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    टी टाइम 160818(अनिल और नीलम)
    2016-08-18 18:21:43 cri

    अनिल- टी-टाइम के नए अंक के साथ हम फिर आ गए हैं, आपका मनोरंजन करने। जी हां, आपके साथ चटपटी बातें करेंगे और चाय की चुस्कियों के साथ लेंगे गानों का मजा, 25 मिनट के इस प्रोग्राम में। इसके साथ ही प्रोग्राम में श्रोताओं की प्रतिक्रियाएं भी होंगी शामिल। तो जल्दी से हो जाइए तैयार।

    अनिलः दोस्तो, प्रतिस्पर्धा और जल्दी खबर हासिल करने की दौड़ में मीडियाकर्मी कई बार असंवेदनशील व्यवहार करते हैं। भारत में अक्सर ऐसा होता है, वहीं दुनिया के दूसरे देशों में भी मीडिया द्वारा ऐसा किया जाता है। अब लेटिन अमेरिका के देश अल सल्वाडोर में हुई घटना से एक बार फिर मीडिया की भूमिका पर सवाल उठ खड़े हुए हैं। अल सल्वाडोर में एक टीवी पत्रकार का हैरान करने वाला वीडियो सामने आया है। वीडियो में पत्रकार लॉरी से टक्कर में घायल हुए एक शख्स की मदद करने के बजाय उसका इंटरव्यू कर रही है।

    वीडियो में पहले दुर्घटना ग्रस्त ट्रक दिखाया जाता है, जिसकी विंडस्क्रीन टूटी हुई है। जिसके बाद कैमरा सीधा घायल शख्स के आगे जाता है, जो टक्कर के बाद नीचे पड़ा दर्द से कराह रहा है।

    घायल व्यक्ति पत्रकार के सवाल का जवाब देते हुए कह रहा है, ''उन्होंने मुझे टक्कर मार दी। मुझे काफी दर्द हो रहा है। '' इसपर मदद करने के बजाये टीवी पत्रकार पूछती है, क्या तुम्हें सामने से आती सवारी नहीं दिखी? '' शख्स मना कर देता है।

    इतना ही नहीं, पत्रकार आगे पूछती है, '' क्या तुम्हें अस्पताल ले जाएं? '' इसपर भी शख्स मना कर देता है। रिपोर्ट्स की मानें तो गंभीर रूप से घायल होने के कारण घायल व्यक्ति की बाद में मौत हो गई।

    वाकई में बहुत दुख होता है, मीडिया का ऐसा अमानवीय रुख देखकर।

    दोस्तो, अब आपको बताते हैं तकनीक से जुड़ी अहम खबर। हम और आप सभी इंटरनेट पर कुछ भी पता लगाने के लिए वेबसाइट तो जरूर खोलते हैं। वेबसाइट इंटरनेट की दुनिया की खिड़की है जिस पर क्लिक कर हम पलक झपकते ही मनचाही जानकारी हासिल कर सकते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सबसे पहली वेबसाइट कैसी थी और इसे कब और किसने बनाया था। चलिए हम आपको बताते हैं, पहली बार जब वेबसाइट बनी थी, तो उसमें केवल टैक्स्ट था और कोर्इ फोटो या इमेज मौजूद नहीं थी। जबकि आजकल वेबसाइट खोलने पर फोटो, टैक्स्ट और वीडियो सभी कुछ खुलता है।

    दरअसल यह एक तकनीकी वेबसाइट थी जिसमें प्रमुख तौर पर सर्वर सेटअप का डिटेल दिया गया था। 25 साल पहले यानी 6 अगस्त 1999 को लोगों ने दुनिया की पहली वेबसाइट देखी थी। वर्ल्ड वाइड वेब (www) की खोज करने वाले ब्रिटिश वैज्ञानिक सर टिम बर्नर्स ली ने 20 दिसंबर 1990 को NEXT कंप्यूटर पर दुनिया की पहली वेबसाइट लाइव की थी।

    गौरतलब है कि सर टिम बर्नर्स ली को ही फादर ऑफ इंटरनेट के नाम से जाना जाता है। इस वेबसाइट पर कुछ हाइपरलिंक्स थे, जिन्हें दूसरे पेजेज से जोड़ा गया था। यह वेबसाइट बनी थी 6 अगस्त 1999 के दिन। इस वेबसाइट में उन्होंने शेयर किए गए डेटा को एक्सेस करने के तरीके भी बताए।

