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टी-टाइम
अनिलः टी-टाइम के नए अंक के साथ हम फिर आ गए हैं,आपका मनोरंजन करने। जी हांआपके साथ चटपटी बातें करेंगे और चाय की चुस्कियों के साथ लेंगे गानों का मजा 25 मिनट के इस प्रोग्राम में। इसके साथ ही प्रोग्राम में श्रोताओं की प्रतिक्रियाएं भी होंगी शामिल। तो जल्दी से हो जाइए तैयार।
लीजिए प्रोग्राम की शुरुआत करते हैं।
अनिलः दोस्तो, हाल ही में दुनिया भर के तमाम कंप्यूटरों पर सेंध लगी। इससे अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि जिस तकनीक का इस्तेमाल हम कर रहे हैं। उससे हमारी तमाम जानकारी आसानी से कोई चुरा सकता है।
दुनिया भर में हुए साइबर अटैक के बाद विशेषज्ञ ये चेतावनी दे रहे हैं कि इस हफ्ते रैनसमवेयर के और मामले सामने आ सकते हैं। कई लोग ये पूछ रहे हैं कि आखिर हो क्या हो रहा है और संगठन, संस्थाएं, कंपनियां और आम लोग कैसे इन हमलों से अपने कम्प्यूटरों का बचाव करेंगे? इन हमलों के पैमाने को लेकर भी दुनिया भर में बात हो रही है।
आपको बता दें कि रैनसमवेयर एक ऐसा प्रोग्राम है जो कम्प्यूटर की किसी फ़ाइल को लॉक कर देता है और फिर बिना फ़िरौती अदा किए मुश्किल दूर नहीं होती. यूरोपियन यूनियन की पुलिस यूरोपोल के मुताबिक रैनसमवेयर नई चीज़ नहीं है, लेकिन 'वानाक्राइ' वायरस का ये हमला 'अभूतपूर्व' है. रविवार को ये कहा गया कि 150 देशों में इस वायरस ने दो लाख से ज्यादा शिकार किए हैं. माना जा रहा है कि हफ्ते की शुरुआत में जब लोग बड़ी तादाद में अपने कम्प्यूटर लॉग-इन करेंगे तो ये आंकड़ें बढ़ सकते हैं।
नीलमः लीजिए अब समय हो गया है दूसरी जानकारी का।
भारत में औरंगाबाद से करीब 12 किमी दूर एक आश्रम है। इस आश्रम की खास बात ये है कि ये पत्नी के सताए पतियों के लिए है। जी हां, इस आश्रम में सिर्फ वही लोग आते हैं जो पत्नी से पीड़ित हैं।
इस आश्रम के फाउंडर भारत फुलारे हैं जो खुद पत्नी पीड़ित हैं। उनका कहना है कि पत्नी ने उनके खिलाफ 147 केस कर रखे हैं। 19 नवंबर 2016 को पुरुष अधिकार दिवस के अवसर पर आश्रम को शुरू किया गया। अब तक देश भर से यहां पर 500 से ज्यादा लोग काउंसलिंग के लिए आ चुके हैं और कुछ लोग ऐसे हैं जो यहां पर रहते हैं। हालांकि आश्रम में रहने के लिए एक मुश्किल शर्त है जिसके मुताबिक यहां पर वही पति रह सकता है जिस पर उसकी पत्नी ने कम से कम 20 मामले दर्ज किए हों। करीब 1200 वर्गफीट की जगह में बने इस आश्रम में तीन कमरे हैं। यहां हर शनिवार और रविवार को पत्नी पीड़ितों की काउंसलिंग की जाती है। आश्रम में रहने वाले पुरुष पैसे जमा कर यहां का खर्चा उठाते हैं और खाना बनाने से लेकर दूसरे काम तक स्वयं ही करते हैं।
