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अनिल- टी-टाइम के नए अंक के साथ हम फिर आ गए हैं, आपका मनोरंजन करने। जी हां ... आपके साथ चटपटी बातें करेंगे और चाय की चुस्कियों के साथ लेंगे गानों का मजा25 मिनट के इस प्रोग्राम में। इसके साथ ही प्रोग्राम में श्रोताओं की प्रतिक्रियाएं भी होंगी शामिल।
अनिलः दोस्तो, आप ये सुनकर चौंक जाएंगे की एक टी-शर्ट जो हमें गर्मी-सर्दी से बचाती है अब वह बिजली बनाएगी। जी हां, दरअसल, हाल ही में वैज्ञानिकों ने एक ऐसा तरीका विकसित किया है, जिसकी मदद से शरीर की गर्मी से बिजली बनाई जा सकेगी। इसकी मदद से आपकी टी-शर्ट या कलाई पर बंधा हुआ बैंड बिजली बनाने में सक्षम होगा।
अमेरिका की नॉर्थ कैरोलिना स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने खास हल्की धातु विकसित की है। इससे तैयार थर्मोइलेक्ट्रिक जेनरेटर (टीईजी) प्रोटोटाइप गर्मी से बिजली बनाने की अब तक की तकनीकों से बेहतर है। अब तक उपलब्ध टीईजी या तो भारी हैं, या फिर एक माइक्रोवाट प्रति सेमी से भी कम बिजली बनाने में सक्षम हैं। वहीं नए टीईजी से 20 माइक्रोवाट प्रति सेमी तक बिजली बन सकती है। ये बेहद हल्के भी हैं।"
वैज्ञानिकों ने शरीर पर उन हिस्सों की पहचान भी की है, जहां तापमान का अंतर ज्यादा रहता है। इनमें कलाइयां और हाथों का ऊपरी हिस्सा शामिल है। इस टीईजी की मदद से पहनने लायक ऐसे उपकरण बनाए जा सकेंगे, जो बिना बैटरी के लंबे समय तक काम कर सकें। सहायक प्रोफेसर दारयूश वाशी ने कहा, "ये टीईजी शरीर और वातावरण के तापमान में अंतर के जरिये बिजली बनाते हैं।
तो दोस्तो, है ना वाकई अच्छी खबर। विज्ञान की तरक्की का एक और उदाहरण।
वहीं, फ्लोरिडा में रहने वाले एक बुजुर्ग दंपति की शादी को 52 साल हो चुके है, लेकिन इस उम्र में भी वो एक-दूसरे का साथ बखूबी निभाते हैं। इन दोनों के बीच का प्यार आज भी उतना ही है जितना कि आज से 52 साल पहले था।
फ्रान और ईडी गार्गियूला नाम के इन कपल का एक 17 साल का पोता है, उससे अपने दादा-दादी की एक ऐसी बात को दुनिया के सामने ला दिया, जो चौंकाने वाली बात तो होने के साथ ही हर कपल के लिए एक मिसाल भी है। उसने अपने दादा-दादी की प्यारभरी एक आदत की तस्वीरें सोशल मीडिया पर डाल दी हैं , जो जमकर वायरल हो रही हैं।
दरअसल, उसके दादा-दादी में एक दूसरे के प्रति इतना लगाव है कि ये दोनों एक दूसरे को साथ-साथ रहते हुए एक जैसे कपड़े ही पहनना पसंद करते हैं। उसने अपने दादी-दादी की इसी एक जैसे कपड़े पहनने की तस्वीरें सोशल मीडिया पोस्ट कर दी हैं, जो कि इन दिनों खूब वायरल हो रही हैं।
तस्वीरों में उसके दादा-दादी हर-पल एक दूसरे का साथ निभाते हुए और खुशी के साथ एक जैसे कपड़ों में देखें जा सकते हैं। फ्रान और ईडी गार्गियूला की ये तस्वीरें इन दिनों सोशल मीडिया में काफी चर्चित होने वाली तस्वीरें बन गई हैं। इस कपल ने अपने प्यार को जताने का एक अलग ही रास्ता निकाल सबको आश्चर्य में डाल दिया है।
