जापान एक चीन सिद्धांत का सख्ती से पालन करेःचीन
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वनपिन ने 18 अगस्त को थाईवान जलडमरूमध्य की स्थिति के बारे में जापान के रुख पर जवाब देते हुए यह आशा प्रकट की कि जापान अपने शब्दों और कार्यों में वास्तव में एक चीन सिद्धांत का पालन करेगा, थाईवान जलडमरूमध्य की शांति और स्थिरता की रक्षा के अनुकूल कार्य करेगा।
रिपोर्ट के अनुसार 17 तारीख को आयोजित चीन और जापान के बीच 9वीं उच्च स्तरीय राजनीतिक वार्ता के दौरान जापान ने थाईवान जलडमरूमध्य की स्थिति पर अपने रूख पर प्रकाश डाला और कहा कि चीनी सेना का सैन्य अभ्यास जापान के "विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र" संबंधित है और जापान ने थाईवान जलडमरूमध्य में शांति और स्थिरता के महत्व पर जोर दिया।
वांग वनपिन ने कहा कि एक अरसे से जापान की थाईवान संबंधी प्रवृत्ति नकारात्मक रही । जापान में कुछ लोग कह रहे हैं कि "थाईवान में कोई घटना होगी , तो वह जापान की घटना भी होगी।" यह गलतफहमी निस्संदेह "थाईवान स्वतंत्रता" बलों के लिए एक बहुत ही खतरनाक गलत संकेत भेजती है। नैन्सी पेलोसी की थाईवान यात्रा के बाद 170 से अधिक देशों और कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने न्याय की आवाज उठाई है, एक चीन सिद्धांत के पालन की फिर से पुष्टि की है, और चीन की संप्रभुत्ता और प्रादेशिक अखंडता की दृढ़ सुरक्षा का समर्थन दोहराया। लेकिन जापान ने काले और सफेद को उलट दिया, वह अमेरिका के गलत कार्यों के पक्ष में खड़ा हुआ, अनुचित रूप से चीन पर आरोप लगाया और चीन को बदनाम किया। साथ ही उसने चीन के आंतरिक मामलों में व्यापक हस्तक्षेप किया। चीन ने कई बार जापान के समक्ष गंभीरता से मामला उठाया है। (वनिता)