"अमेरिका का स्वागत और एशिया के प्रति विश्वासघात" एशियाई शांति और स्थिरता के लिए गंभीर खतरा

2022-05-27 13:33:41


अमेरिका, जापान, भारत और ऑस्ट्रेलिया चार देशों के नेताओं ने कुछ दिन पहले टोक्यो में "क्वाड" शिखर सम्मेलन आयोजित किया था। जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने इसकी अध्यक्षता की। सम्मेलन के बाद जारी संयुक्त बयान में चीन का नाम नहीं लिया गया, लेकिन "क्वाड" की दिशा जापानी मीडिया रिपोर्टों से स्पष्ट है।

जापान और अमेरिका के नेताओं के बीच बातचीत और जापान-अमेरिका संयुक्त बयान में चीन से संबंधित नकारात्मक और गलत शब्दों व कार्यों के संबंध में कुछ जापानी राजनीतिज्ञ टकराव को भड़काने के लिए "भेड़ियों को घर में ला रहे हैं", और उनकी "अमेरिका का स्वागत और एशिया के प्रति विश्वासघात" वाली प्रवृत्ति अधिक से अधिक स्पष्ट होती जा रही है।

जापानी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, मौजूदा "क्वाड" शिखर सम्मेलन सैन्य और सामाजिक बुनियादी ढांचे के निर्माण दोनों में चीन का सामना करता है। सम्मेलन की समाप्ति पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में फुमियो किशिदा ने कहा कि क्वाड ने "पूर्वी चीन सागर और दक्षिण चीन सागर में यथास्थिति को एकतरफा रूप से बदलने के प्रयास" पर गहरी चिंता व्यक्त की, और घोषणा की कि आने वाले अगले पांच वर्षों में एशिया-प्रशांत क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के समर्थन और निवेश में 50 अरब डॉलर से अधिक प्रदान करेगा।

वास्तव में जापान द्वारा चीन के खिलाफ़ तथाकथित "दो तरफा टकराव" लगभग असंभव कार्य है।

सैन्य क्षेत्र से देखा जाए, वर्तमान में अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया ने एशिया में "त्रिपक्षीय सुरक्षा साझेदारी" (औकुस) की स्थापना की, जिसका उद्देश्य एशिया में "नया शीत युद्ध" शुरू करना है, लेकिन इंडोनेशिया और मलेशिया जैसे अधिकांश एशियाई देशों ने इस पर सवाल उठाया और इसकी आलोचना की। औकुस की विफलता तय है। इसकी तुलना में सैन्य गठबंधन के रूप में क्वाड और कमजोर है, इस तरह वह एशियाई संस्करण वाला नाटो नहीं बन सकता।

उधर, आर्थिक क्षेत्र से देखा जाए, यह उल्लेखनीय है कि क्वाड सामाजिक बुनियादी ढांचे के निर्माण और निवेश को मजबूत करता है, जिसकी "बेल्ट एंड रोड" निर्माण का सामना करने की स्पष्ट मंशा है। जापानी प्रधानमंत्री द्वारा घोषित समाचारों को देखते हुए, अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत भावी 5 सालों में 50 अरब डॉलर का निवेश करेंगे, लेकिन यह निवेश यहां तक कि भारत की जरूरतों को भी पूरा नहीं कर सकता। आंकड़े बताते हैं कि 2013 से 2021 तक, "बेल्ट एंड रोड" से जुड़े देशों में चीन का प्रत्यक्ष निवेश कुल 161.3 अरब अमेरिकी डॉलर था। इसके अलावा, यह सर्वमान्य है कि चीनी कंपनियों के पास बुनियादी ढांचे के निर्माण में मजबूत प्रतिस्पर्धा शक्ति उपलब्ध है, क्वाड का इसे पार करना बिलकुल असंभव होगा।

जापान ने वैचारिक टकराव को उकसाया और "अमेरिका का स्वागत और एशिया के प्रति विश्वासघात" किया, जिसने एशियाई क्षेत्र में शांति और स्थिरता को गंभीर रूप से खतरे में डाल दिया। जिस दिन जापान के प्रधानमंत्री ने "क्वाड" शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता की, उसी दिन जापानी लोगों ने टकराव के लिए उकसाने और "छोटे समूह" बनाने के विरोध में प्रदर्शन किया और रैली आयोजित की। रैली के प्रायोजक, जापानी वकील ताकायामा शुनकिचि ने कहा कि जापानी लोग यह बर्दाश्त नहीं करेंगे कि जापानी और अमेरिकी सरकारें क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को नष्ट करने की राह पर आगे बढ़ें।

एशिया-प्रशांत क्षेत्र में शांतिपूर्ण विकास मुश्किल से हासिल हुआ है, और चीन की अपनी राष्ट्रीय संप्रभुता, सुरक्षा और विकास हितों की रक्षा के लिए दृढ़ संकल्प और इच्छा है। यदि जापानी सैनिक और राजनीतिज्ञ, जो भेड़िये को घर में ले जाते हैं, जल्द से जल्द वापस नहीं आते हैं, तो वे अनिवार्य रूप से जापान को फिर से रसातल में खींच लेंगे।

(श्याओ थांग)

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