नीलमः वहीं हरियाणा के पहलवान दीपक पूनिया ने तबिलिसी में हुई विश्व कैडेट चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया है। दीपक इस चैंपियनशिप में पदक जीतने वाले भारत के तीसरे पहलवान हैं। दीपक के पिता दूध बेचने का कारोबार करते हैं।
17 साल के दीपक ने किरगिस्तान, जॉर्जिया, अमेरिका और तुर्की जैसे देशों के पहलवानों को हराकर वर्ल्ड कैडेट चैंपियन का खिताब अपने नाम किया। ये पहला मौका है जब किसी भारतीय ने 85 किग्रा हैवीवेट कैटेगरी में इस स्तर पर वर्ल्ड टाइटल अपने नाम किया है। दीपक ने कहा, जब मैनें सेमीफाइनल जीता, तो मुझे पता था कि मैं ये कर सकता हूं।
हां, पिछले महीने जब जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप से दीपक खाली हाथ लौटे, तो उनके पिता ने उनका पसंदीदा गाय का दूध उनको नहीं दिया। उदास दीपक ने तब अपने पिता से वादा किया कि विश्व कैडेट चैंपियनशिप में वो खाली हाथ नहीं लौटेंगे।
दीपक ने कहा मैंने अपने पिता से कहा था कि इस बार खाली हाथ नहीं लौटूंगा, बदले में इनाम में गाय का दूध देंगे। दीपक ने जूनियर एशियन में स्वर्ण और एशियन कैडेट में रजत जीता था।
दीपक के पिता सुभाष पूनिया ने कहा कि मैं दूध बेचता था, लेकिन जब दीपक गांव में नहीं रहा, तो जमीन पर ध्यान देने लगा, मुझे तो उसके अखाड़े के कोच ने उसके पदक जीतने की खबर दी। जब वो वापिस लौटेगा तो पहले देखूंगा कि आखिर उसने जीता क्या है, जिसके बाद ही उसको दूध दूंगा।
हमारी ओर से दीपक को बहुत बहुत बधाई।
अनिलः वहीं द फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने ऐलान किया है कि वह एंटी बैक्टीरियल सोप और बॉडी वॉश में मौजूद कई आम सामग्रियों का उपयोग प्रतिबंधित कर रही है। यह भी कहा गया है कि ऐसे उत्पाद पारंपरिक साबुनों की तुलना में प्रभावी नहीं थे और स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकते थे।
साबुन और शैंपू के ज्यादा प्रयोग से कैंसर का खतरा होता है। यह नियम 19 सक्रिय सामग्रियों पर लागू होता है। लिक्वड सोप, बार सोप और अन्य आइटम्स में ट्राइक्लोसन और ट्राइक्लोकार्बन जैसे आम एंटी बैक्टीरियल एजेंट भी शामिल है।
निर्माताओं के पास उनके उत्पादों में से इन सामग्रियों को हटाने या इसे बाजार से हटाने के लिए एक साल दिया गया है। ट्राइक्लोसन आमतौर पर लिक्िवड एंटी बैक्टीरियल सोप्स में यूज होता है, वहीं ट्राइक्लोकार्बन बार सोप्स में।
एफडीए के सेंटर फॉर ड्रग्स इवेल्यूशन एंड रिसर्च के डायरेक्टर जेनट वुडकॉक ने कहा ग्राहक सोचते हैं कि एंटी बैक्टीरियल वॉशेज रोगाणु के प्रसार को रोकने में ज्यादा प्रभावी होती है, लेकिन हमारे पास कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि वे एक सादे साबुन या पानी की तुलना में बेहतर हैं।
उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि वास्तव में कुछ आंकड़ों से पता चलता है कि एंटी बैक्टीरियल इंग्रडियेंट्स लंबे समय तक उपयोग करने पर ज्यादा नुकसान पहुंचा सकती है।
अब आपको खुशखबरी से रूबरू करवाते हैं। दुनिया में पहली बार डॉक्टरों ने आंख के ऑपरेशन के लिए रोबोट का इस्तेमाल किया और आंख की रोशनी वापस लौटाई है। ये रोबोट एक डच कंपनी ने बनाया है। बताया जाता है कि ऑक्सफोर्ड जॉन रेडक्लिफ अस्पताल के डॉक्टरों की टीम ने एक मिलीमीटर के सौवें हिस्से जितनी मोटी झिल्ली आंख से हटाई।झिल्ली को हटाने के लिए जॉय स्टिक नियंत्रित उपकरण का इस्तेमाल किया गया। डॉक्टरों को उम्मीद है कि ये प्रक्रिया मौजूदा समय में इंसानी हाथों से संभव आंखों के ऑपरेशन की तुलना में बेहद जटिल आंखों के ऑपरेशन के लिए रास्ता खोलेगी। 70 साल के मरीज़ पादरी बिल बीवर ने कहा कि ये "एक परी कथा" थी। अब मैं देख सकता हूं। यह परियों की दुनिया की हकीकत है, लेकिन सच्चाई है। मैं भाग्यशाली हूं कि मैं ये ऑपरेशन करवाने वाला पहला व्यक्ति हूं। शरीर की सामान्य जगहों पर रोबोट की सहायता से की जाने वाली सर्जरी सामान्य है, लेकिन अब तक इसका इस्तेमाल आंख के भीतर कभी नहीं किया गया था।
इस सर्जरी को अंजाम देने वाले प्रोफेसर रोबर्ट मैकलर्न के मुताबिक "आंख के पीछे ऑपरेशन करने में बेहद सावधानी की ज़ररूत होती है और आंख की दीवार के एक छोटे से छेद से आंख को बग़ैर कोई नुक़सान पहुंचाए रोबोट सिस्टम से सारी प्रक्रिया को करना एक चुनौती रहा है। सर्जनों ने एक पतली सुई को आंख में चलाने के लिए जॉय स्टिक और टच स्क्रीन का इस्तेमाल किया और इस दौरान एक माइक्रोस्कोप के ज़रिए सारी प्रक्रिया पर नज़र रखी गई।मैकेनिकल हाथ की तरह काम करने वाले इस रोबोट में सात मोटर्स है और सर्जन के हाथों से लगने वाले झटकों को रोकने में सक्षम है।
दोस्तो, प्रोग्राम में जानकारी देने का सिलसिला यही संपन्न होता है। अब समय हो गया है, श्रोताओं की टिप्पणी शामिल करने का। पहला पत्र हमें आया है, केसिंगा उड़ीसा से सुरेश अग्रवाल का। लिखते हैं, पिछले प्रोग्राम में आज बैंकिंग क्षेत्र में नई तकनीक के इस्तेमाल सम्बन्धी दी गई जानकारी अत्यन्त सूचनाप्रद लगी। यह जान कर अच्छा लगा कि भारत में आईसीआईसीआई बैंक निजी क्षेत्र का ऐसा सबसे बैंक बन गया है, जिसने अपने यहाँ सॉफ्टवेयर रोबोट की तैनाती की है। बैंक का कहना है कि ये रोबोट सॉफ्टवेयर बैंकिंग से जुड़ी 200 से ज्यादा प्रक्रियाओं को निपटाएंगे, जिससे ग्राहकों को मिलने वाली प्रतिक्रिया समय में पहले की तुलना में 60 फीसदी की कमी आएगी। बैंक ने एक बयान में कहा कि हम देश के पहले और दुनिया के चुनिंदा बैंकों में से एक हैं, जिसने सॉफ्टवेयर रोबोटिक्स की तैनाती की है, जिससे कई मानवीय कार्य स्वचालित हो जाएंगे।
