लम्बा बांस का डंडा 截竿进城
"लंबा बांस का डंडा गेट से अंदर कैसे लाया गया"। चीनी भाषा में इसे"च्ये कान चिन छंग"(jié gān jìn chéng) कहा जाता है। इसमें"च्ये"का अर्थ है काटना और"कान"का मतलब होता है बांस का डंडा, तो"च्ये कान"का अर्थ हुआ बांस को काटकर डंडा बनाना । तीसरे शब्द"चिन"का मतलब है प्रवेश करना और चौथा शब्द"छंग"का अर्थ होता है शहर। तो"चिन छंग"का अर्थ निकलता है शहर में प्रवेश करना। सरल रूप से इस कहानी का नाम"लम्बा बांस का डंडा गेट से अंदर कैसे लाया गया"कहा जाता है। संक्षिप्त में कहा जाए, तो इसे"लम्बा बांस का डंडा"कहते हैं।
बहुत पहले की बात है। लु राज्य में एक किसान बांस का एक लम्बा मोटा डंडा बाजार ले जा रहा था। जब वह नगर के द्वार पर पहुंचा, तो उसने बांस के डंडे को ऊपर नीचे की ओर सीधा खड़ा कर द्वार से अन्दर ले जाने की कोशिश की, किन्तु बांस का डंडा द्वार की ऊंचाई से भी लम्बा था कि उसे अन्दर नहीं लाया जा सका। किसान ने फिर बांस के डंडे को लम्बा कर अन्दर लाने की कोशिश की, तो पाया कि बांस का डंडा द्वार की लम्बाई से भी लम्बा था।
लाख कोशिश करके भी बांस का डंडा नगर के द्वार से अन्दर नहीं लाया जा सका, थकान से वह हांफने भी लगा। पास खड़ा एक वृद्ध व्यक्ति यह तमाशा देखते हुए हंसा:"तुम बड़े बुद्धू हो, तुम्हारा दिमाग कहां गायब हो गया। मैं बहुत बूढ़ा हो गया हूं, मैं जितने पुलों से गुजरा, वह तुम्हारे द्वारा तय किए गए रास्ते से भी ज्यादा है, मुझसे क्यों नहीं पूछते हो।"
किसान ने बड़े विनम्र भाव से नमस्ते कर कहा:"आप बताइए क्या किया जा सकता है।"
बुजुर्ग व्यक्ति ने अपनी सफेद दाढ़ी पर हाथ फेरते हुए कहा:"यह बहुत सरल काम है, तुम इस लम्बे बांस को चीर कर दो हिस्सों में बांट दो, तो आसानी से द्वार से अन्दर ला सकोगे।"
"दो भागों में काटने के बाद यह डंडा बेकार हो जाएगा", किसान ने सोच कर कहा।
"फिर भी नगर के बाहर ऐसे खड़े रहने से सो अच्छा है", बुजुर्ग व्यक्ति ने कहा।
किसान ने बुजुर्ग का सुझाव माना और बांस के डंडे को काटकर द्वार से नगर के अन्दर ले गया।
ज़रा सोचो कि इस कहानी में बुजुर्ग का सुझाव ठीक था या नहीं। बांस को काटे बिना क्या द्वार से अन्दर लाया जा सकता था। कहानी से यह लगता है कि दरअसल सफेद दाढ़ी वाला बुजुर्ग घमंडी और बुद्धू व्यक्ति था।