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    आपका पत्र मिला 2016-09-07
    2016-09-12 10:58:23 cri

    अनिल:आपका पत्र मिला कार्यक्रम सुनने वाले सभी श्रोताओं को अनिल का नमस्कार।

    हैया:सभी श्रोताओं को हैया का भी प्यार भरा नमस्कार।

    अनिल:दोस्तो, पहले की तरह आज के कार्यक्रम में हम श्रोताओं के ई-मेल और पत्र पढ़ेंगे। इसके बाद सहारा समय के वरिष्ठ संवाददाता बिजेंदर सिंह जी के साथ हुई बातचीत के मुख्य अंश पेश किए जाएंगे।

    चलिए श्रोताओं के पत्र पढ़ने का सिलसिला शुरू करते हैं। पहला पत्र हमें आया है, पश्चिम बंगाल से रविशंकर बसु जी का। उन्होंने लिखा है......

    दिनांक बुधवार 31 अगस्त को आपका रेडियो प्रोग्राम सुना। दुनिया भर के ताज़ा समाचार सुनने के बाद "विश्व का आईना" प्रोग्राम सुना।

    आज "विश्व का आईना" प्रोग्राम में उम्मीद के मुताबिक चीन के हांगचो शहर में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन को लेकर रिपोर्ट सुनने को मिली जो काफी महत्वपूर्ण और प्रासंगिक लगी। पहली रिपोर्ट से हमें यह जानकारी मिली कि जी-20 के 20 सदस्य यानी आर्थिक इकाइयां हैं, लेकिन ये 20 सदस्य देश नहीं हैं। इसकी वजह यह है कि यूरोपीय संघ एक आर्थिक इकाई के रूप में जी-20 में भाग लेता है। इन 20 सदस्यों के नेता वर्तमान शिखर सम्मेलन में भाग लेना चाहते हैं। उनके अलावा जी-20 में 7 अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के नेता और प्रतिनिधि भी शिरकत करेंगे। उनमें विश्व बैंक, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व व्यापार संगठन, अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक संगठन, आर्थिक सहयोग व विकास संगठन और वित्तीय स्थिरता कमेटी आदि के प्रतिनिधि शामिल हैं।साथ ही आसियान, अफ्रीकी संघ और अफ्रीकी विकास नयी साझेदारी योजना संगठन के वर्तमान अध्यक्ष देश भी इसके सदस्य रह चुके हैं। इस साल क्रमशः लाओस, चाड और सेनेगल को वर्तमान अध्यक्ष देश के तौर पर आमंत्रित किया गया है। इस साल चीन ने कज़ाकस्तान और दो विकासशील देशों को जी-20 सम्मेलन में आमंत्रित किया।

    इस रिपोर्ट से पता चला कि वैश्विक आर्थिक मुद्दों से निपटने का मुख्य प्लेटफार्म होने के नाते विश्व आर्थिक विकास का नेतृत्व कर आर्थिक सहयोग को आगे बढ़ाना जी-20 का उद्देश्य है। लेकिन विभिन्न पक्षों के चर्चित मुद्दों में वित्त ही नहीं, व्यापार और पूंजी निवेश आदि परम्परागत आर्थिक क्षेत्र भी शामिल होते हैं। इस साल के हांगचो शिखर सम्मेलन में दो प्रमुख मुद्दे हैं। पहली बार विकास के मुद्दे को वैश्विक समग्र नीति के ढांचे में प्रमुख जगह दी गयी है। साथ ही चीन जी-20 सदस्यों के बीच सहयोग को आगे बढ़ाएगा, अफ्रीका व गरीब देशों के औद्योगिकीकरण विकास को मदद देगा और गरीबी उन्नमूलन एवं अनवरत विकास के लक्ष्य को साकार करेगा। मुझे यह जानकर बहुत ख़ुशी हुई कि चीन भ्रष्ट व्यक्तियों की तलाशी करने के लिए जी-20 में एक अनुसंधान केंद्र की स्थापना करेगा और 2017-2018 भ्रष्टाचार विरोधी कार्य योजना बनाएगा।

