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आप की पसंद 170708
2017-07-12 09:25:54 cri

पंकज - नमस्कार मित्रों आपके पसंदीदा कार्यक्रम आपकी पसंद में मैं पंकज श्रीवास्तव आप सभी का स्वागत करता हूं, आज के कार्यक्रम में भी हम आपको देने जा रहे हैं कुछ रोचक आश्चर्यजनक और ज्ञानवर्धक जानकारियां, तो आज के आपकी पसंद कार्यक्रम की शुरुआत करते हैं।

अंजली – श्रोताओं को अंजली का भी प्यार भरा नमस्कार, श्रोताओं हम आपसे हर सप्ताह मिलते हैं आपसे बातें करते हैं आपको ढेर सारी जानकारियां देते हैं साथ ही हम आपको सुनवाते हैं आपके मन पसंद फिल्मी गाने तो आज का कार्यक्रम शुरु करते हैं और सुनवाते हैं आपको ये गाना जिसके लिये हमें फरमाईशी पत्र लिख भेजा है धीरेन बसाक, शंकर प्रसाद शंभू और इनके साथियों ने फुलिया, ग्राम फुलिसा चत्काताला, नदिया ज़िला, पश्चिम बंगाल से आप सभी ने सुनना चाहा है फिल्म झील के उस पार (1973) का गाना जिसे गाया है किशोर कुमार ने गीतकार हैं आनंद बख्शी और संगीत दिया है राहुल देव बर्मन ने गीत के बोल हैं -----

सांग नंबर 1. क्या नज़ारे ....

पंकज - गरीबों के लिए सोसायटी के बाहर लगा फ्रिज

गुड़गांव

सेक्टर-54 स्थित सनसिटी सोसायटी के रेजिडेंट्स ने गरीब व जरूरतमंद लोगों को खाना उपलब्ध कराने की नई पहल की है। रेजिडेंट्स ने सोसायटी के एग्जिट गेट पर शनिवार 24 जून से एक फ्रिज रख दिया है, जिसमें कोई भी सोसायटी रेजिडेंट या बाहर के लोग अपना बचा हुआ खाना रख सकते हैं। इस खाने को यहां से जरूरतमंद व गरीब लोग अपने आप फ्री में लेकर खा सकेंगे।

बचा हुआ खाना यहां होगा स्टोर

दरअसल, सभी घरों में ऐसा होता है कि शाम का बचा खाना सुबह के समय डस्टबिन में डाल दिया जाता है। इससे यह खाना कूड़े में चला जाता है। किसी जरूरतमंद गरीब को यह नसीब नहीं हो पाता। लेकिन सनसिटी सोसायटी के रेजिडेंट्स ने अब इस बचे हुए खाने को जरूरतमंद व गरीबों तक पहुंचाने की पहल की है। रेजिडेंट्स ने मिलकर एक फ्रिज सोसायटी के एग्जिट गेट पर रख दिया है।

अंजली – मित्रों हमारे कार्यक्रम में अगला पत्र लिख भेजा है हमारे पुराने और चिर परिचित श्रोता मालवा रेडियो श्रोता संघ, प्रमिलागंज, आलोट से बलवंत कुमार वर्मा, राजुबाई माया वर्मा, शोभा वर्मा, राहुल, ज्योति और अतुल ने इनके साथ ही इस गीत की फरमाईश की है केसिंगा, उड़ीसा से सुरेश अग्रवाल और इनके सभी परिजनों ने, आप सभी ने सुनना चाहा है फिल्म छोटी सी बात (1976) का गाना जिसे गाया है मुकेश ने गीतकार हैं योगेश, संगीत दिया है शलिल चौधरी ने और गीत के बोल हैं ----

सांग नंबर 2. ये दिन क्या आए ....

