वैश्विक मुद्रास्फीति के बीच चीनी कीमतें स्थिर कैसे हैं?

2022-06-13 16:24:14

चीन के सीमा शुल्क के सामान्य प्रशासन द्वारा गुरुवार को जारी नवीनतम आंकड़ों पर नज़र डालें तो इस साल के पहले पांच महीनों में चीन के प्रमुख वस्तुओं के आयात में आम तौर पर गिरावट आई है और कीमतों में तेज वृद्धि हुई है।

विशेष रूप से, जनवरी-मई की अवधि में कच्चे तेल, कोयला, प्राकृतिक गैस और सोयाबीन के चीनी आयात में सालाना आधार पर 1.7 फीसदी, 13.6 फीसदी, 9.3 फीसदी और 0.4 फीसदी की गिरावट आई है।

कुछ हद तक, वस्तुओं की कीमतों में उल्लेखनीय वृद्धि से पता चलता है कि चीन हाल के महीनों में विदेशी बाजारों से बहुत अधिक आयातित मुद्रास्फीति दबाव का सामना कर रहा है। फिर भी, वैश्विक उच्च मुद्रास्फीति के बावजूद, चीनी वस्तुओं की कीमतें उचित सीमा के भीतर बनी हुई हैं।

लेकिन सवाल यह है कि वैश्विक महंगाई के बीच चीन घरेलू कीमतों को मूल रूप से स्थिर कैसे रख पा रहा है? दरअसल, कोविड-19 महामारी के कारण वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में विघटन हुआ है, जो कि उच्च मुद्रास्फीति का एक कारण है, और चीन ने महामारी के शुरुआती दिनों से ही महामारी को प्रभावी ढंग से नियंत्रण में किया है। उसने घरेलू औद्योगिक श्रृंखलाओं के सामान्य संचालन को सुनिश्चित किया है और अन्य देशों की तुलना में चीन की आपूर्ति श्रृंखलाओं को अपेक्षाकृत कम प्रभावित होने दिया है।

इसके अलावा, अमेरिका के नेतृत्व में विकसित अर्थव्यवस्थाओं ने विस्तारवादी मौद्रिक और राजकोषीय नीतियों को अपनाया है, और बाजार में भारी तरलता का अंतःक्षेप किया है, जो कि वैश्विक मुद्रास्फीति का एक और महत्वपूर्ण कारण है। तुलनात्मक रूप से, चीन अपेक्षाकृत मामूली मौद्रिक और राजकोषीय नीतियों का अनुसरण कर रहा है।

वास्तव में, चीन ने हाल के महीनों में वैश्विक कीमतों को स्थिर करने में सक्रिय भूमिका निभाई है। ऐसा इसलिए है क्योंकि चीन ने बड़े पैमाने पर औद्योगिक पैमाने और अपने विनिर्माण क्षेत्र की पूर्ण औद्योगिक प्रणालियों के कारण कुछ हद तक आयातित मुद्रास्फीति के दबाव को अवशोषित किया है।

(अखिल पाराशर, चाइना मीडिया ग्रुप, बीजिंग)

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