यीवू में हारून ने न सिर्फ़ व्यापार की सफलता प्राप्त की, बल्कि प्यार भी पाया। हारून की पत्नी एक चीनी हैं, उनका नाम है चो सिन। वे पहले सरकारी कर्मचारी थीं। शादी होने के बाद परिवार का और अच्छी तरह देखभाल करने के लिए चो सिन काम छोड़कर पूरे मन से हारून की सहायता करने लगीं। चो सिन ने कहा कि हारून की मेहनत उनका आकर्षण करती है। वो बहुत सुखी हैं।
"वे कभी नहीं रुकते, उनके बहुत से विचार मेरे विचारों से और दीर्घकालीन हैं। वे मेहनती ही नहीं, बल्कि परिवार का ध्यान भी रखते हैं। मेरी बहुत सी दोस्त हैं, उनके पति भी तुर्की के हैं। जब हम एक साथ बात करती हैं, तब मुझे लगता है कि हारून सबसे अच्छे हैं। मैं बहुत सुखी महसूस करती हूं।"
रोज़ जब घर वापस जाते हैं, हारून सबसे पहले बेटे के साथ खेलते हैं। हारून का बेटा तीन वर्ष का है, जो बहुत स्मार्ट है। हारून उनके बेटे को बहुत प्यार करते हैं। बेटे के भविष्य पर वे प्रतीक्षा में हैं।
"अभी वह सिर्फ़ तीन साल का है, मुझे पता नहीं कि भविष्य में मैं उसे क्या दे सकता हूं, पर हम उसे ख़ुद चुनाव करने का अधिकार देंगे। क्योंकि वो क्या चाहता है, कोशिश के बाद पता चलेगा।"
काम और परिवार में सफलता मिलने के साथ साथ हारून जन कल्याण पर भी ध्यान देते हैं। वे यीवू में रहने वाले अन्य विदेशी व्यापारियों के साथ अनाथालय और नर्सिंग होम में सहायता करते हैं और स्वैच्छिक वृक्षारोपण भी करते हैं।
"सप्ताहांत में मैं कनाडा और मिस्र आदि देशों के दोस्तों के साथ जन कल्याण का काम करता हूं। हम अपने पैसे से खिलौना ख़रीदते हैं, फिर अनाथालय जाकर इन्हें वहां रह रहे बच्चों को देते हैं और उनके साथ खेलते हैं। हम अकेले रहने वाले वयोवृद्धों की मदद करने के लिए नर्सिंग होम भी जाते हैं। हम बूढ़े लोगों की मांगों के अनुसार कंबल और कपड़े जैसी वस्तुएं प्रदान करते हैं।"