चीन के प्रति अमेरिका की नयी नीति में खास बदलाव नहीं

2022-05-28 16:07:21

26 मई को अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने जॉर्ज वाशिंगटन विश्वविद्यालय में चीन के प्रति अमेरिका की नयी नीति प्रस्तुत की ।यह नीति तथाकथित पूंजी निवेश ,गठबंधन और प्रतिस्पर्द्धा तीन स्तंभों पर केंद्रित है।पहले की स्पर्द्धा ,सहयोग और मुकाबले की अभिव्यक्ति की तुलना में देखने में चीन के प्रति अमेरिका का रूख नरम हो गया है ,लेकिन इस नीति के मर्म में खास बदलाव नहीं हुआ है । अमेरिका चीन को दबाने पर अड़ा रहता है।

 

स्थानीय विश्लेषकों के विचार में अमेरिका ने सिर्फ चीन को नियंत्रित करने के तरीके व उपाय बदले हैं ,लेकिन उसकी शीतयुद्ध की विचारधारा औऱ प्रभुत्व के अनुसरण की चेष्टा नहीं बदली है।

 

तथाकथित अमेरिका में पूंजी निवेश का उद्देश्य अमेरिका की प्रतिस्पर्द्धात्मक शक्ति को उन्नत करना है ,गठबंधन का मतलब छोटा ग्रुप बनाना है ताकि मित्र देश अमेरिका के चीन को नियंत्रित करने के उपकरण बनें ।तथाकथित प्रतिस्पर्द्धा सिर्फ चीन को घेरकर नियंत्रित करने का नया पैकेज है ।अमेरिका का अंतिम लक्ष्य अमेरिकी किस्म का प्रभुत्व बनाए रखना है ।

उल्लेखनीय बात है कि ब्लिंकेन ने भाषण में एक तरफ चीन पर हमला किया ,दूसरी तरफ उन्होंने चीन के साथ मुठभेड़ व नये शीतयुद्ध से बचने की बात की ।इससे अमेरिका सरकार की कमजोरी भी जाहिर हुई है ।

ताजा जनमत सर्वेक्षण के अनुसार वर्तमान में राष्ट्रपति बाइडेन की समर्थन दर गिर कर 36 प्रतिशत हो गयी है ,जो पद संभालने के बाद सबसे कम है ।ऐसी पृष्ठभूमि में ब्लिंकेन के भाषण का राजनीतिक उद्देश्य भी है ।वह चीनी मुद्दे को उठाकर डेमोक्रेटिक पार्टी के लिए मध्यावधि चुनाव के लिए वोट जुटाना चाहते हैं ।

चीनी पक्ष के लिए सब से कुंजीभूत बात है कि अमेरिका की कार्रवाई देखना न कि उसकी बात ।(वेइतुंग)

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