अनिलः आश्रम में भारत फुलारे केस स्टडी के लिए फाइल बनाते हैं और केस की कमजोर कड़ी का पता लगाते हैं। साथ ही मामलों के लिए कानूनी विशेषज्ञों की सलाह भी ली जाती है। उनका कहना है कि खुद के केस के चलते उन्हें कुछ महीनों तक शहर के बाहर रहना पड़ा। इसी दौरान तीन लोग और मिले जो पत्नी पीड़ित थे। इसी के बाद आश्रम बनाने का ख्याल आया।
यहां रहने वालों का कहना है कि मादा कौआ अंडा देकर उड़ जाती है और नर कौआ ही चूजों का पालन पोषण करता है। ये स्थिति एक पत्नी पीड़ित पति से मिलती है। इसलिए आश्रम में कौआ पूजा जाता है।
दोस्तो, प्रोग्राम को आगे बढ़ाते हुए बात करते हैं फ़िल्मों की। वैसे बॉलीवुड में इन दिनों बायोपिक बनाने का चलन चल रहा है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन पर बनने वाली फिल्म भी सुर्खियों में है। बहुत समय से इस बात की चर्चा है कि फिल्म में लीड रोल कौन सा कलाकार निभाएगा। अब इन सारी चर्चाओं के बीच उस एक्टर का नाम सामने आ गया है।
हाल ही में ट्विटर पर एक सवाल का जवाब देते हुए परेश रावल ने यह कंफर्म किया है कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनने वाली फिल्म का हिस्सा हैं। गुजरात के विधानसभा चुनावों में परेश रावल ने नरेंद्र मोदी के समर्थन में कई जनसभाएं की थीं और वह उनके करीबी भी माने जाते हैं। परेश ने एक सभा में कहा था कि दोनों ही नेता सीधा साफ बोलने वाले हैं, स्वभाव में खरे हैं और भविष्य का आकलन कर फैसला करते हैं।
नीलमः यही नहीं, उन्होंने यह भी कहा था कि मेरे एक्टिंग करियर के लिए भी नरेंद्र मोदी का रोल निभाना एक निर्णायक और अमिट छाप छोड़ने वाला पल होगा। इससे पहले परेश रावल ने 1993 में मोदी के आदर्श और गुजरात के जननायक सरदार वल्लभ भाई पटेल का रोल फिल्मी पर्दे पर निभाया था। आगर यह सच होता है तो परेश रावल को पीएम नरेंद्र मोदी के रोल में देखना उनके फैंस के लिए एक बड़ी खुशबखबरी होगी।
अनिलः मोदी पर बनने वाली बायोपिक के बाद समय हो गया है हेल्थ टिप्स का।
दोस्तो, स्वस्थ रहने के लिए आयुर्वेद के प्रसिद्ध ग्रंथ 'चरक संहिता' और 'अष्टांग संग्रह' में कई रोगों के इलाज में विभिन्न प्रकार के आहार, जड़ी-बूटियों व औषध द्रव्यों में जो सबसे श्रेष्ठ है उनके बारे में जानकारी दी गई है। चलिए करते हैं उनके बारे में बात। वाग्भट्ट के ग्रंथ 'अष्टांग संग्रह' के अनुसार मधुमेह में हल्दी अधिक श्रेष्ठ मानी गई है। ऐसे ही भैंस का दूध नींद लाने में श्रेष्ठ है। वात की समस्या को दूर करने के लिए तेल, पित्त को शांत करने के लिए घी व कफ दूर करने के लिए शहद उत्तम आहार माना गया है। सूजन, बवासीर व बढ़ते वजन में छाछ को सबसे अच्छा मानते हैं। साथ ही जौ पाचनक्रिया दुरुस्त कर कब्ज में राहत देता है। सही मात्रा में यूरिन न आने की स्थिति में गन्ने का रस पीना चाहिए। जिस तरह नमक को अन्न में स्वाद बढ़ाने के लिए उत्तम माना है वैसे ही शरीर के किसी हिस्से से खून बह रहा हो तो उसे रोकने व सूजन दूर करने में बकरी का दूध श्रेष्ठ है। गाय का दूध व घी बढ़ते उम्र के प्रभाव को कम कर रोगों से मुक्त रखता है।