    6 अगस्त का दिन www के लिए सिल्वर जुब्ली वाला दिन था। आज भी दुनिया की पहली वेबसाइट चल रही है और आप भी info.cern.ch पर इसे खोल सकते हैं।

    दोस्तो, आपको यह जानकारी पसंद आयी होगी।

    लीजिए अब प्रोग्राम को आगे बढ़ाते हैं, 'एमोर्फोफैलस टाइटेनम' नाम का ये फूल अपने आप में बेमिसाल़ है और ये 9 साल बाद खिलता है। केरल में अब लोगों को 9 साल बाद खिलने वाला फूल देखने को मिल रहा है। 9 साल में एक बार ही खिलने वाले इस फूल की सबसे बड़ी खासियत है कि ये रात ही में खिलता है और खिलने के 48 घंटे तक ही जीवित रह सकता है।

    नीलमः केरल की प्राकृतिक सुंदरता को देखने के लिए दूर देश के लोग भी खींचे चले आते हैं। यहां पर पुराने मंदिर, पुराने किले, और तेज बहाव के साथ बहते झरने है। इसके अलावा केरल की खूबसूरती को चार-चांद लगाने वाला "आर्किड का बगीचा" भी है, जो केरल की सुंदरता को दोगुना कर देता है। इसके खिलते हुए नजारे को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आकर इसे देखते है। .

    लेकिन अब केरल में इन सबसे भी खास वो मौका ये आया है, जो लोगों को 9 साल बाद खिलने वाला फूल देखने को मिल रहा है। 'एमोर्फोफैलस टाइटेनम' नाम का ये फूल अपने आप में बेमिसाल़ है और ये 9 साल बाद खिलता है। इसकी सुंदरता के देखने के लिए लोग यहां पर आते है। सबसे सुंदर और सबसे दुर्लभ मिलने वाला यह फूल सिर्फ इंडोनेशिया के जंगलों में ही पाया जाता है।

    एक हफ्ते तक खिलने वाला यह फूल देखने में जितना सुंदर होता है, इसकी महक उतनी ही सड़े मांस की तरह बदबूदार होती है। 9 साल में एक बार ही खिलने वाले इस फूल की सबसे बड़ी खासियत है कि ये रात ही में खिलता है और खिलने के 48 घंटे तक ही जीवित रह सकता है।

    इसके अलावा ये 9 साल में एक बार ही खिलता है। खिलने के समय ये 3 मीटर तक ऊंचा हो जाता है। बारिश के इस मौसम में चारों ओर हरियाली के बीच कलकलाते झरनों की अवाज और ये फूल सभी का मन मोह लेती है।

    अनिलः आपने गधी और ऊंटनी के दूध की पौष्टिकता के बारे तो सुना होगा।

    अब भारत के विशाखापट्टनम में लोग गधी के एक लीटर दूध के लिए दो हजार रुपए भी चुकाने को तैयार हैं। ख़बरों के मुताबिक लोग एक कप गधी के दूध के लिए दो सौ रुपए दे रहे हैं। दूसरी ओर चेन्नई और बेंगलुरु में भी लोग इस दूध के लिए घंटो इंतजार करते दिखते हैं।

    नीलमः अब आप सोच रहे होंगे कि गधी के दूध में ऐसा क्या है कि लोग गाय, भैंस का दूध छोड़ इतनी कीमत चुका कर इसे खरीद रहे हैं वो भी इतने ज्यादा दाम में। दरअसल, इसका कारण यह है कि गधी का दूध बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। सबसे ज्यादा इस दूध को खरीदने के लिए नवजात शिशुओं कि मांए इस कतार में नजर आती हैं।

    बेंगलुरु में एक आदमी 50 रुपए में एक चम्मच गधी का दूध बेच रहा है। इस व्यक्ति का नाम कृष्णप्पा है और इसकी गधी का नाम लक्ष्मी है। कृष्णप्पा अपनी गधी के साथ बेंगलुरु की सड़कों पर हर रोज घूमता नजर आता है। वह गलियों में आवाज लगाता है गधी का दूध लो लो, अस्थमा, ठंड,खांसी से मिलेगी राहत। बच्चों के लिए सेहतमंद।

