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    आपका पत्र मिला 2015-12-30
    2016-01-04 08:48:49 cri

    अनिल:आपका पत्र मिला कार्यक्रम सुनने वाले सभी श्रोताओं को अनिल पांडे का नमस्कार।

    हैया:सभी श्रोताओं को हैया का भी प्यार भरा नमस्कार।

    अनिलः दोस्तो, पहले की तरह आज के कार्यक्रम में हम श्रोताओं के ई-मेल और पत्र पढ़ेंगे। इसके बाद एक श्रोता के साथ हुई बातचीत के मुख्य अंश पेश किए जाएंगे।

    अनिल:चलिए श्रोताओं के पत्र पढ़ने का सिलसिला शुरू करते हैं। पहला पत्र हमें आया है, ओड़िशा से मॉनिटर सुरेश अग्रवाल जी का। उन्होंने लिखा है......केसिंगा दिनांक 25 दिसम्बर । प्रतिदिन की तरह सीआरआई हिन्दी के ताज़ा प्रसारण ने आज भी शाम ठीक साढ़े छह बजे हम सभी के लिये ज्ञान का झरोखा खोला और अपनी सूक्ष्म तरंगों के ज़रिये 9450 किलोहर्ट्ज़ की आवृत्ति पर देश-दुनिया का ताज़ा हाल हमारे सामने रखा। पूरे कार्यक्रम का लुत्फ़ उठाने के बाद अब मैं उस पर अपनी त्वरित प्रतिक्रिया के साथ आपके समक्ष उपस्थित हूँ। बहरहाल, ताज़ा अन्तर्राष्ट्रीय समाचारों के बाद पेश साप्ताहिक "चीन का तिब्बत" के तहत आज तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की नीमा काउन्टी स्थित समुद्रतल से कोई पांच हज़ार मीटर की ऊँचाई पर स्थित श्यांग थांग घास मैदान में वन्य प्राणियों की रक्षा में प्रयासरत 58 वर्षीय श्री काजा तामा की कहानी सुन मन गदगद हो उठा। जंगली जानवरों के इस मसीहा को हमारा सादर नमन। सर्दियों के मौसम में जब तिब्बती मृग का प्रजनन समय होता है, तब शून्य से दस डिग्री कम तापमान में उनकी सुरक्षा में स्वयं को नियोजित करना कोई आसान काम नहीं है, जिसे काजा तामा सहर्ष करते आ रहे हैं। इस रिपोर्ट के बाद कार्यक्रम में मशहूर तिब्बती गायक गंगा की आवाज़ में गाया "प्रेम का क़बीला" शीर्षक गीत भी बहुत कर्णप्रिय लगा। धन्यवाद इस ख़ास प्रस्तुति के लिये।

    कार्यक्रम "दक्षिण एशिया फ़ोकस" के तहत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हाल की रूस यात्रा पर श्याओ थांग जी द्वारा पेश शब्दचित्र यात्रा के दौरान नरेन्द्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के बीच हुए तमाम समझौतों पर विस्तृत जानकारी प्रदान कर गया, जिसके लिये उन्हें हार्दिक धन्यवाद। वैसे इस कार्यक्रम के नियमित प्रस्तोता पंकज श्रीवास्तव द्वारा ज्वलंत विषयों पर विशेषज्ञों की राय सुनवाये जाने का अपना ही महत्व होता है। कार्यक्रम में आगे वर्ष 2015 में दक्षिण एशियाई देशों के साथ चीन के सम्बन्धों का सिंहावलोकन किया जाना भी काफी महत्वपूर्ण लगा। वर्ष 2015 में चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग की भारत यात्रा तथा बाद में भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का चीन का दौरा, रूस में आयोजित ब्रिक्स सम्मेलन में शी और मोदी की पुनः मुलाक़ात, नाथुला दर्रे का खुलना, चीन में भारत महोत्सव, पाकिस्तान में चीन की सहायता से पनबिजली परियोजना, नेपाली राष्ट्रपति रामवरण यादव की चीन यात्रा, चीन-बांग्लादेश राजनयिक सम्बन्धों की चालीसवीं वर्षगांठ तथा श्रीलंकाई राष्ट्रपति सिरिसेना की चीन यात्रा आदि प्रमुख घटनाओं का लेखाजोखा पेश किया जाना काफी महत्वपूर्ण लगा। धन्यवाद वर्षान्त की इस ख़ास प्रस्तुति हेतु।