    दूसरी रिपोर्ट सुना कि 11वां जी-20 शिखर सम्मेलन गारंटी के लिए चीन ने कई कड़े कदम उठाये हैं।चीन के सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि जी-20 शिखर सम्मेलन की गारंटी के लिए गंभीर चुनौतियों से निपटना होगा। क्योंकि आतंकवाद की धमकी के साथ-साथ स्वास्थ्य और महामारी की रोकथाम जैसी वैश्विक चुनौतियां भी मौजूद हैं।चीनी आधुनिक अंतरराष्ट्रीय संबंध प्रतिष्ठान के आतंकवाद विरोधी केंद्र के प्रधान ली वेई का मानना है कि जी-20 शिखर सम्मेलन जैसे महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय गतिविधि के आयोजन में एक सामान्य सिद्धांत है यानी बिना शर्त सुरक्षा की गारंटी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि घटना घटित होने से पहले ही इसकी रोकथाम की जानी चाहिये, खतरा सामने आने के बाद ही उपाय उठाना गलत रहता है।यह जानकर अच्छा लगा कि जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए सुरक्षा का इंतजाम चाक-चौबंद है। शहर के होटल, नेटवर्क, कूरियर आदि सभी पहलुओं पर स्क्रीनिंग के उपायों को और सख्त बनाया गया है। शहर के अंदर में कुल 172 चौकियों की स्थापना की गयी है और सुरक्षा की जांच में सभी समुदायों और आम लोगों को भी गठित किया गया है।सुरक्षा की गारंटी के लिए हवाई अड्डे या मेट्रो स्टेशन पर लोगों के आइडी कार्ड की जांच की जा रही है और कुछ सड़कों पर ट्रैफिक कंट्रोल भी किये जा रहे हैं। इन सभी कदमों के प्रति हांगचाओ शहर के नागरिकों की तरफ से समझ और समर्थन प्राप्त हो रहा है।

    हैया:बसु जी आगे लिखते हैं...... तीसरी रिपोर्ट में बताया गया कि वैश्विक अर्थव्यवस्था को सही दिशा में बढ़ाने के लिए चीन ने जी-20 के एजेंडे के लिए जोर दे रहा है।रिपोर्ट में बताया गया है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था को 2008 के वित्तीय संकट से अभी पूरी तरह उभरना है। हाल के वर्षों में, वैश्विक व्यापार विकास वैश्विक आर्थिक विस्तार की तुलना में कमजोर हो गया है। 2015 में, विश्व अर्थव्यवस्था के विकास में 3.1 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, जबकि विश्व व्यापार विकास केवल 2.8 प्रतिशत रहा। ज्यादा चिंता इस बात की है कि व्यापार संरक्षणवाद की काली छाया बढ़ोतरी पर है। 2008 के बाद से, जी-20 देशों ने 1583 नए व्यापार-प्रतिबंधात्मक उपाय पेश किए, जबकि पहले से मौजूद केवल 387 उपायों को हटाया गया। इसके अलावा 2015 में पहली बार विकासशील देशों में व्यापार का विकास उनके विकसित समकक्षों से बेहतर रहा, जो कि विकासशील देशों के व्यापार पर नकारात्मक प्रभाव दिखाता है।

    चीन को उम्मीद है कि हांगचो सम्मेलन से वैश्विक बुनियादी ढांचे में संयुक्तता से फायदा होगा, जिसमें सीमा पार से बुनियादी सुविधाओं के नेटवर्क के निर्माण की उम्मीद भी शामिल है। इस संबंध में चीन बहुपक्षीय विकास बैंकों के समर्थन के लिए संयुक्त कार्रवाई की अपेक्षा करेगा। चीन द्वारा शुरू किए गए एशियाई बुनियादी ढांचे के निवेश बैंक ने जनवरी में अभियान शुरू कर दिया और अप्रैल में विश्व बैंक के साथ 1.2 अरब डॉलर के सह-वित्तपोषण समझौते पर हस्ताक्षर किए।हांगचो में जी-20 शिखर सम्मेलन में आर्थिक विकास दर हासिल करने के लिए विस्तृत कार्य योजना भी शामिल है। अपनी अर्थव्यवस्था में शुरुआती आधे साल में 6.7 प्रतिशत के विस्तार के साथ, चीन दुनिया की अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण विकास का इंजन बना हुआ है। चीन की अर्थव्यवस्था भी संरचनात्मक सुधारों के साथ आगे बढ़ने के प्रयास कर रही है।

