जापान का वर्ष 2022 रक्षा श्वेत पत्र पक्षपात से भरा

2022-07-26 16:33:32

जापान ने 22 जुलाई को वर्ष 2022 रक्षा श्वेत पत्र पारित किया। इसमें कहा गया है कि चीन की प्रतिरक्षा नीति और सैन्य निर्माण में पारदर्शिता की कमी है। चीन पूर्वी चीन सागर और दक्षिण चीन सागर में एकतरफा तौर पर वर्तमान स्थिति बदलना चाहता है। श्वेत पत्र में थाईवान से जुड़े विषय पहले के श्वेत पत्र के मुकाबले ज्यादा हैं।

इसकी चर्चा में चीनी प्रतिरक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वू छ्येन ने कहा कि श्वेत पत्र में चीन से जुड़े विषय तथ्यों की अनदेखी कर पक्षपात से भरे हुए हैं। जापान ने चीन की प्रतिरक्षा, सैन्य निर्माण और सामान्य सैन्य कार्रवाई पर गैर जिम्मेदार टिप्पणी की। यह चीन के अंदरूनी मामलों में धृष्टतापूर्वक हस्तक्षेप है। इससे क्षेत्रीय तनाव पैदा हुआ। चीन ने इसका कड़ा विरोध किया है और जापान के सामने गंभीरता से मामला उठाया है।

वू छ्येन ने कहा कि चीन दृढ़ता से शांतिपूर्ण विकास के रास्ते पर कायम रहा है और रक्षात्मक रक्षा नीति व सक्रिय रक्षा सैन्य रणनीति पर कायम रहता है। चीन के प्रतिरक्षा और सैन्य निर्माण का उद्देश्य देश की प्रभुसत्ता, सुरक्षा और विकास के हितों की रक्षा करना है।

वू छ्येन ने कहा कि थाईवान मामला चीन का अंदरूनी मामला है। इसमें किसी बाहरी शक्ति को हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है। जापान रक्षा श्वेत पत्र के जरिए थाईवान के मामले में हस्तक्षेप करता है। यह अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के सावधानीपूर्वक बुनियादी मापदंड का गंभीर उल्लंघन है।

(ललिता)

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