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    टी टाइम 160804(अनिल और नीलम)
    2016-08-03 15:48:53 cri

    अनिल- टी-टाइम के नए अंक के साथ हम फिर आ गए हैं, आपका मनोरंजन करने। जी हां, आपके साथ चटपटी बातें करेंगे और चाय की चुस्कियों के साथ लेंगे गानों का मजा, 25 मिनट के इस प्रोग्राम में। इसके साथ ही प्रोग्राम में श्रोताओं की प्रतिक्रियाएं भी होंगी शामिल। तो जल्दी से हो जाइए तैयार।

    अनिलः दोस्तो, मुंशी प्रेमचंद किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। आज भी वे हमारे दिलों पर राज करते हैं। दोस्तो, गत् 31 जुलाई को प्रेमचंद की जयंती मनायी गयी। सीआरआई के माध्यम से हम उन्हें नमन करते हैं।

    प्रेमचंद को हिन्दी कहानी व उपन्यास का सम्राट कहा जाता है। प्रेमचंद की सबसे बड़ी विशेषता उनकी सरल भाषा है। प्रेमचंद का वास्तविक नाम धनपत राय था। अंगरेजों के प्रकोप से बचने हेतु वे 'प्रेमचंद' के नाम से लिखने लगे।

    उनका जन्म 31 जुलाई 1880 को बनारस शहर से चार मील दूर लमही गांव में हुआ था। उनके पूर्वज कायस्थ परिवार से थे। जिनके पास उस समय छह बीघा जमीन थी। प्रेमचंद के दादा गुरु सहाय सराय पटवारी और उनके पिता पोस्ट आफिस में क्लर्क थे। उनकी माता का नाम आनंदी देवी था। अपनी मां से ही प्रेरित होकर प्रेमचंद ने, बड़े घर की बेटी नामक रचना में आनंदी नामक पात्र रखा था।

    प्रेमचंद अपने माता-पिता की चौथी संतान थे। उनसे पहले उनके पिता अजायब राय के घर तीन बेटियां थी। जिनमें से दो बचपन में ही मर गयी थी।

    एक ऐसी शख्सियत जिसके लिए 'कर्मभूमि' कागज थी, तो 'रंगभूमि' कैनवास। इन कागजों के कैनवास पर युद्ध करते-करते न जाने कितनी 'निर्मला' उन्होंने रंग दीं। इस रंग भरने की कोशिश के दौरान उन्होंने कभी भी शब्दों का 'गबन' नहीं किया-जो भी लिखा बिना लाग-लपेट के।

    सामाजिक वैषम्यताओं, आर्थिक मुश्किलों, दैहिक आवश्यकताओं को तार-तार करने में उन्होंने कोई कसर बाकी नहीं रखी। उनके लिए शब्द दान 'गोदान' भी था और महाभोज भी। 1880 से लेकर 1936 यानी 56 साल की अवधि के दौरान उन्होंने साहित्य की यह 'सेवा' -विपन्नताओं,तकलीफों, वैषम्यताओं तथा देश, काल व समाज की अन्य मुश्किलों के 'सदन' में रहकर की।

    साहित्य समाज का दर्पण होता है और स्व का चित्रण भी। व्यक्ति जितना भोगता है, जितना सहन करता है, जिसका प्रत्यक्ष गवाह होता है वह गाहे-बगाहे अपनी कलम के माध्यम से पाठकों के सामने परोस देता है।

    इस 'कलम के सिपाही' में ये सब भावनाएँ कूट-कूट कर भरी हुई थी। प्रेमचंद ने अपनी संवेदनाएँ, होरी-धनिया, गोबर-झुनिया, अमरकांत, सूरदास आदि के माध्यम से व्यक्त की है। असहनीय गरीबी के लम्हों को बिल्कुल ठंडे दिमाग से झेलने की क्षमता, चट्टानों से बिना आपा खोये निपटने की जिजीविषा हममें आदरभाव भर देती है। दूसरी ओर मातादीन जैसे पात्र को समझने पर हमारे मन में उपेक्षा भाव ज्यादा होता है, घृणा भाव कम।

    एक बार फिर से कलम के सिपाही को हमारा सलाम।

    दोस्तो, अब दूसरी जानकारी से रूबरू करवाते हैं।

    हम आपको आगाह करना चाहते हैं, एक छोटी सी ग़लती हमारी जान ले सकती है। शायद आपने भी हाल के समय में इस तरह की कई घटनाएं सुनी होंगी। इसके बावजूद भी लोग इससे सबक नहीं लेते हैं।

