अमेरिकी समाज को ढकने वाला गहरा डर बन गयी है बंदूक हिंसा

2022-09-15 14:33:24

 परिवारों के लिए नया स्कूल वर्ष एक नई शुरुआत होता है। लेकिन अमेरिका के टेक्सास स्टेट के उवाल्डे के नागरिक गरज़ा के लिए यह एक दर्दनाक अनुभव है। तीन महीने पहले एक बंदूकधारी ने स्थानीय रॉब प्राइमरी स्कूल में घुसकर 19 छात्रों और दो शिक्षकों की हत्या कर दी थी, जिसमें गरज़ा की इकलौती बेटी भी शामिल थी। उस समय अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कुछ वास्तविक कदम उठाने का वादा किया और उन्होंने जून महीने में 30 वर्षों में सबसे महत्वपूर्ण बंदूक नियंत्रण बिल पर हस्ताक्षर किए। लेकिन मासूमों के खून-खराबे की त्रासदी कम नहीं हुई है।


पिछले सप्ताहांत में इलिनोइस, केंटकी, इंडियाना, पेनसिल्वेनिया, न्यूयॉर्क आदि अमेरिकी राज्यों में एक के बाद एक गोलियों की बौछार ने एक और "खूनी सप्ताहांत" देखा है। यूएस "गन वायलेंस आर्काइव्स" वेबसाइट द्वारा 12 सितंबर को जारी किए गए ताज़ा आंकड़ों से पता चलता है कि इस साल की शुरुआत से अमेरिका में बंदूक हिंसा से 31 हजार से अधिक लोग मारे गए हैं, इस तरह हर दिन औसतन 122 लोग मारे जाते हैं।


बंदूक हिंसा एक गहरा "भय" बन गया है जो अमेरिकी समाज पर छा गया है। उनमें से परिसर बंदूक हिंसा से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। मिशिगन विश्वविद्यालय के एक हालिया अध्ययन के अनुसार, 75 प्रतिशत अमेरिकी किशोर मानते हैं कि शूटिंग उनके तनाव का शीर्ष स्रोत बन गई है। सोशल मीडिया पर कुछ अमेरिकी शिक्षकों ने स्कूल में गोलीबारी की प्रतिक्रिया करने में अपने कौशल और अनुभव को साझा किया।


दुनिया के सबसे विकसित देशों में बंदूक हिंसा की इतनी घटनाएं क्यों होती हैं? विश्लेषकों ने बताया कि यह न केवल इसलिए है क्योंकि अमेरिकी संविधान के दूसरे संशोधन के प्रावधानों को अपने बंदूकों के अधिकार पर हिलाना मुश्किल है, बल्कि अमेरिका में बंदूक नियंत्रण के मुद्दे पर दोनों पक्षों के बीच मतभेदों के कारण भी है। अमेरिका विश्व में निजी स्वामित्व वाली बंदूकों की सबसे अधिक संख्या वाला देश है। आंकड़े बताते हैं कि अन्य उच्च आय वाले देशों की तुलना में अमेरिकियों की गोलीबारी में मारे जाने की संभावना 25 गुना अधिक है।


अमेरिका में हथियारों का निर्माण और बिक्री एक बड़ा उद्योग है, जिसका बाजार 2021 में 70.5 अरब  डॉलर तक पहुंचा था। कोरोना  महामारी के प्रकोप के बाद से अमेरिका में अमीर और गरीब के बीच नस्लीय भेदभाव और ध्रुवीकरण जैसी पुरानी बीमारियां तेज हो गई हैं। एक हालिया रिपोर्ट से पता चला है कि इस साल जनवरी से जून तक प्रमुख अमेरिकी शहरों में कम से कम 2.37 लाख हिंसक अपराध हुए, जो पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 4.4 प्रतिशत अधिक है। यह अकल्पनीय है कि जब भी अमेरिका में बड़े पैमाने पर गोलीबारी की घटना होती है, हथियारों की बिक्री घटती नहीं बल्कि बढ़ती जाती है, और समाज एक दुष्चक्र में पड़ जाता है।


"अमेरिका में बंदूक की शूटिंग अधिक से अधिक आम होती जा रही है, और लगभग हर कोई डर के माहौल में जी रहा है।" "द न्यूयॉर्क टाइम्स" की इस टिप्पणी से जाहिर है कि अमेरिकी हित समूह बंदूकों के निर्माण और बिक्री से निरंतर धन वृद्धि का आनंद ले रहे हैं और अमेरिकी राजनेताओं को लगातार राजनीतिक दान मिल रहा है। 

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