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टी-टाइम
अनिलः टी-टाइम के नए अंक के साथ हम फिर आ गए हैं,आपका मनोरंजन करने। जी हांआपके साथ चटपटी बातें करेंगे और चाय की चुस्कियों के साथ लेंगे गानों का मजा 25 मिनट के इस प्रोग्राम में। इसके साथ ही प्रोग्राम में श्रोताओं की प्रतिक्रियाएं भी होंगी शामिल। तो जल्दी से हो जाइए तैयार।
लीजिए प्रोग्राम की शुरुआत करते हैं।
अनिलः दोस्तो, आपने कई घटनाएं सुनी होंगी, पंखे से लटककर खुदकुशी करने वालों की। लेकिन अब ऐसा करने पर भी लोगों की जान बच जाएगी।
मुंबई के एक मैकेनिकल इंजीनयर ने ऐसी एंटी सुसाइड फैन रॉड बनाई है जो खुदकुशी को नाकाम कर देती है। शरद अशानी एक कंपनी से रिटायर हो चुके मैकेनिकल इंजीनियर हैं और वे मुंबई के मुलुंड क्षेत्र में रहते हैं। शरद अशानी बताते हैं कि साल 2004 में उन्होंने जब मॉडल नफीसा जोसफ की पंखे से लटककर खुदकुशी की खबर पढ़ी, तभी मन में आया था कि ऐसा कुछ करें कि पंखे से कोई खुदकुशी न कर पाए। इसके बाद से उन्होंने अपने आइडिया पर काम करना शुरू किया। शरद के अनुसार, पंखे को छत से लटकाने के लिए जिस सामान्य रॉड का इस्तेमाल होता है, उन्होंने उसमें फेरबदल किया।
उन्होंने सामान्य रॉड के बजाय एक ऐसी रॉड बनाई है जो दो हिस्सों में है। उसके बीच में एक मजबूत स्प्रिंग कुछ इस तरह फिट की गई है कि दोनों टुकड़े मिलकर बिल्कुल एक रॉड बन गए हैं।
एक पंखा अमूमन 6 किलो का होता है, जबकि इसमें लगी स्प्रिंग उसका तीन गुना यानी करीब 18 किलो भार सहन कर सकती है। मतलब यह कि आमतौर पर यह विशेष रॉड सामान्य रॉड की तरह काम करती है, लेकिन जैसे ही उस पर 20 किलो से ज्यादा का वजन पड़ता है, यानी कोई उससे लटककर खुदकुशी की कोशिश करता है तो वह बीच से दो हिस्सों में बंट जाती है। रॉड के बीच में लगी स्प्रिंग के जरिए पंखा अपनी जगह से काफी नीचे आ जाता है और खुदकुशी करने वाले के सिर में भी नहीं लगता, क्योंकि स्प्रिंग उसे ऊपर वाले हिस्से से जोड़े रखती है। इसी तरह बिजली का तार उसके अंदर कैप लगाकर जोड़ा गया है, जिससे तार टूटने के बाद अगर कोई गलती से पंखे का बटन दबा दे तो करंट भी न लगे।
शरद के मुताबिक, एंटी सुसाइड फैन रॉड इस बात को ध्यान में रखकर बनाया गया है कि सभी तरह के सीलिंग फैन में लग सके। शरद इस अनोखे आविष्कार को पेटेंट करवा चुके हैं। उन्होंने इसे गोल्ड लाइफ नाम दिया है।
शरद के मुताबिक अभी वे इसे प्रायोगिक तौर पर ही बना रहे हैं, इसलिए इसकी कीमत 150 से 200 रुपये तक है। बड़े पैमाने पर उत्पादन होने के बाद कीमत घट सकती है।
एक अनुमान के मुताबिक देश में सालाना करीब 60 हजार के लोग खुदकुशी करते हैं। इनमें सबसे ज्यादा संख्या अपने घर में पंखे से लटककर खुदकुशी करने वालों की होती है।
नीलमः भारत सहित दक्षिण-पूर्व एशिया के कुछ अन्य देशों में पाया जाने वाला सरबेरा ओडोलम पेड़ इतना ज़हरीला होता है कि कई बार इसका इस्तेमाल जान लेने के लिए किया जाता है। यह पेड़ दिखने में जितना सुन्दर और आकर्षित है उतना ही खतरनाक होता है।
