मानव साझे भाग्य समुदाय अवधारणा ने विश्व विकास के लिए आगे का रास्ता बता दिया

2022-08-02 16:14:56

चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने 18 जनवरी, 2017 को ज़िनेवा में“मानव साझे भाग्य समुदाय का सामन्य चर्चा एवं स्थापना”के विषय पर आयोजित उच्चस्तरीय सम्मेलन में भाग लेते समय“मानव साझे भाग्य समुदाय का सहनिर्माण करें”शीर्षक प्रमुख भाषण दिया। जिसमें उन्होंने विस्तृत, व्यापक और व्यवस्थित रूप से इस अवधारणा की व्याख्या की। वर्ष 2017 से अभी तक 5 साल से अधिक समय हो गए हैं, दुनिया में जारी उथल-पुथल और बदलाव की पृष्ठभूमि में इस अवधारणा ने एक मजबूत जीवन शक्ति और करिश्मा दिखाते हुए स्पष्ट रूप से विश्व विकास के लिए आगे का रास्ता बता दिया है।

अपने बयान में राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने कहा कि मनुष्य महान विकास, महान परिवर्तन और महान समायोजन के युग में है, जो अधिक से अधिक चुनौतियों और जोखिमों से भरा हुआ है। इसकी पृष्ठभूमि में शी चिनफिंग ने साफ़ तौर पर“मानव साझे भाग्य समुदाय की स्थापना करना, आपसी लाभ एवं आपसी साझा वाले लक्ष्य को पूरा करना”वाली चीनी योजना पेश की है। आईएमडी वर्ल्ड  कंपेटिटिवनेस केंद्र के प्रोफ़ेसर आर्टुरो ब्रिसो ने इसका उच्च मल्यांकन किया है। उनका मानना है कि राष्ट्रपति शी का भाषण बहुत प्रेरणादायक है।  

इधर के 5 से अधिक वर्षों में चीन हमेशा वैश्वीकरण की मजबूती से रक्षा करने के साथ-साथ सच्चे बहुपक्षवाद की नीति लागू करता रहता है। साथ ही, चीन अपनी सही कार्रवाइयों से मानव साझे भाग्य समुदाय अवधारणा को व्यवहार में लाने के लिये प्रयास करता रहता है। इसके बारे में स्विट्जरलैंड के जिनेवा शहर के बर्न क्षेत्र के आर्थिक विकास विभाग के पूर्व निदेशक फिलिप मोनियर ने कहा कि चीन के उच्च गुणवत्ता वाले विकास और विस्तारित खुलेपन से विश्व अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा लाभ लाया जा सकता है।

मोनियर ने यह भी कहा कि चीन ने अच्छी तरह से अपने देश के गरीबी उन्मूलन मुद्दों का समाधान किया है, जो संयुक्त राष्ट्र के 2030 सतत विकास एजेंडा में गरीबी उन्मूलन के लक्ष्य को 10 साल पहले ही पूरा कर लिया है। साथ ही, चीन सक्रिय रूप से विश्व के गरीबी उन्मूलन के सहयोग में भाग ले रहा है और अपनी सकारात्मक भूमिका निभा रहा है।

उधर, विश्व आर्थिक मंच के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार एवं निवेश विभाग के प्रमुख शॉन डोहर्टी ने कहा कि हाल के 5 से अधिक वर्ष में चीन ने बेल्ट एंड रोड परियोजना से इस परियोजना से जुड़े हुए देशों के सामान्य आर्थिक विकास और बहुपक्षवाद को आगे बढाने में अपना बड़ा योगदान दिया है।

इसके अलावा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य क्षेत्र और जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने जैसे मुद्दों पर चीन ने भी अपने अनुभव और ज्ञान का योगदान दिया है। आईएमडी वर्ल्ड  कंपेटिटिवनेस केंद्र के प्रोफ़ेसर आर्टुरो ब्रिसो का कहना है कि इन क्षेत्रों में चीन का रवैया अनुकरणीय माना जाता है। चीन ने अपनी सही कार्रवाइयों से इस अवधारणा के बारे में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की मान्यता प्राप्त की है। साथ ही, इस अवधारणा की गुणार्थ को भी लगातार गहन और विस्तृत किया जा रहा है।

(रमेश शर्मा)

             

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