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टी -टाइम
अनिलः टी-टाइम के नए अंक के साथ हम फिर आ गए हैं,आपका मनोरंजन करने। जी हांआपके साथ चटपटी बातें करेंगे और चाय की चुस्कियों के साथ लेंगे गानों का मजा 25 मिनट के इस प्रोग्राम में। इसके साथ ही प्रोग्राम में श्रोताओं की प्रतिक्रियाएं भी होंगी शामिल। तो जल्दी से हो जाइए तैयार।
अनिलः अब समय हो गया है प्रोग्राम में जानकारी देने का।
जब से बाहुबली 2 का दुनियाभर में डंका बजा है, फिल्म के स्टार्स को नई पहचान मिल गई है। खासकर शिवगामी के किरदार में राम्या कृष्णन ने काफी तारीफें बटोरी हैं। इस फिल्म के कई और भी किरदार हैं जो पहले बॉलीवुड एक्टर्स को ऑफर किए गए थे जिन्होंने इन्हें करने से इनकार कर दिया था।
श्रीदेवी साउथ की फिल्मों में अभी भी अपनी अच्छी खासी फैन फॉलोइंग के लिए मशहूर हैं। यही कारण था कि बाहुबली में शिवगामी का किरदार उन्हें ऑफर किया गया था, लेकिन श्रीदेवी ने फिल्म को रिजेक्ट कर दिया था। हाल ही में इस बारे में बात करते हुए एक्ट्रेस ने कहा- यह इतना बड़ा मुद्दा बन गया कि क्या बोलूं। लोग काल्पनिक बातें बनाने लगे हैं कि मैंने फिल्म को क्यों रिजेक्ट किया था। उस वक्त कुछ अलग कारण थे। दूसरी बात बाहुबली के दोनों पाट्र्स रिलीज हो चुके हैं और मुझसे यह सवाल अब किया जा रहा है। बाहुबली के अलावा भी मैंने कई फिल्में रिजेक्ट की हैं। कोई उन फिल्मों के बारे में क्यों बात नहीं करता। बहरहाल, श्रीदेवी ही नहीं बल्कि कई स्टार्स ने बाहुबली को रिजेक्ट करने की गलती की थी।
एसएस राजामौली ने जब ये प्रोजेक्ट शुरू किया तो वो फिल्म में कोई बॉलीवुड हीरो चाहते थे क्योंकि उन्हें आभास था कि बाहुबली केवल तेलुगु सिनेमा बनकर नहीं रहेगी। लिहाजा, उन्होंने ऋतिक रोशन को लेने का मन बनाया था।
सोनम कपूर को अवंतिका का किरदार ऑफर किया गया था लेकिन उन्होने भी फिल्म में कोई खास रुचि नहीं दिखाई।
वहीं जॉन अब्राहम के फिल्म रिजेक्ट करने के बाद विवेक ओबेरॉय को ये रोल ऑफर किया गया। अब उन्होंने इसे क्यों मना किया पता नहीं।
देवसेना के किरदार के लिए साउथ की सुपरस्टार नयनतारा को अप्रोच किया गया था, बाद में अनुष्का शेट्टी ने ये रोल किया।
तकनीक संबंधी जानकारी..
फोन को दिन में बार-बार चार्ज करना और उसे चार्जर से निकालना लोगों के लिए अब जीवन का हिस्सा सा बन चुका है और जिस दिन फोन चार्ज करना भूल गए या किसी कारणवश चार्ज नहीं हो पाया तो लोगों के आधे से ज्यादा काम रूक ही जाते हैं। ऐसे आप जरूर सोचते होंगे की कोई ऐसा मोबाइल भी होना चाहिए जिसे बार-बार चार्ज करने की जरूरत ही नहीं पड़े। अगर आपके पास ऐसा ही कोई मोबाइल आ जाए जो एक महीने में एक बार चार्ज होता हो तो आपकी खुशी का तो ठिकाना ही नहीं रहेगा।
अब ऐसा जल्दी ही संभव हो सकता है। वैज्ञानिकों को ऐसी तकनीक खोजने में सफलता मिली है, जिससे हर तीन महीने में सिर्फ एक बार फोन चार्ज करना होगा। स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों के लिए लाभकारी मिशिगन और कॉर्नेल विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने एक ऐसा मेटेरियल तैयार किया है, जिसमें प्रोसेसर 100 गुना कम ऊर्जा का उपयोग करता है। इस मेटेरियल से मैग्नेटोइलेक्ट्रिक मल्टीफेरिक मटीरियल परमाणुओं की पतली परतों का निर्माण होता है जो चुंबकीय ध्रुवीय फिल्म बनाते हैं जो कि बाइनरी कोड बनाते हैं, जिन पर हमारे कंप्यूटर काम करते हैं।
इसकी खास बात ये है कि मैग्नेटोइलेक्ट्रिक मल्टीफेरिक्स सिस्टम का उपयोग करके काफी समय तक ऊर्जा का प्रयोग कर सकते हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार, हमें तीन महीने में सिर्फ एक बार फोन को चार्ज करने की आवश्यकता होगी। लॉरेंस बर्कले नैशनल लैबरेटरी में सहयोगी प्रयोगशाला निदेशक राममूर्ति रमेश ने कहा कि ये खोज विज्ञान के क्षेत्र में नई सफलता अर्जित करेगी।
वहीं.