विश्व में अन्य जहरीले पेड के मुकाबले सरबेरा ओडोलम अधिक जहरीला है। सरबेरा ओडोलम के बीज में सरबेरीन नामक तत्व पाया जाता है जो विषैला होता है। इसकी कम मात्रा भी शरीर के अंदर चली जाए तो कुछ मिनटों में ही पेट और सिरदर्द, उल्टियां, अनियमित धडक़न और डायरिया जैसी समस्याएं शुरू हो जाती हैं। यह पेड़ इतना खतरनाक है कि कोबरा और जहरीले सांप भी इसके आगे फेल हैं।
दरअसल, इस पेड़ के फल के बारे में लोगों का कहना है कि अगर कोई इसे खा ले तो जांचकर्ताओं के लिए यह जानना मुश्किल हो जाएगा कि युवक की मौत कैसे हुई? कुछ लोग इसे गलती से खा लेते हैं तो कुछ इसे एक हथियार के रूप में प्रयोग करते हैं। भारत में इसे 'सुसाइड पेड़' के नाम से जाना जाता है।
अनिलः अब बात करते हैं तकनीक की। यूट्यूब के लाखों निर्माताओं के लिए इसके लिए वीडियो बनाना न सिर्फ रचनात्मक काम है, बल्कि आय का एक जरिया भी है। लेकिन अब यूट्यूब के वीडियो निर्माता तब तक कमाई नहीं कर पाएंगे, जब तक उनका चैनल 10,000 व्यूज हासिल न कर ले।
यूट्यूब ने अपनी 'यूट्यूब पार्टनर कार्यक्रम (वाईपीपी)' में बदलाव किया है, जिसे साल 2007 में शुरू किया गया था। यूट्यूब पर कोई भी व्यक्ति अपना वीडियो अपलोड कर सकता है और उसके वीडियो के साथ विज्ञापन दिखाए जाते हैं, जिसकी कमाई का हिस्सा वीडियो निर्माता को भी यूट्यूब देती है। लेकिन अब किसी वीडियो के 10,000 व्यूज से ज्यादा होने पर ही यट्यूब उसके निर्माता को कमाई का हिस्सा देगी।
यूट्यूब ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा कि हम वाईपीपी वीडियो पर तब तक विज्ञापन जारी नहीं करेंगे, जब तक उसे 10,000 व्यूज नहीं मिल जाते। यह नई शुरुआत हमें चैनल की वैधता निर्धारित करने के लिए पर्यापत समय देगा।
साथ ही इससे हमें यह पुष्टि करने में भी मदद मिलेगी कि चैनल हमारे दिशानिर्देशों और विज्ञापनकर्ताओं की नीतियों के अनुरूप हैं कि नहीं। पोस्ट में आगे कहा गया कि 10,000 व्यूज पार होने के बाद निर्माताओं को उनके 10,000 व्यूज तक की कमाई का भी हिस्सा दिया जाएगा।
उधर, अमरीका की यूनाइटेड एयरलाइंस में सीटों से ज़्यादा बुकिंग की आम समस्या ने आख़िरकार बीते रविवार को एक अजीब स्थिति पैदा कर दी.एशियाई मूल के डॉक्टर बताए जाने वाले एक व्यक्ति को एयरलाइंस से स्टफ़ ने सीट से घसीट कर विमान से उतार दिया.यह समस्या तब पैदा हुई जब अंतिम समय में कंपनी के चार क्रू मेंबर्स को ले जाना तय हुआ और उनके लिए जगह बनाने की ज़रूरत पड़ी.जिन चार लोगों को उतारने के लिए चुनाव हुआ उसमें एक दंपत्ति ने ऑफ़र स्वीकार कर लिया. तीसरी यात्री भी राज़ी हो गई, जो 'एशियाई डॉक्टर' की पत्नी बताई जाती हैं। लेकिन चौथे यात्री- 'एशियाई मूल के डॉक्टर' ने ये कहते हुए विमान से उतरने से मना कर दिया कि वो डॉक्टर हैं और सुबह उन्हें मरीज़ों को देखने जाना है। अमरीका में उड़ानों में ओवरबुकिंग की हमेशा समस्या होती है. खाली सीटें एयरलाइंस के लिए घाटे का सौदा होती हैं. इसलिए अपनी यात्रा रद्द कराने वाले संभावित यात्रियों की भरपाई के लिए एयरलाइन कंपनी सीटों से अधिक टिकट बुक कर लेती है।