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    आपका पत्र मिला 2016-08-03
    2016-08-10 10:55:50 cri

    अनिल:आपका पत्र मिला कार्यक्रम सुनने वाले सभी श्रोताओं को अनिल का नमस्कार।

    हैया:सभी श्रोताओं को हैया का भी प्यार भरा नमस्कार।

    अनिल:दोस्तो, पहले की तरह आज के कार्यक्रम में हम श्रोताओं के ई-मेल और पत्र पढ़ेंगे। इसके बाद एक श्रोता के साथ हुई बातचीत के मुख्य अंश पेश किए जाएंगे।

    चलिए श्रोताओं के पत्र पढ़ने का सिलसिला शुरू करते हैं। पहला पत्र हमें आया है, ओडिसा से मॉनीटर सुरेश अग्रवाल जी का। उनहोंने लिखा है......

    केसिंगा दिनांक 31 जुलाई। बहरहाल, ताज़ा समाचारों के बाद अखिल और सपनाजी की संयुक्त प्रस्तुति "सन्डे की मस्ती" हर बार की तरह आज भी लाज़वाब रही। 'सन्डे स्पेशल' में सपनाजी द्वारा पेश 'विश्व की संवेदनशील कहानी' की कड़ी में आज अनातोली फ़्रांस द्वारा लिखित फ़्रांसीसी कहानी 'मैडम तलुसी' सुनी, जो कि दिल को छू गई। लूसी और दार्शनिक प्लानचोनेत का किस्सा फ़्रांस में हाल में हुई हिंसक घटनाओं के परिप्रेक्ष्य में जोड़ कर देखा जाये, तो भी शरणागत की रक्षा करना प्रशंसनीय बात है। जानकारियों के क्रम में चीन में निर्धारित लक्ष्य पूरा न करने वाले कर्मचारियों को कम्पनियों द्वारा दी जाने वाली सज़ा के तरीके वास्तव में, अनूठे लगे। वैसे अच्छी बात है कि करेला कड़वा भले ही होता हो, सेहत के लिये अत्यन्त फ़ायदेमंद होता है। चीन में ही पेइचिंग के बाहरी हिस्से पातालिंग में स्थित राष्ट्रीय पार्क में बाघ द्वारा एक महिला का मारा जाना दुःखद लगा। इसमें कहीं न कहीं लापरवाही तो पार्क की ही कही जायेगी। चीन के श्यानसी प्रान्त की राजधानी में एक महिला नर्स द्वारा बारिश में बीच सड़क पड़े तड़फ रहे एक दिल के मरीज़ को बचाये जाने का किस्सा अनुकरणीय लगा। मैं उक्त नर्स के इन्सानी जज़्बे को सैल्यूट करता हूँ। प्रेरक कहानी के अन्तर्गत रामू काका की 'एक चुटकी ईमानदारी' वाली सीख तो सभी के लिये अनुकरणीय है। मनोरंजन खण्ड में इस शुक्रवार रिलीज़ हुई फ़िल्म "ढ़िशुम" की चर्चा के साथ उसका प्रोमो तथा कार्यक्रम में सुनवाये गये तीनों जोक्स भी मनभावन लगे। धन्यवाद् फिर एक शानदार प्रस्तुति के लिये।