    मातृभाषा में चीनी सीखिये - रोज़मर्रा की चीनी भाषा पाठ्यक्रम के पांचवें दिन भी आज श्याओ थांग जी एवं राकेश वत्सजी द्वारा चीनी भाषा में अभिवादन कैसे किया जाता है, सिखाया गया। धन्यवाद।

    हैया:सुरेश अग्रवाल जी, हमें रोजाना पत्र भेजने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद। चलिए, अगला पत्र मेरे हाथ आया है छत्तीसगढ़ से चुन्नीलाल कैवर्त जी का। उन्होंने लिखा है.... आपको और आपकी पूरी संपादकीय टीम को सादर अभिवादन तथा क्रिसमस और नूतन वर्ष की मंगलकामनायें !

    आशा है,आप सब स्वस्थ एवं प्रसन्न होंगे। आपके द्वारा संपादित 'सेतु संबंध' त्रैमासिक पत्रिका के नवंबर-जनवरी,2015 अंक की 10 प्रतियाँ प्राप्त हुईं। जिनको मैंने अपने ग्रीन पीस डी-एक्स क्लब के सदस्यों एवं एक स्थानीय स्कूल की लाइब्रेरी में वितरित कर दिया है। पत्रिका का कलेवर हर अंक की भांति बहुत सुंदर एवं आकर्षक है। पत्रिका प्रेषित करने के लिए आप सबका तहे दिल से शुक्रिया। मेरे विचार से 'सेतु संबंध' पत्रिका, चीन और भारत के बीच 'सेतु संबंध' की भूमिका अदा करते हुए महत्वपूर्ण और प्रशंसनीय कार्य कर रही है।

    अनिल:आगे कैवर्त जी लिखते हैं..... इस अंक में मुझे सबसे पहले, 'प्रो चिन दिंग हान के नाम एक और सम्मान' से संबंधित लेख ने आकर्षित किया। जब चीन-भारत रिश्तों की बात चलती है,तो प्रो॰ चिन दिंग हान का नाम स्वाभाविक रूप से हम सबकी ज़ुबान पर आ जाता है । बहुत ही खुशी और गर्व की बात है कि प्रो॰ चिन दिंग हान 85 साल की उम्र में भी हिन्दी के प्रचार-प्रसार में जुटे हैं और उनको पिछले अगस्त महीने में भारतीय साहित्य अकादमी कि ओर से मानद सदस्यता प्रदान की गई । उन्होने तुलसी कृत 'श्रीरामचरितमानस' सहित कई प्रसिद्ध हिन्दी उपन्यासों का चीनी भाषा में अनुवाद किया । अनिल पांडेय जी द्वारा प्रस्तुत लेख में उनकी उपलब्धियों के बारे में शिक्षाप्रद जानकारी मिली। इसी प्रकार सपना जी द्वारा प्रस्तुत आलेख 'चीनियों के दिल में बसे टैगोर' में चीन-भारत मैत्री के लिए टैगोर के योगदान और चीनी जनता के प्रति उनके मन की गहरी भावना का सुंदर परिचय मिला। यह जानकर बहुत अच्छा लगा कि वर्ष 2013 और 2014 में 'मेरे दिल में टैगोर' शीर्षक लेखन प्रतियोगिता आयोजित हुई,जिसमें चीन के बहुत-से विद्यार्थियों,साहित्य प्रेमियों एवं विशेषज्ञों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। इससे पता चलता है कि महाकवि टैगोर और उनका साहित्य चीनी जनता में बेहद लोकप्रिय है। लेखन प्रतियोगिता के श्रेष्ठ लेखों पर आधारित 'चीन में टैगोर का छोड़ा गया दिल' नामक पुस्तक का प्रकाशन उचित है और इसकी जितनी भी तारीफ की जाये,कम है। रमेश जी और मीनू जी द्वारा प्रस्तुत आलेख 'स्वर्ग के सबसे करीब तिब्बत' और 'तिब्बत के विकास की कहानी' में तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के चतुर्मुखी विकास,तिब्बती भाई बहनों के खुशहाल जीवन और वहाँ की प्राकृतिक सुंदरता के बारे में सजीव और सूचनाप्रद जानकारी मिली। सचमुच तिब्बत पर्यटकों का स्वर्ग है । इसी प्रकार चीन के उत्तर पश्चिम में स्थित शिनच्यांग उइगुर स्वायत्त प्रदेश के उरुमछी शहर, लौ पहाड़, थ्येनशान पर्वत शृंखला, ताकलीमाकन रेगिस्तान, खनास, राक्षस शहर आदि दर्शनीय स्थानों का सफर शानदार और आकर्षक लगा। चंद्रिमा द्वारा प्रस्तुत इस सचित्र जानकारी ने पत्रिका के इस अंक में चार चाँद लगा दिया।