जब उड़ान के समय सीटों से अधिक यात्री हो जाते हैं तो यात्रियों को दूसरी उड़ान में जाने के लिए कई लुभावने प्रस्ताव, वाउचर आदि दिए जाते हैं। यूनाइटेड एयरलाइंस ने इसके लिए सबसे पहले 400 डॉलर (क़रीब 25 हज़ार रुपये ) का ऑफ़र किया, इसके अलावा होटल में एक रात रुकने और दूसरे दिन दोपहर बाद की उड़ान में जगह देने का भी वादा किया गया था. लेकिन कोई तैयार नहीं हुआ.एयरलाइन की ओर से ऑफ़र को बढ़ाकर 800 डॉलर (क़रीब 50 हज़ार रुपये) किए जाने के बाद भी जब कोई तैयार नहीं हुआ तो एक मैनेजर विमान में आया और विमान से उतारने के लिए चार लोगों को चुने जाने की बात कही.तकनीकी तौर पर यूनाइटेड एयरलाइंस के पास ये अधिकार है कि विमान से उतरने से इनकार करने वाले किसी भी यात्री को वह ज़बरदस्ती उतार दे. ये विमान सेवा की गाइडलाइंस का हिस्सा होता है.उतारे जाने वाले यात्रियों के चुनाव में कई बातों का ध्यान रखा जाता है. जैसे नियमित यात्रियों और अधिक दाम देकर टिकट ख़रीदने वालों को विमान में बैठने की प्राथमिकता दी जाती है.तीसरे विकल्प के तौर पर यूनाइटेड एयरलाइंस ऑफ़र को बढ़ाकर 1,350 डॉलर (क़रीब 87 हज़ार रुपये) कर सकती थी, लेकिन इस मामले में इस विकल्प का इस्तेमाल किया ही नहीं गया.
नीलमः अब समय हो गया है हेल्थ टिप्स का।
आपने सुना होगा कि चॉकलेट खाना सेहत के लिए नुकसानदायक है, पर डार्क चॉकलेट से आपको सेहत संबंधित कई फायदे होते हैं। इसमें शुगर कम और कोको ज्यादा होती है। यह आपके दिमाग के लिए काफी फायदेमंद है।
डार्क चॉकलेट में ट्रिप्टोफैन होता है। यह एक प्रकार अमीनो एसिड है, जो शरीर में सेरोटोनिन (फील गुड हार्मोन) और एंडोर्फिन को रिलीज करने में मदद करता है। इससे आपका मूड काफी हद तक प्रभावित होता है। आपको ज्यादा काम करने के लिए प्रोत्साहन मिलता है।डार्क चॉकेलट में फ्लेवोनॉइड पाया जाता है। यह दिमाग में रक्त के प्रवाह को बढ़ाने में मदद करता है। जैसे-जैसे दिमाग में ज्यादा रक्त पहुंचेगा, वैसे-वैसे यह तेजी से काम करेगा। इससे शॉर्ट टर्म मेमोरी और फोकस बढ़ेगा।
एंटीऑक्सीडेंट्स ब्रेन पावर के लिए काफी उपयोगी हैं। बिना जुड़े हुए ऑक्सीजन कण, जिन्हें फ्री रेडिकल्स भी कहा जाता है, को नियंत्रित करके ये दिमाग की पावर बढ़ाते हैं। डार्क चॉकलेट में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं। डार्क चॉकलेट में मैग्नीशियम होता है, जो तनाव कम करने में मदद करता है। यह स्टे्रस हार्मोन कोर्टिसोल को कम करने में मदद करता है। ज्यादा कार्टिसोल की वजह से ही आप फोकस नहीं कर पाती और दबाव महसूस करती हैं।
एक शोध से पता चला है कि यह ब्लड-प्रेशर को कम करता है। चॉकलेट के सेवन से दिल से जुड़ी बीमारियों के होने का खतरा कम हो जाता है। वैज्ञानिकों के अनुसार चॉकलेट में मौजूद कोको फ्लैवनॉल एंटी एजिंग का काम करता है। नियमित रूप से चॉकलेट खाते हैं, उनका बॉडी मास इंडेक्स चॉकलेट न खाने वालों की तुलना में कम रहता है। कैलि फोर्निया के सैन डिएगो विश्वविद्यालय की एक स्टडी में ये सामने आया।