पंकज - आरडब्ल्यूए एडवाइजर अभय पुनिया ने बताया कि इसमें इच्छुक रेजिडेंट अपने घर से लाकर बचा हुआ या एक्स्ट्रा खाना एल्यूमिनियम फॉयल व डिस्पोजेबल प्लेट/बॉक्स में लाकर फ्रिज में रख देंगे। यहां से जरूरतमंद व गरीब लोग इस खाने को ले सकेंगे। इस फ्रिज में रखने से खाना खराब नहीं होगा और समय रहते उसका लाभ लिया जा सकेगा।

जरूरतमंदों को करेंगे जागरूक

यहां से खाने का लाभ उठा सकें इसके लिए आसपास के जरूरतमंद लोगों को भी यहां के रेजिडेंट्स अवेयर करेंगे। सभी लोग अपने-अपने स्तर पर आसपास के एरिया में सड़क किनारे व झुग्गियों में रह रहे गरीब व जरूरतमंद लोगों को इस बारे में बताएंगे। उन्हें बताया जाएगा कि सोसायटी के गेट पर रखे गए फ्रिज से वे खाना ले सकते हैं।

अंजली – कार्यक्रम में हमारे अगले श्रोता भी पहले श्रोता की तरह ही पुराने और नियमित श्रोता हैं मंदार श्रोता संघ बांका बिहार से कुमोद नारायण सिंह, बाबू, गीतांजली, सनातन, अभय प्रताप गोलू, कृष भूटानी और इनके सभी परिजन, आप सभी ने सुनना चाहा है लहु के दो रंग (1979) फिल्म का गाना जिसे गाया है किशोर कुमार ने गीतकार हैं फ़ारूख़ कैसर, संगीत दिया है बप्पी लाहिरी ने और गीत के बोल हैं -----

सांग नंबर 3. मुस्कुराता हुआ मेरा यार ....

पंकज - इमरजेंसी में खुद ही रुक जाएगी ये ट्रेन, 400 kmph है इसकी रफ्तार

बीजिंग.चीन ने अपने सबसे बिजी रूटों में से पेइचिंग-शंघाई लाइन पर 400 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली बुलेट ट्रेन को पटरी पर उतार दिया है। स्पीड के साथ इसकी सबसे खास बात ये है कि ये इमरजेंसी की स्थिति में खुद ब खुद रुक जाएगी।फुक्सिंग है इस ट्रेन का नाम... चीन की यह बुलेट ट्रेन भी पूरी तरह से स्वदेशी है। इस ट्रेन को फुक्सिंग नाम दिया गया है। रविवार को 11:05 बजे सुबह पेइचिंग साउथ रेलवे स्टेशन से शंघाई के लिए बुलेट ट्रेन को रवाना किया गया। ठीक इसी वक्त पर शंघाई के हॉन्गकियाओ रेलवे स्टेशन से पेइचिंग के लिए एक ट्रेन को हरी झंडी दिखाई गई।

इमरजेंसी में खुद रूक जाएगी ट्रेन

इस नई ट्रेन में ऐसा सिस्टम लगाया गया है, जो इसकी परफॉर्मेंस को नियमित चेक करेगा। इससे किसी भी इमरजेंसी की स्थिति में ट्रेन खुद धीमी हो जाएगी। इसके अलावा रिमोट डेटा-ट्रांसमिशन सिस्टम ट्रेन की रियल टाइम रनिंग की मॉनिटरिंग करेगा। ट्रेन में वाई-फाई और पावर सॉकेट्स की भी सुविधा है।

अंजली – तो अब वक्त हो चला है एक संगीत ब्रेक का यानी हमारे श्रोताओं की पसंद के गाने सुनवाने का, हमारे अगले श्रोता हैं मऊनाथ भंजन उत्तर प्रदेश से मोहम्मद इरशाद, शमशाद अहमद, गुफरान अहमद, नेयाज़ अहमद, इरशाद अहमद अंसारी, अब्दुल वासे अंसारी, रईस अहमद, शादाब अहमद, शारिक अनवर और दिलकशां अनवर आप सभी ने सुनना चाहा है फिल्म अग्नि परीक्षा (1981) का गाना जिसे गाया है लता मंगेशकर ने गीतकार हैं योगेश और संगीत दिया है शलिल चौधरी ने और गीत के बोल हैं -----

सांग नंबर 4. ओ ओ रे मन गुनगुन झूम के ....