    माना जाता है कि गधी का दूध मां के दूध के समान पौष्टिक होता है। इसमें लाइसोजाइम जैसे तत्व पाए जाते हैं जो प्रतिरोधी क्षमता के लिए फायदेमंद है।

    अनिलः वहीं इन दिनों ब्राजील के रियो डि जेनेरियो में ओलंपिक खेल जारी हैं, और अब तक भारत की झोली खाली है। भारत ने ओलंपिक में भेजे तो 119 सदस्य थे, लेकिन मेडल लाने में सब के सब नाकाम। वहीं खेल मंत्री विजय गोयल के साथ गए प्रतिनिधियों ने रियो ओलंपिक में भारत की नाक और कटा दी। वे जगह-जगह जबरदस्ती पहुंच रहे थे, जहां जाने की अनुमति नहीं थी। आयोजकों ने इस व्यवहार से तंग आकर खेल मंत्री का पास भी रद्द कर देने की धमकी दी थी। वैसे तो खेल मंत्री गए भारतीय एथलीटों का उत्साह बढ़ाने गए थे, लेकिन नतीज़ा शून्य हुआ। शायद इस बार के प्रदर्शन के बाद भारत सरकार और संबंधित खेल कमेटियों को भारत में खेलों का स्तर सुधारने की सुध आ जाय। एक अरब से अधिक आबादी वाले देश को सिर्फ एक मेडल पाने के लिए तरसना पड़ रहा है।

    अब ओलंपिक से ही जुड़ी दूसरी ख़बर..

    भारतीय जिम्नास्ट दीपा करमाकर गत् रविवार को हुए महिला जिम्नास्टिक्स की वॉल्ट स्पर्धा में पदक जीतने से चूक गई, जिससे वे निराश हैं। हार के बाद उन्होंने देश वासियों से माफी मांगी है। इस हार के बावजूद दीपा ने देशवासियों के साथ ही विदेशी खेलप्रेमियों के दिल जीत लिए हैं।

    अपने हैरतअंगेज प्रदर्शन से दुनियाभर को रोमांचित करने वाली दीपा ने शानदार प्रदर्शन के ‍जरिए चौथा स्थान हासिल किया। रियो में गोल्‍ड की हैट्रिक लगाने वाली और 19 साल की सुपरस्‍टार जिमनास्‍ट सिमोन बाइल्‍स अगर यह कहती हैं कि वो दीपा की तरह प्रॉडुनोवा वॉल्‍ट नहीं कर सकतीं तो इससे दीपा के टैलेंट, हिम्‍मत और काबिलियत का अंदाजा लगाया जा सकता है।

    अपनी इस हार से दीपा करमाकर पूरी तरह से निराश और देश की सवा सौ करोड़ जनता से माफी भी मांगी हैं। अपने मैच के बाद ट्वीट कर दीपा करमाकर ने कहा, 'पदक नहीं जीतने के लिए देश की 1.3 करोड़ जनता से मैं माफी मांगती हूं, हो सके तो मुझे माफ कर दें।'

    इतना ही नहीं दीपा अपनी इस हार से इतनी आहत थी कि उन्होंने इसके बाद देश की 1.3 करोड़ जनता के नाम एक और संदेश दे दिया। उन्हें एक बार फिर से ट्वीट कर कहा, 'सवा सौ करोड़ देशवासियों, मैं आपका सपना पूरा नहीं कर सकी, जिसके लिए मैं फिर माफी मांगती हूं, जो हुआ मैं उसके लिए खुद को माफ नहीं कर पा रही।'

    इसके बाद सोमवार को दीपा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मैं अपने प्रदर्शन से खुश हूं, लेकिन मैं इस बात से बहुत निराश हूं कि मैं पदक से चूक गई हूं। लेकिन अंत जीत और हार सब खेल का एक हिस्सा है। मैं अब 2020 ओलिंपिक पर अपना सारा ध्यान दूंगी।

    अमेरिका की सिमोन बाइल्स ने 15.966 अंकों के साथ स्वर्ण पदक जीता। रूस की मारिया पासेका ने 15.253 औसत अंकों के साथ रजत पदक जीता। स्विट्‍जरलैंड की जियुला स्टेनगुबर ने 15.216 अंकों के साथ कांस्य पदक जीता। दीपा 15.066 अंकों के साथ चौथे स्थान पर रहीं। इस तरह दीपा कांस्य पदक जीतने वाली स्विस जिम्नास्ट से मात्र 0.15 अंक पीछे रहीं। दीपा ने इस ओलंपिक अभियान के दौरान कई उपलब्धियां हासिल की। उन्होंने ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर इतिहास रचा था। इसके बाद सबको चौंकाते हुए उन्होंने वॉल्ट फाइनल की पात्रता हासिल कर ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की थी।

