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स्मार्ट डिस्ट्रीब्यूशन मंच स्थापित करेगा अलीबाबा
चीनी ई-कॉमर्स वेंचर अलीबाबा ग्रुप ने हाल में कहा कि बिग डेटा के सहारे उसकी संबंधित कंपनी "छाई न्याओ" की नेटवर्क सेवा का दायरा विश्व भर में 224 देशों और क्षेत्रों को कवर किया गया और वह लगातार रणनीतिक सहयोग के माध्यम से सीमा-पार लॉजिस्टिक्स की सामयिकता उन्नत की जाएगी।
छाई न्याओ सीमा-पार लॉजिस्टिक्स कंपनी के निदेशक शुए श्याओक्वो ने कहा कि वर्तमान में सीमा-पार लॉजिस्टिक्स की सेवा मुख्य तौर पर रूस, अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, स्पेन, ऑस्ट्रेलिया, जापान और दक्षिण कोरिया जैसे देशों में की जाती है। भारत समेत नवोदित बाज़ार में इस व्यवसाय को कदम दर कदम किया जा रहा है। शुए श्याओक्वो ने कहाः
"भारत का बाज़ार बहुत विशाल है, जहां युवा लोगों की संख्या अधिक है और इंटरनेट के प्रयोक्ता भी ज़्यादा हैं। इस वजह से भारत का बाज़ार हम नहीं छोड़ सकते। वर्तमान में भारत में आयात-निर्यात व्यवसाय कम है। अब हम स्थानीय लॉजिस्टिक्स उद्योगों के साथ सहयोग पर विचार-विमर्श कर रहे हैं।"
अलीबाबा ग्रुप की योजना के मुताबिक भविष्य के 5 से 8 वर्षों में उसकी सेवा दुनिया भर में 2 अरब उपभोक्ताओं तक पहुंचेगी और वह 1 करोड़ उद्योगों को स्वस्थ विकास वाला मंच प्रदान करेगा। "छाई न्याओ" नेटवर्क को आशा है कि विश्व भर के व्यापारियों और उपभोक्ताओं को स्मार्ट लॉजिस्टिक सेवा प्रदान करेगा, ताकि तकनीक और डेटा के माध्यम से दुनिया भर में लोजिस्टिक्स अधिक आसान हो सके। लक्ष्य यह भी है कि उसके सहयोग साझेदार डेटा और तकनीक से क्षमता पाकर अधिक सुविधापूर्ण लॉजिस्टिक सेवा हासिल कर सकेंगे और उपभोक्ताओं को खरीदारी में अधिक सुविधा मिलेगी।
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अलीबाबा ने पेटीएम (PayTM) से मिलाया हाथ
इस वर्ष की पहली तिमाही में अलीबाबा की सिस्टर कंपनी ऐन्ट फ़ाइनैन्शल के सहयोग से भारतीय कंपनी पेटीएम (PayTM) दुनिया में चौथी बड़ी पैसों के लेन-देन वाली कंपनी बन गई है। इसके उपभोक्ताओं की संख्या 13 करोड़ 50 लाख तक जा पहुंची है, जो पिछले वर्ष ऐन्ट फ़ाइनैन्शल के साथ सहयोग करने से पहले की तुलना में पांच गुना बढ़ गई।
ऐन्ट फ़ाइनैन्शल के भारतीय कारोबार की प्रमुख यांग सियुन ने कहा कि पेटीएम भारतीय उपभोक्ताओं को खातों के ट्रांसफ़र, ट्यूशन के भुगतान, पानी, बिजली और गैस बिल के भुगतान जैसी सेवा प्रदान करती है। इसके साथ साथ गैस स्टेशन, कैफ़े और चाय की दुकानों में भी पेटीएम की सेवा उपलब्ध है। ऐसे में सभी भारतीय लोग समानता से इस वित्तीय सेवा का लाभ उठा सकते हैं। यांग सियुन ने कहाः
"स्मार्ट फ़ोन और इंटरनेट के प्रयोग की लागत कम होने के चलते समावेशी वित्त की शर्त पूरी हो चुकी है। पेटीएम के उपभोक्ताओं में 10 बड़े शहरों और अन्य क्षेत्रों में उपभोक्ताओं का अनुपात 50 प्रतिशत और 50 प्रतिशत है। पिछले एक वर्ष में 10 बड़े शहरों के अलावा, अन्य क्षेत्रों के उपभोक्ताओं की संख्या तेज़ी से बढ़ी है। भारत सरकार भी समावेशी वित्त पर बड़ा ध्यान दे रही है। हम बस और विविध सेवाओं का विकास करेंगे, जो भुगतान के साथ साथ वित्तीय सेवा भी शामिल हैं।"
और ज़्यादा भारतीय उपभोक्ता, विशेषकर किसानों को इंटरनेट वित्त की सुविधा देने के लिए पेटीएम संबंधित काम में जुटा है। लघु और छोटे कारोबारों को ऋण देने के अलावा, पेटीएम अन्य कंपनियों के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट का निर्माण कर रही है। पेटीएम ने ऑनलाइन बैंकिंग का निर्माण करने की योजना भी बनाई है। यांग सियुन ने कहाः
"भारत में जनसंख्या 1 अरब 20 करोड़ से ज़्यादा है। भारत की वस्तुगत स्थिति चीन के बराबर है। भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में बैंक कम हैं, जबकि वहां जनसंख्या ज़्यादा है। भारत सरकार की समावेशी वित्त बढ़ाने की बड़ी इच्छा है। अब हमें संबंधित लाइसेंस मिल गया है। बाद में हम और दुरस्थ क्षेत्रों में जाकर स्थानीय लोगों को अपनी सेवाएं देंगे।"
निवेश लगाने के अलावा, ऐन्ट फ़ाइनैन्शल पेटीएम के दैनिक कार्यों में भी भाग लेती है और पेटीएम को उत्पादों के अनुसंधान, कारोबार के प्रचार और सुरक्षा की निगरानी आदि का समर्थन देती है। ऐन्ट फ़ाइनैन्शल और पेटीएम एक दूसरों को विकास का अनुभव शेयर करती हैं और साझा विकास करती हैं। यांग सियुन ने कहाः
"हम पिछले दसेक वर्षों में प्राप्त सभी अनुभव पेटीएम को बताएंगे। क्योंकि कंपनी के विकास में समस्याएं अवश्य ही आती रहती हैं। अनुभव का साझा करने से पेटीएम के लिए विकास का रास्ता सरल बन जाएगा।"