अब वोटर आईडी बनवाने के लिए आपको चुनाव आयोग के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। वोटर आईडी बनवाने के लिए अब फेसबुक इसमें आपकी मदद करेगा। इसके लिए सोशल मीडिया वेबसाइट ने चुनाव आयोग के साथ हाथ मिलाया है।
इस सर्विस के तहत फेसबुक ऐसे लोगों को 1 जुलाई से रिमाइंडर भेजना शुरू कर देगा, जिनका वोटर आईडी कार्ड बना नहीं है। इसके लिए फेसबुक यूजर्स रजिस्टर नाउ बटन शुरू करेगा। चुनाव आयोग ने कहा है कि पहली बार लोगों के वोटर आईडी कार्ड बन जाएं, इसके लिए फेसबुक से मदद ली गई है।
पहली जुलाई को फेसबुक अपने प्रत्येक यूजर को नोटिफिकेशन बार में रिमाइंडर अलर्ट भेजेगा। यह रिमाइंडर 13 भाषाओं में भेजा जाएगा। जिन भाषाओं को इसे भेजा जाएगा उनमें अंग्रेजी, हिंदी, गुजराती, तमिल, तेलूगु, मलयालम, कन्नड़, पंजाबी, बंगाली, उर्दू, असमी, मराठी और उड़िया शामिल हैं।
अगर कोई यूजर वोटर आईडी बनवाने के लिए यस बटन पर क्लिक करता है तो उसको www.nvsp.in पर रिडायरेक्ट कर दिया जाएगा। यहां जाकर के व्यक्ति वोट बनवाने के लिए अपना रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरा करना होगा। प्रोसेस पूरा करने के बाद चुनाव आयोग वोटर आईडी कार्ड को घर पर भेज देगा।
उधर.
होटल एवं रेस्टोरेंट द्वारा मनमानी तरीके से वसूले जाने वाले सर्विस चार्ज पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार ने कुछ दिशा-निर्देश तय कर दिए हैं। इन दिशा-निर्देशों को शुक्रवार को प्रधानमंत्री कार्यालय से मंजूरी मिल गई। अब इन्हें राज्यों के पास भेजा जा रहा है।
केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने कहा है कि इन दिशा-निर्देशों के मुताबिक सर्विस चार्ज अनिवार्य नहीं किया जा सकता। यह पूरी तरह से स्वैच्छिक होगा। उन्होंने कहा कि होटल या रेस्टोरेंट को यह तय नहीं करना चाहिए कि ग्राहक द्वारा कितना सेवा शुल्क चुकाया जाना है। यह उपभोक्ता के विवेक पर छोड़ दिया जाना चाहिए।
मालूम हो, इस साल की शुरुआत में ही कुछ उपभोक्ता समूहों ने मनमाने सर्विस चार्ज के खिलाफ उपभोक्ता अदालत में मुकदमा दायर किया था। इसके बाद उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने कहा था कि सर्विस चार्ज स्वैच्छिक हो सकता है, अनिवार्य नहीं। विवाद का स्थायी समाधान करने के लिए मंत्रालय ने अब सर्विस चार्ज पर दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।
...उधर..