जानकारियों के क्रम में सेल्फी लवर्स को खुश करने के लिए वाट्सएप द्वारा जल्द ही लाये जाने वाले नये फीचर पर दी गई जानकारी भी अच्छी लगी। इसके जरिए यूजर्स अच्छी सेल्फी लेकर अपने दोस्तों के साथ शेयर कर पाएंगे। लेटेस्ट बीटा वर्शन (2.16.264) एंड्रॉयड मैसेंजर एप पर नया सेल्फी फ्लैश फीचर लॉन्च करने जा रहा है। यह अपडेट पहले स्पैनचैट ला चुका है, जिसे डूडल फीचर के नाम से जाना जाता है।
कार्यक्रम सुन कर पता चला कि -चीन ने दुनिया का सबसे लंबा और ऊंचा जो ग्लास पुल तैयार किया था, उस पर विजिटर्स इस पर डर-डरकर चलते दिखे। खतरे की आशंका में उस ब्रिज को बंद भी कर दिया गया। इसके साथ ही इससे भी कहीं ख़तरनाक़ जापान के एशिमा ओहाशी ब्रिज पर भी महती जानकारी हासिल हुई। दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ब्रिज माना जाने वाला ये ब्रिज नाकाउमी लेक पर बना है, जो जापान के मात्सू और साकाइमिनाटो शहरों को आपस में जोड़ता है। स्वास्थ्य संबंधी जानाकारी में -डेंगू और मलेरिया होने पर सबसे पहले प्लेटलेट्स काउन्ट कम होने की चिंता सताने लगती है। प्लेटलेट्स कम होने पर रक्त का थक्का अच्छी तरह से जम नहीं पाता है। ऐसे में सबसे ज्यादा चुनौती वाला काम इनकी संख्या बढ़ाना होता है। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा दवाइयों के अलावा भी कुछ फूड्स ऐसे हैं जिनके सेवन से प्लेटलेट्स की मात्रा बढ़ाने में सहायक होते हैं।
है। यह जानकारी भी अहम् लगी कि बीमार होने पर आमतौर पर मरीज को दवाइयों के साथ-साथ फलों का जूस पीने की सलाह दी जाती है। अधिकतर लोग इसे फोलो भी करते हैं, लेकिन वे दवाइयां खाते समय इस बात का जरा भी ध्यान नहीं रखते हैं कि उसे खाने का सही तरीका और टाइम क्या है। यह जानकर आश्चर्य हुआ कि अगर आप नाश्ते के दौरान मेडिसिन लेते हैं और उस दौरान फ्रूट जूस भी पी रहे हैं तो इससे दवा का रिएक्शन भी हो सकता है।
मनोरंजन खण्ड में बॉलीवुड फ़िल्मों का लेखा-जोखा भी क़ाबिल-एतारीफ़ लगा। अब बॉलीवुड की फिल्में 200, 300 करोड़ रुपये कमा रही हैं।
आज के कार्यक्रम में पेश तीनों जोक्स भी ठीक-ठाक थे, पर ज़्यादा नहीं हँसा पाये। धन्यवाद् एक अच्छी सूचनाप्रद प्रस्तुति के लिये।
लीजिए अब पेश है, अगला पत्र, जिसे भेजा है, जमशेदपुर झारखंड से एस.बी.शर्मा ने। वह लिखते हैं, मैंने टी टाइम प्रोग्राम सुना बहुत रोचक और जानकारी पूर्ण लगा। आपने आई सी आई सी आई बैंक द्वारा स्थापित रोबोट बैंक के विषय में विस्तार जी जानकारी दी शायद यह भारत का पहला बैंक है। यह भारत सरकार के डिजिटल इंडिया कार्यक्रम का एक कदम कहा जा सकता है।