    अब राजस्थान की ही एक घटना देख लीजिए। शांकभरी के समीप नागकुंड में गहरे पानी में उतरने पर फार्मासिस्ट महेश सैनी की डूबने से मौत हो गई। महेश अपने साथियों के साथ पानी में नहाने उतरा था, लेकिन अचानक गहरा गड्डा आने पर वह संतुलन खो बैठा और गहरे पानी में चला गया।

    लगभग तीन घंटे की मशक्कत के बाद शव को कुंड से बाहर निकाला गया।

    यहां बता दें कि एसके अस्पताल के लगभग 70 मेडिकल कर्मचारी रविवार दोपहर 12 बजे छुट्टी होने के बाद पिकनिक मनाने के लिए तीन बसों में सवार होकर शाकंभरी गए थे।

    दोपहर लगभग दो बजे रास्ते में नागकुंड पर नहाने के लिए कर्मचारी रूक गए। इस दौरान सभी कर्मचारी नहाने लग गए। महेश भी अपने स्टॉफ के दोस्तों के साथ नहाते हुए गहरे पानी तक चला गया।

    महेश की शादी तीन साल पहले ही हुई थी। उसके दो छोटे बच्चे है। लगभग चार साल पहले महेश की एसके अस्पताल में फार्मासिस्ट के पद पर नौकरी लगी थी। महेश के पिता हिरालाल भी चिकित्सा विभाग में कंपाउडर के पद पर कार्यरत है।

    दोस्तो, उम्मीद करते हैं कि भविष्य में लोग इस तरह की ग़लती नहीं करेंगे। देखिए न, कैसे उस व्यक्ति को जान से हाथ धोना पड़ा।

    नीलमः अब दूसरी जानकारी बताते हैं।

    आप सोच सकते हैं कि अगर किसी महिला को उसके पति के अफेयर के बारे में पता चले तो क्या होगा? लड़ाई- झगड़ा, तलाक या उससे भी खौफनाक अंजाम देखने को मिल सकते हैं। इन सभी से बचाने के लिए चीन में कई ऐसे संस्थान हैं जो पैसे लेकर बिना कुछ बिगाड़े पति को वापस बीवियों के पास पहुंचा देते हैं पर उसके लिए वे मोटा पैसा लेते हैं।

    आपको हम चीन की एक ऐसी ही घटना के बारे में बताते हैं।

    शांगहाई में रहने वाली 39 साल की वांग को पता चलता है कि उसके पति का ऑफिस में किसी के साथ प्रेम संबंध हैं। उसे इस बात से झटका लगता है, वह रोती रहती है पर कुछ कर नहीं पाती। वांग कहती है कि मैं पूरी रात सो नहीं पाती थी, बस अपने पति के बारे में सोच कर ही दुखी रहती थी। इस मामले में वह अपने पति से भी बात नहीं कर पा रही थी। तभी उसे पता चलता है कि कई कंपनियां इन मामलों में मदद करती हैं।

    न्‍यूयार्क टाइम्‍स की खबर के अनुसार, वांग ने पति से बात करने की जगह 'प्रेमिका को दूर करने' के बारे में ऑनलाइन मदद ली। वांग ने कहा कि जब मैने कंपनी से बात की तो मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं उस कंपनी पर विश्वास करूं या ना करूं पर मुझे लगा कि इसके अलावा मैं कर भी क्या सकती हूं। मुझे उस पर विश्वसा करना पड़ा।

    वांग ने आगे कहा कि मैने इसके लिए मेरे माता पिता से सहायता ली और कंपनी की वजह से ही मेरे पति आज मेरे पास हैं। मुझे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि वो लड़की कहां और किस हालत में हैं पर मैं खुश हूं कि मेरे पति वापस आ गए हैं। वांग की मदद देने वाली कंपनी का कहना है कि 2001 में शांगहाई से काम शुरू किया था और अब वह 59 शहरों में मौजूद है। हम अपने टारगेट की निजी जिंदगी, उसके परिवार, दोस्तों, शिक्षा और नौकरी के बारे में पूरी जासूसी करते हैं। फिर ये पता लगाते हैं कि महिला पैसा, प्यार या फिर सेक्स, इन तीनों में से किसके लिए प्रेम संबंध कर रही है।

