shijieliulan160309
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1. चाइना डॉट कॉम न्यूज वेबसाइट के मुताबिक मार्च महीने से चीन के आनह्वेई प्रांत में कामकाजी महिलाएं वैध मेडिकल इंस्टिट्यूट या हॉस्पिटल का सर्टिफिकेट दिखा छुट्टी ले पाएंगी। इस तरह हर महीने महिलाओं को मासिक धर्म के कारण होने वाली पीड़ा को लेकर छुट्टी देने पर सहमति जताई है। चीन का यह कोई पहला प्रांत नहीं है जिसने महिलाओं को धर्म के कारण छुट्टी की व्यवस्था की है। इससे पहले सेंट्रल हुबेई प्रांत में यह सुविधा महिलाओं को दी जा चुकी है।
एक सर्वेक्षण के अनुसार 20 प्रतिशत महिलाओं ने इस छुट्टी पर सहमति नहीं जताई है। इन का कहना है कि इससे काम प्रभावित होगा। ऐम्पलोर्यर का कहना था कि वे इस पर लगने वाली लागत को लेकर चिंतित है।
चीन के अलावा अन्य देशों में भी महिलाओं को मासिक धर्म के कारण हर महीने छुट्टियां मिलती हैं। इन देशों में दक्षिण कोरिया, इंडोनेशिया और जापान है। मासिक धर्म को लेकर महिलाओं को छुट्टी देना पहली बार जापान ने 1947 में ही शुरू कर दिया था। दुनिया में नाइकी पहली कंपनी है जो इस तरह की छुट्टी हर देश में अपनी महिला पेशेवरों को देती है। इंडोनेशिया में यह सुविधा होने के बावजूद महिलाएं छुट्टियां नहीं लेतीं। यहां तक कि महिलाओं से छुट्टियां लेने का आग्रह किया जाता है।
थाईवान में हर साल मासिक धर्म से होने वाली पीड़ा को लेकर तीन छुट्टियां दी जाती हैं। हालांकि इस तरह की छुट्टी पश्चिम के देशों में नहीं दी जाती। 2013 में इस तरह के प्रस्ताव रूप से रखे गए थे लेकिन आज तक लागू नहीं हुआ। रिसर्च के मुताबिक 10 में से एक महिला पिरीअड के दौरान गंभीर पीड़ा से गुजरती हैं। इसे ठीक होने में दो से तीन दिनों का वक्त लग जाता है।
2. जो पर्यटक भारत की राजधानी दिल्ली की यात्रा करते, तो जरूर लोटस टेंपल का दौरा करेंगे। दुनिया के पहले हेरिटेज शहर के खिताब पर दिल्ली की दावेदारी खिसक गई है। ऐसे में जब लोटस टेंपल को विश्व धरोहर का दर्जा दिए जाने की कोशिश हो रही है। मालूम हों कि दिल्ली के पास पहले ही 3 विश्व धरोहर की ऐतिहासिक इमारतें हैं। यानीकि लाल किला, कुतुब मीनार व हुमायू का मकबरा विश्व धरोहरों की सूची में पहले से ही है।
बहाई समुद्य की आस्था से जुड़े इस लोटस टेंपल को विश्व धरोहर का दर्जा दिलाने की कोशिश 2015 में शुरू हुई थी। भारत स्थित बहाई राष्ट्रीय आध्यात्मिक सभा ने इसका प्रस्ताव दिया था। उन्होंने इस संबंध में नामांकन दाखिल करने के लिए उन्होंने इंडियन नेशनल टूस्ट फॉर आर्ठ ऐंड कल्चरल हेरिटेज को प्रस्ताव तैयार करने के लिए नियुक्त किया।