मुगल बादशाह शाहजहां की तर्ज पर अपनी बेगम की याद में ताज महल बनवाने की हसरत पाले यूपी के रिटायर्ड पोस्टमास्टर फैजल हसन कादरी ने भी अपनी मरहूम बीवी की याद में 'मिनी ताज महल' तैयार करवाया है।
बुलंदशहर के कासरकला गांव के निवासी कादरी का ताज तो अभी ठीक से नहीं बना, मगर उन्होंने इसके बगल में लड़कियों के लिए स्कूल बनवाने के लिए अपनी जमीन जरूर दान दे दी। उनका ताज तो अभी अधूरा ही है, मगर स्कूल बनकर तैयार हो गया है। अपने छोटे से घर की खिड़की से स्कूल और अधूरे ताज को निहारते रहने वाले कादरी का मानना है कि ताज से ज्यादा, गांव में लड़कियों का स्कूल जरूरी है। वे शिक्षा को महिलाओं के विकास का सशक्त जरिया मानते हैं। वह ऐसा स्कूल चाहते थे, जिसमें सभी धर्म की बेटियां साथ पढ़ें। स्कूल में छठी से 12वीं तक की कक्षाएं चलेंगी। स्कूल में जुलाई के मध्य तक पढ़ाई शुरू होने की उम्मीद है।
80 वर्षीय कादरी की पत्नी ताजामौली बेगम की 2011 में मौत हो गई थी। जिसके बाद उन्होंने दफनाए गए स्थान पर ताज महल की प्रतिकृति बनवाने का फैसला किया। 2015 तक कादरी के मिनी ताज महल का ढांचा भी तैयार हो गया। पैसों की तंगी की वजह से वह संगमरमर नहीं चढ़वा पाए।
2017 की शुरुआत में हुए एक हादसे में कादरी के पैरों में फ्रैक्चर हो गया। वह न सिर्फ कई महीनों तक बिस्तर पर पड़े रहे, बल्कि उनकी जुटाई रकम भी खर्च हो गई। बावजूद इसके कादरी ने हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने जकात (इस्लाम में चैरिटी के लिए सालाना दी जाने वाली रकम) के लिए तय धनराशि देना भी जारी रखा।
... पर्दे पर अक्सर खलनायक के रूप में नजर आने वाले प्रकाश राज रियल लाइफ में हीरो बन गए है। अक्सर फिल्मों में विलेन का किरदार निभाने वाले प्रकाश राज एक बार फिर से सुर्खियों में है। लेकिन इस बार किसी फिल्म में विलेन के किरदार को लेकर नहीं बल्कि रियल जिंदगी में एक अच्छे काम को लेकर। आपको बता दें कि अभिनेता प्रकाश राज ने तेलंगाना में एक गरीब मुस्लिम परिवार को ईद-उल-फितर के अवसर पर तोहफे के रूप में घर भेंट किया है।
पर्दे पर अक्सर खलनायक के रूप में नजर आने वाले प्रकाश राज ने महबूब नगर जिले के गांव कोंडारेड्डीपल्ली गांव के छोटे मियां के परिवार की मदद कर उनके लिए वास्तविक जीवन के नायक साबित हुए। अभिनेता ने इस गांव को गोद ले रखा है और वहां पर विकास संबधी कई काम करवाए हैं। इस परिवार को ईद के मौके पर प्रकार राज की तरफ से तोहफे में मिला यह घर उनके लिए किसी ईदी से कम नहीं है।
इस बात की जानकारी उन्होंने ट्वीट कर के दी। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, ''कोंडारेड्डीपल्ली में प्रकाश राज फाउंडेशन द्वारा इस परिवार के लिए बनाए गए घर को सौंप कर रमजान का जश्न मनाया... जीवन को पटरी पर लाने की खुशी।"
प्रकाश राज फाउंडेशन ने गरीब परिवार के लिए एक नया घर बनवाया है। छोटे मियां, उनकी पत्नी और तीन बेटियां इससे पहले एक जीर्ण-शीर्ण हालत वाले घर में रहा करते थे। अभिनेता सोमवार को ईद के मौके पर गांव भी गए। ट्विटर पर उन्होंने कुछ तस्वीरें भी पोस्ट की हैं। वह घर में गृह-प्रवेश के मौके पर फीता काटते। और कुछ गांव वालों के साथ बात करते नजर आ रहे हैं। अभिनेता ने नए घर के सामने खड़े मुस्लिम परिवार की तस्वीर भी पोस्ट की।
गौरतलब है कि प्रकाश राज फिल्म इंडस्ट्री के जाने-माने विलेन है। वे कई फिल्मों में विलेन के रुप में अपना दमदार अभिनय दिखा चुके है। प्रकाश राज साल 2014 में आई 'हीरोपंती' में टाइगर श्रॉफ के ससुर के रूप में भी नजर आ चुके है। तो वहीं 'दबंग-2', 'वांटेड' और 'सिंघम' जैसी फिल्मों में हीरो की नाक में दम करने वाले विलेन प्रकाश राज को आज पूरी दुनिया जानती है।
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वहीं...
