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    आपका पत्र मिला 2016-07-27
    2016-07-28 09:54:55 cri

    अनिल:आपका पत्र मिला कार्यक्रम सुनने वाले सभी श्रोताओं को अनिल का नमस्कार।

    हैया:सभी श्रोताओं को हैया का भी प्यार भरा नमस्कार।

    अनिल:दोस्तो, पहले की तरह आज के कार्यक्रम में हम श्रोताओं के ई-मेल और पत्र पढ़ेंगे। इसके बाद बिमलेंदु विकल  जी के साथ हुई बातचीत के मुख्य अंश पेश किए जाएंगे।

    चलिए श्रोताओं के पत्र पढ़ने का सिलसिला शुरू करते हैं। पहला पत्र हमें आया है, ओडिसा से हमारे मॉनीटर सुरेश अग्रवाल जी का। उनहोंने लिखा है......

    केसिंगा दिनांक 22 जुलाई। अन्तर्राष्ट्रीय समाचारों का ज़ायज़ा लेने के बाद हमने साप्ताहिक "चीन का तिब्बत" भी ध्यानपूर्वक सुना, जिसके तहत आज गत मई में भारत से तिब्बत यात्रा पर गये DNA के ब्यूरो प्रमुख इख्तिखार गिलानी से की गई बातचीत सुन कर तिब्बत में हुये विकास की वास्तविक तस्वीर सामने आयी। मुझे उनका यह कहना बिलकुल सही जान पड़ा कि विकास के मामले में तिब्बत अपने सीमान्त पड़ोसियों से काफी आगे है और उन्हें तिब्बत का समकक्ष बनने में लम्बा समय लगेगा। उनका यह कहना भी सर्वथा सत्य प्रतीत हुआ कि चीन में ढ़ांचागत विकास प्रमुख यूरोपीय शहरों से भी अधिक हुआ है। भारत-चीन सम्बन्धों के विकास में भाषा एक बड़ी रुकावट है, इसमें भी दोराय नहीं। चीन में वर्तमान में कोई दस हज़ार भारतीय छात्र-छात्राएं पढ़ाई कर रहे हैं, परन्तु जनसंख्या के लिहाज़ से यह संख्या काफी कम है। सर्वोपरि मुझे उनकी यह बातें भी बहुत अच्छी लगीं कि विस्तारवाद या साम्राज्यवाद का ज़माना अब लद चुका है और भारत 'चीन की कार्यसंस्कृति' तथा चीन भारत की 'अनेकता में एकता' वाली विशेषता को अपना सकते हैं। धन्यवाद एक सन्देशपूर्ण प्रस्तुति के लिये।

    कार्यक्रम "दक्षिण एशिया फ़ोकस" का आज का अंक काफी महत्वपूर्ण लगा, जिसके तहत भारतीय क्रिकेट कण्ट्रोल बोर्ड (BCCI) पर आयीं लोढ़ा समिति की ऐतिहासिक सिफ़ारिशों पर वरिष्ठ पत्रकार संजय श्रीवास्तव के विचार काफी सटीक जान पड़े। वास्तव में, लोढ़ा समिति की सिफ़ारिशें ऐतिहासिक ही नहीं, साहसिकतापूर्ण भी हैं, जिनसे भारतीय क्रिकेट में आमूलचूल सुधार परिलक्षित होगा और भविष्य में कोई भी इससे अनुचित लाभ नहीं उठा सकेगा। वोटों का गणित समाप्त होगा और बोर्ड में वित्तीय अनियमितताएं समाप्त होने पर पारदर्शिता भी स्वतः दिखने लगेगी। मैं आपके माध्यम से लोढ़ा समिति को हार्दिक धन्यवाद् ज्ञापित करता हूँ। धन्यवाद।