इसे अप्रैल 2014 में यूनेस्को के विश्व धरोहरों की अस्थायी सूची में शामिल किया गया था। दिल्ली सरकार ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया है और पर्यटन विभाग भी इसे आगे लेकर जाने में उत्साह दिखा रहा है। संरक्षणवादियों का कहना है कि लोटस टेंपल को इस सूची में शामिल किए जाने से राजधानी का सम्मान काफ़ी बढ़ जाएगा।
विश्व में पर्यटकों द्वारा भ्रमण किए जाने वाले इमारतों में यह भी शामिल है। यहां ताज महल से भी ज्यादा लोग आते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि विश्व में कमल की आकृति में बनी इमारतों में और कोई भी लोकप्रिय और मशहूर नहीं है। इसे 1986 में आम जनता के लिए खोला गया था। इसे बनने में एक दशक का समय लगा था। यहां आने वाले लोग अलग-अलग धर्मों के अनुयायी होते हैं। अनुमान के मुताबिक अब तक यहां 70 मिलियन लोग आ चुके हैं।
नामांकन की यह प्रक्रिया अभी लंबी चलने वाली है। प्रस्ताव का ड्राफ्ट तैयार हो रहा है। इसके बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग इसकी समीक्षा करेगा। पूरी जांच के बाद सितंबर 2016 में इसे यूनेस्को में दाखिल किया जाएगा। आखिरी प्रस्ताव 1 फरवरी 2017 को जमा होगा। इसके बाद इसे देखने व इसकी समीक्षा करने यूनेस्को की एक टीम यहां अक्तूबर 2017 में आएगी।
यूनेस्को इस बारे में आखिरी फैसला जून 2018 में लेगी। विशेषज्ञों का कहना है कि लोटस टैंपल को यह दर्जा मिलने की काफ़ी संभावनाएं हैं। इसकी अनोखी आकृति व स्थापत्य के कारण इसकी जगह बेहद खास है।
3.आईफोन और आईपेड जैसे उत्पाद बनाने वाली कंपनी ऐपल ने अमेरिका की एक अदालत द्वारा दी गयी उस व्यवस्था का विरोध किया, जिस में कंपनी से एक आतंकवादी के आईफोन को अनलोंक करने को कहा गया है। अमेरिकी कंपनी ने कहा है कि इस अप्रत्याशित कदम से उस के ग्राहकों की सुरक्षा खतरे में पड़ जाएगी।
आईफोन को अनलॉक करने का सीधा सा मतलब है कि उसमें सेव की गई सारी जानकारी और डेटा आदि सुरक्षा एजेंसियों को मिल सकेगी। उल्लेखनीय है कि अमेरिकी अदालत ने कंपनी से कहा था कि वह पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी सईद फारुख के आईफोन को अनलॉक कर एफबीआई की मदद करे।
यह आतंकवादी दिसंबर में कैलिफॉर्निया में एक हमले में शामिल था, जिसमें 14 लोग मारे गए। एम्पल के सीईओ टिम कुक ने इस बारे में अपने ग्राहकों को एक खुला पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने कहा कि फारुख के आईफोन के इनक्रिप्टेड डेटा तक गुपचुप पहुंच अपलब्ध कराना बहुत खतरनाक होगा। कंपनी ने स्वैच्छिक रूप से ऐसा करने से इनकार किया था जिसपर अमेरिका की एक संघीय अदालत ने उसे ऐसा करने का आदेश दिया था।
