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टी-टाइम
अनिलःटी-टाइम के नए अंक के साथ हम फिर आ गए हैं,आपका मनोरंजन करने। जी हांआपके साथ चटपटी बातें करेंगे और चाय की चुस्कियों के साथ लेंगे गानों का मजा 25 मिनट के इस प्रोग्राम में। इसके साथ ही प्रोग्राम में श्रोताओं की प्रतिक्रियाएं भी होंगी शामिल। तो जल्दी से हो जाइए तैयार।
दोस्तो, आज के प्रोग्राम में सबसे पहले सुनेंगे, जेएनयू में अंतर्राष्ट्रीय मामलों के प्रोफ़ेसर स्वर्ण सिंह के साथ बातचीत। जो चीन के दो प्रमुख सम्मेलनों, एनपीसी और सीपीपीसीसी के बारे में है।
लीजिए पेश हैं, बातचीत के मुख्य अंश
बातचीत जारी है
अभी आपने सुनी जेएनयू के प्रोफेसर स्वर्ण सिंह के साथ चर्चा।
अब वक्त हो गया जानकारी पेश करने का।
दोस्तो, जहां एक तरफ लोग नौकरी पाने के लिए डिग्रियां, ट्रेनिंग और न जाने कितने इंटरव्यू का सामना करते हैं, वहीं एक आठ वर्षिय बच्ची यूट्यूब के जरिए ही हर महीने करीब 76 लाख रूपए कमा लेती है। यूट्यूब के यह स्टार्स इन दिनों किसी हॉलीवुड स्टार्स से कम नहीं हैं, फिर चाहे बात पॉपुलेरिटी की हो या इनकम की।
एनऎज ने हाल ही मासिक आमदनी के हिसाब से टॉप यूट्यूब स्टार्स की सूची तैयार की थी। यह डेटा ऑट्रिगर मीडिया ने जमा किया था जिसमें टॉप-अर्निग चैनल्स को दो जॉनर्स में बांटा गया था- ब्यूटी और स्टाइल, फूड और कुकिंग। फूड एंड कुकिंग जॉनर में आठ साल की बच्ची चार्ली के चैनल चार्ली क्राफ्टी किचन को आमदनी के लिहाज से पहले स्थान पर रखा गया है।
चार्ली अपने इस चैनल पर बेकिंग टिप्स देती है और ऑट्रिगर के हिसाब से यह चैनल हर महीने औसतन एक लाख डॉलर यानी कि लगभग 76 लाख रूपए कमाता है। इस चैनल को हर महीने औसतन 29 मलियन व्यूज मिलते हैं। चार्ली ने अपने वीडिया वर्ष 2012 में शूट करने शुरू किए थे। तब वह 6 साल की थी। उसकी पांच वर्षीय बहन एश्ली शैफ टेस्ट टैस्टर का किरदार निभाती है।
आज के कार्यक्रम में जानकारी देने का सिलसिला यहीं संपन्न होता है।
अब समय हो गया है, श्रोताओं की टिप्पणी शामिल करने का।
पहला पत्र आया है, केसिंगा उड़ीसा से सुरेश अग्रवाल ने। लिखते हैं कि कार्यक्रम "टी टाइम" की शुरुआत मेक्सिको की एक दुकान में पिछले 80 सालों से दफ़न एक राज़ से किया जाना मन में कौतूहल जगा गया। यहां की एक दुकान में बन्द ला पस्क्युएलीटा नामक एक पुतले के बारे में जान कर किसी के भी होश उड़ सकते हैं, क्यों कि 25 मार्च 1930 को इसे मेक्सिको की इस दुकान में कांच के अंदर लगाया गया था। पुतले की सच्चाई चाहे जो भी हो, सब कुछ हैरान करने वाला है। जानकारियों के क्रम में आगे रूस के एक शख्स द्वारा अंडे में ह्यूमन स्पर्म मिलाकर किया गया प्रयोग और उसका परिणाम पूरी तरह ऊटपटांग लगा। वास्तव में, ऐसे प्रयोग प्रकृति के खिलाफ़ हैं और यदि उससे कुछ नया पैदा हुआ, तो वह वरण संकर ही होगा। बांदा जिले के मोगरिया गांव के माध्यमिक स्कूल में पढऩे वाले शत्रुघन निषाद की ड्रेस का किस्सा कुछ और नहीं, बल्कि उसकी आर्थिक बादहाली ही है। दिवंगत स्टार ओम पुरी के जीवन-संघर्षों के बारे में दी गई विस्तृत जानकारी क़ाबिल-ए-ताऱीफ लगी। हेल्थ संबंधी जानकारी में एक रिसर्च के तहत हुए खुलासे यह पता चलना कि जो लोग पक्षियों, झाड़ियों और पेड़ों को ज्यादा देखते हैं या जिनके घर के आस-पास हरियाली और पंछी ज़्यादा होते हैं, उनको डिप्रेशन, तनाव और चिंता जैसी समस्याओं का अनुभव कम होता है, जान कर अच्छा लगा। वहीं जीवन के विभिन्न पहलुओं पर शोध कर रहे वैज्ञानिकों को बड़ी उपलब्धि हासिल होने का दावा किया जा रहा है। वैज्ञानिक लैब में बिना शुक्राणुओं या अंडाणुओं के स्टेम सेल से चूहे का भ्रूण तैयार करने में सफल रहे हैं। अब उनका इरादा इसी तकनीक से अगले एक वर्ष में मानव भ्रूण तैयार करने का है। देखिये क्या होता है, फिलहाल तो ऐसे शोध पर यक़ीन करना मुश्किल है। आज के कार्यक्रम में पेश तीनों ज़ोक्स काफी अच्छे थे। मेरे जोक को स्थान देने और फिर एक अच्छी प्रस्तुति के लिये हार्दिक धन्यवाद।
अगला पत्र भेजा है, दरभंगा बिहार से शंकर प्रसाद शंभू और उनके दोस्तों ने। लिखते हैं, सादर नमस्ते !
