चीन-भारत सीमा मुद्दे में किसी तीसरे पक्ष की भागीदारी का दृढ़ विरोध करता है चीन

2022-08-25 18:31:58

चीनी रक्षा मंत्रालय ने 25 अगस्त को दोपहर बाद संवाददाता सम्मेलन आयोजित किया, जिसमें रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता, कर्नल थान खफ़ेई ने प्रश्नोत्तर किया।

संवाददाता सम्मेलन में यह पूछे जाने पर कि विदेशी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका और भारत के विशेष बलों ने हाल ही में हिमालय की दक्षिणी तलहटी में 20 दिनों से अधिक समय तक संयुक्त सैन्याभ्यास किया। अन्य रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी और भारतीय सेनाओं ने अक्तूबर में "युद्ध अभ्यास" नामक संयुक्त सैन्य अभ्यास आयोजित करने की योजना बनाई है। रिपोर्ट ने कहा कि सैन्याभ्यास का स्थल चीन और भारत के सीमांत क्षेत्र के समीप है, सैन्याभ्यास पठार और पर्वतीय युद्ध क्षमताओं पर ध्यान केंद्रित करेगा, जिसका चीन को लक्षित करने का इरादा अपेक्षाकृत स्पष्ट है। इस पर चीन की क्या टिप्पणी है?

इस सवाल का जवाब देते हुए प्रवक्ता थान खफ़ेई ने कहा कि हम संबंधित रिपोर्ट के बारे में जानते हैं और संबंधित रुझान पर ध्यान दे रहे हैं। चीन ने हमेशा इस बात पर जोर दिया है कि संबंधित देशों के बीच सैन्य सहयोग, विशेष रूप से सैन्य अभ्यास गतिविधियों को तीसरे पक्ष के उद्देश्य से नहीं किया जाना चाहिए और क्षेत्रीय शांति व स्थिरता बनाए रखने में मदद करनी चाहिए।

प्रवक्ता ने यह भी कहा कि सीमा मुद्दा चीन और भारत के बीच का मामला है, दोनों पक्ष सभी स्तरों पर प्रभावी संचार बनाए रखते हैं और द्विपक्षीय वार्ता के माध्यम से स्थिति को ठीक से संभालने पर सहमत हुए हैं। हम चीन-भारत सीमा मुद्दे में किसी तीसरे पक्ष द्वारा किसी भी प्रकार के हस्तक्षेप का दृढ़ विरोध करते हैं। 1993 और 1996 में चीन और भारत द्वारा हस्ताक्षरित संबंधित समझौतों की भावना के अनुसार, दोनों पक्षों को वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास के क्षेत्रों में एक दूसरे के खिलाफ सैन्य अभ्यास करने की अनुमति नहीं है। आशा है कि भारत दोनों देशों के नेताओं द्वारा संपन्न महत्वपूर्ण सहमति और संबंधित समझौतों का सख्ती से पालन करेगा, द्विपक्षीय चैनलों के माध्यम से सीमा मुद्दे को हल करने की अपनी प्रतिबद्धता का पालन करेगा, और सीमा क्षेत्र में शांति और अमन-चैन की रक्षा के लिए व्यावहारिक कार्रवाई करेगा।

(श्याओ थांग)  

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