और हां बुखार की स्थिति में रोग प्रतिरोधक क्षमता घट जाती है व पाचन क्रिया के धीमा होने पर ठोस आहार के बजाय दलिया-खिचड़ी खाने की सलाह देते हैं। थकावट दूर करने के लिए स्नान करना सबसे उत्तम फलदायी है। दांतों को मजबूत बनाने के लिए तेल को मुंह में थोड़ी देर रखकर हिलाना (ऑयल पुलिंग) अच्छा उपाय है। शरीर को ऊर्जावान बनाने के लिए पसीना आना जरूरी है। इसके लिए व्यायाम सबसे जरूरी है। आयुर्वेद के अनुसार भोजन शरीर को तभी लगता है जब भूख के अनुसार खाद्य पदार्थ खाए जाएं। ये पेट की अग्नि शांत कर पाचनक्षमता मजबूत करते है।
नीलम। लीजिए अब आगे बढ़ते हैं, और बात करते हैं कैसे बॉलीवुड की दो मां अपने बच्चों का ख्याल रख रही हैं।
शाहिद कपूर की पत्नी मीरा राजपूत मां बनने के बाद अपनी बेटी के साथ ही सारा समय बिता रही हैं, वहीं करीना कपूर भी अपने बेटे तैमूर अली खान के साथ मातृत्व का आनंद ले रही हैं। हर मां का अपने बच्चे के पालन-पोषण का तरीका अलग-अलग होता है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि मांओं को अपने बच्चों को प्यार भरी झप्पी देना नहीं भूलना चाहिए।
'हगीस' के साथ जुड़ी क्लिनिकल साइकोलोजिस्ट प्रेरणा कोहली ने कहा कि आपकी झप्पी में कई भावनात्मक फायदे भी होते हैं। अगर आप अपने बच्चे की नींद के कुछ वक्त बाद तक अपने बेहद करीब रखें और थपथपाएं। यह उनकी नींद के लिए बेहद फायदेमंद है। आपकी झप्पी की गरमाहट उन्हें आराम देती है और इसका उपचारात्मक प्रभाव भी होता है, जो उन्हें बेहतर रूप से सोने में मदद करती है।
बच्चे को अपने सीने से लगाना, पुचकारना उनके स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हो सकता है। इससे उनकी श्वेत रक्त कणिकाएं बढ़ती हैं, जो आपके बच्चों को काफी हद तक बीमारियों से बचाए रख सकती हैं।
अनिलः आपकी प्यार भरी झप्पी आपके बीमार बच्चे को जल्द ठीक होने में भी मदद करती है। यह उनके शरीर से ओक्सिटोसिन को अलग करती है। इसकी सलाह विशेषज्ञ भी देते हैं। जन्म के समय से पूर्व ही पैदा होने वाले बच्चों के परिजनों को भी यह सलाह दी जाती है।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह भी है कि 90 प्रतिशत चिकित्सकों और विशेषज्ञों का मानना है कि एक नवजात शिशु अपनी मां की पहचान उसकी झप्पी से ही करता है। मां के तन की खुशबू और छुअन ही उसे एहसास दिलाती है कि वह अपनी मां की गोद में है। 'हगीस' के एक सर्वेक्षण से यह बात सामने आई है।
दोस्तो, इसी महत्वपूर्ण जानकारी के साथ प्रोग्राम में जानकारी देने का सिलसिला यहीं संपन्न होता है। अब वक्त हो गया है श्रोताओं की टिप्पणी शामिल करने का।
