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    टी टाइम 170720
    2017-07-22 13:21:33 cri

    अनिलः दोस्तो, प्रोग्राम शुरू करते हैं।

    कुदरत जिसके साथ होती है, उसे मुसीबत से भी निकाल ही लेती है। ऐसा ही हुआ गुजरात में अमरेली में। यहां राजकोट के जाफराबाद तालुका में लुंसापुर गांव के पास एक गर्भवती महिला को शेरों के झुंड के बीच ही बच्चे को जन्म देना पड़ा। दरअसल महिला को लेकर जा रही एंबुलेंस को शेरों के एक झुंड ने घेर लिया।

    प्रसव पीड़ा शुरू होने के बाद महिला के घरवालों ने 108 नंबर पर आपातकालीन एंबुलेंस सेवा को फोन किया। बुधवार रात महिला को लेकर एंबुलेंस अस्पताल के लिए निकली लेकिन गांव से 3 करीब किलोमीटर की दूरी पर ही उसका सामना शेरों के एक झुंड से हो गया। इस झुंड के करीब 12 शेर सड़क पर ही थे। उन्होंने एंबुलेंस को घेर लिया।

    एंबुलेंस सेवा के अमरेली जिले के प्रमुख चेतन गिढय़ा ने बताया कि उन्होंने गाड़ी को रोक शेरों के हटने का इंतजार किया। लेकिन शेर जाने को तैयार नहीं थे। ऐसे में एंबुलेंस स्टाफ ने गाड़ी के भीतर ही प्रसव कराने का फैसला लिया।

    स्टाफ ने डॉक्टर से फोन पर संपर्क साधा और मिल रहे सुझावों के मुताबिक 25 मिनट में डिलीवरी कराने में सफलता हासिल की। जब शेर हटे तो महिला और नवजात को जाफराबाद सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया।

    नीलमः अब बात करते हैं दूसरी जानकारी की। पुराने जमाने में लोग अक्सर मिट्टी के नीचे अपने पास पड़े बहुमूल्य चीजों को छुपा कर रख देते थे। या फिर किसी कारणवश वह जमीन के नीचे दबा दिया जाता था। और जब कभी इस काल में खुदाई के दौरान कोई भी ऐसा मटका मिलता है, तो लोगों द्वारा उम्मीद लगाई जाती है कि उसमें कोई खजाना हो। लेकिन इसबार एक खुदाई के दौरान मटका तो मिला, लेकिन उसमें कोई खजाना नहीं बल्कि कुछ और ही मिला।

    दरअसल, अमरीका के विस्कोंसिन में खुदाई के दौरान एक घड़े में कुछ ऐसा मिला कि हर कोई हैरान रह गया। खुदाई में निकले 800 साल पुराने इस मटके में सोना-चांदी नहीं, बल्कि विचित्र प्रकार के बीज भरे हुए मिले हैं। आपको बता दें कि उस जमाने के गाड़े गए ऐसे कई मटके अब तक खुदाई में मिल चुके हैं।

    वहीं खुदाई में मिले कुछ बीज तो खराब हो चुके हैं, लेकिन कुछ अभी भी ठीक हालात में थे। जिसके बाद इसके फल का पता लगाने के लिए इन बीजों को बोया गया। जब इसमें फल लगा, तो पता चला कि ये कद्दू की प्रजाति का फल है।

    बेशक यह फल हमारी धरती से विलुप्त हो चुका है। हालांकि 800 साल पहले के मनुष्यों की दूरदर्शी सोच के कारण एक बार फिर से उस फल का आनंद ले सकेंगे।

    अनिलः जानकारी देने का क्रम जारी है। अब एक और अन्य विषय पर चर्चा।

    मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ में बुजुर्ग युगल की शादी का मामला काफी चर्चा का विषय बना हुआ है। लगभग 3 दशक से अधिक समय तक लिव इन रिलेशनशिप में रहने के बाद एक 80 साल के बुजुर्ग ने 75 साल की अपनी साथी महिला से शादी कर ली। तो वहीं सुख कुशवाह और हरिया की शादी होने से उनके बच्चों में खुशी दिखी। उन्हें इस बात की खुशी है कि उनके माता-पिता ने शदी रचा ली।

