चीन में अमेरिकी राजदूत के थाईवान संबंधी गलत कथन पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता की टिप्पणी

2022-08-22 19:22:48

चीन में अमेरिकी राजदूत निकोलस बर्न्स ने 19 अगस्त को सीएनएन को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि नैन्सी पेलोसी की थाईवान यात्रा के मुद्दे पर चीन की अति प्रतिक्रिया थाईवान जलडमरूमध्य में एक अस्थिर कारक बन गई है, जिससे चीन-अमेरिका संबंधों में संकट पैदा हो गया है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि चीनी उप विदेश मंत्री श्ये फेंग ने उन्हें पेलोसी के विशेष विमान के थाईवान पहुंचने के बाद बुलाया और दोनों पक्षों में भयंकर टकराव हुआ।

इसकी चर्चा करते हुए चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने 22 अगस्त को कहा कि राजदूत बर्न्स के संबंधित कथन ने सही और गलत को भ्रमित किया है, जिसने ने एक बार फिर अमेरिका की वाकपटुता और वर्चस्ववादी तर्क को उजागर कर दिया।

उन्होंने कहा कि अमेरिकी हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी की थाईवान यात्रा के पूर्व चीन ने विभिन्न स्तरों पर अमेरिका के सामने कई बार गंभीर रूप से मामला उठाया, बार-बार पेलोसी की थाईवान यात्रा की गंभीरता और हानिकारकता पर जोर दिया, और स्पष्ट रूप से बताया कि इससे उत्पन्न होने वाले सभी परिणामों को अमेरिका द्वारा वहन किया जाएगा।

पेलोसी के थाईवान पहुंचने के बाद उप विदेश मंत्री श्ये फेंग ने तुरंत राजदूत बर्न्स को तलब किया और चीन सरकार की ओर से अमेरिका के सामने गंभीर रूप से मामला उठाया और मजबूत विरोध किया। चीन का कहना है कि अमेरिका को अपनी गलतियों की कीमत चुकानी होगी, उसे गलतियों को तुरंत ठीक करना होगा, और पेलोसी की थाईवान यात्रा से पैदा कुप्रभाव को दूर करने के लिए व्यवहारिक कदम उठाना होगा।

लेकिन अमेरिका अपनी गलती ठीक करने के बजाय चीन पर ही उँगली उठा रहा है। अमेरिका के उच्चस्तरीय अधिकारियों ने बारंबार तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर थाईवान जलडमरुमध्य में पैदा तनावपूर्व स्थिति का जिम्मेदार चीन को ही ठहराना चाहा है।

चीनी प्रवक्ता ने कहा कि संकट उकसाने वाला अमेरिका है, न की चीन है। थाईवान जलडमरुमध्य की वर्तमान स्थिति को बदलने वाला अमेरिका है, न की चीन है। इस क्षेत्र की शांति और स्थिरता को क्षति पहुंचाने वाला अमेरिका है, न की चीन है। सारी दुनिया, खास कर एशिया प्रशांत क्षेत्र में शक्ति दिखाने वाले अमेरिका है, न की चीन है। प्रतिबंध की छड़ी चलाने और दुनिया को धमकाने वाला अमेरिका है, न की चीन है। चीन-अमेरिका संबंध के राजनीतिक नींव को नुकसान पहुंचाने वाला अमेरिका है, न की चीन है। चीन-अमेरिका सहयोग को नष्ट करने वाला अमेरिका है, न की चीन है।  

चीनी प्रवक्ता ने यह भी कहा कि अमेरिका थाईवान जलडमरुमध्य की शांति और स्थिरता को नष्ट करता है, लेकिन चीन पर उकसावे और तनाव बढ़ाने की कीचड़ उछालता है। अमेरिका ने धृष्टतापूर्ण रूप से चीन की प्रभुसत्ता और प्रादेशिक अखंडता का उल्लंघन किया है, और चीन की निचली रेखा को पैरों तले रौंद दिया है, लेकिन उसने संकट पैदा करने के लिए चीन की निंदा की है। अमेरिका के पास कोई निचली रेखा नहीं है! ऐसा नहीं है कि चीन गैर-जिम्मेदार है, लेकिन पेलोसी बेहद गैर-जिम्मेदार है और अमेरिकी सरकार बेहद गैर-जिम्मेदार है।

चीनी प्रवक्ता ने कहा कि चीन ने एक बार फिर अमेरिका से दूसरे देशों की प्रभुसत्ता और प्रादेशिक अखंडता का सम्मान करने, दूसरे देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने वाले अंतरराष्ट्रीय संबंधों के बुनियादी सिद्धांतों का सख्ती के साथ पालन करने, एक-चीन सिद्धांत और तीन चीन-अमेरिका संयुक्त विज्ञप्ति में निर्धारित सही रास्ते पर वापस लौटने, और चीन के मूल हितों को नुकसान पहुंचाने वाले सभी शब्दों व कार्यों को रोकने का आग्रह किया।

(श्याओ थांग)

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