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    आपका पत्र मिला 2017-04-26
    2017-04-26 09:46:36 cri

    अनिलः आपका पत्र मिला प्रोग्राम सुनने वाले सभी श्रोताओं को अनिल पांडेय का नमस्कार।

    ललिताः सभी श्रोताओं को ललिता का भी प्यार भरा नमस्कार।

    अनिलः दोस्तो, आज के प्रोग्राम में भी हम हमेशा की तरह श्रोताओं के ई-मेल और पत्र पढ़ेंगे। लीजिए पेश है श्रोताओं के पत्र। पहला पत्र हमें आया है बाड़मेर राजस्थान से कृपाराम कागा का। लिखते हैं कि नमस्ते, मैं चाइना रेडियो इंटरनैशनल की हिन्दी सेवा का बहुत पुराना श्रोता हूं। सीआरआई हिन्दी के समाचार और श्रोताओं के पत्रों के जवाब पर आधारित "आपका पत्र मिला" कार्यक्रम मुझे बहुत पंसद आता हैं। मैंने पिछली बार आपको पत्र लिखा था, जिसे आपने अपने कार्यक्रम में शामिल किया, जिसके लिए मैं सीआरआई का आभारी हूं। आपने ज्ञान- प्रतियोगता के बारे में बताया, मगर खेद की बात है कि मैं रेडियो प्रोग्राम पर नहीं सुन पाता हूं, वेबसाइट पर प्रोग्राम अक्सर पढ़ता रहता हूं। मगर 12-13 महीने से वेबसाइट पर कोई प्रतियोगता नहीं देखी। जी हां हाल ही में सीआरआई हिन्दी द्वारा आयोजित "एक पट्टी एक मार्ग" के बारे में वैश्विक ज्ञान प्रतियोगिता देखी हैं। बहुत बढ़िया हैं, इस प्रतियोगता में हम जरूर भाग लेगे। धन्यवाद।

    कृपाराम कागा जी हमें ई-मेल भेजने के लिए आपका शुक्रिया। जब भी सीआरआई प्रतियोगिता का आयोजन करता है, हम रेडियो और वेबसाइट दोनों पर श्रोताओं को इसकी सूचना देते हैं। आप लगातार वेबसाइट देखते रहें और प्रोग्राम सुनें। इस बार की "एक पट्टी एक मार्ग" प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए आपका स्वागत है। आशा है कि अधिक से अधिक श्रोता इसमें हिस्सा ले पाएंगे।

    ललिताः अगला पत्र हमें आया है केसिंगा ओड़िशा से मॉनिटर सुरेश अग्रवाल का। लिखते हैं कि 17 अप्रैल को पेश साप्ताहिक "अतुल्य चीन" में बतलाया गया कि चीन की एक गरीब काउंटी में कैसे पर्यटन विकास के ज़रिये लोगों में समृध्दि आयी। यह जान कर अच्छा लगा कि याओ जाति के गाँव में प्रवेश करते ही वहां की महिलाएं पारम्परिक नृत्य-गान के ज़रिये पर्यटकों का स्वागत करती हैं। इसके अलावा चन्द्र पंचांग के अनुसार जून माह की छह तारीख़ को याओ जाति के वस्त्र घर से बाहर निकाल कर सुखाये जाते हैं। वहां की सीढ़ीनुमा खेती पर दी गयी जानकारी भी अनूठी लगी। कार्यक्रम में दी गयीं पर्यटन से जुड़ी अन्य ख़बरें भी काफी महत्वपूर्ण लगीं।

    अनिलः सुरेश ने आगे लिखा है कि कार्यक्रम "चीन-भारत आवाज़" के अन्तर्गत पेइचिंग में आयोजित चीन-भारत इंटरनेट सम्मेलन में भाग लेने आए अश्विनी जैन से की गयी बातचीत अत्यन्त महत्वपूर्ण लगी। जैन ने विभिन्न क्षेत्रों में चीन-भारत के बीच संभावनाओं का ज़िक्र किया और दोनों देशों के बीच समझ बढ़ाने भाषा-समस्या को एक बड़ी रुकावट बतलाया, जो कि सही प्रतीत हुआ।