    हैया:आगे कैवर्त जी लिखते हैं..... इनके अलावा चीन की भव्य परेड-दुनियां के मंच पर नई ताकत का आगाज,किधर जा रही है चीन की अर्थव्यवस्था,चीन कैसे चला विकास की राह पर ?,विश्व की प्राचीन चिकित्सा प्रणाली,युवा मजबूत करेंगे रिश्तों की डोर ... आदि लेख भी पसंद आये। कृपया पत्रिका में चीन-भारत सम्बन्धों एवं चीन के पर्यटन व दर्शनीय स्थलों की जानकारी को प्राथमिकता दें,भले ही पत्रिका की पृष्ठ संख्या कम हो।

    अनिल:चुन्नीलाल कैवर्त जी, आप नियमित रूप से हमें पत्र भेजते हैं और अपनी प्रतिक्रिया हम तक पहुंचाते हैं, इस पर हम आपके आभारी हैं। दोस्तों, पश्चिम बंगाल से रविशंकर बसु ने वर्ष 2015 में भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय संबंधों में घटी कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं का उल्लेख लिखा। उन्होंने लिखा है कि वर्ष 2015 हम सबसे विदाई ले रहा है और 2016 हमारे दरवाजे पर दस्तक दे रहा है । 2015 को अलविदा करते समय यदि हम पीछे मुड़ कर देखते हैं तो यह वर्ष भारत और चीन की जनता को कुछ महत्वपूर्ण यादें देकर विदा हो रहा है। बीते इस एक वर्ष में चीन और भारत के बीच द्विपक्षीय संबंधों की सभी घटनाओं की गिनती करना मुश्किल है। फिर भी आपका एक पुराना श्रोता होने के नाते मैं दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंध में घटी कुछ सकारात्मक घटनाओं का विशेष रूप से उल्लेख करना चाहता हूं।

    सबसे पहले मैं 12 वीं चीनी जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन यानी सीपीपीसीसी का तीसरे पूर्णाधिवेशन के बारे में बोलना चाहता हूं जो गत् 3 मार्च से 13 मार्च तक पेइचिंग के जन बृहद भवन में आयोजित हुआ। इस सम्मेलन में सीपीपीसीसी के अध्यक्ष यु चंग शंग ,चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग, प्रधानमंत्री ली खछ्यांग समेत चीनी नेता उपस्थित थे। सीपीपीसीसी चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व में बहुदलीय सहयोग व राजनीतिक सलाहकार की प्रमुख संस्था है। यह संस्था चीन के राजनीतिक माहौल में समाजवादी लोकतंत्र का प्रसार करने का अहम तरीका है। सीपीपीसीसी का वार्षिक सम्मेलन चीन के चतुर्मुखी विकास और चीनी जनता की खुशहाली के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लेता हैlनिश्चित रूप से चीन ने आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक आदि क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धियां प्राप्त की है। सीपीपीसीसी के अध्यक्ष यु चंग शंग जी ने इस बार की वार्षिक सम्मेलन में अपने भाषण में कहा कि चीनी जन सलाहकार सम्मेलन में पारित राजनीतिक दस्तावेजों से चीन के विकास का पहिया तेजी के साथ घूमेगा और कानूनी प्रशासन में सुधार और पारदर्शिता आएगी साथ ही भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया जाएगा। इस बार की वार्षिक महासभा में दिये गये कुल 5857 प्रस्तावों में 4984 प्रस्ताव औपचारिक रूप से पास किया गया जिससे लगता है कि चीन विकास की ओर अग्रसर है।यह बड़ी प्रसन्नता की बात है कि हमेशा की तरह सीआरआई-हिंदी सेवा ने 12 वीं चीनी जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन पर बहुत ही जबरदस्त कवरेज दी है। इसके लिए मैं सीआरआई के पूरे स्टाफ को तहे दिल से धन्यवाद देना चाहता हूं।

