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    आपका पत्र मिला 2017-04-05
    2017-04-06 09:42:56 cri

    अनिलः आपका पत्र मिला प्रोग्राम सुनने वाले सभी श्रोताओं को अनिल पांडेय का नमस्कार।

    ललिताः सभी श्रोताओं को ललिता का भी प्यार भरा नमस्कार।

    अनिलः दोस्तो, आज के प्रोग्राम में भी हम हमेशा की तरह श्रोताओं के ई-मेल और पत्र पढ़ेंगे। चलिए श्रोताओं के पत्र पढ़ने का सिलसिला शुरू होता है। पहला पत्र हमें आया है कृपाराम कागा का। हालांकि उन्होंने यह तो नहीं लिखा है कि किस जगह से भेजा है, फिर भी हम इसे शामिल कर रहे हैं। लिखते हैं कि नमस्ते, मैं चाइना रेडियो इंटरनेशनल का एक पुराना श्रोता हूं। मगर पत्र लगभग तीन साल बाद लिख रहा हूं। मैं आपकी वेबसाइट रोजाना देखता रहता हूँ। बहुत अच्छी लगती है। आपको श्रोताओं के लिए कोई प्रतियोगता रखनी चाहिए, कृपया मेरे साथ इंटरव्यू भी ले सकते हैं।

    कृपाराम कागा जी, हमें पत्र भेजने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद। देखिए जहां तक सीआरआई की ओर से प्रतियोगितायों की बात है, तो अकसर इनका आयोजन किया जाता है। आप लगातार प्रोग्राम सुनेंगे तो आपको पता चल जाएगा। आशा है कि आने वाले समय में भी आप हमारे साथ जुड़े रहेंगे। धन्यवाद।

    ललिताः अगला पत्र हमें आया है दरभंगा बिहार से शंकर प्रसाद शंभू का। लिखते हैं कि हमारे क्लब के सभी सदस्य आपके द्वारा प्रसारित सभी कार्यक्रम सुनते आ रहे हैं ! 27 मार्च को प्रसारित कार्यक्रम अतुल्य चीन में दूसरे चीन-भारत सम्मलेन में ई बिजनेस लोजिस्टिक उद्यम और 2014 में मोदी के सत्ता में आने के बाद मेक इन इंडिया निर्माण उद्योग को बढ़ावा देने के बारे में रिपोर्ट काफी रोचक लगी।

    वहीं चीन-भारत आवाज़ में दक्षिण चीन के हाइनान प्रांत के बोआओ शहर में आयोजित एशिया मंच के साल 2017 वार्षिक सम्मेलन में भारत के आदित्य बिड़ला ग्रुप के मुख्य अर्थशास्त्री और आर्थिक सलाहकार अजित राणाडे कैपिटल एंड कण्ट्रोल शीर्षक शाखा मंच में उपस्थित हुए। उन्होंने चीन और भारत के बीच सहयोग और "एक पट्टी एक मार्ग" के निर्माण, ब्रिक्स देशों के सहयोग और एआईआईबी के विकास जैसे मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त किए। अजित राणाडे के साथ हुई बातचीत अच्छी लगी।

    आर्थिक जगत में आर्थिक समाचार और इलेक्ट्रिक कारों से प्रदूषण कम होने की जानकारी बेहद पसंद आयी। एक बेहतरीन प्रोग्राम पेश करने के लिए फिर से धन्यवाद।

    धन्यवाद शंभू जी, हमें पत्र भेजने के लिए।

    अनिलः अगला पत्र हमें भेजा है हमारे मॉनिटर सुरेश अग्रवाल ने। उन्होंने लिखा है कि साप्ताहिक "अतुल्य चीन" के तहत वर्ष 2025 तक भारत में ऑनलाइन व्यापार की स्थिति, इस क्षेत्र में चीन और भारत की तुलनात्मस्क स्थिति, भारत में प्रधानमंत्री मोदी की मौद्रिक नीतियों की सफलता और लॉजिस्टिक के क्षेत्र में भारत चीन से कितना पीछे है, आदि तमाम विषयों पर अच्छी जानकारी दी गयी।