    अनिल:बसु जी, पत्र भेजने के लिये बहुत धन्यवाद। आगे पेश है छत्तीसगढ़ से चुन्नीलाल कैवर्त जी का पत्र। हालांकि चुन्नीलाल जी ने यह पत्र हांगचो सम्मेलन शुरू होने से पहले भेजा था। फिर भी हम इसे शामिल कर रहे हैं। उन्होंने लिखा है..जी-20 शिखर सम्मेलन,सुप्रसिद्ध पर्यटन स्थल और "मानव का स्वर्ग" के नाम से विश्व विख्यात हांगचो शहर में शुरू होने जा रहा है ,जो कि पूर्वी चीन के चच्यांग प्रांत की राजधानी है। कहना न होगा ,आजकल मेरा सारा ध्यान जी-20 के हांगचो शिखर सम्मेलन की ओर लगा हुआ है। सी आर आई भी अपने श्रोताओं और नेटीजनों के लिए जी-20 के हांगचो शिखर सम्मेलन के बारे में काफी विस्तृत और सूचनाप्रद जानकारी प्रसारित कर रहा है। जिसकी जितनी भी तारीफ की जाये ,कम होगी। हांगचो में शी हू झील चीन की भूमि में दर्शनीय मीठे पानी वाली झीलों में से एक है। विश्व विरासत की सूची में यह चीन का एकमात्र झील वाला विरासत है। शी हू का दौरा करने के दौरान पर्यटक नाव से झील के आसपास के दृश्यों का मज़ा ले सकते हैं, इसके साथ ही साइकिल चलाते हुए झील की परिक्रमा कर एक अविस्मरणीय अनुभव भी प्राप्त कर सकते हैं। हांगचो की इस स्वर्ग-सी खूबसूरती का पूरा श्रेय सपनों से भी ज्यादा सुंदर शीहू झील को जाता है। शीहू झील की सुंदरता का लुत्फ उठाने लाखों सैलानी हर साल यहां आते हैं। यहां की शांत झीलें, सुंदर बगीचे, पूल, भव्य मंदिर और झील के किनारे बने चायखाने आकर्षण का मुख्य केंद्र हैं। 13वीं सदी में जब मार्को पोलो हांगचो आया, तो यहां की सुंदरता देखकर उसने इसे "दुनिया का सबसे सुंदर और हसीन शहर" घोषित किया। एक लोकप्रिय चीनी कहावत के मुताबिक- "ऊपर स्वर्ग है और नीचे हांगचो है"। पूर्वी चीन के चच्यांग प्रांत की राजधानी हांगचो चीन में सात प्राचीन राजधानियों में से एक है। शहर में हअफ़ांग सड़क बहुत लोकप्रिय है, जो हांगचो के पुराने शहरी क्षेत्र में वूशान पर्वत की तलहटी पर स्थित है। इस सड़क का इतिहास बहुत पुराना है, जहां मिंग और छिंग राजवंशों की संस्कृति देखी जा सकती है।

    हांगचो शहर के सुन्दर शी हू झील के तट पर स्थित लींगयेन मंदिर के पास 168 मीटर ऊँचा फेइलाई पर्वत खड़ता है। इस असाधारण पर्वत के साथ बहुत सी कहानियां जुड़ी हुई हैं। इस पर्वत की चोटी पर सैकड़ों साल पहले बनायी गयी गुफाएं और बौद्ध मूर्तियां दिखती हैं। छत्तीसगढ़ के उत्तर में इसी तरह की गुफाओं वाला पर्वत है। कहीं यही पर्वत उड़कर हांगचो तो नहीं चला गया ?