पंकज - ये हैं 97 साल के लव गुरु, अपने 'पावर' के बारे में करते हैं ये अनोखा दावा

ये हैं तुर्की के योगा गुरु कजीम गुर्बुज। उम्र है 97 साल, यानी 100 के करीब पहुंच रहे हैं। लेकिन दिखने में 50 के करीब ही लगते हैं। अब भी बराबर एक्टिव हैं। उम्र के कारण किसी भी मामले में कम नहीं हुए हैं- यहां तक कि यौन संबंधों के मामले में भी। इस चर्चित योग गुरु का दावा है कि उन्हें हर दिन 3 से 5 ऑर्गेज्म होते हैं, यानी वे रोज इतनी बार यौन संबंध बना सकते हैं। हालांकि इस दावे को परखने की कोशिश नहीं हुई है, लेकिन कजीम के लुक और उनके एक्टिवनेस को देखकर किसी को भी इस बारे में संदेह नहीं होता है।-कजीम का जन्म तुर्की के अदाना प्रांत में 1920 में हुआ था। 41 वर्ष की उम्र में उनकी रीढ़ की हड्डी टूट गई थी। डॉक्टरों ने कह दिया था कि वे दोबारा खड़े भी नहीं हो पाएंगे।

अंजली – श्रोता मित्रों हमारे पास अगला पत्र आया है नारनौल हरियाणा से उमेश कुमार शर्मा, प्रेमलता शर्मा, सुजाता, हिमांशु और नवनीत का आपने सुनना चाहा है फिल्म अग्निपथ (2012) का गाना जिसे गाया है सोनू निगम ने गीतकार हैं अमिताभ भट्टाचार्य और संगीत दिया है अजय-अतुल ने और गीत के बोल हैं ----

सांग नंबर 5. अभी मुझमें कहीं बाकी है.....

-कजीम का कहना है कि उन्होंने अपने ऊपर 63 तरह के प्रयोग किए। इन प्रयोगों के 9 महीने बाद ही वे चलने लग गए थे। कजीम के अनुसार, यह कोई चमत्कार नहीं था। सबकुछ ब्रेन में होता है। ब्रेन की ताकत से आप असंभव को भी संभव बना सकते हैं। आपका ब्रेन मसल्स और नर्व्स को रिजनरेट कर सकता है।

-कजीम योगा के मास्टर हैं। वे हाथ-पैरों को गर्दन में फंसाकर बनाए जाने वाले नॉट पोज में 48 घंटों तक रह सकते हैं।

-कजीम कहते हैं कि इंसान चाहे तो 130 साल की उम्र तक जीवित रह सकता है। इसके लिए वे अपने आप की ही मिसाल देते हैं।

-कजीम हर सुबह स्विमिंग के लिए जाते हैं। इस तरह वे रोजाना धूप के संपर्क में रहते हैं। इस दौरान 4-5 मिनट तक अपनी सांस रोक लेते हैं। वे इन गतिविधियों को अपनी ऊर्जा का स्रोत बताते हैं।

-इसके अलावा, कजीम आध्यात्मिकता को भी अपनी ताकत बताते हैं। वे ऑलिव, रेड पेपर्स, पिंटो बीन, हर्बल टी और सूप को सुपरफूड मानते हैं। कजीम मीट से पूरी तरह दूर रहते हैं। वे प्रोटीन के लिए प्लांट प्रॉडक्ट्स लेते हैं।

अंजली - हमारे अगले श्रोता हैं धनौरी तेलीवाला, हरिद्वार उत्तराखंड से निसार सलमानी, समीना नाज़, सुहैल बाबू, आयान सलमानी और इनके सभी मित्र, आप हमारे नियमित श्रोता हैं और हमें हमेशा पत्र लिखकर अपनी फरमाईश भेजते रहते हैं, हमें बहुत अच्छा लगता है जब हमारे पास आपके ढेरों पत्र आते हैं, आप सभी ने सुनना चाहा है फिल्म आकाशदीप (1965) का गाना जिसे गाया है लता मंगेशकर ने गीतकार हैं मजरूह सुल्तानपुरी संगीत दिया है चित्रगुप्त ने और गीत के बोल हैं -----

सांग नंबर 6. मिले तो फिर झुके नहीं नज़र वही प्यार की ....

पंकज – तो मित्रों इसी के साथ हमें आज का कार्यक्रम समाप्त करने की आज्ञा दीजिये अगले सप्ताह आज ही के दिन और समय पर हम एक बार फिर आपके सामने लेकर आएंगे कुछ नई और रोचक जानकारियां साथ में आपको सुनवाएँगे आपकी पसंद के फिल्मी गीत तबतक के लिये नमस्कार।

अंजली - नमस्कार।

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