    वहीं कार्यक्रम "चीन-भारत आवाज़" के अन्तर्गत बोआओ आर्थिक मंच में भाग लेने गये आदित्य बिड़ला समूह के वरिष्ठ आर्थिक सलाहकार अजीत रानाडे के साथ श्याओ थांग जी द्वारा ली गई वार्ता अच्छी लगी।

    कार्यक्रम "आर्थिक जगत" के तहत महत्वपूर्ण आर्थिक समाचारों के बाद गत 19 मार्च को जिनेवा में सम्पन्न यूरोपीय ऑटो प्रदर्शनी पर रिपोर्ट अच्छी लगी। अब पता चला कि चीनी कारें यूरोप और अमरीका के बाज़ारों में भी टक्कर दे रही हैं। इसमें भी तनिक सन्देह नहीं कि चीन का बाज़ार भविष्य का प्रतिनिधित्व करेगा। धन्यवाद् तमाम जानकारी प्रदान करने के लिये।

    ललिताः सुरेश जी ने आगे लिखा है कि 28 मार्च को पेश साप्ताहिक "नमस्कार चाइना" का ताज़ा अंक महत्वपूर्ण लगा, जिसके विशेष सेगमेंट के तहत पेइचिंग में सम्पन्न चीन-भारत टीएमटी सम्मेलन पर भारत में गुड़गांव स्थित एक चीनी कम्पनी के संचालक ली च्येन (अमित) से अखिल पाराशर द्वारा की गयी बातचीत पेश की गई, जो कि काफी अहम् लगी। बातचीत से भारत में चीनी कम्पनियों की बढ़ती संख्या और निवेश पर महत्वपूर्ण जानकारी हासिल हुई। कार्यक्रम में आगे चीन की पांच शीर्ष सुर्ख़ियों में दमिश्क स्थित चीनी दूतावास ने सीरिया के एक अस्पताल को प्रदान किये महत्वपूर्ण चिकित्सा उपकरण; चीन में अप्रैल में वूहान से शुरू होगी नई उच्चस्तरीय कार ट्रेन सेवा; चीन की जन-मुक्ति सेना द्वारा गत 23 मार्च को पाकिस्तान के गणतंत्र दिवस समारोह में हिस्सा लिया गया; पेइचिंग में एक और 16.2 किलोमीटर लम्बी स्वचालित सब-वे सेवा शुरू और पेइचिंग में कोयला संचालित अन्तिम विद्युत् संयन्त्र भी बन्द किया गया, आदि ख़बरें काफी अहम् लगीं। वैसे यहाँ एक बात अवश्य कहना चाहूंगा कि कार्यक्रम में चीन की पांच शीर्ष सुर्ख़ियों को छोटा कर कुछ नया जोड़ें, तो इसका आकर्षण और बढ़ सकता है। धन्यवाद्।

    अनिलः उन्होंने आगे लिखा है कि साप्ताहिक "विश्व का आइना" ध्यानपूर्वक सुना, जिसमें यरुसलम की बहुरंगी संस्कृति पर रोचक जानकारी प्रदान की गयी। आम तौर पर इजरायल या यरूसलम का नाम आते ही ज़ेहन में इजरायल-फ़िलिस्तीन लम्बा विवाद अथवा इजरायल में यहूदी, ईसाई और मुस्लिम धर्म की मिली-जुली संस्कृति की तस्वीर उभरती है, परन्तु आज की रिपोर्ट सुन कर उसकी एक व्यापक और ख़ुशनुमा झलक देखने को मिली। कार्यक्रम में इटली के पाइकि नामक व्यक्ति के पास दुनिया की सब से अधिक पन्द्रह डिग्रियां होने और सोलहवीं डिग्री हासिल करने के लिए प्रयासरत होने की जानकारी भी अत्यन्त महत्वपूर्ण लगी। यह भी पता चला कि अपनी प्राप्त डिग्रियों में पाइकि सैन्य रणनीति सम्बन्धी डिग्री को सबसे अहम मानते हैं। धन्यवाद् इस सूचनाप्रद प्रस्तुति के लिये।