    नीलमः अब बिजनेस से जुड़ी जानकारी देते हैं। ऑनलाइन एटीएम की धोखाधड़ी से उपभोक्ताओं को होने वाले नुकसान से राहत देते हुए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने अब इसकी जिम्मेदारी संबंधित बैंकों की तय कर दी है।

    यह कदम आरबीआई ने उपभोक्ताओं की जीरो लायबिलिटी के तहत उठाया है। फ्रॉड के बाबत शिकायत मिलने के 10 दिनों के अंदर संबंधित बैंक उपभोक्ताओं को पूरा पैसा वापिस देगा।

    ऑनलाइन एटीएम फ्रॉड को दौरान अगर लापरवाही उपभोक्ता के स्तर पर हुई है तो इस स्थिति में आरबीआई ने अपने निर्देश स्पष्ट कर दिए हैं। आरबीआई के मुताबिक इस दशा में बैंकों को नुकसान की भरपाई करने या न करने के अंतिम निर्णय लेने का अधिकार होगा।

    आरबीआई ने कंज्यूमर जीरो लायबिलिटी योजना के तहत जारी आदेश में कहा है कि बैंकों को अपनी जिम्मेदारी से पीछे नहीं हटना चाहिए।

    बैंक की तरफ से सेवाओं में कमी न होने के बाद भी सिस्टम में कोई कमी है तो संबंधित बैंक को ही इसके लिए जिम्मेदारी मानी जाएगी। फ्रॉड की शिकायत 7 दिन के अंदर करनी होगी।

    ऑनलाइन एटीएम फ्राड पर उपभोक्ताओं को मिलने वाली राहत संबंधी खबर के बाद अब बात फ़िल्मों की करते हैं।

    गत शुक्रवार को रिलीज हुई फ़िल्म, रुस्तम और मोहन जो दाड़ो के बीच इन दिनों टक्कर जारी है। फिल्म समीक्षकों को इन फिल्मों का इंतजार था। इनमें अक्षय कुमार और ऋतिक रोशन एक्टिंग कर रहे हैं। पहले दिन से ही रुस्तम मोहन जो दाड़ो से बेहतर कमाई कर रही है। शुक्रवार को रुस्तम ने 14 करोड़ से अधिक की कमाई की, जबकि मोहन जो दाड़ो महज आठ करोड़ ही कमा सकी।

    पहले तीन दिन में मोहन जो दाड़ो ने 30.54 करोड़ जबकि रुस्तम ने 50.42 करोड़ की कमाई की। सोमवार को भी यही सिलसिली जारी रहा। रुस्तम ने सोमवार को 17.75 करोड़ की कमाई की। इस तरह फिल्म की कुल कमाई अब 67.5 करोड़ पर पहुंच गई है। वहीं दुनियाभर में फिल्म की कुल कमाई 115 करोड़ को पार कर गई है। 'रुस्तम' इस साल पहले तीन दिन में सबसे ज्यादा कमाने वाली फिल्मों में चौथे नंबर पर है।

    मोहन जो दाड़ो ने सोमवार को 10.36 करोड़ की कमाई की है, फिल्म की भारतीय बॉक्स ऑफिस पर कमाई 40.90 करोड़ हो गई है। वहीं दुनियाभर में फिल्म ने 73 करोड़ के आंकड़े को छू लिया है।

    दोस्तो, आज के प्रोग्राम में जानकारी देने का सिलसिला यही संपन्न होता है। अब बारी श्रोताओं के पत्र शामिल करने की।

