ग्रामीण पुनरुद्धार को बढ़ाया अमूर्त सांस्कृतिक विरासतों के लिविंग रूम ने

2022-07-30 19:33:39

चीन के हबेई प्रांत की जेंगतिंग काउंटी चीन का राष्ट्रीय ऐतिहासिक और सांस्कृतिक शहर है, जिसे तिंगजेंग (वर्तमान नाम जेंगतिंग है) बौद्ध धर्म के आधे इतिहास के बराबर होने के नाम से प्रसिद्ध है।

 

एक पुरानी काउंटी के रूप में जेंगतिंग काउंटी का न केवल लंबा इतिहास है, बल्कि कई अमूर्त सांस्कृतिक विरासतें भी यहां मौजूद हैं। चीनी सांस्कृतिक तत्व और आधुनिक नवाचार अवधारणा के बीच वैज्ञानिक और तर्कसंगत संयोजन हासिल करने के लिये जेंगतिंग काउंटी में हशी नामक अमूर्त सांस्कृतिक विरासत से संबंधित उत्पादों का संग्रह वाला ब्रांड स्थापित हुआ है, जिसे “चीन के अमूर्त सांस्कृतिक विरासतों के लिविंग रूम” के नाम से भी जाना जाता है।

 

जेंगतिंग काउंटी में स्थित इस अमूर्त सांस्कृतिक विरासतों का लिविंग रूम के मुख्य व्यवसाय श्रेणियों में चीनी तत्वों के साथ कपड़ों का निजीकृत अनुकूलन, हाथ की कढ़ाई, पारंपरिक चीनी चीनी मिट्टी के बर्तन शिल्प कौशल बनाने का खजाना तिंग भट्ठा और चाय से संबंधित उद्योग आदि शामिल हैं। इसने पारंपरिक चीनी संस्कृति की विशेषताओं पर आगे प्रकाश डाला है।

 

हाथ की कढ़ाई कार्यशाला से वे चीनी संस्कृति को बढ़ावा देते हुए  विरासत में लेते हैं। साथ ही हशी नामक अमूर्त सांस्कृतिक विरासतों के लिविंग रूम ने ग्रामीण पुनरुद्धार पर नीतियों की व्याख्या के लिये हर प्रयास किया और ग्रामीण क्षेत्रों में संबंधित ज्ञान व कौशल का प्रसार और विकास सही मायने में हासिल करने के लिये अपनी ताकतों का इस्तेमाल किया है।

 

उन्होंने कपड़ों के अनुकूलन कार्य में हाथ की कढ़ाई के कौशल जोड़े हैं। साथ ही उन्होंने तिंग भट्ठा बनाने में आधुनिक डिज़ाइन जोड़ा है। उन्होंने अमूर्त सांस्कृतिक विरासत उत्पादों के औद्योगीकरण को बढ़ाया है। ताकि इसे एक महत्वपूर्ण उद्योग बनाया जाय, जो स्थानीय लोगों के जीवन स्तर में सुधार कर सके।

 

इसके अलावा, इस अमूर्त सांस्कृतिक विरासत का लिविंग रूम भी विभिन्न कार्यक्रमों का नियमित आयोजन करता है। इन कार्यक्रमों में लोग मिट्टी के बर्तनों, कपड़ों के डिजाइन और उत्पादन, हाथ की कढ़ाई आदि चीज़ों का अनुभव करते हैं। संबंधित ज्ञान के लोकप्रिय होने और अमूर्त सांस्कृतिक विरासत को बढ़ाने के लिये इस अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के लिविंग रूम ने कई बार के अमूर्त सांस्कृतिक कौशल प्रशिक्षण पाठ्यक्रम भी चलाए हैं।

(हैया)

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