चीन में कुछ दिन पहले बने शीशे के पुल ने दुनिया भर में खूब शोहरत बटोरी। उसकी शानदार तस्वीरें हमने देखी, पर सुरक्षा कारणों से उसे कुछ समय के लिए बंद किया गया। इसी तरह का एक पुल जापान में भी है, जिसकी आपने चर्चा की। वहीं स्वास्थ्य संबंधी जानकारियों में आपने डेंगू और चिकुनगुनिया से जुड़ी कई रोचक जानकारियां दी जो बहुत ही उपयोगी लगी। धन्यवाद।
वहीं पश्चिम बंगाल से मॉनिटर रविशंकर बसु ने भी प्रोग्राम पर टिप्पणी की है। वह लिखते हैं, आज के प्रोग्राम में शुरुआत में हाल ही में आईसीआईसीआई बैंक द्वारा बैंक के विविध कार्यों को करने हेतु 200 से अधिक सॉफ्टवेयर रोबोटिक्स की तैनाती की घोषणा के बारे में जानकारी प्राप्त हुई। आशा है कि इस सॉफ्टवेयर रोबोटिक के कार्यान्वयन से भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में एक परिवर्तनकारी बदलाव का सूत्रपात होगा। सुना है कि Whatsapp इस्तेमाल करने वालों को अब एक और नया सेल्फी फ्लैश फीचर मिलने जा रहा है। जिसमे यूजर्स अच्छी सेल्फी लेकर अपने दोस्तों के साथ शेयर कर पाएंगे। कार्यक्रम में जापान में बना एशिमा ओहाशी ब्रिज के बारे में बताया गया जो देखने में बिल्कुल रोलरकोस्टर राइड की तरह दिखाई देता है। यह पुल अपनी तरह का दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा ब्रिज है। इस पुल का उद्घाटन साल 2004 में किया गया था । स्वास्थ्य संबंधी जानकारी में आपने बताया कि डेंगू और मलेरिया में प्लेटलेट्स की संख्या कम हो जाने पर उसे बढ़ाने के लिए कीवी और पपीते के पत्ते बहुत सहायता करते हैं।वहीं दवाइयों के साथ कुछ खास फलों का जूस पिने से हमारे शरीर को नुकसान भी पहुंचा सकते है । इस बारे में जानकारी देने के लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद।
बसु जी, हमें पत्र भेजने के लिए आपका शुक्रिया।
श्रोताओं की टिप्पणी यही संपन्न होती है।
अब समय हो गया है, जोक्स यानी हंसगुल्लों का।
पहला जोक
दुकानदारः
बहन जी कैसी साड़ी दिखाऊं?
बहन जीः देवरानी, जेठानी, ननद, पड़ोसन सब सुलग जायें ऐसी।
दूसरा जोक
पुलिस- आप बहुत बहादुर हैं,आपने डाकू को बहुत मारा। महिला- मुझे क्या पता था कि वो बेचारा डाकू है, मै तो समझी कि मेरा शौहर है देर से घर आया है।
तीसरा और अंतिम जोक
पत्नी: जब तुम चश्मा उतारते हो तो बहुत हैंडसम लगते हो !! पति: जब मैं चश्मा उतारता हूं ना तो तुम भी मुझे खूबसूरत दिखती हो !!
जोक्स यहीं संपन्न होते हैं।
दोस्तो, आपको आज का प्रोग्राम कैसा लगा। हमें जरूर बताइएगा। हमें आपके सुझावों और टिप्पणी का इंतजार रहेगा। हमारा ईमेल है.. hindi@cri.com.cn, हमारी वेबसाइट का पता है...hindi.cri.cn.......
अनिलः टी टाइम में आज के लिए इतना ही, अगले हफ्ते फिर मिलेंगे चाय के वक्त, तब तक के लिए नमस्ते, बाय-बाय, शब्बा खैर, चाय च्यान।