अनिलः दोस्तो गर्मी में दही को अलग-अलग रूप में और तरीके से खाया जाए तो स्वाद के साथ इसके पौष्टिक तत्त्वों में भी बढ़ोत्तरी होती है। गर्मी में दही के कई विकल्प उपलब्ध हैं जिसमें छाछ, रायता और लस्सी खास हैं। इनमें फल व सब्जी को मिला दिया जाए तो इसके गुणों में और भी वृद्धि हो जाती है। फ्रूट दही : इस मौसम में अंगूर, सेब, अनार के दानें, पपीता, खरबूजा, केला जैसे फलों को छोटे टुकड़ों में काटकर गाढ़े दही में मिलाएं। फ्रिज में ठंडा करने के बाद खाने से शरीर का तापमान सामान्य बना रहता है। वेजीटेबल दही : लौकी, तुरई, खीरा, टमाटर आदि को उबालकर या कच्चा ही छोटे-छोटे टुकड़े में काटकर थोड़े पानी मिले दही में मिलाकर खाने से शरीर को तुरंत ऊर्जा मिलने के साथ मिनरल-विटामिन की पूर्ति होती है।बूंदी-दही रायता : भुना व पिसा जीरा और पुदीना मिले दही या इससे बनी छाछ में नमकीन बूंदी को मिलाकर खाने से पाचन के साथ स्वाद भी बढ़ जाता है। ठंडी दही लस्सी : गाढ़े दही से बनाई गई लस्सी बच्चों को काफी पसंद आती है। ध्यान रखें कि इसमें मीठा सीमित मात्रा से ज्यादा न हो।
दोस्तो, इसी के साथ आज के कार्यक्रम में जानकारी देने का सिलसिला यहीं संपन्न होता है।
अब वक्त हो गया है, श्रोताओं की टिप्पणी का।
नीलमः पहला पत्र हमें आया है, केसिंगा उड़ीसा से सुरेश अग्रवाल का। लिखते हैं कि "टी टाइम" का आगाज़ पेकिंग विश्वविद्यालय में हिंदी का अध्ययन कर रहे चीनी छात्रों और उनके प्रोफेसर के.एन. तिवारी के साथ बातचीत से किया जाना अत्यन्त रुचिकर लगा। चीनी छात्रा सुजाता का महाभारत पढ़ना और भगवदगीता का श्लोक सुनाया जाना मन को भा गया। इसी प्रकार सौम्या, दिव्या, अनामिका और छात्र राहुल का हिन्दी-प्रेम भी मन को आह्लादित कर गया। जानकारियों के क्रम में इंग्लैंड की लीसेस्टर यूनिवर्सिटी में 14 साल के मुस्लिम किशोर का गणित का प्रोफेसर बनना भारतीय उपमहाद्वीप के लिये गर्व और गौरव का विषय है। भले याशा एस्ले का लीसेस्टर यूनिवर्सिटी ने अतिथि शिक्षक के रूप में चयन किया है, यह सम्मान उनके लिये बहुत बड़ा है। इतनी असाधारण प्रतिभा भगवान की देन के बिना सम्भव नहीं। मुंबई के वर्ली स्थित समुद्र के भीतर एक छोटे से टापू पर 19वीं सदी में बनी दरगाह सम्बन्धी जानकारी भी कम रुचिकर नहीं। यह जान कर और भी अच्छा लगा कि अरब सागर में जमीन से 500 गज दूर समुद्र में स्थित यह दरगाह मुस्लिम और हिन्दू ही नहीं, बल्कि अन्य धर्मों के लोगों के लिए भी समान रूप से आस्था और विश्वास का केंद्र है। कार्यक्रम में दी गई यह ख़बर वास्तव में बेहद चौकाने वाली है कि वैज्ञानिकों को ऐसी एक लड़की का शव मिला है जिसकी मौत 500 साल पहले हो चुकी है, लेकिन उसके शरीर से अभी भी खून निकल रहा है। वहीं अमरीका की कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं की टीम द्वारा इस बात का खुलासा किया जाना कि अभी तक हम मस्तिष्क की जितनी क्षमता के बारे में सोचते थे, उसकी क्षमता उससे तकरीबन 10 गुना ज्यादा होती है, अभी इसे एक अटकल ही कहा जायेगा, क्यों कि वैज्ञानिक अपनी बात से अक़सर पलटी मार जाते हैं। कार्यक्रम में पहले से अधिक संख्या में श्रोताओं के पत्रों को स्थान दिया जाना एक अच्छा शगुन कहा जायेगा। वहीँ आज के कार्यक्रम में पेश तीनों ज़ोक्स भी काफी उम्दा लगे। धन्यवाद् फिर एक अच्छी प्रस्तुति के लिये।