    वहीं आगे लिखते हैं कि श्रोताओं के अपने मंच साप्ताहिक "आपका पत्र मिला" के अन्तर्गत हर बार की तरह आज भी मेरे पत्रों और प्रतिक्रियाओं को समुचित स्थान दिये जाने के लिए शुक्रिया। मैं आभारी हूँ श्रोता भाई शंकर प्रसाद शम्भू का, जिन्होंने मेरे समीक्षात्मक पत्र की प्रशंसा की। शंकर जी अब सीआरआई हिन्दी को नियमित पत्र लिख रहे हैं। मैं अन्य श्रीताओं से भी विनम्र निवेदन करूँगा कि वह भी सीआरआई को अपनी रचनात्मक राय भेज दे रहें। धन्यवाद्।

    हम भी आशा करते हैं कि अधिक से अधिक श्रोता हमें पत्र भेजेंगे। हमारा ई-मेल है hindi@cri.com.cn।

    ललिताः सुरेश जी लिखते हैं कि साप्ताहिक "बाल-महिला स्पेशल" के तहत पिछले दिनों भारत के बंगलुरू शहर में एक महिला के साथ हुई छेड़छाड़ की शर्मनाक घटना और लिंगभेद के कारण महिलाओं पर होने वाले अत्याचार पर महत्वपूर्ण रिपोर्ट पेश की गई। वास्तव में, पुरुष प्रधान व्यवस्था में नारी को महज़ एक उपभोग की वस्तु समझ कर उसके साथ ऐसा व्यवहार किया जाता है। नारी को एक बाज़ार की चीज़ समझ लिया जाता है और इसके लिये हमारा मीडिया भी काफी हद तक ज़िम्मेदार है। समाज से इस बुराई को दूर करने के लिये पुरुष और स्त्री दोनों को मिलकर काम करना होगा, तभी इससे निज़ात पायी जा सकती है। धन्यवाद् एक विचारोत्तेजक प्रस्तुति के लिये।

    कार्यक्रम "चीन का तिब्बत" के तहत गत 23 मार्च को सुबह चीनी राष्ट्रीय पत्रकार संघ द्वारा तिब्बती संस्कृति संरक्षण पर पेइचिंग में आयोजित संगोष्ठी पर हूमिनजी द्वारा पेश रिपोर्ट सुनी, जो कि अत्यन्त महत्वपूर्ण लगी।

    कार्यक्रम "दक्षिण एशिया फ़ोकस" के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश में आदित्यनाथ योगी के मुख्यमंत्री बनने और उनके ताबड़तोड़ काम करने की शैली पर उठने वाले सवालों पर वरिष्ठ पत्रकार उमेश चतुर्वेदी के विचार सटीक और सही जान पड़े। वास्तव में, अवैध बूचड़खानों को बन्द किये जाने पर हायतौबा वही लोग मचा रहे हैं, जो भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। आख़िर, अवैध गतिविधियों पर रोक लगाया जाना भी तो ज़रूरी है। यह बात भी बिलकुल सही है कि इस बार के यूपी चुनावों में मीडिया के सारे अनुमान धराशायी हो गये और वह कुछ भी नहीं भांप पाया। मुझे तो मीडिया को पंकज जी द्वारा राजनीतिक दलों का प्रवक्ता कहा जाना भी उचित लगा। धन्यवाद् एक अच्छी परिचर्चा के लिये।