कुक ने लिखा है अमेरिका सरकार ने ऐपल से अप्रत्याशित कदम उठाने की मांग की है जो हमारे ग्राहकों की मांग की है जो हमारे ग्राहकों की सुरक्षा के लिए खतरा है। हम इस आदेश का विरोध करते हैं, जिसका असर कानूनी हदों से भी इतर होगा। हालांकि कुक ने यह भी लिखा कि कंपनी ने अब तक अपने अधिकारों और कानून के दायरे में रहकर इस मामले में एफबीआई सहित अन्य जांच एजेंसियों की हरसंभव मदद की है।
उल्लेखनीय है कि फारुख ने अपनी पाकिस्तानी पत्नी तशफीन मलिक के साथ मिलकर 14 लोगों को गोली मार दी, जबकि 22 अन्य को घायल कर दिया। बाद में दोनों पुलिस के हाथों मारे गए।
4. आजकल लोग अपनी सेहत को लेकर ज़्यादा जागरूक हैं, फ़िक्रमंद हैं। फ़िट रहने का सबसे अच्छा तरीक़ा है, नियमित रूप से वर्ज़िश करना। कसरत हम सबके लिए कई मायनों में फ़ायदेमंद है। यह हमारे दिल और फेफड़ों को फ़िट रखती है।
नियमित रूप से वर्ज़िश करने से हमारा मूड भी अच्छा रहता है। लेकिन दिक़्क़त यह है कि हम में से अस्सी फ़ीसदी लोग, सिर्फ़ सोचते रह जाते हैं। इसके फ़ायदे जानते हुए भी इसके लिए वक़्त नहीं निकाल पाते।
फ़िट रहने के लिए हफ़्ते में कम से कम ढाई घंटे, या डेढ़ सौ मिनट की एक्सरसाइज़ ज़रूरी है। मगर होता यह है कि हम कभी व्यस्तता तो कभी आलस की वजह से ऐसा कर नहीं पाते हैं।
अब फ़िट तो रहना है. सो अगर ऐसा हो कि आप रोज़ सिर्फ़ एक मिनट वर्ज़िश करें, ताकि सेहत अच्छी रहे तो कैसा हो?.
यक़ीन नहीं आया न? बीबीसी के एंकर-डॉक्टर माइकल मोज़ले को भी इसका यक़ीन नहीं आया था, जब उन्हें, इस ख़ास वर्ज़िश के बारे में पता चला।
इसका नाम है, हाई इनटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग, जिसे नाम दिया गया है 'हिट' एक्सरसाइज़ का।
जब डॉक्टर माइकल को इसके बारे में पता चला, पहले तो उन्हें 'हिट' एक्सरसाइज़ के फ़ायदों के दावे पर यक़ीन नहीं हुआ। लेकिन, फिर उन्होंने सोचा कि एक बार इसे आज़माने में हर्ज़ ही क्या है?
सिर्फ़ साठ सेकेंड की इस 'हिट' वर्ज़िश से आप, नियमित एक्सरसाइज़ के कई फ़ायदे उठा सकते हैं।
फिर क्या था, डॉक्टर माइकल मोज़ले जा पहुंचे हाई इन्टेंसिटी, इंटरवल ट्रेनिंग या फिर हिट एक्सरसाइज़ करने। वे पंहुचे एक मिनट में नियमति वर्ज़िश के फ़ायदों का दावा परखने के लिए।
इसके लिए वे गए उन शोधकर्ताओं के पास, जो हिट एक्सरसाइज़ को पिछले कुछ सालों से जांच परख रहे हैं।
लेकिन, इस ख़ास तरह की वर्ज़िश में ख़ास कुछ भी नहीं।जैसे आप अपनी एक्सरसाइज़ बाइक पर देर तक मेहनत करते हैं। शुरुआत ठीक वैसे ही करनी है।
बस, धीरे-धीरे आपको अपनी रफ़्तार बढ़ाते जाना है। जितना ज़ोर लगाकर आप आम तौर पर एक्सरसाइज़ बाइक चलाते हैं, आपको बस उससे ज़्यादा ज़ोर लगाना है।
