधारण बंदोबस्त था। इस देश से रवाना होने के पूर्व शी चिनफिंग ने फ़ोल्सेना परिवार में अपने पुराने दोस्तों से मुलाकात की।

गत शताब्दी के 60 के दशक में चीन और लाओस के बीच कूटनीतिक संबंध की स्थापना से पहले, लाओस के तत्कालीन विदेश मंत्री क्विनिम फ़ोल्सेना कई बार चीन गए। उन्होंने माओ त्सेतुंग और चोउ एनलाई जैसे पुरानी पीढ़ी वाले चीनी राजनेताओं के साथ गहरी दोस्ती बनायी। इसके बाद क्विनिम के आठ बच्चों ने पेइचिंग में कई वर्षों तक जीवन बिताया। पेइचिंग के पायी स्कूल में पढ़ने के दौरान वे छात्र के रूप में शी चिनफिंग से मिले और दोनों पक्षों के बीच सदियों से चली आ रही दोस्ती निभायी।

लाओस की यात्रा के दौरान, अपने पुराने दोस्तों से मिलने के बाद शी चिनफिंग बहुत प्रभावित हुए। उन्होंने कहा कि हमें दोनों देशों की पुरानी पीढ़ी वाले राजनेताओं के बीच मैत्रीपूर्ण आवाजाही को याद करते हुए उसका उत्तराधिकार करना चाहिए, और चीन-लाओस मैत्री को बढ़ावा देने में लगातार योगदान देना चाहिए। उस बार लाओस की यात्रा में दोनों देशों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को गहरा करने और रणनीतिक महत्व वाले चीन-लाओस साझा भाग्य वाले समुदाय का सह-निर्माण करने पर नई महत्वपूर्ण सहमतियां प्राप्त हुईं।

समाजवादी-मित्र पड़ोसियों के रूप में चीन और लाओस के बीच पारंपरिक अच्छे-पड़ोसी मित्रता समय के साथ मजबूत हुई है। पिछले 60 से अधिक वर्षों में राजनयिक संबंधों की स्थापना के बाद से, दोनों देशों के बीच राजनीतिक आपसी विश्वास लगातार बढ़ रहा है, वास्तविक सहयोग लगातार बढ़ रहा है, मानविकी का आदान-प्रदान दिन-ब-दिन करीब होता जा रहा है, और द्विपक्षीय संबंध व्यापक हुए हैं। इसके अलावा, गहन विकास के लगातार सार्थक परिणाम सामने आए हैं, जिससे दोनों देशों के लोगों को वास्तविक लाभ हुआ है।

3 दिसंबर 2021 को, चीन और लाओस के राष्ट्राध्यक्षों की समान उपस्थिति पर 5 सालों में निर्मित कुल 1035 किलोमीटर दूरी वाला चीन-लाओस रेलवे आधिकारिक तौर पर परिचालन में आया है। तब से, लाओस का "भूमि-बंद देश" से "भूमि से जुड़े देश" में बदलने का सपना आखिरकार सच हो गया है।

"खुद अकेले से जल्दी चल जा सकता है, लेकिन लोगों के साथ मिलकर दूर तक जाया जा सकता है।" पड़ोसी देशों के साथ सहयोग करने के दौरान चीन हमेशा सही लाभकारी अवधारणा का पालन करता है। आसपास के पड़ोसी देशों के साथ समान विकास के लिए सक्रिय रूप से अवसर और जगह प्रदान करता है। चीन अपने विकास से पड़ोसी देशों को ज्यादा लाभ पहुंचाना चाहता है।

शी चिनफिंग का कहना है कि चीन का विकास और समृद्धि खुद के लिए नहीं है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय अर्थतंत्र के साथ समान विकास है, खास कर हमारे पड़ोसी क्षेत्रों और हमारे पक्के दोस्तों के साथ। लाओस हमारा पक्का दोस्त है। इसी क्षेत्र में हम जरूर ज्यादा प्रयास करेंगे, ज्यादा देखभाल करेंगे और विकास का ज्यादा समर्थन करेंगे।

 (श्याओ थांग)

 

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