    वहीं एक अगस्त को कार्यक्रम "सीआरआई भ्रमण" के तहत कुछ समय पूर्व चीनी राष्ट्रीय पर्यटन ब्यूरो द्वारा ज़ारी रिपोर्ट में चीन में हो रहे पर्यटन विकास सम्बन्धी जो आंकड़े पेश गये, काफी उत्साहवर्द्धक लगे। पर्यटन विकास सकल राष्ट्रीय विकास का दस प्रतिशत होना एक असाधारण उपलब्धि कहा जायेगा। वैसे भी पर्यटन के साथ-साथ चीन में रेस्तरां एवं शॉपिंग आदि में अस्सी प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। सच, कहा जाये तो चीन में पर्यटन उद्योग का कायापलट हो गया है। कार्यक्रम में चीन के भीतरी मंगोलिया स्वायत्त प्रदेश और रूस सहित तीन देशों द्वारा मिलकर किये जाने वाले पर्यटन सहयोग की चर्चा भी महत्वपूर्ण लगी। पर्यटन फ़ोकस में लन्दन स्टॉक एक्सचेंज द्वारा चीन द्वारा विदेशों में होटल व्यवसाय पर किये जाने वाले भारी निवेश की प्रशंसा किया जाना तथा पिछले एक दशक में विदेश जाने वाले चीनी पर्यटकों की छलांग की बात भी उत्साहवर्द्धक लगी। चीनी कम्पनियों द्वारा विदेशों में होटल व्यवसाय पर एक खरब ग्यारह अरब युआन का निवेश भी एक चौंकाने वाला तथ्य है।संवाददाता के पदचिह्न क्रम में पूर्वोत्तर चीन के पर्यटन शहर फोशुन, जिसे कोयला नगर के नाम से भी जाना जाता है, पर की गई चर्चा भी सूचनाप्रद लगी। हमारी भी कामना है कि चीन यूँ ही विकास के नये-नये आयामों का स्पर्श करता रहे।

    साप्ताहिक "आर्थिक जगत" के अन्तर्गत चीन की पर्यावरण संरक्षण कम्पनी के मालिक कमोशी (नाम जैसा समझ में आया) द्वारा स्थापित छिंगह नामक कम्पनी और उसके कारोबार पर भी महती जानकारी प्रदान की गई। उच्चारण सम्बन्धी कठिनाई के चलते बहुत सी बातें समझ में नहीं आयीं, जिसका मुझे खेद है।

    कार्यक्रम "जीवन के रंग" में चीन के मशहूर व्यंजन च्याओ चू पर महती जानकारी दी गई, परन्तु विशुध्द शाकाहारी होने के कारण हम उसका स्वाद नहीं चख सकते। हाँ, पपीते पर किया गया आपका गुणानुवाद बहुत अच्छा लगा। धन्यवाद् एक अच्छी पेशकश के लिये।

    हैया:सुरेश अग्रवाल जी, पत्र भेजने के लिये आपका धन्यवाद। चलिये, अगला पत्र मेरे हाथ आया है उत्तर प्रदेश से सादिक आज़मी जी का। उन्होंने लिखा है......

    नमस्कार। लम्बे अंतराल के बाद एक बार फिर से अपनी प्रतिक्रिया के साथ आपकी सेवा में उपस्थित हूँ। हालांकि कार्यक्रम सुनने का क्रम जारी था। पर मेल भेजने में असमर्थ था।

    आज की सुबह की सभा में सण्डे की मस्ती का वही लुभावना अंदाज़ मन मोह गया। सपना जी और अखिल जी ने रोचक और ञानवर्धक क्रम को आगे बढ़ाते हुए सर्वप्रथम सुंदर चीनी गीत सुनवाया प्रेम भाव को दर्शाते गीत का हिन्दी अनुवाद बहुत उम्दा था। पर विश्व की संवेदनशील कहानी के विषय में कहना चाहता हूं कि इसे नाटकीय रुप में पेश करें तो और अच्छा लगेगा। हांलॉकि यह थोड़ा कठिन ज़रूर है पर बहुत अच्छा लगेगा।

    420 किमी की रफ्तार से दो बुलेट ट्रेनों के आपस में क्रॉस का विश्व रिकार्ड पाने में चीन सरकार एवं जनता को बहुत बहुत बधाई !