    केसिंगा दिनांक 23 जुलाई। सीआरआई हिन्दी के ताज़ा प्रसारण का अभिवादन हम सभी परिजनों ने प्रतिदिन की भांति आज भी शाम ठीक साढ़े छह बजे शॉर्टवेव 9450 किलोहर्ट्ज़ की आवृत्ति पर किया और प्रसारित कार्यक्रम का भरपूर लुत्फ़ उठाने के बाद अब मैं उस पर अपनी त्वरित प्रतिक्रिया के साथ आपके समक्ष उपस्थित हूँ। मुझे ज्ञात नहीं कि रोज़ाना की मेरी यह क़वायद आपके कितने काम की है, परन्तु प्रतिदिन ऐसा कर मुझे बहुत आत्मसंतुष्टि प्राप्त होती है। बहरहाल, देश-दुनिया की अहम ख़बरों का ज़ायज़ा लेने के बाद हमने अपने हरदिलअज़ीज़ साप्ताहिक "आपकी पसन्द" का भी भरपूर लुत्फ़ उठाया। हर बार की तरह आज भी श्रोताओं के पसन्दीदा फ़िल्मी नग़में सुनवाने के साथ-साथ दी गई तमाम जानकारी काफी रोचक और ज्ञानवर्द्धक लगी। कार्यक्रम में फ़िल्म बड़ा दिन, बैराग, रुदाली, हरे रामा हरे कृष्णा तथा बुढ्डा मिल गया के पांच फड़कते हुये गानों के साथ त्वचा और शरीर के रखरखाव के लिये ऐसा क्या करें कि त्वचा हरदम दमकती रहे-इसके लिये योग और प्राणायाम पर आधारित दी गई जानकारी काफी महत्वपूर्ण लगी। सिंहासन योगासन, काष्ठ आसन (जैसा समझ में आया), नाड़ीशोधन प्राणायाम, कपालभाति, जलनेति, सूत्रनेति आदि पर दी गई जानकारी स्वस्थ जीवन के लिये काफी अहम प्रतीत हुई। इसके साथ ही दूध, सरसों तेल, शहद, मिर्च, हल्दी पाउडर, दालचीनी तथा नमक सहित तमाम खाद्य-पदार्थों में मिलावट की जाँच करने के तरीके सम्बन्धी जानकारी भी काफी उपादेय लगी। आपने नमक में आयोडीन की जाँच करने की विधि के साथ यह भी कहा कि -'आयोडीन सेहत के लिये नुकसानदेह है ! परन्तु भारत में तो आयोडीनयुक्त नमक स्वास्थ्य के लिये अच्छा माना जाता है, फिर यह विरोधाभास क्यों ? इसी प्रकार फ़रमाइशी गानों में फ़िल्म 'हरे रामा हरे कृष्णा' के लिये आपने 'कांची रे कांची रे' गाना सुनवाने की बात कही थी, जब कि सुनवाया गया फ़िल्म का टाइटल सॉन्ग ! आशा है कि भविष्य में इस तरह की छोटी ही सही, ग़लतियाँ न हों, इस पर ध्यान दिया जायेगा। धन्यवाद।

    हैया:सुरेश अग्रवाल जी, पत्र भेजने के लिये आपका धन्यवाद। चलिये, अगला पत्र मेरे हाथ आया है छ्छतीसगछ से चुन्नीलाल कैवर्त जी का। उनहोंने लिखा है......

    साप्ताहिक कार्यक्रम 'जीवन के रंग'की हमें बेसब्री से प्रतीक्षा रहती है। इस कार्यक्रम में खानपान की संस्कृति और परंपरागत त्योहार से लेकर स्वास्थ्य संबंधी उपयोगी जानकारी मिलती है।किसी अंक में आपने बताया कि बच्चों को सर्वश्रेष्ठ पोषण और सही मात्रा में प्रोटीन देना चाहिये। प्रोटीन की जरूरत से ज्यादा मात्रा लेने से शिुश के अपरिपक्व गुर्दो पर भी बुरा प्रभाव पड़ सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि मां का दूध पोषण का एक बेहतरीन स्रोत होता है, जिसकी नकल नहीं की जा सकती। इसमें प्रोटीन की मात्रा डायनैमिक होती है। शिशु के जीवन के पहले 1,000 दिन सबसे महत्वपूर्ण होते हैं। शिशु के लिए सर्वश्रेष्ठ पोषण एवं सही मात्रा में प्रोटीन प्रदान करना सबसे अधिक महत्वपूर्ण है।

    एक अन्य कार्यक्रम में सुबह खाली पेट पानी पीने के लाभ के बारे में बताया। जी हाँ,सुबह पानी पीने से पेट साफ रहता है,शरीर से गंदगी बाहर निकल जाती है,भूख बढ़ती है, रेड ब्लड सेल्स जल्दी-जल्दी बढ़ने लगते हैं,वजन घटता है , चेहरा चमकदार बनता है , रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। यह जानकारी मुझे उपयोगी लगी।

    चीन में चाय पीने की आदत और इसके इतिहास और संस्कृति की जानकारी दिलचस्प और सूचनापरद लगी। चीनियों की तरह भारतीयों में भी अतिथियों को चाय पिलाने का रीति-रिवाज़ है। अतिथि और मेज़बान अक्सर कमरे में बैठे हुए चाय पीते और बातचीत करते हुए देखे जा सकते हैं। चाय पीने के साथ साथ बातचीत करने का एक अच्छा माहौल तैयार हो जाता है। उपरोक्त जानकारी के लिए आपका धन्यवाद।

    रेशम मार्ग के रहस्य के बारे में ज्ञानवर्धक जानकारी मिली। लेकिन इस विषय को 'चीन की झलक' में प्रसारित किया जाता ,तो बेहतर रहता। यह 'जीवन के रंग'की विषयवस्तु से मेल नहीं खाता।

    अनिल:चुन्नीलाल कैवर्त जी, हमें पत्र भेजने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद। चलिए, अगला पत्र मेरे हाथ आया है बिराटनगर नेपाल से उमेश रेग्मीजी का। उन्होंने लिखा है......