हमारे क्लब के सदस्य महावीर मुखिया, लाल किशोर मुखिया, अमित कुमार, दीपू कुमार मुखिया, सुभाष कुमार गुप्ता, अनिल कुमार, दीपक कुमार साहू, रविन्द्र गुप्ता और नरेश गुप्ता टी टाइम सुनते आ रहे हैं । पिछले अंक में अनिल जी ने बताया कि रूस के शख्स ने अंडे में ह्यूमन स्पर्म मिलाकर ऐसा अजीब प्रयोग किया, जिसका परिणाम भी कुछ अनोखा आया।यह रिपोर्ट अच्छी लगी।
दूसरी रिपोर्ट में दिवंगत स्टार ओम पुरी के बारे में बताया कि एक साधारण पंजाबी परिवार से आते थे। मां का साया भी उन पर से बहुत जल्दी उठ गया था। इन सबके बावजूद ओम में गजब का संघर्षशील व्यक्ति हमेशा सक्रिय रहा। यह रिपोर्ट भी अच्छी लगी। इसके साथ ही एक दुकान में पिछले 80 सालों से एक राज दफन है वाली ख़बर चौकाने वाली लगी। वहीं हेल्थ संबंधी जानकारी में एक रिसर्च में खुलासा हुआ है कि जो लोग पक्षियों, झाड़ियों और पेड़ों को ज्यादा देखते हैं या जिनके घर के आस-पास हरियाली और पंछी ज़्यादा होते हैं, उनको डिप्रेशन, तनाव और चिंता जैसी समस्याओं का अनुभव कम होता है।
प्रोग्राम में हमारे पत्र को शामिल करने के लिए शुक्रिया।
श्रोताओं की टिप्पणी के बाद वक्त हो गया है, जोक्स शामिल करने का।
पहला जोक
एक बूढ़ा बस में सीट पर अकेला बैठा था।👳🚌
तभी एक बुढ़िया आई और उसके बगल में बैठ गयी।🎅
कुछ देर बाद बुढ़िया बूढ़े से बोली - अंकल जी कहां जा रहे हो।👉👳
तो बूढ़ा चुप बैठा रहा।🤔
बुढ़िया फिर बोली- अंकल जी कहा जा रहे हो????
अब बूढ़े से चुप नही रहा गया और बोला- बेटी तू बहुत सुन्दर है, जवान है, तेरे खातिर लड़का देखने जा रहा हूँ।
दूसरा जोक
संता: तुझे अपना लैपटॉप बड़ा करवाना है?
बंता: हाँ यार!
संता: तो फिर इसमें विन्डोज़ हटवा कर दरवाज़ा इंस्टाल करवा ले
तीसरा और अंतिम जोक...
लड़की - मेरे होंठ कितने खराब हैं
डॉक्टर - प्लास्टिक सर्जरी करा लो
लड़की - कितने पैसे लगेंगे
डॉक्टर - छह लाख रुपये
लड़की - अगर प्लास्टिक मैं खुद ला दूँ तो
डॉक्टर - फेवीकॉल भी लेती आना फ्री में चिपका दूँगा
दोस्तों, जोक्स यहीं संपन्न होते हैं।
अनिलः टी-टाइम में आज के लिए इतना ही, अगले हफ्ते फिर मिलेंगे चाय के वक्त, तब तक के लिए नमस्ते, बाय-बाय, शब्बा खैर, चाय च्यान।