    हांगचो शहर विश्व के शीर्ष नेताओं और पर्यटकों के स्वागत करने के लिए तैयार है। आयोजन समिति ने इस सम्मेलन के लिए जोर-शोर से तैयारियां की हैं, ताकि हांगचो की सुंदरता से सभी को मंत्रमुग्ध किया जा सके। इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में 7.5 लाख से ज्यादा स्थानीय निवासी अपनी सेवाएं देंगे। वे अपने हाथ पर बंधी लाल पट्टियों से पहचाने जाएंगे और आगंतुकों के मार्गदर्शन या मदद के लिए तत्पर रहेंगे। यह जानकर बहुत अच्छा लगा कि हांगचो शहर के वनयुआन प्राथमिक स्कूल के छात्र स्वयंसेवक के रूप में शिखर सम्मेलन के लिए अपना योगदान करेंगे। इन छोटे स्वयंसेवकों ने हरित यातायात को प्रोत्साहित करने के लिए साइकिल चलाई और पर्यटन स्थल में यात्रियों को हांगचो के इतिहास और संस्कृति के बारे में जानकारी दी।

    मैं जी-20 के हांगचो शिखर सम्मेलन की शानदार सफलता की कामना करता हूँ। विश्वास है कि जी-20 का हांगचो शिखर सम्मेलन और शक्तिशाली संकेत दिखाएगा और विश्व आर्थिक वृद्धि में नई उम्मीद जगाएगा। विकास को वैश्विक समग्र नीतिगत ढांचे में प्राथमिकता दी जाएगी और वर्ष 2030 संयुक्त राष्ट्र अनवरत विकास कार्यसूची के क्रियान्वयन के लिए कार्य योजना बनाई जाएगी। सहिष्णुतापूर्ण और साझा विकास जी-20 के हांगचो शिखर सम्मेलन का एक विषय है। सदस्य देश अनवरत विकाआपसी सहयोग और समान समृद्धि पर विचार-विमर्श करेंगे।

    सी आर आई की वेबसाइट में हांगचो शहर के दर्शनीय स्थलों और हांगचो शिखर सम्मेलन की तैयारी से संबन्धित जो तस्वीरें और वीडियो देखे ,वे सब बहुत ही मनमोहक और शिक्षाप्रद हैं। इतनी मेहनत और शानदार तरीके से जी-20 हांगचो शिखर सम्मेलन की जानकारी प्रस्तुत करने के लिए आप सबका धन्यवाद।

    हैया:चुन्नीलाल कैवर्त जी, लेख भेजने के लिये आपका धन्यवाद। चलिए, आगे पेश है जमशेदपुर से एसबी शर्मा का पत्र। उन्होंने भी हांगचो सम्मेलन पर पत्र भेजा है।

    चीन के हांगचो शहर में जी २० देशो का शिखर सम्मेलन चल रहा है। भारत सहित दुनिया के देशो में इसकी चर्चा जोरों पर है। इस सम्मेलन में जहा दुनिया के २० शक्तिशाली देश एक ओर दुनिया के बेहतरी पर चर्चा करेंगे। वही चीन हांगचो में बहुत कुछ बेहतर कर दुनिया को दिखायेगा। इस शिखर सम्मेलन की तैयारी चीन एक साल पहले से शुरू कर दिया था। चीन में इसकी चर्चा जरूर होगी पर भारत में इसकी चर्चा बहुत जोरो पर है। सी आर आई के सवाददाता अनिल पांडेय जी का एक लेख दैनिक हिंदुस्तान में आया था, जिसके माध्यम से उन्होंने जानकारी दी।

    इसी तरह अखिल पराशर जी ने भी कुछ लेख लिखे थे। रविवार को सी आर आई हिंदी प्रसारण से जी २० सम्मेलन का लाइव प्रसारण किया। हांगचो में जी २० के सम्मलेन के उद्घाटन के दौरान चीनी राष्ट्रपति के भाषण को भी विस्तार से बताया गया।

    हैया:अब सुनिए जी-20 शिखर सम्मेलन के बारे सहारा समय के वरिष्ठ संवाददाता बिजेंदर सिंह जी के साथ हुई बातचीत।

    अनिल:दोस्तो, इसी के साथ आपका पत्र मिला प्रोग्राम यही संपन्न होता है। अगर आपके पास कोई सुझाव या टिप्पणी हो तो हमें जरूर भेजें, हमें आपके खतों का इंतजार रहेगा। इसी उम्मीद के साथ कि अगले हफ्ते इसी दिन इसी वक्त आपसे फिर मुलाकात होगी। तब तक के लिए अनिल और हैया को आज्ञा दीजिए, नमस्कार।

    हैया:गुडबाय।

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