नीलमः पहला पत्र हमें आया है, बकानी खुर्द झालावाड़ राजस्थान से राजेश कुमार मेहरा का। लिखते हैं कि 11 मई के प्रोग्राम में आंध्र प्रदेश की 106वर्षीय मस्तअम्मा का यूट्यूब पर कुकिंग वीडियो के बड़ी संख्या में सब्सक्राइबर होने की जानकारी अच्छी लगी। वहीं दूसरी जानकारी मे निकोलस ग्रीन को गोली लगने तथा अंगदान की बात ज्ञानवर्धक लगी।
जबकि फिल्मी खबर में फिल्म बाहुबली-2 के हिन्दी वर्जन का कलैक्शन 266 करोड़ से अधिक पहुंचने तथा कुल कमाई 1000 करोड़ से ऊपर जाने की बात चौंकाने वाली है। क्योंकि यह फ़िल्म बॉलीवुड नहीं बल्कि टॉलीवुड द्वारा बनायी गयी थी। वहीं हेल्थ टिप्स मे आंवले के औषधीय गुण स्वास्थवर्धक लगे।
बेहतरीन प्रस्तुति के लिये धन्यवाद। राजेश जी हमें पत्र भेजने के लिए शुक्रिया।
अनिलः अगला पत्र भेजा है, दरभंगा बिहार से शंकर प्रसाद शंभू और उनके दोस्तों ने। लिखते हैं कि हमारे क्लब के सदस्य महावीर मुखिया, लाल किशोर मुखिया, अमित कुमार, अर्चना आलोक, अजित कुमार आलोक,अल्पना अलोक, कल्पना अलोक,अर्पणा अलोक, अनिल कुमार, गुप्ता, दीपक कुमार साहू, रविन्द्र कुमार गुप्ता और नरेश कुमार गुप्ता आपका प्रोग्राम सुन रहे हैं।
टी-टाइम के पिछले अंक में आपने बताया कि इंटरनेट की वजह से आंध्र प्रदेश की 106 साल की महिला फ़ेमस हो गई हैं। यूट्यूब पर उनके काम की खूब तारीफ होती है।
वहीं दूसरी जानकारी में सुना कि 29 सितंबर 1994 की रात सात साल के निकोलस ग्रीन को गोली लगी थी. वो दक्षिणी इटली में छुट्टियां बिताने गए थे. उनकी मौत उनके माता-पिता रेग और मैगी के लिए बड़ा सदमा था, लेकिन उन्होंने तय किया कि वो उनके अंगों को दान कर देंगे. उनके इस फ़ैसले के बाद इटली में अंगदान के मामले तीन गुना बढ़े हैं। यह खास रिपोर्ट अच्छी लगी।
नीलमः नीलम जी द्वारा प्रस्तुत बच्चों से जुड़ी जानकारी में नन्हा शिशु अगर ज्यादा समय स्मार्टफोन, टैबलेट और स्क्रीन वाले दूसरे उपकरणों से खेलने में बिताता है, तो उसके बोलने में देरी हो सकती है। यह जानकारी ज्ञानवर्धक एवं बच्चों के प्रति सतर्कता बरतने का संदेश दे गयी।
जबकि हेल्थ संबंधी जानकारी में मुंह में छाले की समस्या के कई कारण बताए गए। जैसे खाने में पोषक तत्त्वों की कमी और खराब जीवनशैली। ऐसे में आंवले से जुड़े घरेलू नुस्खे अपनाकर इसे दूर किया जा सकता है। वास्तव में यह जानकारी भी बहुत अच्छी लगी। जबकि प्रोग्रम में प्रस्तुत जोक्स भी मजेदार लगे।
अनिलः लीजिए अब पेश है आज का तीसरा और आखिरी पत्र। जिसे भेजा है, केसिंगा उड़ीसा से मॉनिटर सुरेश अग्रवाल ने।
