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    टी टाइम 161020(अनिल और नीलम)
    2016-10-21 18:26:12 cri

    अनिलः दोस्तो, चीन में आए दिन कोई न कोई कारनामा या नई चीज़ होती रहती है। हाल में हमने आपको दुनिया के सबसे लंबे ग्लास ब्रिज के बारे में बताया था। अब एक नई चीज़ की चर्चा हो रही है। चीन के हूबेई प्रांत के एंशी शहर मे एक ऐसा एस्कलेटर है, जिसकी लंबाई आधे किलोमीटर से भी ज्यादा है। इस एस्कलेटर को दुनिया का सबसे लंबा एस्कलेटर माना जा रहा है। इस एस्कलेटर को हाल ही में पर्यटकों के लिए खोला गया है। यह एस्कलेटर एक घंटे में 7,300 लोगों को पहाड़ से नीचे लाता है।

    मॉल और होटल्स जैसी कई खास और बड़ी जगहों में उपयोग के लिए लाए जाने वाले एस्कलेटर को अब पहाड़ों पर उपयोग में लाया जाने लगा है। पहाड़ पर लगा एस्कलेटर आपको हैरान कर सकता है, लेकिन आपकी हैरानी तब और भी बढ़ जाएगी जब आप किसी ऐसे एस्कलेटर के बारे में जानेंगे, जो कि आधा किलोमीटर से भी ज्यादा लंबा हो।

    चीन ने ऐसा गजब एस्कलेटर बनाकर दिखा दिया है, जिसकी दुनिया भर में चर्चा हो रही है और ये पर्यटको के आकर्षण का खास केंद्र भी बना हुआ है।

    नीलमः भले ही भारतीय समाज में live-in-relationship को गलत माना जाता है। वहीं देश में एक ऐसी जगह भी है। जहां आप अगर शादी नहीं करना चाहते हैं, तो आप लिव-इन-रिलेशनशिप में रह सकते हैं। राजस्थान में एक जगह ऐसी भी है जहां इसे एक परंपरा के तौर पर निभाई जाती है।

    राजस्थान के उत्तर पश्चिमी में गरासिया जनजाति रहती है। ये जनजाति live-in-relationship को परंपरा के तौर पर निभाती है। यहां जोड़ा शादी किए बिना ही एक-दूसरे के साथ रहता है।

    यहां इच्छानुसार पार्टनर चुनने के लिए ये जनजाति एक मेले का भी आयोजन करती है, जहां वह मन चाहा हमसफर चुन सकते हैं। अपना पार्टनर चुनने के बाद कपल एक-दूसरे संग भाग जाते हैं और लिव-इन-पार्टनर बन के वापस लौटते हैं।

    लेकिन लड़की के घर वालों को लड़के के घरवाले एक तय मूल्य देते हैं जिसके बाद ही लड़का-लड़की लिव-इन में रह सकते हैं। यही नहीं जब दोनों शादी के लिए तैयार हो जाते हैं तो दूल्हे के परिवार वालों को शादी का सारा खर्च उठाना पड़ता है।

    एक हजार साल पुरानी इस परंपरा के मुताबिक जो लोग शादी नहीं करना चाहते तो वो लिव-इन-रिलेशनशिप में रह सकते हैं। इस दौरान अगर उनके बच्चे हो जाते हैं तो इसकी जिम्मेदारी दोनों की ही रहती है।

    अनिलः अब बात करते हैं, तकनीक की। इन दिनों भारत में हर जगह 4जी की चर्चा हो रही है। लेकिन इसके बाद भारत तेजी से 5जी की ओर बढ़ रहा है। टेलिकॉम कंपनियां सुपर स्पीड इंटरनेट के लिए तेजी से कमर कस रही हैं। ट्राई ने भी नीतियां बनाने के लिए कंसल्टेशन शुरू कर दिया है।