    अनिलः दूसरी और चौकाने वाली जानकारी। दोस्तों भारत सहित कई देशों में पुरुष प्रधान समाज है और महिलाओं को दोयम दर्जे का समझा जाता है। अब ज़रा सोचिए हम पुरुषों के साथ भी ऐसा ही व्यवहार महिला प्रधान समाज में हो, तो कैसा लगेगा। शायद पुरुष ही इस पीड़ा को समझ पाएंगे, जैसे कि आजकल महिलाएं समझती हैं।

    चलिए आपको जानकारी देते हैं।

    अदर वर्ल्ड किंगडम की मूल नागरिक सिर्फ महिलाएं ही हैं और पुरुषों को जानवर ही समझा जाता है, इससे ऊपर वो कुछ भी नहीं हैं।

    बता दें कि अदर वर्ल्ड किंगडम उस देश का नाम है, जहाँ महिलाएं करती हैं राज और पुरुष करते हैं उनकी गुलामी। सबसे खास बात ये कि यहां की मूल नागरिक सिर्फ महिलाएं ही हैं और पुरुषों को जानवर ही समझा जाता है, इससे ऊपर वो कुछ भी नहीं हैं। यहां पुरुषों को महिलाएं गुलामी के लिए ही रखती हैं। गुलाम को अगर शराब पीना होता है तो वो पहले मा‍लकिन के पैरों पर डाली जाती है और इसके बाद ही गुलाम उसे पी सकता है।

    नीलमः 'वुमन ओवर मेन' मोटो वाला ये देश 1996 में यूरोपियन देश चेक रिपब्लिक से बना था, लेकिन इसे अन्य राष्ट्रों ने देश का दर्जा नहीं दिया है। इस देश का पूरा शासन महारानी पैट्रिसिया-1 के हाथ में है और उनको ही देश के कानून में परिवर्तन करने का अधिकार है। हालांकि महारानी पैट्रिसिया-1 का चेहरा आज तक बाहरी दुनिया में किसी ने नहीं देखा है।

    दूसरे देश से आने वाले पुरुषों को यहां रानी के बैठने के लिए सोफा बनना पड़ता है । 3 हेक्टयर यानी 7.4 एकड़ की जमीन पर बने इस देश की राजधानी ब्लैक सिटी है और इसका अपना झंडा, करेंसी, पासपोर्ट और पुलिस फोर्स है। इस देश के निर्माण में दो मिलियन डॉलर (12 करोड़ रुपए) की लागत आई थी।

    देश में छोटी झील, घास के मैदान, ओवल ट्रैक, स्विमिंग पूल, रेस्टोरेंट, नाइटक्लब और कई इमारतें हैं। मुख्य इमारत महारानी का महल है, जहां से पूरे देश का शासन चलता है। महल में दावत हॉल, लाइब्रेरी, दरबार, यातना गृह, स्कूल रूम, जिम और कैदियों को रखने के लिए जेल हैं।

    महिलाएं ही इस देश की नागरिकता ले सकती हैं, जिसके लिए महारानी ने कुछ नियम बनाए हैं, जो इस तरह से हैं उस महिला को नागरिकता दी जाएगी, जो अपनी सहमति से संबंध बनाने की उम्र तक पहुंच गई हो। उस महिला को नागरिकता दी जाएगी, जिसके पास कम से कम एक पुरुष नौकर हो। नागरिकता लेने वाली महिला को अदर वर्ल्ड किंगडम के सभी नियमों का पालन करना होगा। नागरिकता लेने के लिए महिला को कम से कम 5 दिन महारानी के महल में बिताने होंगे।

    अनिलः चलिए अब बात तकनीक की बात करते हैं। ख़बर भारत के असम से जुड़ी है। असम के धेमाजी जिले में रहने वाले सागर प्रसाद शर्मा ने अजब कारनामा कर दिखाया है। उन्होंने ऐसा कुछ किया है, जिसकी चर्चा पूरे देश और दुनिया में हो रही है। दरअसल, उन्होंने अपनी पत्नी के साथ मिलकर एक हेलिकॉप्टर को तैयार कर दिया है, जिसकी पूरी दुनिया में प्रशंसा हो रही है। सागर पेशे से वेल्डर हैं और महज तीसरी क्लास तक की पढ़ाई की है। सागर ने हेलिकॉप्टर बनाने का काम सिर्फ 3 साल में पूरा किया है। सागर ने हेलिकॉप्टर बनाने में लोकल टेक्नोलॉजी की मदद ली। उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी जॉनी मयंक ने इस काम में उनकी बहुत मदद की। हेलिकॉप्टर बनाने में करीब 10 लाख रुपए तक खर्च आया है और उन्होंने अपने हेलिकॉप्टर का नाम पवन पुत्र रखा है।

