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अनिल- टी-टाइम के नए अंक के साथ हम फिर आ गए हैं, आपका मनोरंजन करने। जी हां ... आपके साथ चटपटी बातें करेंगे और चाय की चुस्कियों के साथ लेंगे गानों का मजा, 25 मिनट के इस प्रोग्राम में। इसके साथ ही प्रोग्राम में श्रोताओं की प्रतिक्रियाएं भी होंगी शामिल। तो जल्दी से हो जाइए तैयार।
दोस्तो, आज के प्रोग्राम में आप सुनेंगे, तिब्बत के दौरे पर आए भारत के वरिष्ठ पत्रकार, सीताराम मेवाती के साथ चर्चा।
अनिलः दोस्तो, आपने आज तक चोरी के न जाने कितने किस्से सुने होंगे लेकिन तमिलनाडु के मंदिर में अनोखा मामला सामने आया है। चेन्नई से चार सौ किलोमीटर दूर स्थित विरुधुनगर के मरिअम्मन मंदिर से 45 लाख के बालों की चोरी हुई है। चोरों ने मंदिर से 800 किलो इंसानों के बालों की चोरी की है। दरअसल इस मंदिर में भक्त अपने बालों को मुंडवा देते हैं और उन्हें भगवान को अर्पण कर देते हैं।
बालों को तीन कमरों में बंद करके रखा था, जिनमें से एक कमरे से बालों की चोरी हुई है। पुलिस को संदेह है कि इस मामले में स्थानीय बदमाश शामिल हैं।
लीजिए सुनिये तिब्बत के दौरे पर आए, भारत के वरिष्ठ पत्रकार सीताराम मेवाती के साथ बातचीत।
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आपने मंदिरों में अक्सर इंसानों को चक्कर लगाते हुए देखा होगा, लेकिन क्या आपने कभी किसी जानवर को मंदिर का चक्कर लगाते हुए देखा है? बेंगलुरु के समीप पुत्तेनाहली में स्थित महालक्ष्मी मंदिर में एक कुत्ता रोजाना सुबह 4 बजे से 10 बजे तक यानि पूरे 6 घंटे तक चक्कर लगाता है और फिर बाद में वह अपने घर चला जाता है।
लोगों की मानें तो पिछले दो महीने से ये कुत्ता ऐसा कर रहा है। चक्कर लगाने के दौरान ये ज्यादातर शांत रहता है, लेकिन कभी-कभार भौंकता भी है। ज्यादातर ये 10 बजे चला जाता है, लेकिन कभी-कभी शाम तक चक्कर लगाता रहता है। इसे देखने के लिए अब काफी संख्या में लोग भी आने लगे हैं, जिससे यहां ट्रैफिक जाम भी लग जाता है।
...............बातचीत..............
अभी आप सुन रहे थे, तिब्बत पहुंचे भारतीय पत्रकार सीताराम मेवाती के साथ चर्चा।
कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए सुनते हैं, एक और जानकारी।
दोस्तों, कहते हैं, जोड़ियां स्वर्ग में बनती हैं। कद से बौने पाउलो गैब्रियल डी सिल्वा बैरस और कत्युसिया होशिनो को ही ले लीजिए। ये एक-दूसरे को इतना प्यार करते हैं कि दूसरों के लिए मिसाल हैं। दोनों ब्राजील के हैं। बौनेपन के कारण इनकी लंबाई कम है। दोनों की मुलाकात सोशल मीडिया के जरिए हुई। शुरू में हौशिनो गैब्रियल से इंप्रेस नहीं हुई थीं और उन्होंने कर दिया था गैब्रियल को ब्लॉक। कुछ महीने बाद जब उन्होंने गैब्रियल को अनब्लॉक किया, तो दोनों में प्यार हो गया। दोनों पति-पत्नी के रूप में एक साथ हैं। लगभग 8 साल इनकी शादी को हो चुके हैं।
हम दुआ करते हैं कि इनकी जोड़ी हमेशा सलामत रहे।
इसी के साथ प्रोग्राम में जानकारी देने का सिलसिला यही संपन्न होता है।
अब प्रोग्राम में समय हो गया है, श्रोताओं की टिप्पणी शामिल करने का।
