श्वेत पत्र के जरिए चीन ने थाइवान पर अपनी स्थिति स्पष्ट की...

2022-08-14 16:29:53

फिलहाल थाईवान सवाल अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की प्रमुख नैंसी पैलोसी की यात्रा से अचानक चर्चा में आ गया है ,जो कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय की व्यापक नजर खींच रहा है ।इस मुद्दे पर अपना पक्ष स्पष्ट करने के लिए चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) के थाइवान मामला कार्यालय  ने हाल ही में एक श्वेत पत्र जारी किया । यह श्वेत पत्र ‘थाइवान का प्रश्न और नए दौर में चीन के एकीकरण’ शीर्षक से प्रकाशित किया गया है। थाइवान को लेकर चीन की ओर से यह तीसरा श्वेत पत्र है। इसके पहले अगस्त 1993 और फरवरी 2000 में, चीन की सरकार थाइवान को लेकर दो श्वेत पत्र जारी करचुकी है।

 

इन श्वेत पत्रों पर चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की थाइवान मामला कार्यालय के प्रकवत् ने एक न्यूज ब्रीफिंग में  टिप्पणी के जरिए चीन की भावी स्थिति को साफ कर दिया है। प्रवक्ता ने कहा है कि चीन का राष्ट्रीय कायाकल्प ऐतिहासिक जरूरत है और अब चीन के पास अपने एकीकरण के लिए पहले की तुलना में कहीं ज्यादा बेहतर स्थिति, अधिक आत्मविश्वस और अधिक क्षमता है। इस टिप्पणी के जरिए चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने दुनिया को संदेश दिया है कि थाइवान उसका अनिवार्य अंग है और उसके एकीकरण की राह में दुनिया के देश बाधा न बनें ।ध्यान रहे एकीकरण का विरोध करने वाली ताकतों को चीन अलगाववादी मानता है और उन अलगाववादी ताकतों के खिलाफ लड़ने और वक्त पर कार्रवाई करने को एक तरह से इस श्वेत पत्र में अपना अधिकार भी बताया गया है। प्रवक्ता का यह कहना कि ‘थाइवान की स्वतंत्रता’ और ‘बाहरी हस्तक्षेप’ की मांग करने वाली अलगाववादी ताकतों के खिलाफ लड़ाई के लिए चीन दृढ़ संकल्प तो है ही, थाइवान के दोनों पक्षों के लोगों की भलाई और उनकी हिफाजत करने की चीन की बुनियादी आकांक्षा के प्रति उसका विश्वास  मजबूत है, एक तरह से चीन की भावना का ही प्रदर्शन करता है।

अमेरिकी प्रतिनिधि  सभा की प्रमुख नैंसी पैलोसी की थाइवान यात्रा के खिलाफ  चीन ने सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया था। हालांकि यह अब बंद हो गया है। लेकिन इस श्वेत पत्र के जरिए चीन से स्पष्ट किया गया है कि थाइवान उसका अभिन्न अंग है और उसके शांतिपूर्ण एकीकरण के लिए वह अपना प्रयास जारी रखेगा।

इस श्वेत पत्र में यह उम्मीद जतायी गयी है कि थाइवान के हमवतन जल्द ही इतिहास के दाईं ओर खड़े होंगे, अपनी चीनी पहचान पर गर्व करेंगे और चीन के कायाकल्प में थाइवान की स्थिति और भूमिका पर सकारात्मक तरीके से विचार करेंगे। चीन को आशा है कि थाइवान की जनता भी राष्ट्र की बेहतरी के लिए प्रयास करेगी, अलगाववाद और किसी भी तरह के बाहरी हस्तक्षेप का डटकर विरोध करेगी और चीन के शांतिपूर्ण पुनर्मिलन में सकारात्मक योगदान देगी।

इस श्वेत पत्र में चीन ने हांगकांग और मकाओ और उनके लोगों का भी हवाला दिया गया है। उसका कहना है कि जिस तरह इन इलाकों के मिलन के लिए दुनिया ने सहयोग किया, वैसा ही सहयोग थाइवान के मसले पर भी दुनिया का मिलेगा ।श्वेत पत्र में कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय थाइवान से जुड़े मुद्दों को ठीक से समझेंगे और चीन के साथ बेहतर समझ विकसित करेंगे। इसके साथ ही वे इंसाफ के लिए चीनी जनता का साथ और उसे समर्थन देंगे। उमेश चतुर्वेदी

वरिष्ठ भारतीय पत्रकार

 

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