7 जुलाई की घटना चीन के लिए क्या खास महत्व रखती है

2022-07-06 16:36:22

चालू साल चीन में 7 जुलाई की घटना यानी जापानी आक्रमण विरोधी युद्ध का चौतरफा तौर पर पैदा होने की 85 वर्षगांठ है । पहले की तरह चीन के कई क्षेत्रों में इस घटना की स्मृति पर कई कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं ।तो इतिहास में 7 जुलाई की घटना कैसे हुई और चीन क्यों इस घटना की स्मृति को बड़ा महत्व देता है ।आज के इस कार्यक्रम में हम इसकी चर्चा करेंगे ।

20वीं सदी के आरंभ में जापान ने रूसी ज़ार  के साथ युद्ध जीतने के बाद उत्तर पूर्वी चीन में सेना तैनात करने का अधिकार प्राप्त किया ।18 सितंबर 1931 को जापान ने उत्तर पूर्वी चीन पर हमला बोला और तीन महीने में उत्तर पूर्वी चीन की विशाल भूमि पर कब्जा कर लिया ।अगले साल जापान ने उत्तरी चीन के कुछ क्षेत्रों को अपने हाथ में लिया और पूरे उत्तरी चीन में तथाकथित स्वायत्त आंदोलन चलाया ताकि वहां के क्षेत्रों को हड़पा जा सके।

7 जुलाई 1937 को जापानी सेना ने अभ्यास में एक सैनिक के लापता होने के बहाने से पेइचिंग के दक्षिण पश्चिम में स्थित वानपिंग काउंटी शहर में प्रवेश कर तलाशी करने का अनुरोध किया ।काउंटी शहर की सुरक्षा करने वाली चीनी सेना ने जापानी सेना के अनुरोध को मानने से इनकार कर दिया ।रात 8 बजे जापानी सेना ने अचानक हमला शुरू किया ।चीनी सेना ने मजबूरी से साहसी के साथ जवाबी हमला दिया ।इस तरह चीनी जनता का जापानी आक्रमण विरोधी युद्ध औपचारिक तौर पर शुरू हुआ।

बाद में चीनी जनता का जापानी आक्रमण विरोधी युद्ध विश्व फासिस्ट विरोधी युद्ध यानी दूसरे विश्व युद्ध का एक महत्वपूर्ण भाग बन गया ।8 साल के कठोर संघर्ष के बाद चीन ने जापान को हराकर अंतिम जीत हासिल की ।दूसरे विश्व युद्ध ने गहराई से विश्व की स्थिति को बदल दिया।वर्तमान वैश्विक स्थिति उस महायुद्ध की विरासत ही है ।लंबे समय के जापानी आक्रमण विरोधी युद्ध से चीन अर्ध उपनिवेश के रूप से विश्व के पाँच बड़े देशों में से एक बन गया और यूएन का संस्थापक देश भी है ।

उधर 8 वर्ष के युद्ध में 3 करोड़ 50 लाख चीनी सैनिक व नागरिक हताहत हुए। संपत्ति और युद्ध खपत 1 खरब से अधिक अमेरिकी डॉलर रही और अप्रत्यक्ष आर्थिक नुकसान 5 खरब अमेरिकी डॉलर से अधिक था । युद्ध के कारण असंख्य परिवार टूट गये ।

हर साल चीन 7 जुलाई की घटना को याद करता है।चीन के लिए इस घटना की याद करने का मुख्य उद्देश्य इतिहास की याद मजबूत करना ,युद्ध में उभरे वीरों को श्रद्धांजलि देना और शांति को मूल्यवान समझना है ।इसके साथ ही लोगों को सतर्क करना और विकास की चेतना उन्नत करना है ।जैसे चीन में एक मशहूर कहावत कही जाती है कि छेन शी पु वांग ,हो शी ची शी ।इसका मतलब है कि पहले के अनुभव व सबक की याद भावी कार्रवाई की मार्गदर्शक है । (वेइतुंग)

 

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