    5जी नेटवर्क से मशीन-टू-मशीन और आईओटी में मदद मिलेगी, जो स्मार्ट होम्स और सेल्फ ड्राइव कारों में मदद करेगा। 5जी टेक्नोलॉजी को सिर्फ मोबाइल या कंप्यूटर तक सीमित रखने के बजाए स्मार्ट मीटर्स, सेंसर्स और वेयरेबल डिवाइसेज तक में इस्तेमाल करने की योजना है। इससे डिजिटल इंडिया योजना को भी मजबूती मिलेगी। 5जी के मामले में भारत भी दुनिया के शीर्ष देशों के साथ खड़ा है, जबकि 2जी में दो दशक, 3जी 1 दशक और 4जी में 5 साल पीछे थे।

    अब बात करते हैं, हेल्थ टिप्स की।

    पानी की कमीं से हमें डीहाइड्रेशन की समस्या हो जाती है। इसलिए हमें अपने शरीर की जरूरत के मुताबिक पानी पीना जरूरी है। अगर आपको लगता है कि आप भरपूर पानी पी रहें लेकिन फिर भी आपको डीहाईड्रेशन की समस्या हो रही है तो आप इन बातों का से पता कर सकते हैं कि आपके शरीर में पानी की कमी हो रही है और आप भरपूर पानी नहीं पी रहे हैं।

    अक्सर आपने महसूस किया होगा कि कुछ लोगों के मुंह से बदबू आती है और हमें लगता है कि सामने वाले को कोई मुंह से संबंधति बीमारी है इसलिए उसके मुंह से बदबू आ रही है लेकिन जरूरी नहीं है कि किसी के मुंह से बदबू आ रही है तो उसे बीमारी हो। मुंह से बदबू न आने का एक कारण शरीर में पानी की कमी का होना है। कई बार जब हमारे शरीर में पानी की कमी होती है तो मुंह में प्रॉपर सलाइवा नहीं बन पाता है और मुंह से बदबू आने लगती है।

    जब हमारे शरीर में पानी की कमी होती है तो हमारे शरीर की त्वचा रूखी हो जाती है। इसलिए अगर आपकी त्चचा ज्यादा ही रूखी हो रही है तो आप समझ जाइए कि आपकी त्वचा रूखी हो गई है।

    कम पानी पीने की वजह से मासपेशियों और कोशिकाओं में डीहाइड्रेशन हो जाता है, इससे वह दर्द करने लगती हैं। इसलिये जो लोग वर्कआउट करते हैं उनमें यह परेशानी ज्यादा देखने को मिलती है।

    तो दोस्तो, यह जानकारी सुनने के बाद, आप लोग भी इस बात पर ध्यान देंगे। शुक्रिया।

    दोस्तो, प्रोग्राम में जानकारी देने का सिलसिला यही संपन्न होता है।

    अब प्रोग्राम में वक्त हो गया है, श्रोताओं की टिप्पणी शामिल करने का।

    नीलमः सबसे पहला पत्र हमें आया है, केसिंगा उड़ीसा से सुरेश अग्रवाल का।

    वह लिखते हैं, कार्यक्रम "टी टाइम" के अन्तर्गत यह जान कर मन दुःख और विषाद से भर गया कि नेपाल के हक्से नामक गाँव के लोग गरीबी के कारण अपनी एक किडनी या गुर्दा बेच देते हैं और पूरा गाँव एक किडनी वाले लोगों के नाम से मशहूर हो गया है। प्रश्न उठता है कि क्या वहां की सरकार को इसकी जानकारी नहीं है? जानकारियों के क्रम में ऑस्ट्रेलिया में एक महिला द्वारा वहां के राष्ट्रीय पार्क में चप्पल को हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर ख़तरनाक मगरमच्छ से खुद को बचाने का किस्सा जीवटतापूर्ण लगा। सैमसंग के गैलेक्सी नोट-7 के फटने की घटना अब पुरानी पड़ चुकी है। हाँ, अमरीकी पत्रिका 'फ़ोर्ब्स' की सूची में पांच भारतीय अमेरिकियों का नाम होने सम्बन्धी जानकारी अवश्य उत्साहवर्द्धक लगी। टाटा मोटर्स द्वारा एक साल में रिकॉर्ड 1 लाख 2 हज़ार 289 वाहनों का बेचा जाना तथा ज़रूरत से अधिक पानी पीने के ख़तरे से आगाह कराया जाना भी महत्वपूर्ण लगा। आज के तीनों जोक्स भी गुदगुदाने में कामयाब रहे। धन्यवाद् फिर एक अच्छी प्रस्तुति के लिये।