    सन 2010 में सीआरआई नेपाली सेवा द्वारा आयोजित मैं सछ्वान जाना चाहता हूं प्रतियोगिता का विजेता बना। इसलिए मुझे चीन जाने का अवसर मिला।

    मैंने अपनी आँखो से चीन के विकास , चीन में आधारभूत ढांचे और वहां पर्यावरण संरक्षण को लेकर किए जा रहे उपायों को देखा। मेरा चीन भ्रमण मेरी जिंदगी का यादगार पल है। मैं सी आर आई नेपाली और हिंदी विभाग के कुछ कर्मचारियों के प्रेम और सम्मान को कभी नहीं भुला सकता।

    हैया:उमेश रेग्मी जी, पत्र भेजने के लिये आप का बहुत बहुत शुक्रिया। आगे पेश है पश्चिम बंगाल से हमारे मॉनिटर रविशंकर बसु जी का पत्र। उन्होंने लिखा है......

    आज वृहस्पतिवार 21 जुलाई को साप्ताहिक पसंदीदा "टी टाइम" प्रोग्राम का ताज़ा अंक मनोयोग से सुना।

    आज "टी टाइम" प्रोग्राम की शुरुआत में खुनमिंग स्थित युन्नान जातीय विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग की अध्यक्ष प्रोफेसर छाव छन रवेई, जिनका भारतीय नाम प्रिया जी के साथ अनिल पाण्डेय जी की बातचीत के मुख्य अंश हमें सुनने को मिले। इस इंटरव्यू से पता चला कि इस समय में चीन के लोगों में हिंदी सीखने की चाहत बढ़ी है। मुझे यह जानकर ख़ुशी हुई कि युन्नान जातीय विश्वविद्यालय में इस साल 120 चीनी विद्यार्थी हिंदी का पाठ्यक्रम का अध्ययन कर रहे हैं जो चीनी लोगों का हिंदी प्रेम की प्रतीक है। इस विश्वविद्यालय में अध्यापक की संख्या 3 है। सुना है कि युन्नान जातीय विश्वविद्यालय में हिंदी के अलावा बंगाली भाषा के विभाग भी हैं,जहां भारत के इतिहास,संस्कृति,साहित्य,और अन्य सामाजिक आर्थिक क्षेत्रों में अध्ययन अध्यापन होता है।

    अनिल जी ने हमें बताया कि वर्तमान समय में चीन में पीकिंग विश्वविद्यालय ,शीआन विश्वविद्यालय समेत लगभग 10 विश्वविद्यालय में हिंदी भाषा पढ़ाई जा रही है। प्रो. प्रिया जी के साथ हुई बातचीत से जाहिर है कि चीनी लोगों का भारत के संस्कृति के प्रति कितनी रुचि है और चीनी लोग भारत को जानने के लिए कितने उत्सुक हैं। भारत व चीन दोनों देशों के बीच आदान-प्रदान बढ़ने के साथ साथ चीन में हिंदी भाषा और लोकप्रिय हो रही है। मुझे विश्वास है कि भविष्य में चीन में और ज्यादा विश्वविद्यालयों में हिंदी भाषा कोर्स खुलेगा। अनिल जी को हार्दिक धन्यवाद प्रो. प्रिया जी का इंटरव्यू सुनवाने हेतु।

    आज के कार्यक्रम में जानकारियों की क्रम में सुना है कि एक कौवे ने ऐसी मचाई धूम कि फेसबुक पर 22000 फॉलोवर बन गए है।वाकई यह एक आश्चर्यजनक समाचार है। वहीं ब्रिटेन के आवासीय स्कूलों के टीचर्स को आदेश दिया गया है कि वे ट्रांसजेंडर बच्चों को 'ही' या 'शी' की बजाय 'जी' कहकर बुलाएं ताकि वे असहज महसूस न करें। मुझे लगा कि यह गाइडलाइंस ट्रांसजेंडर्स के लिए एक अच्‍छी खबर है। धन्यवाद।

    हैया:अब सुनिए बिहार से हमारे श्रोता दोस्त  बिमलेंदु विकल  जी के साथ हुई बातचीत।

    ---- INTERVIEW-----

    अनिल:दोस्तो, इसी के साथ आपका पत्र मिला प्रोग्राम यही संपन्न होता है। अगर आपके पास कोई सुझाव या टिप्पणी हो तो हमें जरूर भेजें, हमें आपके खतों का इंतजार रहेगा। इसी उम्मीद के साथ कि अगले हफ्ते इसी दिन इसी वक्त आपसे फिर मुलाकात होगी। तब तक के लिए अनिल और हैया को आज्ञा दीजिए, नमस्कार।

    हैया:गुडबाय।

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