पहला पत्र हमें आया है, झालावाड़ राजस्थान से, राजेश कुमार मेहरा का। लिखते हैं कि टी-टाइम प्रोग्राम सुना, इसमें ऐसे देशों के बारे में जानकारी मिली, जहां कई दिनों तक सूर्य अस्त नहीं होता। वास्तव में इसे जानकर बड़ा अच्छा लगा। इसके साथ ही टीवी से जरिए मच्छर भगाने की नई तकनीक विज्ञान का कमाल कही जा सकती है। अच्छी प्रस्तुति के लिए शुक्रिया।
अब पेश है, आज के प्रोग्राम का दूसरा ख़त। जिसे भेजा है, जमशेदपुर झारखंड से सीआरआई के पुराने श्रोता एस.बी. शर्मा ने। उन्होंने लिखा है कि सात जुलाई का प्रोग्राम सुना, जो कि मनोरंजक और ज्ञानवर्धक लगा। इसमें कई तरह की रोचक जानकारियां दी गई। मच्छर भगाने के लिए अब मच्छर भगाने वाली टिकिया या लिक्विड नहीं जलाना होगा। अब टीवी चलाने से सारे मच्छर भाग जायेंगे। कोरिया की एक टीवी कंपनी ने ऐसा टीवी बनाया बनाया है जिससे एक तरह की इंफ्रारेड किरण निकलेगी और मच्छरों को मार गिराएगी। वहीं चीन में शीशे का प्रयोग कर एक पुल बनाया गया है जो पूरी तरह से शीशे बना है। अच्छी जानकारी के लिए धन्यवाद।
प्रोग्राम का अंतिम पत्र आया है, केसिंगा उड़ीसा से सुरेश अग्रवाल का। लिखते हैं कि
कार्यक्रम "टी टाइम" के अन्तर्गत दुनिया के ऐसे देशों के बारे में दी गई जानकारी सुन कर आश्चर्य हुआ कि जहाँ महीनों सूर्यास्त नहीं होता। इस परिप्रेक्ष्य में नॉर्वे, आइसलैण्ड, कनाडा, अलास्का तथा स्वीडन आदि देशों के बारे में सूर्य की स्थिति पर महत्वपूर्ण जानकारी दी गई। कार्यक्रम में खुनमिंग एक्सपो में भारत से भाग लेने गये विकास और शेफ़ाली, जो कि क्रमश कसीदाकारी वस्त्र और रीयल स्टोन का व्यापार करते हैं, से की गई बातचीत भी जितनी समझ में आयी, अच्छी लगी। जानकारियों के क्रम में किसी ऊंचे पुल तथा च्युइंगगम निगलने के बारे में कुछ बतलाता जा रहा था, परन्तु रिसैप्शन की गड़बड़ी के कारण बात समझ में नहीं आयी। चुटकुले भी ठीक से सुनाई नहीं पड़े। कृपया रिसैप्शन की ओर तुरन्त ध्यान देने का कष्ट करें। धन्यवाद।
श्रोताओं की टिप्पणी यही संपन्न होती है।
दोस्तो, अब प्रोग्राम में समय हो गया है, हंसगुल्ले यानी जोक्स का। आज के प्रोग्राम में हम लेकर आए हैं, तीन जोक्स।
पहला जोक---
टीचर- तुम्हारा नाम क्या है?
छात्र- होला। टीचर- यह कैसा नाम है? ऐसा नाम क्यों? छात्र- क्योंकि मैं होली के दिन पैदा हुआ था। टीचर- शुक्र है भगवान का कि तुम दिवाली के दिन पैदा नहीं हुए।
दूसरा जोक-
संता: यह सदाचार क्या होता है? बंता: जैसे आम का अचार होता है, वैसे सादा आचार होता है! संता: यह अनुशासन क्या होता है? बंता: जैसे दुशासन होता है, वैसे ही अनुशासन होता है।
तीसरा और अंतिम जोक-
मरीज- मुझे अपनी आंखों के सामने धब्बे से दिखाई देते हैं। डॉक्टर- क्या नये चश्मे से कोई फायदा नहीं हुआ? मरीज- हां हुआ है न, अब वो धब्बे ज्यादा साफ दिखाई देते हैं।
दोस्तो, आज के प्रोग्राम में जोक्स यही संपन्न होते हैं।
दोस्तो, आपको आज का प्रोग्राम कैसा है। हमें जरूर बताइएगा। हमें आपके सुझावों और टिप्पणी का इंतजार रहेगा। हमारा ईमेल है.. hindi@cri.com.cn, हमारी वेबसाइट का पता है...hindi.cri.cn.......
अनिलः टी टाइम में आज के लिए इतना ही, अगले हफ्ते फिर मिलेंगे चाय के वक्त, तब तक के लिए नमस्ते, बाय-बाय, शब्बा खैर, चाय च्यान।