थाईवान जलडमरुमध्य की शांति और स्थिरता को बर्बाद करने के लिए अमेरिका को सभी परिणाम भुगतना पड़ेगा

2022-08-03 11:28:03

चीन के जबरदस्त विरोध को नजरअंदाज कर अमेरिकी संसद की स्पीकर नैन्सी पेलोसी 2 अगस्त को थाईवान गयी। यह अमेरिका और थाईवान के बीच सरकारी आवाजाही को उन्नत करने की एक अहम राजनीतिक चुनौती की कार्रवाई है, जिसने गंभीर रूप से एक चीन के सिद्धांत और चीन-अमेरिका तीन संयुक्त विज्ञप्तियों का उल्लंघन किया है, चीन-अमेरिका संबंधों के राजनीतिक आधार को बर्बाद किया है और चीन की प्रभुसत्ता और प्रादेशिक अखंडता को क्षति पहुंचायी है। इसका बहुत गंभीर परिणाम होगा। इसने फिर एक बार जाहिर किया है कि थाईवानी स्वतंत्रता का समर्थन करने वाले अमेरिका के कई राजनेता थाईवान जलडमरुमध्य के दोनों तटों की शांति और विश्व शांति व स्थिरता के विनाशक हैं। देश की प्रभुसत्ता की रक्षा के लिए चीन अवश्य ही कदम उठाएगा।

थाईवान सवाल चीन के कोर हितों से संबंधित है। 1943 के काहिरा घोषणा पत्र और 1945 के पॉट्सडैम विज्ञापन ने स्पष्ट रूप से यह जाहिर है कि थाईवान पर चीन की प्रभुसत्ता के प्रति अंतर्राष्ट्रीय समुदाय पूरा समर्थन करता है। चीन और अमेरिका के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के तीन संयुक्त विज्ञप्तियों में भी स्पष्ट रूप से बताया गया कि अमेरिका यह मान्यता देता है कि विश्व में केवल एक चीन है, थाईवान चीन का एक भाग है। चीन लोक गणराज्य की सरकार चीन का प्रतिनिधित्व करने वाली एकमात्र कानूनी सरकार है।

अमेरिकी सरकार की तीसरी वरिष्ठ नेता होने के नाते पेलोसी इसे साफ तौर पर जानती हैं। लेकिन उन्होंने जानबूझकर थाईवान की यात्रा की। वे सचमुच थाईवान का ख्याल नहीं करती हैं, जबकि स्पष्ट राजनीतिक मकसद से थाईवान गयी हैं। वे इस कार्रवाई से अपने राजनीतिक जीवन में रंग डालना चाहती हैं, क्योंकि अमेरिका में मध्यावधि चुनाव होने वाला है।

पेलोसी की थाईवान यात्रा थाईवान के चीन का एक भाग होने के ऐतिहासिक तथ्य को कभी नहीं बदल सकती है और चीन द्वारा पुनरेकीकरण को साकार करने की ऐतिहासिक प्रवृत्ति में भी बाधा नहीं डाल सकती है। जो कोई भी शक्ति या व्यक्ति थाईवान के मुद्दे पर आग से खेलना चाहती है, तो खुद आग में जल जाएंगे।

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