    दरअसल, युगल के जानने वाले के मुताबिक, सुख और हरिया के बीच लगभग 50 साल पहले प्रेम संबंध शुरु हुआ था। और दोनों एक दूसरे से इतना प्रेम करते थें कि वो शादी रचाने की तैयारी में थे। लेकिन जब ये बात दोनों के घरवालों को मालूम पड़ी, तो उन्होंने इस शादी को लेकर काफी विरोध किया। जिसके बाद दोनों इक दूसरे के साथ लिव इन रिलेशन में रहने लगे। और इस दौरान उनको दो बेटे और दो बेटियां भी हुई। लेकिन उनके मन में शादी को लेकर टीस अब भी जिंदा थी।

    नीलमः

    फिर एक दिन सुख को लगा कि दोनों भले ही साथ रह रहे हैं और उनके बच्चे हैं, लेकिन उनकी शादी नहीं हुई है, और ऐसे में उनकी सहसाथी को मरने के बाद मोक्ष नहीं मिलेगी। जिसके बाद उन्होंने इस मामले को लेकर अपने परिवार से बातचीत की और घरवालों ने उनकी इच्छा का सम्मान करते हुए उनकी शादी को लेकर काफी खुश हुए।

    जिसके उनके बेटे ने पंडित से बात की और परिजनों के साथ मिलकर यहां गांव में 30 जून को हिन्दू रिती रिवाजों के साथ माता-पिता की शादी काफी घमधाम से कराई। तो वहीं उनकी शादी में उनके पोते-पोतियां भी मौजूद थी। और इस शादी समारोह में जमकर नाच गाने किए। जबकि वृद्ध युगल का मानना था कि उनकी शादी से उनकी पत्नी को समाजिक मान्यता मिल जाएगी।

    अनिलः अब बात करते हैं हेल्थ संबंधी खबरों का। आप बीमार है और एंटीबायोटिक की दरकार है, तो सावधान। आजकल बाजारों में मिलने वाली कई दवाइयों में मर्ज सही करने वाला सॉल्ट ही शून्य आ रहा है। औषधि नियंत्रण संगठन विभाग की जांच में यह तथ्य सामने आया है। इसके बाद विभाग ने आदेश जारी कर एेसी दवाइयों की सूची जारी की है जिनमें तय साल्ट या तो है ही नहीं या फिर कम मात्रा में है। ऐसी दवाइयों को अमानक माना गया है।औषधि नियंत्रण संगठन विभाग ने आदेश जारी कर बताया कि कफ गलाने वाली सेफिक्जिम टेबलेट की जांच के दौरान एंटीबायोटिक दवा में सेफिक्जिम सॉल्ट ही नहीं मिला।

    विभाग के आदेश के अनुसार सेफिक्जिम टेबलेट (ब्रांड नाम जोनफिक्स, बैच नं. टी-17131, डर्मा फार्मास्यूटिकल्स हल्दवानी रोड, रुद्रपुर) में सेफिक्जिम सॉल्ट शून्य मिला। इसी तरह सेफिक्जिम, ऑफ्लोक्सिन एंड लेक्टोबेक्सिलस (ब्रांड नाम जोनफिक्स ओ, ब्रांड नाम टी 170102, डर्मा फार्मास्यूटिकल्स हल्दवानी रोड, रुद्रपुर), इसी कंपनी की ब्रांड जोनफिक्स ओ, बैच नम्बर एसडीएफटी, 160626 दवा में ऑफ्लोक्सिन व सेफिक्जिम दवा का सॉल्ट शून्य मिला।

