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दस सालों तक पेइचिंग में काम करने के बाद वर्ष 2015 में 25 वर्षीय लड़का छी यांग अपना गृह नगर पूर्वी चीन के शानतोंग प्रांत के चूछंग शहर वापस लौटा। वहां पर उन्होंने एक निजी रेस्टोरेंट खोला, जिसका नाम है नानकुआनलू नंबर 100। प्राचीन शैली के मकान, पुराने शाही व्यंजन और युवा मालिक इन तीन तत्वों से मिलकर यह रेस्टोरेंट स्थानीय लोगों में एक चर्चा का विषय बन गया। हर दिन रेस्टोरेंट में भीड़ लगी रहती है। यह छी यांग के लिए सबसे बड़ा प्रोत्साहन और अनुमोदन है।
दस वर्ष पहले स्कूल में पढ़ाई पूरी करने के बाद छी यांग ने अकेले पेइचिंग पहुंचकर काम करना शुरू किया। वह पहले दुकान सहायक फिर वेटर और रसोईंया बने। खानपान के व्यवसाय में पांच सालों तक काम करने के बाद वर्ष 2010 में छी यांग ने पहली बार व्यापार शुरू करने का प्रयास किया। उनकी कंपनी मुख्यतः व्यंजन से संबंधित व्यापार करती है। लेकिन बाज़ार और वाणिज्य अवसर के ग़लत अनुमान से उनका इस बार का प्रयास विफल रहा। छी यांग ने एक बड़ा धक्का सह लिया। उन्होंने एक बार फिर व्यापार का रास्ता अपनाया।
"मुझे लगता है कि आर्थिक हानि बुरी नहीं है, भयानक बात यह है कि आत्मविश्वास पर धक्का पहुंचता है। इससे पहले मैं सोचता था कि व्यापार करने और पैसा कमाने में मैं बहुत सक्षम हूं, लेकिन पैसा गंवाते समय मुझे सचमुच नरक में रहने जैसा अनुभव था। मैंने फिर रसोईंये का काम पकड़ा। हालांकि वेतन कम नहीं मिलता था, लेकिन मैं खुश नहीं था। एक धक्का लगने के बाद भी मैं खुद का व्यापार करना चाहता था। विफल होने के बाद मैं सोचता था कि क्या मैं पेइचिंग छोड़कर कहीं किसी दूसरी जगह व्यापार कर सकता हूं। पेइचिंग में न सिर्फ़ मकान का किराया, बल्कि कर्मचारियों का वेतन और खाद्य सामग्रियों की कीमत बहुत ऊंची है, तो क्या मैं गृह नगर लौटकर व्यापार कर सकता हूं, क्योंकि वहां लागत कम लगेगी।"