यह“एक देश दो व्यवस्थाएं” की नीति क्या है?

2022-06-30 22:24:44

चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग 30 जून की शाम को बुलेट ट्रेन फूशिंग में सवार होकर हांगकांग के वेस्ट कॉव्लून हाई-स्पीड रेलवे स्टेशन पहुंचे। वहां पहुंचने के बाद शी चिनफिंग ने कहा कि तथ्यों से साबित हुआ कि “एक देश दो व्यवस्थाएं”हांगकांग में चिरस्थायी समृद्धि और स्थिरता को सुनिश्चित करने, हांगकांग के लोगों की रक्षा करने की अच्छी व्यवस्था है। इस नीति के लागू होने से हांगकांग का भविष्य और सुन्दर हो सकेगा।

दरअसल, “एक देश दो व्यवस्थाएं” का अर्थ है कि एक चीन की पूर्वशर्त में हांगकांग, मकाओ और थाईवान पहले की तरह पूंजीवादी व्यवस्था पर कायम रहेंगे। 20वीं सदी के 80वें दशक की शुरूआत में देश के शांतिपूर्ण पुनरेकीकरण को साकार करने के लिए स्वर्गीय चीनी नेता तंग श्याओफिंग ने “एक देश दो व्यवस्थाएं” की अवधारणा पेश की और हांगकांग के मामले में इस्तेमाल किया गया।

“एक देश दो व्यवस्थाएं” की नीति के मुताबिक चीन सरकार ने ब्रिटिश सरकार के साथ राजनयिक वार्ता करने में सफलता हासिल की और इतिहास में छोड़े गई हांगकांग समस्या को हल किया।

वहीं, 1 जुलाई, 1997 को हांगकांग पर चीन सरकार की प्रभुसत्ता बहाल हुई। विगत 25 वर्षों के तथ्यों से साबित हुआ कि “एक देश दो व्यवस्थाएं” की नीति न केवल हांगकांग समस्या को हल करने का सबसे अच्छा प्रस्ताव है, बल्कि हांगकांग की मातृभूमि की गोद में वापसी के बाद चिरस्थायी समृद्धि और स्थिरता को बनाए रखने वाली सबसे अच्छी व्यवस्था भी है। 

साथ ही, हांगकांग विशेष प्रशासनिक क्षेत्र में लोकतांत्रिक विकास की बुनियादी गारंटी भी है। हांगकांग की वापसी के बाद हांगकांग ने भीतरी इलाकों के साथ एक दूसरे की श्रेष्ठताओं की आपूर्ति की और आर्थिक व सामाजिक विकास हासिल किया।

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