    नीलमः अब समय हो गया है तकनीक संबंधी जानकारी का।

    फेसबुक कथित रूप से एक अगल एप पर काम कर रहा है जो इसके दो अरब से ज्यादा उपभोक्ताओं को अपने प्लेटफार्म पर लाइव ग्रुप वीडियो चैट की सेवा मुहैया कराएगा। द वर्ज में बुधवार देर रात छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक यह एप प्रौद्योगिकी स्टार्टअप 'लाइफ ऑन एयर्स' के प्रसिद्ध ग्रुप वीडियो चैट एप 'हाउसपाटीर्' की नकल कर बनाई जा रही है।

    फेसबुक ने अपने नए एप का नाम 'बोनफायर' रखा है। हालांकि 'बोनफायर' के बारे में विस्तृत जानकारी अभी उपलब्ध नहीं है, लेकिन इसके बारे में कहा जा रहा है कि यह पूरी तरह से 'हाउसपाटीर्' की नकल होगी। 'हाउसपाटीर्' खासतौर से किशोर/किशोरियों में काफी लोकप्रिय है और साल 2०16 के नवंबर तक इसके कुल 12 लाख यूजर्स थे, जो इस पर रोजाना 2 करोड़ मिनट बिताते हैं।

    यह एप इस तरीके से काम करता है कि जब यूजर का कोई दोस्त यह एप खोलता है तो वह यूजर को इसका नोटिफिकेशन देता है। इसके बाद यूजर उन्हंे वीडियो चैट के लिए आमंत्रित कर सकता है और समूह के कई लोगों को इसमें जोड़ सकता है।

    अनिलः अब अगली जानकारी। लंदन दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक है। इसके मद्देनजर वहां की आबोहवा बेहतर बनाने और ऊर्जा संरक्षण के लिए नए-नए उपाय ढूंढ़े जा रहे हैं। इसी कड़ी में अब वहां ऐसे स्ट्रीट लैम्प लगाए जा रहे हैं, जो इलेक्ट्रिक गाडिय़ों को चार्ज करने में सक्षम हैं। लंदन की कई सड़कों पर स्ट्रीट लैम्प को इस तरह से तैयार किया जा रहा है कि वह इलेक्ट्रिक कारों को भी चार्ज करने में सक्षम हो जाएं।

    नीलमः जर्मन फर्म यूबिट्रिसिटी ने इस तरह के नए लैम्प बनाए हैं। इस लैम्प की मदद से हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक कारों के मालिक एक चार्ज केबल को इनबिल्ट बिजली मीटर से जोड़कर लैम्प पोस्ट्स का उपयोग अपने वाहनों को चार्ज करने में कर सकेंगे। लंदन में ट्रांसपोर्ट प्लानर ग्राग एडवर्ड्स ने बताया कि इस तकनीक को मौजूदा स्ट्रीट लाइट्स में लगाया जा सकता है, इसलिए हम आवासीय सड़कों पर अनावश्यक स्ट्रीट फर्नीचर जोडऩे से भी बच सकते हैं। यही वजह है कि हम पहले से लगे स्ट्रीट लैम्प्स में इन लाइटों को लगा रहे हैं। इस वजह से इसकी लागत भी काफी कम आएगी।

    वहीं हांगकांग के बापटिस्ट यूनिवर्सिटी के शोधार्थियों ने एक ऐसा स्मार्टफोन एप बनाया है, जो सोते ड्राइवर को जगा देगा। यह एप रियल टाइम वीडियो के जरिए ड्राइवर्स के चेहरे के एक्सप्रेशन को कैप्चर कर उनकी आंखों और सिर के पोजिशन में बदलाव को महसूस कर उन्हें तत्काल सूचित करता है।

    ड्राइवर को बस इतना करना होगा कि इसे वह अपने स्टेयरिंग व्हील के पास ऐसे रखे कि ड्राइवर के चेहरे को एप देख सके। इसके बाद ड्राइवर को सोता देख इसका अलार्म तब तक बजता रहता है, जब तक कि ड्राइवर जगकर इसे ऑफ न कर दे। यह एप स्मार्टफोन के कैमरे की मदद से काम करता है। साथ में इसे आम ड्राइविंग रिकॉर्डिंग सिस्टम की तरह भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