    सागर के मुताबिक अब हेलिकॉप्टर बनाने का लगभग 90 फीसदी काम पूरा हो गया। सागर ने बताया कि जब उन्होंने दोस्तों को हेलिकॉप्टर बना लेने की इन्फॉर्मेशन दी तो पहले किसी को भरोसा ही नहीं हुआ। साथ ही उन्होंने इसके लिए उन्होंने ये भी कहा कि अगर उनके दोस्त तूपान गिमेरे उन्हें आर्थिक रूप से मदद नहीं करते, तो उसका सपना सच ही नहीं हो सकता था।

    अब आपको बताते हैं, इन दिनों की सबसे चर्चित भारतीय खेल खबर

    डोपिंग के आरोपों से लड़ रहे पहलवान नरसिंह यादव को क्लीन चिट मिल गयी है। नरसिंह को राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) ने डोपिंग आरोपों से सोमवार को क्लीन चिट दे दी जिसके बाद उनके रियो ओलंपिक में उतरने का रास्ता साफ हो गया।

    नरसिंह को पिछले पांच दिनों में चार दिन नाडा जांच पैनल के समक्ष सुनवाई के कठिन दौर से गुजरना पड़ा।

    भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण ने इसके बाद दावा किया कि नरसिंह रियो ओलंपिक के अपने 74 किग्रा वर्ग में चुनौती पेश करेंगे। नाडा के नरसिंह को क्लीन चिट देते ही नाडा कार्यालय के बाहर जश्न मनना शुरू हो गया और मिठाईयां बंटने लगीं।

    इसका समाचार मिलते ही

    नरसिंह यादव ने कहा कि अब सच्चाई सबके सामने आ गई है। नरसिंह ने कहा, 'मैं सभी लोगों, मीडिया और अपने समर्थकों का धन्यवाद करना चाहता हूं जो मेरे और सच्चाई के साथ खड़े रहे। मुझे डोपिंग आरोपों से बरी किये जाने से सच्चाई सबके सामने आ गई है।'

    वास्तव में यह सभी भारतवासियों के लिए खुशी की ख़बर है, क्योंकि एक निर्दोष खिलाड़ी के खिलाफ बेवजह आरोप लगाए गए थे।

    दोस्तो, आज के प्रोग्राम में जानकारी देने का सिलसिला यही संपन्न होता है,

    नीलमः अब समय हो गया श्रोताओं की टिप्पणी शामिल करने का।

    पहला पत्र हमें आया है, केसिंगा उड़ीसा से सुरेश अग्रवाल ने। वह लिखते हैं

    कार्यक्रम "टी टाइम" के अन्तर्गत शुरूआत में चीन के डॉक्टर फ़्रैंकस्टीन का यह दावा काफी डरावना लगा कि वह मानव शरीर का ट्रांसप्लांट या उसका प्रत्यारोपण कर सकते हैं। क्योंकि चीन में ही सन 1970 में एक अन्य डॉक्टर द्वारा बन्दर पर किया गया इसी तरह का प्रयोग पूरी तरह विफल रहा था। ऐसे प्रयोगों पर विशेषज्ञों का चिंतित होना स्वाभाविक है और ऐसा करना किसी की जान के साथ खिलवाड़ करने जैसा होगा। यह जानकारी भी चौंकाने वाली लगी कि नवम्बर 2007 में प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह का विमान किसी मानवीय भूल के कारण दुर्घटना का शिकार होने से बाल-बाल बचा था। भारत में कूड़े-कर्कट से बनने वाली विश्व की पहली सड़क और कूड़े के बचे अवशेष से विद्युत उत्पादन सम्बन्धी जानकारी उत्साहवर्द्धक लगी। भारत में लागू सातवें वेतन आयोग की सिफ़ारिशों सम्बन्धी बारीकियों पर दी गई जानकारी तोकाफी अहम् थी ही। साथ ही दूसरी जानकारियां भी सूचनाप्रद लगी। चुटकुलों में -'ससुराल में जमाई की सबसे अधिक इज़्ज़त क्यों होती है', यह राज़ भी आज अच्छी तरह समझ में आ गया । धन्यवाद् एक अच्छी प्रस्तुति के लिये।

