शी चिनफिंग ने उरूमची का निरीक्षण दौरा किया

2022-07-15 11:28:19

चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने 12 से 13 जुलाई तक शिनच्यांग उइगुर स्वायत्त प्रदेश के उरूमची शहर का निरीक्षण दौरा किया। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की 18वीं राष्ट्रीय कांग्रेस के बाद शी चिनफिंग ने दूसरी बार शिनच्यांग का दौरा किया। 20वीं शताब्दी के 80वें दशक के आरंभ में शी चिनफिंग ने शिनच्यांग का दौरान किया था। वर्ष 2003, 2009 व 2014 में वे तीन बार वहां गये।

इस बार की यात्रा में शी चिनफिंग ने क्रमशः एक विश्वविद्यालय, एक अंतर्राष्ट्रीय शुष्क बंदरगाह क्षेत्र, एक सामुदायिक बस्ती और एक संग्रहालय का दौरा किया, जिससे यह जाहिर हुआ है कि वे शिनच्यांग पर बड़ा ध्यान देते हैं।

12 जुलाई की दोपहर बाद शी चिनफिंग ने शिनच्यांग विश्वविद्यालय का दौरा किया। वहां उन्होंने शिनच्यांग में प्रतिभा प्रशिक्षण को मजबूत करने के बारे में जाना। इसके बाद शी चिनफिंग उरूमची अंतर्राष्ट्रीय शुष्क बंदरगाह क्षेत्र में गये, जहां शिनच्यांग में खुलेपन का उच्च आधार माना जाता है। क्योंकि शिनच्यांग चीन के उत्तर-पश्चिमी भाग में स्थित है, इसलिये वह यूरेशिया महाद्वीप का केंद्र है। वर्ष 2014 के अप्रैल में शी चिनफिंग ने यह कहा था कि शिनच्यांग रेशम मार्ग आर्थिक पट्टी के निर्माण में अनिवार्य भूमिका अदा करता है। आज इस पुरातन रेशम मार्ग पर चीन-यूरोप ट्रेन का संचालन किया जा रहा है।

अंतर्राष्ट्रीय शुष्क बंदरगाह क्षेत्र में शी चिनफिंग ने कहा कि बेल्ट एंड रोड के निर्माण को मजबूत करने के साथ साथ शिनच्यांग एक दूर स्थल नहीं है, वह एक केंद्रीय स्थान और हब क्षेत्र बन गया है। और विकास शिनच्यांग में दीर्घकालीन स्थिरता का महत्वपूर्ण आधार है।

13 जुलाई की सुबह शी चिनफिंग ने थ्येनशान क्षेत्र में स्थित कूयुआनश्यांग बस्ती में जाकर वहां की राष्ट्रीय एकता व प्रगति की स्थिति जानी। गौरतलब है कि इस बस्ती की स्थापना वर्ष 2001 में की गयी। अब 1750 परिवारों के 4635 लोग इस में रहते हैं। उन में अल्पसंख्यक जातीय नागरिकों की संख्या इस बस्ती की कुल जनसंख्या की 95 प्रतिशत से अधिक पहुंची। वहां शी चिनफिंग ने कहा कि मैं सामुदायिक बस्तियों के कार्यों पर बड़ा ध्यान देता हूं। हमें जनता की चिंताओं का ख्याल रखकर काम करना चाहिये, और जनता की मांग के अनुसार काम करना चाहिये।

उनके अलावा शी चिनफिंग ने शिनच्यांग उइगुर स्वायत्त प्रदेश के संग्रहालय का दौरा भी किया। वहां उन्होंने किर्गिज़ वीर महाकाव्य "मानस" के रैप शो को देखा और "मानस" गैर भौतिक सांस्कृतिक विरासत के उत्तराधिकारियों के साथ बातचीत की।

चंद्रिमा

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