    हैया:आगे बसु जी लिखते हैं.....यह साल चीन-भारत संबंध के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण रहा है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले 14 मई से 16 मई तक चीन की औपचारिक यात्रा की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग और चीनी प्रधानमंत्री ली खछ्यांग के अलावा चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा की स्थाई कमिटी के अध्यक्ष चांग तच्यांग से मुलाक़ात की और चीन-भारत द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न क्षेत्रों में मौजूद सहयोगों पर विचार विमर्श किया, जोकि दोनों देशों की जनता की खुशहाली और विश्व शांति के लिए ख़ास मायने रखते हैं। 15 मई को पेइचिंग स्थित टेम्पल ऑफ हेवेन में ताइची-योग समारोह में हिस्सा लेते हुए चीनी प्रधानमंत्री ली खछ्यांग और प्रधानमंत्री मोदी ने चीन-भारत संबंधों के विकास और सहयोग पर बातचीत की। मोदी ने कहा कि भारत चीन को महान पड़ोसी देश मानता है और भारत चीन के साथ आर्थिक व व्यापारिक संबंधों को मजबूत करना चाहता है।इस बार भारत और चीन ने करीब 10 बिलियन डॉलर यानी 63 हज़ार करोड़ रुपये के 24 समझौतों पर हस्ताक्षर किया, इनमें रेलवे, माइनिंग, पर्यटन, अंतरिक्ष अनुसंधान तथा वोकेशनल एजुकेशन से जुड़े समझौते भी शामिल हैं। इसेस दोनों देशों के सतत विकास को आगे बढ़ाने के लिए बेहतर आधार निर्मित किया गया है। वास्तव में हाल के वर्षों में चीन और भारत के बीच आर्थिक सहयोग और सांस्कृतिक आदान-प्रदान दिन-व-दिन प्रगाढ़ हो रही है। बहुत ही ख़ुशी की बात है कि प्रधानमंत्री मोदी जी की चीन यात्रा के दौरान, चीनी नेता एवं हमारे प्रधानमंत्री ने भारत-चीन द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए एक दूसरे की सराहना की। मेरा मानना है कि चीन और भारत का बेहतरीन संबंध एशिया के पुनरुत्थान के लिए महत्वपूर्ण होगा और विश्व शांति की रक्षा के लिए भी बहुत आवश्यक है। यह सच है कि हम साधारण भारतवासी चीन भारत रिश्ते को शहद से मीठी देखना चाहते है ताकि दोनों देश की जनता हाथों में हाथ डालकर, कन्धे से कन्धा मिलाकर, सारी शिकवे को भुलाकर अपने पड़ोसी को गले लगा सकें। निश्चित रूप से प्रधानमंत्री मोदी की चीन यात्रा से भारत और चीन के नागरिकों के बीच आपसी सहयोग और संपर्क को और बढ़ावा मिलेगा। और हमारी दोस्ती पहले से कहीं अधिक मजबूत होगी। सीआरआई-हिंदी विभाग ने हमारे प्रधानमंत्री की तीन दिवसीय चीन की सरकारी यात्रा बहुत ही शानदार और सटीक ढंग से कवर किया,इसके लिए आप सभी को धन्यवाद।

    अनिल:आगे बसु जी लिखते हैं.....मेरी ख़ुशी का कोई ठिकाना नहीं था जब पिछले 31 जुलाई को पेइचिंग और हपेई प्रांत के चांग च्याखो (Zhangjiakou) शहर ने वर्ष 2022 शीतकालीन ओलंपिक खेलों की मेज़बानी जीत ली। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के अध्यक्ष थॉमस बाख ने 31 जुलाई को मलेशिया की राजधानी क्वालालुंपर में में यह घोषणा की। पेइचिंग ने वर्ष 2008 में सफलतापूर्वक 29वें ग्रीष्मकालीन ओलंपिक का आयोजन किया था। वर्ष 2008 में ओलंपिक में अपने अच्छे प्रदर्शन के साथ चीन ने पूरे विश्व को यह दिखा दिया कि वह खेल के क्षेत्र में आज एक महाशक्ति है। मेरी राय में पेइचिंग के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक का आयोजन इतिहास में सबसे शानदार ओलंपिक खेलों में से एक था। मैं अच्छी तरह जानता हूं कि चीन के लोग खेलों से कितना प्यार करते हैं।ओलंपिक में चीनी खिलाड़ियों ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए पूरी दुनिया को हिला दिया है। वर्ष 1980 में शीतकालीन ओलंपिक खेलों में हिस्सा लेने के बाद से लेकर अब तक चीनी खिलाड़ियों ने कुल 12 शीतकालीन ओलंपिक स्वर्ण पदक जीते हैं। वास्तव में पेईचिंग खेलों के लिए सर्वोत्तम और पसंदीदा जगह है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि चीन 2022 शीतकालीन ओलंपिक खेलों का सफलतापूर्वक आयोजन करेगा और ओलंपिक भावना का प्रचार करेगा साथ ही चीन एक बार फिर दुनिया में अपनी ताकत का लोहा मनवाएगा। मैं बेसब्री से चीन में शीतकालीन ओलंपिक गेम्स खेलों का आयोजन देखने की प्रतीक्षा में हूं।

