जापानी राजनीतिज्ञ थाईवान मुद्दे पर आग से खेल रहे हैं

2022-06-09 15:27:25

जापानी मीडिया ने हाल ही में दो ध्यानाकर्षक खबरें जारी कीं ।एक का कहना है कि जापान सरकार को इस गर्मी में प्रतिरक्षा विभाग के सिविल अधिकारी को चीन के थाईवान में तैनात करेगा ताकि सूचनाएं एकत्र करने की क्षमता बढ़ायी जाएं ।दूसरी खबर में कहा गया कि  जापानी प्रतिरक्षा विभाग को थाईवान मुद्दे पर चिंता को लेकर प्रतिरक्षा दल का संयुक्त मुख्यालय स्थापित करने की योजना है ।स्थानीय विश्लेषकों के विचार में अगर ये दो खबरें सच्ची हैं ,तो यह जापान द्वारा थाईवान मुद्दे के बारे में छोड़ा गया नया खतरनाक संदेश है ।

वर्ष 1972 में चीन जापान संबंधों के सामान्यीकरण की शुरुआत में जापान ने एक चीन सिद्धांत का पालन कर थाईवान सवाल का समुचित निपटारा करने का वादा किया था ।यह चीन जापान संबंधों के सामान्यीकरण की पूर्वशर्त भी है ।

इधर के कुछ सालों में कुछ जापानी राजनीतिज्ञ अमेरिका के साथ सांठगांठ कर बार-बार थाईवान सवाल लेकर उकसावा देते रहते हैं ।वर्तमान में अमेरिका चीन को घेरने की रणनीति लागू कर रहा है ।उन जापानी राजनीतिज्ञों के लिए  यह एक सुअवसर है ।इसी कारण से वे अमेरिका का सहारा लेकर एशिया प्रशांत क्षेत्र में गड़बड़ी फैलाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि जापान के सैन्य सामान्यीकरण में बाधा दूर की जाए ।तथाकथित थाईवान सवाल की गंभीरता बढ़ा-चढ़ा कर तनाव की रचना कुछ जापानी राजनीतिज्ञों द्वारा अपनी बदनीयत पूरा करने का एक अहम माध्यम है ।

 इतिहास में जापान ने आक्रमणकारी युद्ध छेड़कर चीन समेत पड़ोसी देशों के लिए भारी मुसीबत पैदा की थी। वर्तमान में जापान की दक्षिणपंथी शक्ति एशिया में नया मुकाबला छेड़ने की कुचेष्टा कर रही है ,जिस पर क्षेत्रीय देशों को कड़ी नजर रखने की जरूरत है।

 7 जून को सीपीसी केंद्रीय कमेटी के पोलित ब्यूरो के सदस्य और वैदेशिक कार्य समिति कार्यालय के निदेशक यांग च्येछी ने जापानी राजकीय सुरक्षा ब्यूरो के निदेशक टेकेओ अकिबा के साथ फोन पर बात करते हुए स्पष्ट तौर पर कहा कि थाईवान सवाल चीन जापान संबंधों में के लिए एक बड़ा खतरा है ।अगर जापानी राजनीतिज्ञ थाईवान मुद्दे पर अमेरिका के साथ सहयोग कर आग से खेलते रहे ,तो अंत में सिर्फ एक ही परिणाम होगा कि वे अपने को जलाएंगे ।(वेइतुंग)  

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