    अनिलः वहीं अगला ई-मेल हमें आया है, दरभंगा बिहार से शंकर प्रसाद शंभू का। उन्होंने लिखा है, चीनी डॉक्टर का दावा है कि वो आने वाले कुछ साल में पूरे जिंदा शरीर को ट्रांसप्लांट कर लेंगे । उनका ये दावा इन दिनों लोगों को हैरान कर रहा है उनका फैसला मुश्किल जरूर है लेकिन नामुकिन नहीं है। रिपोर्ट बेहद अच्छी लगी। वहीं नीलम जी ने बताया दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के निर्माण में कचरे के इस्तेमाल की योजना है । यह बात सभी के लिए काफी हैरान करने वाली है कि कोई देश कूड़े से सड़क का निर्माण भी कर सकेगा ।

    आज के तीनों जोक्स भी काफी मनोरंजक थे। धन्यवाद।

    वहीं अगला पत्र हमें आया है, दक्षिण दिनाजपुर पश्चिम बंगाल से देबाशीष गोप का। वह लिखते हैं, नी हाउ, आपका प्रोग्राम सुना, अच्छा लगा। धन्यवाद कई तरह की जानकारियां देने और हमारा मनोरंजन करने के लिए।

    आपका भी धन्यवाद।

    नीलमः लीजिए अब पेश है आज के प्रोग्राम का अंतिम पत्र। जो हमें भेजा है, पश्चिम बंगाल से रविशंकर बसु ने। लिखते हैं कि चीनी डॉक्टर का दावा है कि वो आने वाले कुछ साल में पूरे जिंदा शरीर को ट्रांसप्लांट कर लेंगे। लगता है कि लिवर, किडनी, फेफड़े और हृदय ट्रांसप्लांट के बाद अब फुल बॉडी ट्रांसप्लान्ट की राह भी साफ़ हो गई है। वहीं आज यह सुनकर बहुत खुशी हुई कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह 2007 में रूस दौरे के वक्त मास्को एटीसी की सजगता से हादसे का शिकार होने से बाल -बाल बच गए थे। वहीं इस साल नवंबर में अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन का डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवारी जीतने का समाचार भी काफी सूचनाप्रद लगी। ब्रिटेन के पूर्व सैनिक साइमन क्रूगिंग्‍टन को अपनी शादी की तस्‍वीरें फेसबुक पर शेयर करने से उसे जेल की हवा खानी की पीछे उस व्यक्ति की अवैध विवाह की कहानी काफी अनैतिक लगी।

    व्यभिचारी साइमन की सजा सही है।धन्यवाद ।

    धन्यवाद, बसु जी, हमें पत्र भेजने के लिए।

    अनिलः श्रोताओं की टिप्पणी यही संपन्न होती है। अब समय हो गया है, जोक्स यानी हंसगुल्लों का।

    पहला जोक..

    सभी मर्द बहादुर होते है कोई horror movie उन्हे डरा नही पाती.. लेकिन wife की 11 Missed calls पूरी तरह से डरा देती है.

    दूसरा जोक...

    डॉक्टर : कल रात को क्या खाया था?? लड़का : बर्गर, पिज़्ज़ा और कोक.. डॉक्टर : देखो यह फ़ेसबुक नही है सच बताओ.. लड़का : जी लौकी..

    तीसरा और अंतिम जोक

    चुनाव लड़ रही महिला से रिपोर्टर ने पूछा आपको चुनाव लड़ने का ख्याल कैसे आया। लेडी : जब भी अपने पति से लड़ती हुई तो जीत मेरी ही होती है।

    दोस्त आज के प्रोग्राम में जोक्स यही संपन्न होते हैं।

    दोस्तो, आपको आज का प्रोग्राम कैसा लगा। हमें जरूर बताइएगा। हमें आपके सुझावों और टिप्पणी का इंतजार रहेगा। हमारा ईमेल है.. hindi@cri.com.cn, हमारी वेबसाइट का पता है...hindi.cri.cn.......

    अनिलः टी टाइम में आज के लिए इतना ही, अगले हफ्ते फिर मिलेंगे चाय के वक्त, तब तक के लिए नमस्ते, बाय-बाय, शब्बा खैर, चाय च्यान।

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