किचन घर में ऐसी जगह होती है जहां पर महिलाओं का सबसे ज्यादा वक्त बीतता है। लेकिन कई बार काम करते हुए ऐसी स्थितियां आती हैं जब समझ में नहीं आता है कि क्या किया जाए। इसलिए आज हम आपको ऐसे टिप्स बताएंगे जिनकी मदद से आप अपनी दिक्कतों को मिनटों में सॉल्व कर सकती हैं।
अदरक छीलें
अगर आपको पास अदकर को छीलने वाला चाकू नहीं है और फौरन इसको इस्तेमाल करना है तो चाकू की मदद से इस छील लें। इसका छिलका आराम से निकल जाएगा। इसी तरह से यदि सर्दी के दिनों में नारियल तेल जम जाए तो उसे पिघलने के लिए एक मग गर्म पानी में बोतल को डाल दें। कुछ मिनट में यह पिघल जाएगा। जब हाथ चिकने होने लगे या जार का कवर टाइट होने की वजह से इसे खोलना मुश्किल हो रहा हो तो ढक्कन पर प्लास्टिक का बैंड लगा दें। जार फौरन खुल जाएगा। किचन ग्लव्स पहनकर भी इस काम को आसानी से किया जा सकता है।
नीबू निचोड़ें
जब भी नीबू को निचोडऩा हो तो इसको पहले थोड़ा सा किसी प्लेन जगह पर रोल कर लें। इससे जब भी आप इसका रस निकालेंगे तो जूस अच्छी तरह से निकलेगा। संतरे के साथ ही ऐसा करने से रस अच्छी तरह निकल जाता है। जब भी बचे हुए नूडल्स को फिर से गर्म करना हो तो उन्हें पैन में गोल सजा लें। माइक्रोवेव में गर्भ करें। नूडलस बहुत अच्छे से और एकसार गर्म हो जाएंगी।
ब्रेड से बचाएं केक
घर में किसी का जन्मदिन है। केक काटा नहीं गया लेकिन किसी वजह से खोल लिया गया है तो इसके किनारों को खराब होने से बचाने के लिए इसके चारों ओर ब्रेड को टूथपिक की सहायता से अटका दें। केक सलामत रहेगा। अगर आप धनिया और पुदीने को लंबा चलाना चाहती हैं तो प्लास्टिक के किसी जिपलॉक पाउच में रख दें और फ्रिज में स्टोर कर दें। इससे यह सुरक्षित रहेगा।
बर्फ जमाएं
अगर आप क्रिस्टल क्लियर आइस जमाना चाहती हैं तो पानी को पहले अच्छी तरह से उबाल लें। इससे आपकी बर्फ एकदम ट्रांसपेरेंट जमेगी। आगर आप मार्केट से आइसक्रीम खरीदकर लाई हैं और उन्हें शाम की पार्टी में सर्व करना चाहती है तो प्लास्टिक का जिप लॉक पाउच लें और उसमें इस डिब्बे को बंद करके रख दें। आइसक्रिम पत्थर के जैसे सख्त बनी रहेगी।
डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों का प्रयोग करें ऐसे
ऐसे भोजन या पेय पदार्थ जो डिब्बाबंद आते हो उनके प्रयोग करने में सावधानी रखनी चाहिए। डिब्बाबंद फूड को जब भी खोलें जब उन्हें काम में लेना हो, नहीं तो यह खराब हो सकते हैं। इसके अलावा डिब्बा खोलने पर फूड की क्वालिटी भी कम होने लगती है। इसलिए उन्हें तभी खोले जब आप इसका पूरा इस्तेमाल करें।
जानकारी यही तक...अब समय हो गया है श्रोताओं की टिप्पणी का।
......श्रोताओं की टिप्प्णी यही संपन्न होती है, अब समय हो गया है जोक्स का.
पहला जोक...
एक युवक ने सिगरेट का पैकेट खरीदा...
चेतावनी लिखी थी: धूम्रपान से दस्त हो सकते हैं.
वह वापस दुकान पर गया, बोला: ये कौन सा पैकेट दे दिया है? वो कैंसर वाला ही दो.
दूसरा जोक...
पप्पू को फायर ब्रिगेड में नौकरी मिल गयी. एक औरत ने फोन किया: हैल्लो, मेरे घर में आग लग गयी है.
पप्पू: आपने पानी डाला?
औरत: हां, पर फिर भी आग बुझी ही नहीं.
पप्पू: पगली, फिर हम वहां आकर क्या करेंगे? हम भी तो पानी ही डालेंगे ना.
तीसरा जोक...
एक आदमी अपने दोस्त से...
जब बीवी मायके गई हो और राशिफल में लिखा मिले, 'आज पुराना प्रेम मिल सकता है! तो न चाहते हुए भी ज्योतिष पर विश्वास बढ़ जाता है.