    नीलमः पहला ई-मेल हमें आया है, केसिंगा उड़ीसा से सुरेश अग्रवाल का। वह लिखते हैं, कार्यक्रम "टी टाइम" के अन्तर्गत शुरुआत में ब्रिटेन के मिडलसेक्स की रहने वाली श्रीमती एम्मा प्रेस्कॉट को किडनी स्टोन होने के बजाय गर्भ का होना और उनका माँ बनना निश्चित तौर पर सुखद समाचार है, परन्तु इससे चिकित्सकों की उस ग़लती को नहीं ढ़का जा सकता, जिसके चलते मर्ज़ की ग़लत पहचान की गई। जानकारियों के क्रम में जापान में मनुष्यों की तरह सड़कों पर घूमते और ख़रीददारी करते पेंगुइन के बारे में जानकार काफी आश्चर्य हुआ। सीरिया में महिलाओं द्वारा बिना पुरुष के शादी रचाने का समाचार वहां की भयावह स्थिति को बयान करता है। बिज़नेस के मद्देनज़र फ़ेसबुक द्वारा भारत में दो नये सेक्शन जोड़ने का समाचार भी उत्साहवर्द्धक लगा। हेल्थटिप्स में स्थायी तौर पर विकलांगता पैदा करने वाली बीमारी मल्टीपल स्क्लेरॉसिस तथा मोटापे के कारण होने वाले कैंसर के ख़तरे से आगाह किया जाना भी उपादेय लगा। और हाँ, कार्यक्रम में पेश तीनों जोक्स भी काफी अच्छे लगे। धन्यवाद् फिर एक रोचक प्रस्तुति के लिये। धन्यवाद्।

    अनिलः वहीं अगला पत्र हमें आया है, पश्चिम बंगाल से देवाशीष गोप का। उन्होंने लिखा है, मैं अपने व्यस्त काम में से समय निकालकर टी-टाइम प्रोग्राम सुनता हूं। प्रोग्राम के पिछले अंक में आपने बताया कि एक ब्रिटिश महिला को अंतिम समय तक भी पता नहीं था कि वह गर्भवती है। जो किसी बीमारी की वजह से हुआ था। लेकिन भगवान का शुक्र है कि उस महिला ने एक स्वस्थ बच्चे को भी जन्म दे दिया है। वाकई में चौकाने वाली खबर थी। वहीं आपने बताया कि फ़ेसबुक भारतीय बाज़ार पर विशेष ध्यान दे रहा है, इसके तहत दो सेक्शन फेसबुक में जोड़े जाएंगे। भारत में बड़ी संख्या में लोग फ़ेसबुक का इस्तेमाल करते हैं। फ़ेसबुक के इस क़दम से आम लोगों और बिजनेस करने वालों को बहुत लाभ होगा।

    इसके साथ ही प्रोग्राम में पेश संगीत और जोक्स भी मुझे बहुत अच्छे लगे। शुक्रिया शानदार प्रोग्राम पेश करने के लिए।

    धन्यवाद देबाशीष जी।

    वहीं उत्तराखंड से प्रदीप कुमार ने पत्र भेजकर लिखा है कि उन्होंने इस बार टी-टाइम प्रोग्राम सुना। इसके माध्यम से बहुत जानकारी हासिल हुई। धन्यवाद।

    धन्यवाद। दोस्तो, इसी के साथ श्रोताओं की टिप्पणी यहीं संपन्न होती है।

    लीजिए अब पेश है, आज के प्रोग्राम के हंसगुल्ले यानी जोक्स

    पहला जोक

    रोहित:- सबसे बड़ा चॅलेंज क्या है? मोहित:- Answer शीट को खाली छोड़ दो और लास्ट मे लिख देना, पास करके दिखा।

    दूसरा जोक

    संता :यार उठ भूकंप आ रहा है, सारा घर हिल रहा है बंता : सोजा -सोजा घर गिरेगा तो मकान मालिका का, हम तो किराएदार हैं।

    तीसरा जोक.

    बंटीः अंकल, पापा ने चीनी मंगवाई है। दुकानदारः और क्या-क्या कहा है तुम्हारे पापा ने ? बंटीः अगर वो मोटा न दे तो, शर्मा अंकल की दुकान से ले आना। -

    जोक्स यहीं संपन्न होते हैं।

    दोस्तो, आपको आज का प्रोग्राम कैसा लगा। हमें जरूर बताइएगा। हमें आपके सुझावों और टिप्पणी का इंतजार रहेगा। हमारा ईमेल है.. hindi@cri.com.cn, हमारी वेबसाइट का पता है...hindi.cri.cn.......

    अनिलः टी टाइम में आज के लिए इतना ही, अगले हफ्ते फिर मिलेंगे चाय के वक्त, तब तक के लिए नमस्ते, बाय-बाय, शब्बा खैर, चाय च्यान।

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