    मुफ्त में खाने खिलाने का होटलों का फार्मूला लोकप्रियता प्राप्त करने का फण्डा सरीखा लगता है। वरना आज भी विश्व में लाखों लोग भूखे सोते हैं। इस बार भी हास्य आडियो क्लिप बहुत अच्छी लगी। और आपके जोक्स की तो बात ही निराली है। कुल मिलाकर एक अच्छी प्रस्तुति हेतु धन्यवाद।

    अनिल:सादिक आज़मी जी, हमें पत्र भेजने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद। चलिए, अगला पत्र मेरे हाथ आया है पश्चिम बंगाल से मॉनिटर रविशंकर बसु जी का पत्र। उन्होंने लिखा है......

    25 जुलाई को आपका रेडियो प्रोग्राम सुना।आज अनिल पाण्डेय जी द्वारा पेश किये गए दुनिया भर के ताज़ा समाचार सुनने के बाद साप्ताहिक "चीन का भ्रमण","आर्थिक जगत" और "जीवन के रंग" प्रोग्राम सुना।

    आज "चीन का भ्रमण" कार्यक्रम से यह जानकारी मिली कि एक सर्वे के मुताबिक अब हांगकांग दुनिया का सबसे महंगा शहर बन गया है। पेइचिंग को इस सूची में दसवां स्थान मिला है।

    आज "आर्थिक जगत" कार्यक्रम में ललिता जी ने पेइचिंग के फ़िट टाइम कंपनी की संस्थापक फिटनेस गुरु चू श्याओश्याओकी कहानी हमें सुनाई जो मुझे बहुत ही उतसाहवर्धक लगा।रिपोर्ट से पता चला कि चीन में फ़िटनेस के बाज़ार में विशाल संभावनाओं को देखते हुए चू श्याओश्याओ ने ब्रिटेन में ग्रेजुएशन की पढ़ाई छोड़ दी और चीन वापस आकर फ़िट टाइम नाम के सॉफ़्टवेयर पर अनुसंधान करना शुरू किया। चू श्याओश्याओ ने दोस्तों के साथ योजना बनाई कि फ़िटनेस प्रेमियों को इकट्ठा करके उनके ज़रिए चीन में फ़िटनेस का उत्साह जगाया जाए और फ़िटनेस संस्कृति के फैलाव से एक मोबाइल कम्युनिटी स्थापित की जाए। चू श्याओश्याओ ने सफलता के साथ एक रास्ता खोला, जिसके ज़रिए पेशेवर लोग फ़िटनेस के कौशल और तरीकों को साझा कर सकते हैं और फ़िटनेस प्रेमी इससे फायदा उठ सकते हैं। चू श्याओश्याओ की कंपनी फ़िट टाइम में 60 से अधिक कर्मचारी हैं जिनको पेशेवर मान्यताएं है। कुछ तो पोषण विशेषज्ञ हैं, और कुछ शरीर सौष्ठव चैंपियन हैं। वे लगातार फ़िट टाइम में श्रेष्ठ विषय वस्तु डालते रहते हैं। पिछले दो तीन वर्षों में चू श्याओश्याओ और उनके साथियों ने लगभग चीन के सभी मशहूर प्रशिक्षकों और कोचों को आकर्षित किया है। फ़िट टाइम स्वास्थ्य और वज़न कम करने की कक्षा भी देता है। अब तक करीब 5000 उपभोक्ता इससे जुड़ चुके हैं। आहार नियंत्रण, दवा और अत्यधिक व्यायाम जैसे परंपरागत तरीकों के विपरीत फ़िट टाइम की कक्षा में संतुलित आहार और उचित कौशल के ज़रिए शरीर की आकृति बदलने पर ज़ोर दिया जाता है। मुझे लगता है कि चीन में फ़िटनेस के रुझान में चू श्याओश्याओ ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई है।

