चीन के पहले हाईड्रोजन बम के सफल विस्फोट की कहानी

2022-06-15 18:15:08

ल 17 जून को चीन के पहले हाईड्रोजन बम की सफल विस्फोट की 55वीं वर्षगांठ है। इस शक्तिशाली विस्फोट से अत्यंत दूरगामी प्रभाव पड़ा है।अब तक चीन इसका बड़ा लाभ उठाता है।कहा जा सकता है कि उस विस्फोट के बिना चीन का वर्तमान अंतरराष्ट्रीय स्थान और शक्ति नहीं होती।आज हम उस ऐतिहासिक क्षण को याद करेंगे।

17 जून, 1967 की सुबह 7 बजे एक बम वाहक विमान ने उड़ान भरी,जिस पर चीन का पहला हाईड्रोजन बम लदा था।वह पश्चिमी चीन के रेगिस्थान में एक परीक्षण भूमि की ओर उड़ा।योजनानुसार विमान के निशाने के ऊपर एक चक्र लगाने के बाद बम गिराया गया,जिसे 20 मिनट की जरूरत थी।लेकिन 20 मिनट पास हो गया ,परीक्षा भूमि में सन्नाटा था । परीक्षण में उपस्थित सभी लोगों को बड़ी चिंता पैदा हुई ।इस के कारण का पता जल्दी से लगाया गया ।बम विमान  के चालक अत्यंत नर्वस से कक्ष खोलना भूल गया ।परीक्षण के कमांडर ने विमान चालक को धैर्य और शांत रहकर फिर एक चक्र लगाकर बम गिराने की मांग की।और 20 मिनट पास हुई । आकाश में अचानक दो सूर्य उभरे ।एक तो असली सूर्य था ,जबकि दूसरा तो चीन का हाईड्रोजन बम था। थोड़े क्षण में एक विशाल मसरूम क्लाउड नजर में आया ।इस का मतलब है कि चीन के पहले हाईड्रोजन बम का विस्फोट सफल हुआ ।आंकड़ों के अनुसार इस विस्फोट का टीएनटी लगभग 33 लाख टन के बराबर था ,जो चीन के पहले नाभिकीय बम से 160 से अधिक गुणा शक्तिशाली है ।

पहले नाभिकीय बम से पहले हाईड्रोजन बम तक चीन ने सिर्फ दो साल आठ महीने खर्च किया ,जिस का समय पांच बड़े न्यूक्लिलर हथियार संपन्न देशों में सब से कम है ।अमेरिका को 7 साल 3 महीने लगे ।फ्रांस को 8 साल लगे ।ब्रिटेन को 4 साल 7 महीने लगे ।पूर्व सोवियत संघ को 4 साल लगे ।

अनेक सालों के बाद चीनी हाईड्रोजन बम के पिता से मशहूर वैज्ञानिक यु मिन ने मीडिया को बताया कि उस समय चीन के लिए हाईड्रोजन बम का विकास एक बहुत नाजुक कार्य था ।हाईड्रोजन बम नाभिकीय बम के आधार पर विकसित हुआ।उस की शक्ति नाभिकीय बम से काफी बड़ी है ।उस समय कई नाभिकीय हथियार संपन्न देशों के भंडारण में अधिकांश न्यूक्लियर बम हाईड्रोडन बम थे ।उन देशों के नाभिकीय एकाधिकार और धमकी को तोड़ने के लिए चीन को अपना हाईड्रोजन बम होना था ।उल्लेखनीय बात है कि पिछली सदी के 60 वाले दशक में चीन पर सख्त अंतरराष्ट्रीय तकनीकी प्रतिबंध लगा था ।चीन ने पूरी तरह अपनी शक्ति पर हाईड्रोजन बम का विकास किया ।

हाईड्रोजन बम के सफल विस्फोट के साथ चीन ने दोहराया कि चीन का न्यूक्लियर हथियार विकसित करने का उद्देश्य प्रतिरक्षा के लिए है ।किसी भी स्थिति में चीन पहले न्यूक्लियर हथियार का उपयोग नहीं करेगा ।अब तक चीन इस नीति पर कायम रहता है ।

हाल ही में सिंगापुर में हुई शांगरीला वार्तालाप के दौरान चीनी रक्षा मंत्री वेइ फंगह ने मीडिया के साथ हुई बातचीत में कहा कि प्रतिरक्षात्मक नाभिकीय नीति चीन की हमेशा की नीति है ।नाभिकीय हथियार का प्रयोग पहले नहीं करने और नाभिकीय हथियार का विकास करने का मूल लक्ष्य अंत में नाभिकीय हथियार का नाश करना है ।इस के साथ हमारा नाभिकीय हथियार के विकास का यही उद्देश्य भी है कि राष्ट्र और जनता की शांति की रक्षा करना और हमारे देश को युद्ध खासकर नाभिकीय युद्ध के मुसीबत से बचाना है ।(वेइतुंग)

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