विभिन्न देशों को अपना मानवाधिकार विकास का रास्ता चुनने का अधिकार हैः चीन

2022-09-28 18:41:52

हाल ही में जनता से केंद्रित रहें---आधुनिक चीन के मानवाधिकार अवधारणा के मूल्यों का अनुकरण नामक संगोष्ठी हाल में ऑनलाइन और ऑफलाइन तरीके से आयोजित हुई। जिसमें देसी-विदेशी विशेषज्ञों ने आधुनिक चीन की मानवाधिकार अवधारणा पर विचार विमर्श किया ।चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वनपिन ने बुधवार को हुई प्रेस वार्ता में इस संगोष्ठी के बारे में बताया।

                                       

उन्होंने कहा कि यह संगोष्ठी यूएन मानवाधिकार परिषद की 51वीं साइड मीटिंग है । चीन ,रूस ,अमेरिका ,स्पेन ,पाकिस्तान ,उजबेकिस्तान आदि देशों के विशेषज्ञों ने मानवाधिकार मुद्दे पर विचार-विमर्श किया ।उनके विचार में आधुनिक चीन की मानवाधिकार अवधारणा से जनता से केंद्रित रहने का विचार जाहिर हुआ है ।चीन ने जनता के अस्तित्व अधिकार ,विकास अधिकार और सामूहिक मानवाधिकार की सुरक्षा में निरंतर कोशिश की है ,जिसने न्याय ,निष्पक्षता और समानता जैसी मूल्य अवधारणा प्रतिबिंबित की है ।खासकर गरीबी उन्मूलन में चीन की बड़ी उपलब्धियों ने गरीबी में फंसे देशों को लाभकारी अनुभव प्रदान किया है और विश्व मानवाधिकार कार्य के लिए योगदान दिया है ।

उन्होंने बल दिया कि विभिन्न देशों को अपने मानवाधिकार विकास का रास्ता चुनने का अधिकार है ।विभिन्न देशों को पारस्परिक सम्मान करना ,समावेश करना ,आदान-प्रदान करना और एक-दूसरे से सीखना चाहिए। मानवाधिकार की गारंटी में सिर्फ बेहतर किया जा सकता है और सबसे अच्छा नहीं होता ।(वेइतुंग)

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