चीन में क्यों मनाया जाता है शहीद स्मृति दिवस

2022-09-28 16:19:27

30 सितंबर को चीन में शहीदों का स्मृति दिवस होता है ।इस दिन सुबह राजधानी पेइचिंग के केंद्र में स्थित विश्व के सबसे बड़े चौक थ्येन आनमन चौक पर भव्य स्मृति कार्यक्रम आयोजित होता है ।चीनी नेताओं समेत विभिन्न प्रतिनिधि यहां एकत्र होकर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं ।इसके साथ देश के विभिन्न क्षेत्रों में संबंधित स्मृति गतिविधियां भी आयोजित की जाती हैं। चीन में शहीदों का स्मृति दिवस कैसे स्थापित किया गया और चीन में शहीद होने के क्या मापदंड हैं ।आज हम इसकी चर्चा करेंगे ।

गौरतलब है कि 25 अगस्त 2014 को चीनी राज्य परिषद ने शहीदों का स्मृति दिवस स्थापित करने के फैसले के मसौदे को 12वीं चीनी नेशनल पीपल्स कांग्रेस(एनपीसी) की स्थाई समिति के समक्ष पेश किया ,जिसमें कहा गया कि हर साल   30 सितंबर को शहीदों का स्मृति दिवस मनाया जाएगा ।एनपीसी की स्थाई समिति ने विचार विमर्श करने के बाद 31 अगस्त 2014 को मतदान से राज्य परिषद के फैसले का मसौदा पारित किया । विचार विमर्श में भाग लेने वाले प्रतिनिधियों का आम विचार था कि शहीदों के स्मृति दिवस की स्थापना शहीदों की महान भावना व उपलब्धि को याद करने और वर्तमान समय में देश भक्ति का प्रचार प्रसार करने और चीनी राष्ट्र के महान पुनरुत्थान वाला चीनी सपने को पूरा करने को प्रेरणा देने के लिए बड़ा महत्व रखती है । अगर एक राष्ट्र वीरों का सम्मान नहीं करता ,तो वह आशावान नहीं होगा और असंख्य वीरों का पैदा होना असंभव होगा ।इस तरह कानूनी रूप से तय किया गया कि 30 सितंबर को चीन में शहीदों की स्मृति दिवस होगा और विभिन्न स्तरों की सरकारों और सेना के संबंधित विभागों को इस दिन स्मृति कार्यक्रम आयोजित करने होंगे।

30 सितंबर को शहीदों का स्मृति दिवस मनाए जाने के पीछे दो मुख्य कारण माने जाते हैं ।पहला ,थ्येन आनमन चौक के केंद्र में स्थित 37.94 मीटर ऊंचे चीनी जन वीर स्मारक के निर्माण के फैसले और शिलान्यास रखने की तिथि 30 सितंबर 1949 है ।दूसरा ,1 अक्तूबर को चीन का राष्ट्रीय दिवस होता है ।राष्ट्रीय दिवस से पहले शहीदों को याद करने से इस मुद्दे को उजागर किया जाता है कि राष्ट्र वीरों को कभी भी नहीं भूलेगा और देश हमेशा वीरों का कृतज्ञ है ।

चीन में शहीद सम्मान नियमावली मौजूद है ,जो वर्ष 2011 में पारित की गयी थी ।इसमें शहीद की परिभाषा तय की गयी है। युद्ध ,युद्धाभ्यास व सैन्य कार्य में भाग लेते समय जान गंवाने के अलावा और अन्य छह स्थितियों में प्राणों का बलिदान देने वाले नागरिक शहीद कहलाते हैं। जैसे अपराध की जांच ,आपदा में बचाव व राहत कार्य करने ,राष्ट्रीय संपत्ति व अन्य नागरिकों की संपत्ति व जान बचाने ,कूटनीतिक व वैदेशिक राहत कार्य करने ,हथियार व वैज्ञानिक परीक्षण करने और अन्य उल्लेखनीय घटनाओं में अपनी जान न्योछावर करने वाले।

शहीद सम्मान नियमावली में शहीदों के अनुग्रह का ठोस निर्धारण भी किया गया है और शहीदों के परिजनों को वित्तीय सहायता के अलावा आवास ,रोजगार ,शिक्षा और आदि पहलुओं में सरकारी समर्थन भी मिलता है ।(वेइतुंग)

 

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