    कार्यक्रम "आर्थिक जगत" में आगामी मई में पेइचिंग में आयोजित "एक पट्टी एक मार्ग" पर अंतरराष्ट्रीय सहयोग शिखर सम्मेलन और उस पर अफ़्रीक़ी देश मेडागास्कर के राष्ट्रपति हैरी के विचारों की चर्चा किया जाना अहम् लगा। धन्यवाद् इस विशेष प्रस्तुति के लिए।

    वहीं साप्ताहिक "नमस्कार चाइना" प्रोग्राम में हमने सुना सातवें अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्मोत्सव में भाग लेने गये अभिनेता आमिर ख़ान और उनकी बहुचर्चित फ़िल्म "दंगल" के प्रमोशन के बारे में, जिसे सुनकर स्पष्ट हो गया कि आमिर और उनकी फ़िल्में चीन में कितनी लोकप्रिय हैं। हरियाणवी पृष्ठभूमि से होने के कारण मुझे "दंगल" की कथावस्तु बहुत अच्छी लगी। आमिर पहले कहते तो मैं उनकी इस फ़िल्म में कोई अच्छा रोल अवश्य निभाता। ख़ैर, उन तक मेरा यह सन्देश अवश्य पहुँचा दीजियेगा कि वह अगली बार ऐसी ग़लती न करें और मुझे अवश्य ही रोल करने का मौक़ा दें, ताकि उनकी फ़िल्म सब से हिट हो सके !

    कार्यक्रम में आगे 'महानायकों का चीन' के तहत युआन राजवंशकाल में हुये चीन के महान नाटककार, जिन्हें पूर्व का शेक्सपियर भी कहा जाता है, क्वान हानछिंग के जीवन पर दी गयी जानकारी महत्वपूर्ण लगी। यह जान कर दुःख हुआ कि उन द्वारा लिखे गये कुल 67 नाटकों में से महज़ 18 ही बच पाए हैं। जबकि चीन की पांच शीर्ष सुर्ख़ियों में -यांगगून चीन से ख़रीदेगा एक हज़ार विशेष बसें; चीन के श्रेष्ठ विश्वविद्यालय वर्ष 2017 में ग़रीब और ग्रामीण क्षेत्रों के और अधिक छात्रों को देंगे दाख़िला; शांगहाई में बीते शनिवार को तापमान 31.8 डिग्री सेल्सियस रहा, जो कि विगत 120 वर्षों का सर्वाधिक है; पेइचिंग में सातवां अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्मोत्सव उद्घाटित और चीनी बॉक्स ऑफ़िस पर हॉलीवुड फ़िल्म ने गाड़े झण्डे, आदि समाचार अहम् लगे। धन्यवाद् अच्छी प्रस्तुति हेतु।

    कार्यक्रम "चीनी कहानी" के अन्तर्गत होस्ट लीला भट्ट द्वारा आज पेश 'लोहे के डण्डे को सूई का रूप देना', 'बेमतलब का तर्क़-वितर्क' और 'सौ कदम पर व्यंग' आदि तीनों नीति-कथाएं बेहद प्रेरक लगीं, परन्तु कहानियों का बार-बार दोहराया जाना समय की बर्बादी जैसा लगा। आशा है कि इस पर ग़ौर फ़रमाएंगे। धन्यवाद्।

    ललिताः सुरेश जी लिखते हैं कि 19 अप्रैल को पेश साप्ताहिक "विश्व का आइना" के तहत दस से ग्यारह अप्रैल तक पेइचिंग में आयोजित 24वें बुनियादी चार देशों के जलवायु परिवर्तन मंत्री स्तरीय सम्मेलन पर प्रस्तुत रिपोर्ट काफी महत्वपूर्ण लगी। यह बेसिक चार विकासशील देश चीन, भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका द्वारा स्थापित एक बहुपक्षीय प्रणाली है। वर्ष 2009 में स्थापना के बाद बेसिक चार देशों ने जलवायु परिवर्तन की बहुपक्षीय प्रक्रिया को आगे बढ़ाने और विकासशील देशों की एकता और समान कल्याण की रक्षा करने में अहम भूमिका अदा की। इसके साथ ही पेरिस समझौते को समय पूर्व प्रभावी बनाने के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

