यानी राष्ट्रीय आर्द्रभूमि पार्क में नया परिवर्तन

2022-07-21 12:39:31

चीन का यानी राष्ट्रीय आर्द्रभूमि पार्क तिब्बत के यार्लुंग त्सांगपो नदी और न्यांग नदी के संगम पर स्थित है, जिसका क्षेत्रफल 8,738 हैक्टेयर है। जुलाई 2021 में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने तिब्बत का दौरा किया। यात्रा का पहला पड़ाव यानी आर्द्रभूमि था। शी चिनफिंग ने यार्लुंग त्सांगपो नदी और न्यांग नदी बेसिन में पारिस्थितिक पर्यावरण संरक्षण और प्राकृतिक संरक्षण क्षेत्र के निर्माण की स्थिति के बारे में रिपोर्ट सुनी।

आर्द्रभूमि बहुत दुर्लभ है, जिसका पारिस्थितिक मूल्य अत्यंत महत्वपूर्ण है। पूरी दुनिया में आर्द्रभूमि का क्षेत्रफल भूमि क्षेत्र का सिर्फ 6 प्रतिशत है, लेकिन पृथ्वी पर 20 प्रतिशत जैविक प्रजातियों के लिए रहने का वातावरण तैयार करती है। पर्याप्त वर्षा होने पर आर्द्रभूमि पानी का भंडारण कर सकती है, जबकि सूखे मौसम में पानी छोड़ सकती है। ऐसे में जल संतुलन पर नियंत्रण किया जाता है और स्थानीय जलवायु में सुधार किया जाता है। इसके अलावा, आर्द्रभूमि जानवर और वनस्पति के जरिए कार्बन कम कर सकती है और विषाक्त पदार्थ हटाकर जल को शुद्ध कर सकती है।

पृथ्वी के लिए आर्द्रभूमि की भूमिका हमारा गुरदा जैसी है, जो नमी को नियंत्रित करने के साथ कचरे को बाहर निकालता है। इसलिए आर्द्रभूमि पृथ्वी का गुरदा भी कहा जाता है, जो जंगल और सागर के साथ पृथ्वी पर सबसे महत्वपूर्ण पारिस्थितिक व्यवस्था है।

शी चिनफिंग ने कई बार आर्द्रभूमि के महत्व पर जोर दिया। आर्द्रभूमि की रक्षा और बहाली पर वे हमेशा ध्यान देते हैं। शी चिनफिंग ने कहा कि रक्षा को प्राथमिकता देते हुए आर्द्रभूमि में पारिस्थितिकी और जल वातावरण बनाए रखना चाहिए। पहाड़, जल, जंगल, खेत, झील, घास, रेत और बर्फ की एकीकृत सुरक्षा करने के साथ महत्वपूर्ण नदी घाटी में पारिस्थितिक वातावरण के संरक्षण और बहाली मजबूत करनी चाहिए और जल संसाधन का उचित विकास, उपयोग व संरक्षण का समन्वय करना चाहिए। उद्देश्य है कि तिब्बत में जानवर, पेड़, जल और पहाड़ की रक्षा करें।

शी चिनफिंग के निरीक्षण दौरे के बाद न्यिंगची शहर के पारिस्थितिक पर्यावरण विभाग ने तिब्बती कृषि और पशुपालन कॉलेज और तिब्बती विश्वविद्यालय आदि अनुसंधान संस्थानओं की प्रतिभा और तकनीकी श्रेष्ठता के सहारे यानी आर्द्रभूमि में वनस्पति, जानवर, मौसम और जल की जांच और निगरानी की। करीब एक साल के प्रयास के बाद यानी आर्द्रभूमि को इस वर्ष के शुरू में राजकीय वानिकी और घास मैदान ब्यूरो से राष्ट्रीय निरीक्षण और अनुसंधान स्टेशन स्थापित करने की अनुमति मिली। यह आर्द्रभूमि के विज्ञान अनुसंधान के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

यानी आर्द्रभूमि न्यिंगची शहर में पारिस्थितिक संरक्षण का प्रतीक है। अब तिब्बत की करीब 80 प्रतिशत भूमि निषिद्ध और प्रतिबंधित विकास क्षेत्र है। किसान और चरवाह वन्यजीव रक्षक, जंगल रक्षक और आर्द्रभूमि रक्षक बन गए। तिब्बत पठार पर पारिस्थितिक वातावरण में सुधार हो रहा है।

(ललिता)

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