अनिलः वहीं झालावाड़ राजस्थान से राजेश कुमार मेहरा ने भी पत्र भेजा है। लिखते हैं कि हमेशा की तरह आज का टी-टाइम भी अच्छा लगा। प्रोग्राम में पेइचिंग विश्वविद्यालय में हिंदी की पढ़ाई कर रहे चीनी छात्रों और प्रोफेसर के साथ इंटरव्यू सुनवाया गया। यह जानकर अच्छा लगा कि चीन में हिंदी सीखने वालों की संख्या बढ़ रही है। वहीं कार्यक्रम में पेश अन्य जानकारी भी अच्छी लगी। विशेषकर इंग्लैंड के एक विश्वविद्यालय में 14 वर्षीय छात्र के गणितीय ज्ञान के बारे में सुनकर आश्चर्य हुआ। वाकई में वह बच्चा बहुत ही प्रतिभावान है। इस तरह के बच्चों को प्रोत्साहन देने की जरूरत होती है।
अनिलः वहीं पश्चिम बंगाल से मॉनिटर रविशंकर बसु ने भी प्रोग्राम के बारे में टिप्पणी की है। लिखते हैं चीन में हिंदी सीख रहे छात्रों का इंटरव्यू सुना। यह जानकर मन खुश हुआ कि हिंदी भाषा के प्रति चीनी छात्र बड़ा लगाव रखते हैं। यह चीन-भारत संबंधों को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभा सकता है। क्योंकि एक-दूसरे की भाषा और संस्कृति को जानना जरुरी होता है। हमें उम्मीद ही नहीं भरोसा भी है कि आने वाले समय में तमाम चीनी छात्र भारती संस्कृति और भाषा से रूबरू होंगे।
इसके साथ ही प्रोग्राम में पेश संगीत और जोक्स भी बेहतरीन लगे। धन्यवाद शानदार प्रोग्राम पेश करने के लिए।
प्रोग्राम का आखिरी पत्र भेजा है, पश्चिम बंगाल से ही देबाशीष गोप ने। लिखते हैं कि मैं आपका प्रोग्राम नियमित तौर पर सुनता हूं। प्रोग्राम का प्रस्तुतीकरण बहुत अच्छा होता है। इसमें हमें न केवल देश-दुनिया की जानकारी मिलती है, बल्कि मनोरंजन और इंटरव्यू भी सुनने को मिलते हैं। इसके अलावा जोक्स भी हमें बहुत पसंद आते हैं। धन्यवाद। आप सभी श्रोताओं का धन्यवाद। यूं ही लगातार हमारा उत्साह बढ़ाते रहिए।
अब समय हो गया, हंसगुल्ले यानी जोक्स का।
जोक्स.....
हमें हमारे मॉनिटर सुरेश अग्रवाल ने जोक्स भेजे हैं।
पहला जोक
98 साल का बुढ्ढा और 18 साल की लड़की ने शादी कर ली.
Media ने लड़की से पूछा :- कि इनमें आपको शादी लायक क्या दिखा,
लड़की :- एक तो इनकी इनकम, दूसरे इनके दिनकम
दूसरा जोक.....
पति : मुन्ना कब से रो रहा है।
इसे लोरी सुनाकर सुला क्यों नहीं देती?
पत्नी : लोरी सुनाती हूं तो पड़ोसी कहते हैं कि
भाभी जी इससे अच्छा तो मुन्ने को ही रोने दो।
तीसरा और अंतिम जोक....
संता घबराता हुआ पुलिस स्टेशन गया
संता - मैं गिरफ्तार होने जा रहा हूँ
बंता - क्यों भाई तुमने क्या किया ?
संता - मैंने अपनी बीवी के सर पे जोर से डंडा मार दिया था
बंता - तो वो मर गयी क्या बेचारी
संता - नहीं बच गयी और अब वो मुझे नहीं छोड़ेगी