    अनिलः कार्यक्रम में आगे चीन के बाद भारत सोने का सब से बड़ा ख़रीददार होने और वर्तमान में भारत के पास लगभग बीस हज़ार टन स्वर्ण-भण्डार होने सम्बन्धी रिपोर्ट सुनी, अहम लगी। यह बात बिलकुल सही लगी कि भारत में बैंकों में ज़मा करने के बजाय सोने और रीयल एस्टेट में निवेश करने की लम्बी परम्परा रही है, परन्तु गत नवम्बर 2016 में भारत में नोटबंदी के बाद इसमें परिवर्तन आने की सम्भावना है। भारत में सोने की लोकप्रियता के तमाम पहलुओं की चर्चा के साथ पेश इस रिपोर्ट के लिये हार्दिक धन्यवाद्।

    वहीं साप्ताहिक "आपका पत्र मिला" के तहत मेरे पत्रों को समुचित स्थान दिये जाने पर महसूस हुआ कि मेरी रोज़ाना की मेहनत बेकार नहीं जाती। फिर भी मैं चाहूँगा कि पत्रोत्तर में अन्य पत्रों की संख्या बढ़ाने का भी प्रयास किया जाये। धन्यवाद्।

    सुरेश अग्रवाल जी, हमें टिप्पणी भेजने के लिए आपका बेहद शुक्रिया। आपकी प्रक्रिया हमारे लिए बहुत जरूरी होती है। आशा है कि आप आगे भी हमारा समर्थन जारी रखेंगे। हम यह भी आशा करते हैं कि अधिक से अधिक श्रोता हमें ई-मेल और पत्र भेजते रहेंगे, ताकि हमारे इस कार्यक्रम में और अधिक श्रोताओं के पत्र शामिल हो सके। धन्यवाद।

    ललिताः सुरेश ने आगे लिखा है कि "बाल-महिला स्पेशल" कार्यक्रम भी हमने ध्यानपूर्वक सुना, जिसके तहत भारत के मध्यप्रदेश में कुपोषण की गम्भीर समस्या पर ज़ावेद अज़ीज़ का लेख सुनाया गया। वास्तव में, यदि ऐसा है, तो स्थिति को भयावह कहा जायेगा। आश्चर्य की बात यह है कि स्थानीय मीडिया में इसका कहीं ज़िक्र नहीं है। आपने कुपोषण के कारण मरने वाले सुरेश नामक बच्चे की घटना के साथ यह भी बतलाया कि सामान्यतः जन्म के समय बच्चे का वज़न दस किलोग्राम होना चाहिये। यदि मैंने ठीक सुना है, तो यह जानकारी दुरुस्त नहीं है, क्यों कि आम तौर पर जन्म के समय एक स्वस्थ बच्चे का वज़न चार किलोग्राम से अधिक नहीं होता। बहरहाल, मध्यप्रदेश की बदहाल स्वास्थ्य सेवा से आगाह कराने के लिये शुक्रिया।

    वहीं 21 अप्रैल को सीआरआई हिन्दी वेबपेज पर चीन के पहले कार्गो अंतरिक्ष यान थ्येनचो-1 के सफल प्रक्षेपण पर पोस्ट रिपोर्ट काफी अहम लगी, क्यों कि यह अन्तरिक्ष के क्षेत्र में चीन को मिली एक और सफलता है। मैं भारत और चीन, दोनों देशों की इस तरह की उपलब्धि पर समान रूप से प्रसन्नता महसूस करता हूँ। वास्तव में, थ्येनचो-1 कक्षा में उड़ रहे थ्येन कोंग 2 परीक्षात्मक स्टेशन के लिए ईंधन समेत सामानों की आपूर्ति करेगा और सिलसिलेवार वैज्ञानिक और तकनीकी जांच करेगा, जो कि चीनी स्पेस स्टेशन के निर्माण के लिए एक मजबूत आधार तैयार करेगा। हम इसकी सफलता की कामना करते हैं।