    सुरेश अग्रवाल जी, हमें पत्र भेजने के लिए आपका बेहद शुक्रिया।

    अनिलः इसके साथ ही सुरेश अग्रवाल ने अगला पत्र भी हमें भेजा है। लिखते हैं कि साप्ताहिक "आपकी पसन्द" हर बार की तरह आज भी लाज़वाब रहा। श्रोताओं के पसन्दीदा फ़िल्म -वादे इरादे, झूठा कहीं का, परिन्दा, शान, सात ख़ून माफ़ और फिर कब मिलोगी आदि फिल्मों के गाने, तमाम जानकारी अच्छी लगी। लैटिन अमेरिकी देश बोलिविया के अमेजॉन जंगलों में रहने वाले लोगों का दिल विश्व में सबसे सेहतमन्द होने वाला सम्बन्धी अध्ययन अहम लगा। वास्तव में, उनकी धमनियाँ अवरुध्द न होने के पीछे उनके खान-पान की आदतें और दिनचर्या ही ज़िम्मेदार है। वहीं जापान में मोटापा नियंत्रण हेतु सरकार और कम्पनियों का एक समान प्रयास और इस हेतु बनाये गये 'श्यूकु-आइकु' एवं 'मेटोबो' क़ानून की महत्ता भी समझ में आयी। देखा जाये, तो अपने नागरिकों की सेहत के लिये जितना फ़िक्रमन्द जापान सरकार है, उतना विश्व में किसी अन्य देश की सरकार नहीं। धन्यवाद् एक सार्थक प्रस्तुति के लिए।

    ललिताः सुरेश जी लिखते हैं कि 2 अप्रैल को प्रवास पर होने के कारण प्रतिदिन की तरह शाम साढ़े छह बजे शॉर्टवेव पर अपने तमाम परिजनों के साथ मिलकर सीआरआई हिन्दी का ताज़ा प्रसारण सुनना आज मेरे लिये सम्भव नहीं हुआ। परन्तु अपने एमआई नॉट-3 एंड्रॉयड फ़ोन के ज़रिये मैं सीआरआई हिन्दी वेबसाइट तक पहुँचने में सफल रहा, जहाँ मैंने -"उत्तरी चीन में नये आर्थिक विशेष क्षेत्र की स्थापना होगी" शीर्षक हूमिनजी का लेख पढ़ा, जिसमें चीनी केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में उत्तरी चीन के हपेइ प्रांत में श्यूंग-आन आर्थिक विशेष क्षेत्र की स्थापना करने सम्बन्धी महत्वपूर्ण निर्णय के बारे में जानकारी दी गयी।

    श्यूंग-आन आर्थिक विशेष क्षेत्र चीन की राजधानी पेइचिंग और देश के दूसरे बड़े शहर थिएनचिन के दक्षिण में स्थित है जहां आर्थिक विकास के लिए सुविधाजनक यातायात और समृद्ध प्राकृतिक संसाधन मौजूद हैं। योजनानुसार इस नये विशेष क्षेत्र का विकास दो हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में होगा, जबकि शुरूआत में विकास का काम सौ वर्ग किलोमीटर के भीतर ही किया जाएगा। श्यूंग-आन आर्थिक विशेष क्षेत्र के निर्माण में एकीकृत नेतृत्व और मिश्रित विकास करने के सिद्धांतों का अनुसरण किया जाना चाहिये। ताकि देश के दीर्घकालीन विकास और चीनी स्वप्न को पूरा करने का लक्ष्य हासिल किया जा सके। चीन सरकार का स्पष्ट दृष्टिकोण पेश करते इस महत्वपूर्ण लेख के लिये हूमिनजी को हार्दिक धन्यवाद।

    अनिलः दोस्तो, इसी के साथ आपका पत्र मिला प्रोग्राम यही संपन्न होता है। अगर आपके पास कोई सुझाव या टिप्पणी हो तो हमें जरूर भेजें, हमें आपके खतों का इंतजार रहेगा। इसी उम्मीद के साथ कि अगले हफ्ते इसी दिन इसी वक्त आपसे फिर मुलाकात होगी। तब तक के लिए अनिल पांडेय और ललिता को दीजिए इजाजत, नमस्कार।

    ललिताः बाय-बाय।

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