    अनिलः खेल की ख़बर

    अपनी बल्लेबाजी से पूरी दुनिया में नाम कमाने वाले विश्व क्रिकेट के महानतम खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर के बेटे अर्जुन तेंदुलकर भी अपने पिता की तरह सफल खिलाड़ी बनना चाहते हैं। और इसका नजारा बुधवार को एक अभ्यास मैच के दौरान देखने को मिला। जब अर्जुन यॉर्कर बॉल ने ना केवल इंग्लैंड के बल्लेबाज को परेशान किया, बल्कि बल्लेबाज चोचिल भी हुआ। और उसके बाद नेट से बाहर जाना पड़ा।

    दरअसल, लंदन के लॉर्ड्स मैदान में एक प्रैक्टिस मैच के दौरान अर्जुन ने इंग्लैंड के बल्लेबाज जॉनी बेयरस्टो के खिलाफ गेंदबाजी किया। अर्जुन की पहली गेंद का सामना करते उतरे बेयरस्टो को यॉर्कर बॉल का सामना करना पड़ा। और बॉल सीधे उनके टखने में जा लगी। जिससे वो चोटिल हो गए। और उन्हें दर्द से परेशान होकर नेट के बाहर जाना पड़ गया। हालांकि इस दोरान बेयरस्टो को ज्यादा चोट नहीं लगी।

    बेयरस्टो साउथ अफ्रीका के खिलाफ शुरु होने वाले चार टेस्ट मैचों की सीरीज खेलने के लिए जॉन बेयरस्टो नेट अभ्यास कर रहे थे। अंग्रेजी अखबार डेली के रिपोर्ट के मुताबिक, 17 साल के अर्जुन के एक यॉर्क बॉल ने बेयरस्टो के पैर की उंगली को जख्मी कर दिया। आपको बता दें कि अर्जुन तेंदुलकर मुंबई के लिए अंडर-14 और अंडर-16 खेल चुके हैं। तो वहीं वह बाएं हाथ के तेज गेंदबाज हैं।

    गौरतलब है कि सचिन का परिवार अक्सर छुट्टियां बिताने के लिए लंदन जाते हैं। तो वहीं लॉर्ड्स मैदान के पास ही सचिन का घर है। और अर्जुन को नेट अभ्यास में दिक्कत नहीं हो इसलिए वह वहां से खेलने लिए आया जाया करते हैं। बावजूद इसके उन्हें पाकिस्तान के तेज गेंदबाज वसीम अकरम ने भी गेदंबाजी के टिप्स दे चुकें हैं।

    ..उधर चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में भारत को 180 रन से हराने के बाद पाकिस्तान टीम का मनोबल काफी बढ़ा हुआ है। इस बहाने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के अध्यक्ष शहरयार खान ने भारत को चुनौती दी है। उन्होंने कहा कि भारतीय टीम पाकिस्तान के खिलाफ द्विपक्षीय सीरीज इसलिए नहीं खेलती क्योंकि उसे हार का डर रहता है।

    बता दें कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने मंगलवार को चैंपियंस ट्रॉफी जीतने के बाद टीम के सम्मान में एक कार्यक्रम आयोजित किया था। इस कार्यक्रम में शहरयार खान ने कहा कि चैंपियंस ट्रॉफी की जीत के बाद मैंने द्विपक्षीय सीरीज के लिए भारतीय टीम को न्योता दिया लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया। वे कहते हैं कि हम आपके साथ सिर्फ आईसीसी के मैच ही खेलेंगे।