    वेबसाइट पर पोस्ट एक अन्य लेख में चीन की राजधानी पेइंचिंग में आयोजित "पेइचिंग अंतर्राष्ट्रीय पतंग महोत्सव-2017" और "पेइचिंग-थियनचिन-हपेई पतंग आदान-प्रदान गतिविधि" पर दी गई जानकारी भी आकर्षक लगी। महोत्सव में भिन्न-भिन्न आकार की पतंगे देखी गईं। छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी पतंगों ने सभी दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया। वहां मौजूद पतंगबाजों ने बताया कि कुछ पतंगों को तैयार करने में 1-2 साल का समय लग जाता है। यह जान कर काफी आश्चर्य भी हुआ।

    रिपोर्ट पढ़ कर ज्ञात हुआ कि चीन में पतंग उड़ाना बहुत लोकप्रिय है। राजधानी पेइचिंग के अलावा थ्येनचिन, शानतुंग और च्यांगसू प्रांत में पतंग उड़ाना बहुत लोकप्रिय है। चीन में पतंग का इतिहास हजारों वर्ष पुराना है, जब कि राजधानी पेइचिंग में भी पतंग का इतिहास कोई 300 साल पुराना है। धन्यवाद् इतनी सूचनाप्रद जानकारी साझा करने के लिये।

    सुरेश जी ने आगे लिखा है कि साप्ताहिक "आपकी पसन्द" का भी हमने पूरा मज़ा लिया। श्रोताओं के पसन्दीदा फ़िल्मों के छह सदाबाहर गानों के साथ दी गयी तमाम जानकारी अत्यन्त रोचक और ज्ञानवर्द्धक लगी। पसंदीदा नग़मों के अलावा कार्यक्रम के बीच में सुनाया गया -अरे हुस्न चला कुछ ऐसी चाल....गाने का मुखड़ा मुझे बहुत पसन्द आया। आपसे ग़ुज़ारिश है कि कृपया आगामी अंक में यह पूरा गाना मेरी पसन्द पर सुनवाने का कष्ट करें। धन्यवाद्।

    कार्यक्रम "सन्डे की मस्ती" की शुरुआत में अमेरिका से चीन घूमने गयीं श्रीमती नेहा शर्मा से अखिल पाराशर द्वारा की गई बातचीत काफी अच्छी लगी। यह जान कर आश्चर्य हुआ कि उन्हें चीन में शाकाहारी भोजन प्राप्त करने में कोई परेशानी नहीं हुई, बल्कि एक लामा टेम्पल में तो उन्हें केवल शुध्द शाकाहारी भोजन ही मिला। उन्होंने अमेरिका के पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम को चीन के मुक़ाबले भ्रामक बतलाया और शांगहाई स्थित डिज़्नीलैण्ड और चीन की मोबाइक की प्रशंसा की।

    अज़ीबोग़रीब और चटपटी बातों के क्रम में चीन के आनहोए प्रान्त में एक चिकित्सक द्वारा लगातार 28 घण्टे पांच मरीज़ों का ऑपरेशन किया जाना और फिर थक कर फ़र्श पर ही सो जाने का वाक़या हृदयस्पर्शी लगा। ऐसे कर्त्तव्यपरायण डॉक्टर को मेरा सैल्यूट ! वहीं तिब्बत की एक काउन्टी में खुदाई के दौरान 18 सौ से 27 सौ साल पहले दफ़नाए गये शव के साथ मिले कपड़ों का समाचार पुरातात्विक दृष्टि से काफी अहम् कहा जायेगा। चीन में डॉक्टरों द्वारा मरीज़ के हाथ पर कान उगा कर प्रत्यारोपित किये जाने का समाचार नया नहीं है, इस कारनामे का समाचार सीआरआई पर एक साल पहले भी प्रसारित हो चुका है। कार्यक्रम में आगे अखिलजी द्वारा पेश 'सबसे शक्तिशाली वस्तु' शीर्षक प्रेरक कहानी वास्तव में शिक्षाप्रद लगी। सच ही तो है, वाणी से बढ़ कर बलिष्ठ कुछ भी नहीं है। आज के मनोरंजन खण्ड में इस शुक्रवार रिलीज़ हुई हिन्दी फ़िल्म "नूर" के कथानक की चर्चा के साथ उसका प्रोमो सुनवाया जाना रुचिकर लगा। जब कि आज के अंक में मेरे ज़ोक्स को इज़्ज़त बख़्शने के लिये मैं तहेदिल से आपका शुक्रगुज़ार हूँ। धन्यवाद् फिर एक बेहतरीन प्रस्तुति के लिये।