लिखते हैं कि कार्यक्रम "टी टाइम" के अन्तर्गत इंटरनेट की वज़ह से मशहूर हुईं आंध्र प्रदेश की 106 वर्षीय मस्तनम्मा के बारे में जान कर सुखद अहसास हुआ कि वह भारत की सबसे बुजुर्ग यूट्यूबर हैं। हम भी यूट्यूब पर उनका कंट्री फ़ूड चैनल अवश्य देखना चाहेंगे। मस्तनम्मा कुकिंग की शौकीन हैं उन्हें खाना बनाना बेहद पसंद है, यह तो अच्छी बात है, परन्तु हैरत इस बात की है कि इस उम्र में भी वह यह सब काम सामान्य ढ़ंग से कर पाती हैं। जानकारियों के क्रम में आगे गत 29 सितंबर 1994 की रात सात साल के निकोलस ग्रीन को दक्षिणी इटली में छुट्टियां बिताते समय लगी गोली से हुई उनकी मौत और उसके बाद उनके माता-पिता रेग और मैगी द्वारा उनके अंगदान करने का फ़ैसला अनुकरणीय लगा। अच्छी बात है कि उनके इस फ़ैसले के बाद इटली में अंगदान के मामले तीन गुना बढ़ गये हैं।
नीलमः वहीं एस.एस.राजमौली की फ़िल्म 'बाहुबली-2' का रिकॉर्ड बनाने का सिलसिला और सप्ताह भर के बाद भी फ़िल्म के कलेक्शन की गति ज़ारी रहना उसकी अभूतपूर्व क़ामयाबी की द्योतक है। ज्यादा समय स्मार्टफोन, टैबलेट और स्क्रीन वाले दूसरे उपकरणों से खेलने वाले बच्चों के बोलने में देरी हो सकने सम्बन्धी शोध वाली जानकारी भी काफी महत्वपूर्ण लगी। माता-पिता और अभिभावकों को निश्चित तौर पर इस ओर ध्यान देना चाहिये।
वहीँ हेल्थ संबंधी एक अन्य जानकारी में मुंह में छाले की समस्या के कारण और सरल घरेलू नुस्खों के ज़रिये उससे निज़ात पाने में आंवले के मुफ़ीद होने सम्बन्धी जानकारी भी उपादेय लगी। यह भी ज्ञात हुआ कि आंवले के रस में संतरे की तुलना में 20 गुना अधिक विटामिन-सी पाया जाता है। आज के कार्यक्रम में भी मेरे ज़ोक्स को स्थान देने तथा फिर एक बेहतरीन प्रस्तुति के लिए हार्दिक धन्यवाद। सुरेश जी हमें पत्र भेजने के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया।
अनिलः श्रोताओं की टिप्पणी यहीं तक। आप सभी का बहुत-बहुत शुक्रिया कि आपने प्रोग्राम के बारे में टिप्पणी भेजी। उम्मीद करते हैं कि आने वाले समय में भी आप हमें पत्र भेजते रहेंगे।
श्रोताओं के पत्रों के बाद दोस्तों, अब बारी है, जोक्स यानी हंसगुल्लों की। आज के प्रोग्राम में भी हम लेकर आएं हैं, तीन जोक्स। उम्मीद है आपको पसंद आएंगे। इसमें भी सुरेश अग्रवाल ने हमें जोक भेजा है।
पहला जोक..
एक बार ट्रेन में 2 लड़कियां सफर कर रही थी।
एक बोली, हे भगवान मेरी शादी किसी करोड़पति से करवा दो।
दूसरी बोली, अगर करोड़पति ना मिला तो?
पहली बोली 50, 50 लाख वाले दो से करवा देना।
दूसरी बोली, अगर वो भी ना मिले तो ?
पहली बोली, 25, 25 लाख वाले 4 करवा देना।
दूसरा जोक..
कॉनवेन्ट स्कूल और सरकारी स्कूल के
बच्चों में क्या अंतर होता है आइये देखते हैं-
चिडिय़ाघर मे कॉनवेन्ट स्कूल के बच्चे- oh !
wow monkey is sleeping, don't disturb.
सरकारी स्कूल के बच्चे ।
हऊ देख बनरा सुत्तल बा, मार ढेला सार के।
तीसरा और अंतिम जोक...
आज बाइक में पेट्रोल डलवाने गया।
वहां देखा कि लोग अपनी बीवी को पेट्रोल-पंब के बाहर मोटरसाइकिल से उतार देते हैं।
मैं सोचने लगा कि ऐसा क्यों...
फिर मेरी नज़र, वहां लगे बोर्ड पे पड़ी...और मैं बहुत हंसा।
लिखा था... आग लगाने वाली चीज़ें दूर रखें...