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    031 गुमराह बकरी की तलाश
    2017-06-06 19:51:37 cri

    गुमराह बकरी की तलाश 岔路寻羊

    "गुमराह बकरी की तलाश"नामक कहानी को चीनी भाषा में"छाई लू श्युन यांग"(chà lù xún yáng) कहा जाता है। इसमें"छाई लू"का अर्थ है सड़क या रास्ते की शाखा, जबकि"श्युन"का अर्थ है तलाश करना और"यांग"का अर्थ है"बकरी"।

    कहते हैं कि प्राचीन काल में यांग ची नाम के एक प्रसिद्ध विद्वान थे। एक दिन, उनके पड़ोसी की एक बकरी खो गयी। इस पर बकरी का मालिक बहुत चिंचित हुआ। उसने बहुत से लोगों को बुलाकर बकरी की तलाश के लिए भेजा, कुछ समय बाद वह यांग ची से मदद लेने भी आया।

    यांग ची को यह जानकर बड़ा ताज्जुब हुआ कि एक बकरी ढूंढने के लिए उस व्यक्ति ने अब तक कई लोगों को भेजा है, उसके बाद यांग ची के नौकरों की मदद मांगने आया है।

    उसने पड़ोसी से पूछा:"आपकी एक ही बकरी खोयी है, इतने अधिक लोगों को क्यों भेजा है उसे ढूंढने ?"

    बकरी के मालिक ने निराश स्वर में कहा:"हमारे गांव के बाहर कई रास्ते हैं, पता नहीं बकरी किस रास्ते से भाग गयी है। अतः हर रास्ते पर कुछ न कुछ लोगों को भेजना पड़ेगा।"

    पड़ोसी की बात सुनकर यांग ची ने अपने सभी नौकरों को मदद करने के लिए भेजा।

    काफी देर के बाद यांग ची के नौकर और दूसरे लोग वापस लौट आए।

    यांग ची ने पूछा:"क्या बकरी मिल गयी है?"

    "नहीं मिली।"पड़ोस के उस व्यक्ति ने बड़ी निराशा के साथ जवाब दिया।

    " तुम इतने अधिक लोग गए थे, फिर भी नहीं ढूंढ पाए?"यांग ची ने फिर पूछा।

    लोगों ने कहा:"गांव के बाहर कई रास्ते हैं। थोड़ी दूरी पर रास्ते की कुछ शाखाएं हैं, फिर उनकी भी शाखाएं, इस तरह रास्ते की शाखाएं बढ़ती चली गई, मानो मकड़ी का जाल बिछा हो, इसलिए पता नहीं चल सका कि बकरी किस रास्ते से भागी है।"

    पड़ोसी की बात सुनकर यांग ची गंभीर हो गये।

    यांग ची के एक शिष्य को गुरू की यह हालत समझ में नहीं आयी। उसने यांग ची से पूछा:"गुरू जी, बस एक बकरी खोयी है, कोई खास मूल्यवान चीज़ तो नहीं, इस पर इतना दुखी होने की क्या जरूरत है?"

    यांग ची ने जवाब दिया:"रास्ते की शाखाएं ज्य़ादा है, इसी कारण बकरी आसानी से भाग गयी है, इसी तरह का सिद्धांत विद्या के अध्ययन पर भी लागू होता है। विद्या के कई रूप हैं, कई शाखाएं हैं। विद्या का अध्ययन करने वाले इन शाखाओं में गुमराह हो सकते हैं, अन्त में कुछ भी नहीं सीख पाते।"

    नीति कथा"गुमराह बकरी की तलाश"को चीनी भाषा में"छाई लू श्युन यांग"(chà lù xún yáng) कहा जाता है। सुप्रसिद्ध चीनी विद्वान यांग ची ने सही कहा है कि विद्या के कई रूप होते हैं और कई शाखाएं।

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