तेज़ी से इसे बढ़ाते जाना है। नियमित कसरत में आप यही काम थोड़े इत्मीनान से करते हैं। लेकिन 'हिट' में आपकी रफ़्तार बहुत मायने रखती है। आपको पूरी ताक़त और रफ़्तार से बाइक चलानी है।
जब ऐसा करते हुए आपकी सांस फूलने लगे, तो थोड़ा ठहर जाइए। सांस लीजिए।जैसे ही आपकी धड़कनें सामान्य हों, फिर से उतनी ही ताक़त और रफ़्तार से जुट जाइए. कुछ देर तक सामान्य तरीक़े से एक्सरसाइज़ करने के बाद आपको अगले बीस सेकेंड फिर से, दोगुनी ताक़त औऱ रफ़्तार से कसरत करनी है। केवल सात मिनट में आपकी दिन भर की कसरत की ज़रूरत, इस 'हिट' एक्सरसाइज़ से पूरी हो जाती है।
'हिट' आज़माने के बाद डॉक्टर माइकल इसके सीक्रेट से वाक़िफ़ हो चुके थे. उन्होंने बताया कि असल में 'हिट' का राज़ है, आपका ज़्यादा ज़ोर लगाकर, पूरी ताक़त से वर्ज़िश करना।
वैसे इसे लेकर जो शोध हो रहे हैं, उनके मुताबिक़, नियमित रूप से 'हिट' एक्सरसाइज़ करके आप अपने दिल और फेफड़ों को सेहतमंद रख सकते हैं।
इससे आपका हाज़मा भी बेहतर होता है, जिसका सीधा संबंध आपके शरीर के शुगर लेवल से होता है।
दिल और फेफड़े अच्छे होंगे, खाना ठीक से, आसानी से पचेगा तो ज़ाहिर है आप अच्छा, सेहतमंद महसूस करेंगे।इसके लिए आपको ख़र्च करने हैं, सिर्फ़ साठ सेकेंड।
'हिट' एक्सरसाइज़ की मदद से आप अपने दिमाग के उस हिस्से को सक्रिय करते हैं, जो आपके शरीर की चर्बी को नियंत्रित करता है। इस कसरत से एक हार्मोन निकलता है जो आपके शरीर की चर्बी को कम करने में मददगार होता है।
डॉक्टर माइकल ने छह हफ़्ते तक 'हिट' एक्सरसाइज़ की. इसके नतीजे चौंकाने वाले रहे। उनके शरीर में इंसुलिन की मात्रा में चौबीस फ़ीसदी का इज़ाफ़ा हुआ था. इंसुलिन वह हारमोन है, जो हमारे ख़ून में शुगर लेवल को कंट्रोल में रखता है। इसकी कमी होने पर हमें डायबहिटीज़ हो जाती है।
इस प्रयोग की कामयाबी से डॉक्टर माइकल इतने प्रभावित हुए हैं कि अब वो नियमित रूप से 'हिट' एक्सरसाइज़ करते हैं. इससे उनका हाज़मा दुरुस्त रहता है। मूड अच्छा रहता है, और शुगर लेवल भी कंट्रोल में रहता है।
इंग्लैंड के अलावा ऑस्ट्रेलिया में भी 'हिट' एक्सरसाइज़ पर शोध के ऐसे ही नतीजे सामने आए हैं. यह वर्जिश आपके दिल, दिमाग और हाज़मे के लिए बहुत अच्छी है।
हालांकि अगर आप कमज़ोर हैं, तो बेहतर यह होगा कि 'हिट' कसरत करने से पहले अपने डॉक्टर से मशविरा कर लें।
आप इसे सिर्फ़ एक्सरसाइज़ बाइक पर ही नहीं कर सकते. यदि आप दौड़ते हैं तो चढ़ान वाली जगह पर दौड़ते हुए 'हिट' कर सकते हैं।आपके दफ़्तर में सीढ़ियां हैं तो उन पर तेज़ी से चढ़-उतरकर 'हिट' एक्सरसाइज़ कर सकते हैं। हां, लेकिन महिलाओं को ध्यान रखना होगा कि वे हाई हील के सैंडल पहनकर ऐसा न करें। तो, देर किस बात की है? आज से ही शुरू कीजिए 'हिट' और रहिए 'फ़िट'।