    अनिलः सुरेश जी, नेपाल के एक गांव में जीवन चलाने के लिए किडनी बेचने की घटना दुखदायी कही जाएगी। धन्यवाद हम तक अपनी टिप्पणी पहुंचाने के लिए।

    अगला पत्र हमें आया है, पश्चिम बंगाल से मॉनिटर रविशंकर बसु का। उन्होंने लिखा है, आज के कार्यक्रम की शुरुआत में अनिल पांडेय जी ने एक चौंकाने वाला समाचार सुनाया। जिसे सुनकर मन को दुख पहुंचा। अमीरों की जिंदगी बचाने के लिए गरीब लोग अपने परिवार की आर्थिक तंगी दूर करने के लिए किडनी बेचकर घर का खर्च चलाते है। पड़ोसी देश नेपाल में होकसे नाम का एक ऐसा गांव हैं जहां आधी से भी ज़्यादा आबादी पिछले कई दशकों से सिर्फ़ एक ही किडनी के सहारे जी रही है। इस गांव के लोगों की एक किडनी होने की वजह बीमारी नहीं बल्कि भयानक गरीबी है। रिपोर्ट के मुताबिक, किडनी बेचने का एक कारण घर की चाहत है। इस गांव का करीब हर बाशिंदा एक अदद घर के लिए अपनी किडनी बेच चुका है।

    नीलमः यह सुनकर आश्चर्य हुआ कि ऑस्ट्रेलिया के ककाडू नेशनल पार्क में घूमने गयी एक महिला ने सिर्फ अपनी चप्पल से दो खतरनाक मगरमच्छों को भागने पर मजबूर कर दिया। वहीं सुना है कि पत्रिका फोर्ब्स की अमेरिका में सबसे धनी हस्तियों की सूची-2016 में पांच भारतीय-अमेरिकी शामिल हैं। माइ्रकोसॉफ्ट के सह संस्थापक बिल गेट्स लगातार 23वें साल इस सूची में पहले स्थान पर हैं। पांच भारतीय-अमेरिकी में सिंफनी टेक्नोलोजी के संस्थापक रमेश वाधवानी, आउटसोर्सिंग फर्म सिनटेल के सह संस्थापक भरत नीरज देसाई, विमानन क्षेत्र के राकेश गंगवाल, उद्यमी जॉन कपूर व सिलिकन वैली निवेशक कवितर्क राम श्रीराम भी हैं। आज दिमाग और पानी से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण तथ्य हमें देने के लिए अनिल जी और नीलम जी को धन्यवाद ।

    बसु जी, हमें टिप्पणी भेजने के लिए आपका बहुत-बहुत शुक्रिया।

    अनिलः श्रोताओं की टिप्पणी यही संपन्न होती है, आप सभी का बहुत-बहुत शुक्रिया। अब लीजिए पेश है, जोक्स यानी हंसगुल्ले।

    पहला जोक.

    संता- भैया गोली देना

    मेडिकल वाला- सर दर्द की या बदन दर्द की।

    संता-

    कोई भी दे दे भाई। मुझे तो बंदूक में डालनी है।

    यह सुनकर मेडिकल वाला बेहोश।

    दूसरा जोक-

    संता को बेटा हुआ.. 4 महीने बाद उसका बेटा बीमार हो गया तो वो उसको उसी हॉस्पिटल में ले गया जहां बेटा पैदा हुआ था।

    डॉक्टर को दिखाने के बाद, डॉक्टर ने उससे अपनी फ़ीस मांगी तो।

    संता बोला- काहे की फीस अभी तो इसको यही से लिए हुए 4 महीने हुए हैं। अभी तो ये वारंटी में है।

    बस क्या था, डॉक्टर बेहोश

    तीसरा जोक

    पप्पू और गप्पू आठवीं में आठवीं बार फ़ेल हो गए।

    पप्पूः चल खुदखुशी कर लेते हैं।

    गप्पू- अरे, पाग़ल हो गया है....

    अगले जनम में फिर नर्सरी से शुरू करना पड़ेगा।

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