जातीय क्षेत्रीय स्वशासन कानून तिब्बत में विकास की रक्षा करता है

2022-05-29 00:02:19

चीन एक एकीकृत बहु-जातीय देश है। हान जातीय लोगों की संख्या देश की कुल जनसंख्या का 90 प्रतिशत से अधिक है, जबकि तिब्बत समेत अन्य 55 जातीय लोगों की संख्या थोड़ी कम है। इसलिए इन्हें अल्पसंख्यक जाति कहा जाता है। अल्पसंख्यक जातीय लोगों के समानता और स्वशासन का अधिकार सुनिश्चित करने के लिए चीन सरकार ने अल्पसंख्यक जातीय क्षेत्रों में जातीय क्षेत्रीय स्वशासन व्यवस्था लागू की।

जातीय क्षेत्रीय स्वशासन का मतलब है कि अल्पसंख्यक जातीय क्षेत्रों में केंद्र सरकार के नेतृत्व में स्वशासन विभाग स्थापित किए गए हैं। अल्पसंख्यक जातीय लोग खुद के मालिक हैं। वे खुद क्षेत्र में और जाति के अंदरूनी मामलों का शासन करते हैं। तिब्बत स्वायत्त प्रदेश चीन में पांच प्रांत स्तरीय क्षेत्रों में से एक है, जहां जातीय क्षेत्रीय स्वशासन व्यवस्था लागू होती है।

वर्ष 1965 में जातीय क्षेत्रीय स्वशासन व्यवस्था लागू होने से अब तक तिब्बती लोगों ने संविधान और कानूनों में निर्धारित स्वशासन के अधिकार का पूरी तरह से प्रयोग किया। वे तिब्बत के आधुनिक निर्माण में भाग लेते हैं, जिससे तिब्बत में काफी बड़ा विकास हुआ।

चीन में जातीय क्षेत्रीय स्वशासन कानून वर्ष 1984 में लागू हुआ था। फिर वर्ष 2001 में इसमें संशोधन किया गया। जातीय क्षेत्रीय स्वशासन व्यवस्था चीन की बुनियादी राजनीतिक व्यवस्था के रूप में निर्धारित की गई। कानून में अल्पसंख्यक जातीय क्षेत्रों में राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक आदि क्षेत्रों में स्वशासन के अधिकार और केंद्र सरकार के साथ संबंध निश्चित किए गए। इससे तिब्बती लोगों को स्वशासन अधिकार की कानूनी गारंटी मिली।

वर्ष 1984 से अब तक चीन की केंद्र सरकार ने क्रमशः सात बार तिब्बत कार्य के बारे में संगोष्ठी आयोजित की। संगोष्ठी में तिब्बत में विकास बढ़ाने की सिलसिलेवार उदार नीतियां बनाई गईं, जिससे तिब्बत में आर्थिक और सामाजिक प्रगति हुई, तिब्बती लोगों का जीवन स्तर उन्नत हुआ और तिब्बती लोगों का स्वशासन का अधिकार सुनिश्चित किया गया।

व्यक्तिगत स्वतंत्रता न होने से अपने आप मालिक बनने तक, शोषण और उत्पीड़न से अपने भाग्य का आप मालिक होने तक, 95 प्रतिशत निरक्षरता दर से सभी को शिक्षा का अधिकार होने तक, इलाज न मिलने से चिकित्सा बीमा का फायदा उठाने तक, शांतिपूर्ण मुक्ति के बाद पिछले 70 सालों में तिब्बत में अत्यंत भारी परिवर्तन हुआ। तिब्बत चीन में विकास का प्रतीक है, लोकतंत्र व मानवाधिकार कार्य की प्रगति का सच्चा वर्णन है और खुलेपन व सहयोग की महत्वपूर्ण खिड़की बन गया है। तिब्बत में आर्थिक और सामाजिक विकास देश के अन्य क्षेत्रों के साथ आगे बढ़ रहा है। तिब्बत में विकास का आधार और मजबूत बना, विकास का अवसर बेहतर हुआ और विकास की बड़ी निहित शक्ति कायम हुई है।

(ललिता)

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