    गौरतलब है कि भारत और पाकिस्तान के बीच आखिरी बार 2007 में द्विपक्षीय सीरीज खेली गई थी। यह एक टेस्ट सीरीज थी, जो भारत में खेली गई थी। दरअसल, भारत के साथ द्विपक्षीय क्रिकेट मुकाबलों के आयोजन से पीसीबी को अच्छी खासी कमाई होती है, लेकिन दोनों देशों के बीच रिश्तों में तल्खी के वजह से लंबे समय कोई द्विपक्षीय सीरीज नहीं हुई हैं।

    पीसीबी का आरोप है कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की वजह से उसे करोड़ों रुपयों का नुकसान हुआ है। पीसीबी के अनुसार दोनों देशों के क्रिकेट बोडर््स के बीच में 2015 से 2023 तक 5 द्विपक्षीय सीरीज खेलने का समझौता हुआ था, जिसका बीसीसीआई सम्मान नहीं कर रहा है। इन्हीं आरोपों को आधार बनाकर पीसीबी बीसीसीआई को करीब 387 करोड़ रुपए घाटे की भरपाई के लिए लीगल नोटिस भी भेज चुका है।

    नीलमः अब किचन के बारे में बात करते हैं।

    कुकिंग के वक्त यदि कोई बर्तन ज्यादा देर आंच पर रह जाए, तो उसमें काले दाग पड़ जाते हैं। उन्हें साफ करना टेढ़ी खीर साबित होता है। जानते हैं कुछ तरीके, जिनसे उन्हें साफ किया जा सकता है।

    जले हुए बर्तन को साफ करने के लिए इसमें 1 चम्मच बेकिंग सोडा, 2 चम्मच नींबू का रस और 2 कप गर्म पानी डालें। थोड़ी देर इसे इसी अवस्था में छोड़ दें। अब इसे स्क्रबर से रगड़ कर साफ कर लें। बर्तन चमकने लगेगा।

    कच्चा नींबू लें और उसे बीच से काटें। इसकी एक फांक से सीधे ही बर्तन के जले हुए हिस्से को रगड़ें और इस पर गर्म पानी डालें। बर्तन पहले की तरह दिखाई देने लगेगा।

    यदि बेकिंग सोडा और नींबू दोनों ही चीजें उपलब्ध नहीं है, तो आप सिर्फ नमक की मदद ले सकती हैं। बर्तन में नमक और पानी डाल कर खौलाएं। फिर इसे साफ कर लें।

    प्याज के छोटे टुकड़े काटकर उन्हें जले हुए बर्तन में डालें। थोड़ा पानी लें और इसे गर्म करें। कुछ ही देर में बर्तन के जले हुए निशान ऊपर की ओर आने लगेंगे। इन्हें साफ करने के लिए अमोनिया की भी मदद ली जा सकती है। दोस्तो, प्रोग्राम में जानकारी देने का सिलसिला यही संपन्न होता है।

    अब वक्त हो गया है श्रोताओं की टिप्पणी का....

    पहला पत्र हमें आया है....

    इसी के साथ श्रोताओं की टिप्पणी संपन्न होती है। आप सभी का बहुत बहुत शुक्रिया।

    अनिलः अब समय हो गया है जोक्स यानी हंसगुल्लों का।

    जोक्स....

    पहला जोक..

    टीचर – पानी मे रहने वाले 5 जीवों के नाम बताओ.?

    .

    पप्पू – मेंढक

    .

    टीचर – वेरी गुड, बाकी चार बोलो..

    .

    पप्पू – उसकी मां, उसका बाप, उसकी बहन और उसका भाई!

    दूसरा जोक..

    पति-- जब हमारी नई-नई शादी हुई थी,

    तब तुम कितना तहजीब से बोलती थी

    और अब....???

    👩पत्नी -- पहले मै रामायण देखती थी,

    और अब क्राईम पेट्रोल देखती हू ।

    तीसरा जोक...

    सास बहू से...😊

    उठ जा heroine

    देख सूरज कब का निकल आया है..😕🌝

    Bahu - Relax मम्मी जी

    वो सोता भी तो मुझसे पहले है ना ..

    ....

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