    2015 साल चीनी जनता के जापानी आक्रमण विरोधी युद्ध एवं विश्व फ़ासिस्ट विरोधी युद्ध की विजय की 70वीं वर्षगांठ है । पिछले 3 सितंबर को राजधानी पेइचिंग के विशाल थ्येन आनमन चौक पर चीन ने जापानी आक्रमण के खिलाफ मिली जीत की याद में पहली बार भव्य सैन्य परेड आयोजित किया जो सारी दुनिया का ध्यान अपनी तरफ खींचा। इस परेड का मकसद युद्ध के दौरान जापानी सैनिकों द्वारा चीनी लोगों के साथ किए गए अत्याचार के बारे में दुनिया को बताना था । द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान एशिया में चीन ने शक्तिशाली जापानी फ़ासिस्ट के खिलाफ साहस दिखाया और विश्व में सबसे पहले इस फ़ासिस्ट विरोधी संघर्ष का झंडा फहराया। चीन के महान नेता माओ त्जे-तुंग की अगुवाई में चीनी लाल-सेना व जनता ने जापानी आक्रमणकारियों को परास्त करने के लिए कठोर संघर्ष किया और 14 वर्षों की कोशिश के बाद जापानी सेना को चीन से भगा दिया। इस सैन्य परेड से चीन ने दुनिया को अपनी ताकत दिखाई ,साथ ही शांति का संदेश भी दिया ।यह सैन्य परेड चीनी जनता और विश्व की जनता के लिए ऐतिहासिक महत्व है। चीन का उत्थान अब हो गया है, लेकिन चीन ने आधिपत्य की तलाश नहीं की। जापानी आक्रमण विरोधी युद्ध में विजय की 70वीं जयंती पर हुई इस स्मृति समारोह में चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग ने अपने अहम भाषण में विश्व को चीन का शांति संदेश दिया और कहा कि चीन 'शांतिपूर्ण विकास के मार्ग' के प्रति प्रतिबद्ध रहेगा।भारतीय विदेश राज्य मंत्री वी.के.सिंह समेत विश्व के करीब 30 नेता इस स्मृति समारोह में उपस्थित थे। वी.के.सिंह ने कहा कि भारत का चीन के साथ संबंध को मजबूत बनाना दोनों पक्षों के आम विकास और क्षेत्रीय व वैश्विक शांति, स्थिरता रखने के लिये लाभदायक है। मुझे विश्वास है कि चीन की भव्य परेड भारत-चीन दोनों देशों के संबंधों के विकास के लिए लाभदायक होगी।