    आज साप्ताहिक "जीवन के रंग" कार्यक्रम में वनिता जी ने हमें ई जाति के प्रसिद्ध मशाल उत्सव से रूबरू करवाया जो कि बहुत ही सूचनाप्रद लगी। रिपोर्ट के अनुसार,ई जाति एक पुराना इतिहास वाली अल्प संख्यक जाति है , वे मुख्यतः दक्षिण पश्चिम चीन के स्छवान , युन्नान और क्वोचाओ आदि प्रांतों में रहते हैं। ई जाति के लोग गीत गाना बहुत पसंद करते हैं। ई-जाति का परम्परागत मशाल दिवस उत्सव को एक अहम भव्य जातीय उत्सव माना जाता है। इस वर्ष का मशाल उत्सव 27 जुलाई होगा।

    ई जाति का मशाल उत्सव चीनी पंचांग के अनुसार हर छठे माह की 24 या 25 तारीख से शुरू होता है , यह त्यौहार तीन दिन तक चलता है।हर वर्ष मशाल उत्सव के उपलक्ष्य में ई जाति के लोग कीड़े-मकोड़ों को मिटाने और शरद की शानदार फसलों को सुनिश्चित करने के लिये हाथ में मशाल लिये अपने खेतों के चक्कर लगाते हैं और बुजुर्ग अपने घर के गेट के पास रखी बची हुई मशाल से मशाल दाल पकाकर घर वालों को खिलाते हैं , ताकि सारा परिवार साल भर सही सलामत व निश्चिंत रह सके। दिन में घुड़-दौड़ , कुश्ती जैसी सिलसिलेवार गतिविधियों का आयोजन किया जाता है।मशाल दिवस के दिन शह लिन रमणीक पर्यटन स्थल में शानदार पोषाकों में सुसज्जित ई जाति के युवक व युवतियां बड़े तीन तारों वाले तंतुवाद्य लिये नाचते-गाते हुए मैदान में प्रवेश करते हैं। प्रौढ़ लोग मैदान के बाहर खड़े होकर स्व निर्मित छोटे तीन तारों वाले वाद्य , बांसुरी जैसे वाद्य बजाते हुए धीमी गति से बूढा डांस करने लगते हैं। क्षणभर में पूरे मैदान में त्योहार का उल्लासपूर्ण वातावरण छा जाता है। दिन ढलने पर ई जाति के युवक फिर मशाल लिये सड़कों पर नाचते-गाते हैं। ई-जाति का परम्परागत मशाल उत्सव के बारे में आपसे सुनकर ई जाति की संस्कृति को मैंने नजदीक से महसूस किया। अच्छी रिपोर्ट के लिए आप लोगों को धन्यवाद।

    हैया:आगे बसु जी लिखते हैं ...... 27 जुलाई को "विश्व का आईना" प्रोग्राम में मैडम श्याओ यांग जी ने हमें बताया कि 15 जुलाई को यूनेस्को की 40वीं बैठक में भारत के नालंदा मठ के अवशेषों को यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत धरोहरों की सूची में शामिल किया गया। इससे भारत में विश्व विरासत धरोहर परियोजनाओं की संख्या 33 हो गई है। वहीं चीन में विश्व विरासत धरोहर परियोजनाओं की संख्या 50 है।यह जानकर बड़ी खुशी हुई कि नालंदा मठ के अलावा यूनेस्को ने ईरान की खेरेज जलसंरक्षण सिस्टम, चीन के क्वांगशी की च्वोच्यांग नदी के पत्थर चित्र और माइक्रोनेशिया के नान मादोल आदि को विश्व विरासत के धरोहरों की सूची में शामिल करने का निर्णय लिया।

