संयुक्त राष्ट्र में चीन के स्थायी प्रतिनिधि ने अमेरिका और ब्रिटेन आदि द्वारा अल्पसंख्यक अधिकारों पर अनुचित आरोपों पर पलटवार किया

2022-09-22 21:43:17

संयुक्त राष्ट्र में चीन के स्थायी प्रतिनिधि चांग च्वन ने 21 सितंबर को राष्ट्रीयता या जातीयता, धर्म और भाषा क्षेत्रों में अल्पसंख्यकों से संबंधित व्यक्तियों के अधिकारों पर घोषणा को अपनाने की 30वीं वर्षगांठ मनाने पर संयुक्त राष्ट्र महासभा की उच्च स्तरीय बैठक में भाषण दिया और अमेरिका व ब्रिटेन आदि देशों और यूरोपीय संघ के सदस्यों द्वारा चीन के प्रति अनुचित आरोपों पर पलटवार किया।

चांग च्वन ने कहा कि पिछले 30 वर्षों में, अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर घोषणा को लागू करने में सकारात्मक प्रगति हुई है। लेकिन इस बात को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता है कि अल्पसंख्यक समूह अभी भी नस्लवाद, भेदभाव व ज़ेनोफ़ोबिया और हिंसा व घृणा आदि विभिन्न चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। इस घोषणा के वादों को हकीकत में बदलने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आगे प्रयास करना चाहिए। नई परिस्थितियों और नई चुनौतियों का सामना करते हुए सभी देशों को अल्पसंख्यक अधिकारों के संरक्षण को निरंतर मजबूत करना चाहिए। साथ ही, सभी देशों को नीति, कानून और प्रशासन के व्यापक उपाय उठाते हुए नस्लवाद के कैंसर को पूरी तरह से मिटाना और भेदभाव व घृणा के प्रजनन स्थल को खत्म करना चाहिए। इसके अलावा सभी देशों को संवाद व सहयोग पर जोर देना चाहिए और राजनीतिक स्वार्थ के लिए मानवाधिकार मुद्दों के बहाने अलगाव व टकराव का विरोध करना चाहिए। इसीलिये वे अल्पसंख्यकों के अस्तित्व और विकास के लिए सही मायने में शांतिपूर्ण और न्यायपूर्ण वातावरण बना सकेंगे।

उन्होंने आगे कहा कि चीन के शिनच्यांग उइगुर स्वायत्त प्रदेश में हान जाति, उइगुर जाति और कज़ाख जाति सहित 56 जातीय समूह रहते हैं। सभी जातीय समूहों के लोगों के संयुक्त प्रयासों से शिनच्यांग में अर्थव्यवस्था का विकास जारी है, समाज सामंजस्यपूर्ण व स्थिर है और लोगों की आजीविका में लगातार सुधार हुआ है। यह सभी के लिए एक स्पष्ट ऐसा तथ्य है। लेकिन अफसोस की बात है कि अमेरिका, ब्रिटेन आदि अल्पसंख्यक देशों और यूरोपीय संघ के सदस्यों ने तथ्यों की अवहेलना करते हुए संयुक्त राष्ट्र महासभा के सामान्य बहस व आज की बैठक का दुरुपयोग किया और चीन के खिलाफ अनुचित आरोप लगाया। चीन इस बात का दृढ़ता से विरोध करता है और सख्ती से खारिज करता है।

उन्होंने कहा कि विडंबना यह है कि अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ आदि ने अन्य देशों के खिलाफ सभी प्रकार के अनुचित अपराधों को सूचीबद्ध किया है, जबकि वे अपनी समस्याओं का सामना करने की हिम्मत नहीं करते हैं। रेड इंडियन लोगों के नरसंहार का सामना करने और मुआवजे की मांग करने के लिए अमेरिका को वास्तव में करना चाहिए। साथ ही अमेरिका को एशियाई सहित अल्पसंख्यक जातीय लोगों के खिलाफ प्रणालीगत नस्लीय भेदभाव को समाप्त करना, सामाजिक अन्याय को समाप्त करना और अल्पसंख्यक जातीय लोगों को स्वतंत्र रूप से सांस लेने व समान विकास करने का अधिकार देना चाहिए।

उन्होंने आगे कहा कि चीन कुछ देशों से मानवाधिकारों के मुद्दों का राजनीतिकरण करना बंद करने, दोहरे मानकों का अभ्यास बंद करने और दूसरे देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने से रोकने का आग्रह किया । साथ ही उन्हें अपने ही देशों में मानवाधिकारों की स्थिति में सुधार के लिए वास्तव में कुछ अच्छी बात करनी चाहिए।

 

(हैया)

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