    पिछले 29 अक्टूबर को चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) के महासचिव शी चिनफिंग की अध्यक्षता में 18 वीं सीपीसी केंद्रीय समिति के पांचवें पूर्ण अधिवेशन में 13वीं पंचवर्षीय योजना (2016-2020) पर बयान दिया गया और 3 नवम्बर को "राष्ट्रीय आर्थिक और सामाजिक विकास की 13वीं पंचवर्षीय योजना से जुड़े सीपीसी केंद्रीय समिति का सुझाव" पारित हुआ। 13वीं पंचवर्षीय योजना का काल चीन में खुशहाल समाज के निर्माण करने के लिए महत्वपूर्ण है। 13वीं पंचवर्षीय योजना में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी अगले पांच साल के लिए चीन की ताजा आर्थिक नीति पर प्रकाश डाला है ,जिसमे चीन में सुधार,सृजन, खुलेपन,नवीनीकरण,जलवायु संरक्षण, हरित विकास, समन्वय साथ ही सरकार और बाज़ार की अच्छी व्यवस्था और दशकों के लंबे एक बच्चे की नीति को छोड़ने का फैसला किया है।13वीं पंचवर्षीय योजना के 10 लक्ष्यों में गरीबी उन्मूलन और आजीविका में सुधार को सूचीबद्ध किया गया है।चीन अगले 5 वर्षों में गरीबी उन्मूलन के साथ एक समृद्ध समाज के निर्माण को पूरा करने की अपनी प्रतिज्ञा को व्यक्त किया है ।पिछले पांच सालों में चीन गरीबी उन्मूलन में उल्लेखनीय प्रगति की है।चीन की तेज प्रगति ने गरीबी उन्मूलन के मामले में दुनिया के बाकी देशों को पछाड़ दिया है।13वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान 6.9 लाख तिब्बती लोगों को गरीबी से उन्मुक्त करने का निर्णय लिया गया है। नई पंचवर्षीय योजना चीन की पहली शताब्दी की लक्ष्य तक पहुंचने के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि वर्ष 2020 तक शहरी और ग्रामीण लोगों की आय दोगुना करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। 13वीं पंचवर्षीय योजना के अनुसार चीन सरकार ने अपनी दशकों पुरानी "एक बच्चा पैदा करने" नीति को वापस लेते हुए अब चीन के सभी दंपतियों को दो बच्चे पैदा करने की अनुमति दे दी है क्योंकि चीन की बुजुर्ग आबादी की स्थिति दिन-ब-दिन गंभीर हो रही है। श्रम आपूर्ति को बढ़ावा देने और जनसंख्या के संतुलित विकास को मजबूत करने के लिए एक दंपति दो बच्चे की नीति लागू करना एक महत्वपूर्ण कदम है। मुझे आशा है कि 13वीं पंचवर्षीय योजना, चीन में सर्वांगीण खुशहाल समाज के निर्माण में निर्णायक साबित होगी। अब चीन में आर्थिक परिवर्तन हो रहा है। अब मध्यम और दीर्घकालीन दृष्टि से चीनी अर्थव्यवस्था महत्वपूर्ण रणनीति के काल से गुजर रही है, इसकी बड़ी निहित शक्ति और विकास की संभावना मौजूद है।बाजार के अनुसार नवीनीकरण संसाधनों का प्रबंधन किये जाने से चीनी अर्थतंत्र के सुस्थिरता के साथ चलने को बढ़ावा मिलेगा।पूरे विश्व के लिए भी यह अच्छी बात हैl इस सुधार से विश्व को विकास के व्यापक मौके मिलेंगे।

    हैया:आगे बसु जी लिखते हैं.....वर्ष 2015 में चीनी राजनयिक कार्यों में भारी प्रगतियां मिली हैं। चीन का अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव बहुत उन्नत हुआ है।2015 साल चीन और अमेरिका के लोगों के लिए एक खास साल थी l पिछले 22 से 25 सितम्बर तक चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग अमेरिका के दौरे पर थे।यह सार्वभौमिक सहमति है कि शी चिनफिंग की पहली अमेरिका यात्रा इस साल दोनों देशों के बीच संबंधों में सबसे महत्वपूर्ण घटना है । दुनिया की दो सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति के रूप में अमेरिका व चीन को एक दूसरे का सम्मान करके सहयोग व समान उदार के सिद्धांत पर कायम रहना चाहिए, साथ ही द्विपक्षीय संबंधों के सतत विकास करने को सुनिश्चित करने के लिए दोनों पक्षों को उभय प्रयास करना चाहिए, ताकि एशिया प्रशांत क्षेत्र यहां तक विश्व की शांति, स्थिरता व समृद्धि की रक्षा कर सकें। वहीं शी चिनफिंग ने 19 से 23 अक्तूबर तक ब्रिटेन की यात्रा की। इस यात्रा से चीन-ब्रिटेन संबंधों को व्यापक रूप से बढ़ावा दिया गया और 21वीं सदी के उन्मुख व्यापक रणनीतिक साझेदारी का स्वर्णिम युग शुरू हुआ है। चीन के शांतिपूर्ण विकास का विचार अवश्य ही दुनिया को समृद्धि देगा।