    आगामी पांच अगस्त से ब्राजील के रियो डी जेनेरो में दुनिया का सबसे पुराना और सबसे बड़ा खेल आयोजन ओलंपिक शुरू हो रहा है। आज के कार्यक्रम में भारत के पंजाब के किला राईपुर गांव में आयोजित अद्धुत ओलंपिक के बारे में दी गई जानकारी काफी दिलचस्प लगी। सुना है कि हर वर्ष फरवरी माह में लुधियाना से 11 किलोमीटर दूर किला राईपुर के ग्रेवाल खेल व्यायामशाला में किला राईपुर खेल उत्सव आयोजित होता है। इस खेल उत्सव में कई तरह के खेल होते हैं, जिसमें हजारों की संख्या में युवा भाग लेते हैं। इसीलिए पंजाब में इस खेल महोत्सव को 'रूरल ओलंपिक' के नाम से भी जाना जाता है। रायपुर गेम्स में हर साल की तरह इस बार भी कई दिलचस्प प्रतियोगिताएं करवाई गईं।

    आज चीन में बच्चों का जन्मोत्तर एक माह संस्कार और एक साल संस्कार के बारे में रिपोर्ट ध्यान से सुनकर पता चला कि चीन में बच्चे के जन्म के बाद एक माह पूरा होने के दिवस को अहम संस्कार के रूप में मनाया जाता है, इस के लिए आम तौर पर बच्चे का परिवार रिश्तेदारों और मित्रों को घर बुलाकर दावत देता है। परंपरागत प्रथा के अनुसार यह संस्कार मनाने के दिन, घर परिवार सुसज्जित किया जाता है और खुशगवार माहौल तैयार किया जाता है और मदिरा और स्वादिष्ठ व्यंजन की दावत दी जाती है।चीन में बच्चों का एक साल संस्कार "ज्वाज्वो" के बारे में दी गई जानकारी भी रोचक लगी।

    हमारे देश में भी बच्चे के जन्म के बाद छह माह की आयु के आस-पास यज्ञीय वातावरण युक्त धर्मानुष्ठान में अन्न देना प्रारम्भ किया जाता है। इसी प्रक्रिया को अन्नप्राशन संस्कार कहा जाता है। पहली बार बच्चे को चावल खिलाने के इस विशेष संस्कार को देश के अलग अलग भागों में अलग अलग नामों से जाना जाता है। पश्चिम बंगाल में अन्नप्राशन संस्कार "मुखे भात" के नाम से प्रसिद्ध है।

    आज प्रोग्राम के अंत में दुनिया भर में बुढ़ापे की समस्या पर आपकी चर्चा काफी सूचनाप्रद लगी और पसंद भी आई। सुना है कि 2035 के बाद चीन को अमेरिका से और गंभीर बुढ़ापे का सामना करना पड़ेगा। चीनी जनसांख्यिक के नये अनुसंधान से अनुमान लगाया गया कि 2050 तक चीन में 65 की उम्र से ज्यादा वृद्धों की संख्या 36 करोड़ तक पहुंच जाएगी, जो कुल आबादी का एक चौथाई होगा। वहीं आगामी 30 वर्षों में जापान में 39 प्रतिशत के लोगों की उम्र 65 से ज्यादा हो जाएगी। 30 सालों में जापान में आधी स्थानीय सरकारें गायब हों जाएंगी। सच यह है कि आजकल की भाग दौड़ भरी ज़िन्दगी में भरी जवानी में ही हम बुढ़ापे का शिकार हो जाते हैं। हर बार की तरह आज भी "विश्व का आईना" प्रोग्राम लाज़वाब रहा। धन्यवाद।

    हैया:अब सुनिए हमारे श्रोता दोस्त बिमलेंदु विकल जी के साथ हुई बातचीत।

    ---- INTERVIEW-----

    अनिल:दोस्तो, इसी के साथ आपका पत्र मिला प्रोग्राम यही संपन्न होता है। अगर आपके पास कोई सुझाव या टिप्पणी हो तो हमें जरूर भेजें, हमें आपके खतों का इंतजार रहेगा। इसी उम्मीद के साथ कि अगले हफ्ते इसी दिन इसी वक्त आपसे फिर मुलाकात होगी। तब तक के लिए अनिल और हैया को आज्ञा दीजिए, नमस्कार।

    हैया:गुडबाय।

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