    सुरेश अग्रवाल जी, हमें इतना लंबा पत्र भेजने के लिए आपका बहुत धन्यवाद। आशा है आप आगे भी हमारा समर्थन करते रहेंगे।

    ललिताः अगला पत्र हमें आया है दरभंगा बिहार से शंकर प्रसाद शंभू का। उन्होंने लिखा है कि हमारे क्लब के सभी सदस्य आपके द्वारा प्रसारित सभी कार्यक्रम सुनते आ रहे हैं ! लिखते हैं कि 15 अप्रैल 2017 को प्रसारित कार्यक्रम आपकी पसंद में हिंदी फ़िल्मी गीत आनंद पूर्वक सुनते हुए हमलोग खूब मजा लिए !

    कार्यक्रम सन्डे की मस्ती में चीनी अलंपसंख्यक जाति याओ जाति का लोक गीत "तितली का गीत" कर्ण प्रिय एवं मधुर था ! अजीबोगरीब बातों के सेगमेंट में अखिल जी से सबसे महंगा स्कूल, सालाना फीस 1 करोड 35 लाख ! महंगाई के इस दौर में बढ़ते हुए खर्चो को देखकर जीना मुश्किल हो गया है। आज कल शहरों में बच्चों की पढ़ाई के लिए भी मोटी रकम खर्च करनी पड़ती है। भारतीय माता-पिता भले ही स्कूलों की बढ़ती फीस को लेकर चिंतित रहते हैं लेकिन दुनिया के कुछ स्कूल ऐसे भी हैं - स्विट्जरलैंड में इंटरनेशनल बोर्डिंग स्कूल इंस्टीट्यूट ऑफ ले रोजे के नाम से मशहूर इस संस्थान में एक छात्र का सालाना खर्च करीब 1 करोड 35 लाख रूपए से भी ज्यादा है। हमलोगों को चौंक आया !

    कार्यक्रम में आगे सपना जी से न्यूयॉर्क की एक फर्म ने उलटे 'यू' आकार की इमारत बनाने का प्रस्ताव रखा है। ओइयो स्टूडियो नामक इस फर्म का दावा है कि यह दुनिया की सबसे लंबी इमारत होगी। इसका नाम 'द बिग बेंड' होगा। इसकी लंबाई चार हजार फीट होगी। इस टावर को अगर फैला दिया जाए तो यह विश्व की सबसे ऊंची बुर्ज खलीफा, न्यूयॉर्क के वन व‌र्ल्ड ट्रेड सेंटर सहित दुनिया की कुछ सबसे ऊंची इमारतों से लंबाई में लगभग दोगुनी होगी। फिलहाल इस इमारत के डिजाइन का ही खुलासा किया गया है। यह खास रिपोर्ट अच्छी लगी ! एक बेहतरीन प्रोग्राम पेश करने के लिए फिर से धन्यवाद।

    शंभू जी, हमें ई-मेल भेजने के लिए आपका बहुत धन्यवाद। आशा है आप निरंतर हमें पत्र भेजते रहेंगे। शुक्रिया।

    अनिलः दोस्तो, इसी के साथ आपका पत्र मिला प्रोग्राम यही संपन्न होता है। अगर आपके पास कोई सुझाव या टिप्पणी हो तो हमें जरूर भेजें, हमें आपके खतों का इंतजार रहेगा। इसी उम्मीद के साथ कि अगले हफ्ते इसी दिन इसी वक्त आपसे फिर मुलाकात होगी। तब तक के लिए अनिल पांडेय और ललिता को दीजिए इजाजत, नमस्कार।

    ललिताः बाय-बाय।

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