    आशा है कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय कमेटी के नेतृत्व में चीनी विशेषता वाले राजनयिक विचारों के अनुसार देश में खुशहाल समाज के निर्माण के लिए बेहतर अंतर्राष्ट्रीय वातावरण तैयार करने की भरसक कोशिश करेगा। चीन सक्रियता से दुनिया के सभी ज्वलनशील मुद्दों के समाधान और आतंक विरोधी सहयोग में भाग लेगा, अंतर्राष्ट्रीय परमाणु अप्रसार बनाये रखने का प्रयास करेगा और शांति, सुरक्षा, खुलेपन और सहयोग के अंतर्राष्ट्रीय नेटवर्क प्रणाली की स्थापना के लिए दूसरे देशों के साथ बातचीत करेगा। पिछले कुछ वर्षों से हम देख रहे है कि चीन प्रत्येक क्षेत्र में प्रगति कर रहा है। चीनी सेना शक्तिशाली हो गई हैऔर किसान प्रगति कर रहे हैं जिसकी प्रशंसा करना आवश्यक है। जहां चीन पिछड़ा कृषि प्रधान देश था वहीं आज चीनी किसानों ने अपने अतुलनीय मेहनत से कृषिऔर दूसरे क्षेत्रों में भी अनूठी प्रगति की है।यह बिल्कुल सही है कि चीनी लोगों ने अपने मेहनत के बल पर दुनिया से अपना लोहा मनवा लिया है। मेरे विचार में हम भारतीय लोगों को भी चीनी लोगों की इस सफलता से सीखना चाहिए।आशा है कि चीन हर क्षेत्र में दिन दूनी रात चौगुनी विकास करेगा l साथ ही चीन और भारत की मैत्री और एकता और भी गहरा होगा ।

    अनिल:आगे बसु जी लिखते हैं.....खोना पाना जीवन की नियति है। वर्ष 2015 में हम सब के कुछ सपने जैसे सच हुए उसी तरह बहुत कुछ खोया भी है । बीते साल में हम नेपाल में आए भूकंप में प्रकृति का प्रकोप देखा है जहां प्रकृति की सुंदरता प्रकृति के रोष के साथ मुलाकात की। 25 अप्रैल को आए 7.9 तीव्रता के भूकंप से नेपाल में 10,000 से ज्यादा लोगों की जान गई।हमने बीते साल में 27 जुलाई को भारत रत्न और पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को खोया है । हमने बीते साल में 28 सितंबर को भारत की पहली अंतरिक्ष दूरबीन जैसी सफलता भी देखी तो तमिलनाडु में बाढ़ से त्रस्त जनजीवन भी देखा, हमने जाते जाते इस साल में मिस्र के सिनाई प्रायद्वीप में रूसी विमान हादसा (31 अक्टूबर ) भी देखा और मानवता को हिला देने वाला पेरिस आतंकी हमला (13 नवंबर) भी देखा। इन सब के अलावा तमाम उपलब्धियां और विभीषिकाएँ देखी, जिन्होंने हमें ऊंचे आसमान तक पहुंचाया और ज़मीन पर लाकर भी पटक दिया, लेकिन हम सब इन सफलताओं से प्रेरित होकर और विभिषकाओं से सबक लेते हुए , बाहें फैला कर नए साल का आमंत्रण करंगे और साथ ही यह उम्मीद रखता हूं कि आने वाले साल में ग़म कम हो और ख़ुशी ज्यादा हो ।

    अंत में चाइना रेडियो इंटरनेशनल-हिन्दी परिवार के सभी कर्मचारियों को साथ ही श्रोता -मित्रों को अंग्रेजी नववर्ष की हार्दिक शुभकामनायें।

    हैया:अब सुनिए हमारे श्रोता दोस्तो शक्ति सिंह के साथ हुई बातचीत।

    अनिल:दोस्तो, इसी के साथ आपका पत्र मिला प्रोग्राम यही संपन्न होता है। अगर आपके पास कोई सुझाव या टिप्पणी हो तो हमें जरूर भेजें, हमें आपके खतों का इंतजार रहेगा। इसी उम्मीद के साथ कि अगले हफ्ते इसी दिन इसी वक्त आपसे फिर मुलाकात होगी। तब तक के लिए अनिल पांडे और हैया को आज्ञा दीजिए, नमस्कार।

    हैया:गुडबाय और नया साल मुबारक हो।

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