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    आपका पत्र मिला 2015-12-23
    2015-12-23 16:50:37 cri

    अनिल:आपका पत्र मिला कार्यक्रम सुनने वाले सभी श्रोताओं को अनिल पांडे का नमस्कार।

    हैया:सभी श्रोताओं को हैया का भी प्यार भरा नमस्कार।

    अनिलः दोस्तो, पहले की तरह आज के कार्यक्रम में हम श्रोताओं के ई-मेल और पत्र पढ़ेंगे। इसके बाद एक श्रोता के साथ हुई बातचीत के मुख्य अंश पेश किए जाएंगे।

    अनिल:चलिए श्रोताओं के पत्र पढ़ने का सिलसिला शुरू करते हैं। पहला पत्र हम पढ़ते हैं ओड़िशा से हमारे मोनिटर सुरेश अग्रवाल जी का। उन्होंने लिखा है......हिन्दी के ताज़ा प्रसारण को प्रतिदिन की तरह मैंने आज भी अपने तमाम मित्रों और परिजनों के साथ मिलकर सुना। और अब मैं उस पर अपनी त्वरित प्रतिक्रिया के साथ आपके समक्ष पेश होने कम्प्यूटर की शरण में हूं। संचार और बिजली ने साथ दिया तो कुछ ही क्षणों में यह रिपोर्ट आपके हाथों में होगी। बहरहाल, ताज़ा अन्तर्राष्ट्रीय समाचारों के बाद पेश हरदिलअज़ीज़ साप्ताहिक "आज का लाइफ़स्टाइल" का ताज़ा अंक हर बार की तरह आज भी काफी लाज़वाब रहा। दिमाग की असीमित क्षमताओं का एहसास कराती बीबीसी ऑनलाइन की शोध रिपोर्ट काफी सूचनाप्रद लगी। हेल्थकेयर में सर्दियों के मौसम में जोड़ों की जकड़न से निज़ात पाने के कुछ सरल उपाय वास्तव में, क़ाबिल-ए-तारीफ़ लगे। कॅरियर कॉर्नर में कॅरियर में परिवर्तन करते समय बरती जा सकने वाली सावधानियों की ओर इशारा करने के लिये भी हार्दिक धन्यवाद। बॉलीवुड हंगामा में यह जान कर अतीव प्रसन्नता हुई कि "थ्री इडियट्स" के बाद फ़िल्म "पीके" ने भी कमाई के मामले में चीन में झण्डे गाड़ दिये हैं। महान अभिनेता दिलीप कुमार को पद्मविभूषण से नवाज़े जाने की चर्चा भी काफी अच्छी रही। इस शुक्रवार रिलीज़ होने वाली फ़िल्म "दिलवाले" तथा "बाजीराव मस्तानी" की चर्चा के साथ उनका प्रोमो सुनवाया जाना काफी मनभावन लगा। कार्यक्रम में ज़ल्द ही सवाल-ज़वाब एकबार फिर से शुरू किये जाने की ख़ुशख़बरी देने तथा आज की अच्छी प्रस्तुति लिये हार्दिक धन्यवाद।

    श्रृंखला "पश्चिम की तीर्थयात्रा" की कड़ी में आज सम्राट थाइचुंग ने धर्मसूत्र प्रतीक्षा मीनार पहुँचने पर सानचांग और उसके तीनों शिष्यों का स्वागत किया और फिर सभी छांगआन नगर की ओर चल पड़े। धर्मसूत्र पहुँचने की ख़ुशी में नगर में चीड़ के पेड़ों की चोटियां पूर्व की ओर झुक गयीं। सम्राट ने एक धन्यवाद भोज का आयोजन किया और धर्मसूत्र प्राप्त करने सम्बन्धी तमाम जानकारी सानचांग से मांगी, जिस पर श्रध्देय धर्माध्यक्ष ने पूरी कहानी विस्तार से सम्राट को कह सुनायी। अब कहानी में आगे क्या होगा, देखना है। धन्यवाद।

    हैया:सुरेश अग्रवाल जी, हमें रोजाना पत्र भेजने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद। चलिए, अगला पत्र मेरे हाथ आया है उत्तर प्रदेश भारत से सादिक आदमी जी का । उन्होंने लिखा है.....facebook पर आपके द्वारा cri हिंदी दल के भारत के दौरे पर लगातार जानकारी प्राप्त हो रही है। और विभिन्न क्षेत्रों एवं मशहूर पर्यटन स्थलों के दौरे पर इस दल की गतिविधियों का भी पता चलता है। facebook पेज पर लगातार आपके द्वारा डाले गए फोटो हमें उत्साहित करते हैं। साथ में यहां के कई पर्यटन स्थानों संस्कृतिक समारोहों एवं ऐतिहासिक जगहों की तस्वीरों को देखने के साथ पाठकों की प्रतिक्रिया को जानने का भी अवसर मिलता है। और इसकी facebook पर अपडेट लगातार जारी है, जिसके लिए हृदय भाव से हम आपके आभारी हैं।

    साथ में हम अपनी प्रतिक्रिया भी पोस्ट करते रहते हैं। वहीं नववर्ष इस दल के लिए तथा समस्त cri परिवार के लिए मंगलमय हो। हम यही कामना करते हैं और आशा करते हैं ये दल जब वापस चीन जाएगा तो अनेक प्रकार के अनुभव तथा भारत के प्रति नई सोच साथ लेकर जाएगा। हम उनकी सफल यात्रा की एक बार फिर कामना करते हैं और आशा करते हैं भविष्य में इसी प्रकार दल भारत की यात्रा करता रहेगा तथा सांस्कृतिक आदान प्रदान होता रहेगा।

    अनिल:सादिक आदमी जी, आप नियमित रूप से हमें पत्र भेजते हैं और अपनी प्रतिक्रिया हम तक पहुंचाते हैं, इस पर हम आपके आभारी हैं। चलिए, अगला पत्र हम आपको सुनाते हैं पश्चिम बंगाल से देवशंकर चक्रवर्ती जी का। उन्होंने लिखा है.... हाल ही में प्रसारित कुछ कार्यक्रमों के बारे में मैं जिक्र करना चाहता हूं। पिछले 29 नवंबर रविवार को साप्ताहिक कार्यक्रम "संडे की मस्ती" प्रोग्राम में जिम्बाब्वे की राजधानी हरारे में आयोजित सलाना 'मिस्टर अग्ली' यानी श्रीमान बदसूरत प्रतियोगिता के बारे में जानकारी बहुत दिलचस्प लगी। चीन के हुबेई प्रांत में रहने वाले कॉलेज के सेकंड ईयर को छात्र यू पिंजिया मां की ममता से 198 दिन बाद कोमा से बाहर निकालने में कामयाब हुई। वाकई यह एक दिल को छू लेने वाली घटना है।

    पिछले 30 नवंबर सोमवार को "चीन का भ्रमण" कार्यक्रम में शेनशी प्रांत की राजधानी शिआन शहर के पश्चिम भाग में स्थित एक हजार सात सौ वर्ष पुराना फामन मठ और राजधानी पेइचिंग शहर के पश्चिमी उपनगर में स्थित हजार वर्ष पुराने मशहूर थान चेह मंदिर के बारे में जानकर अच्छा लगा। रिपोर्ट के अनुसार, कुल सात हैक्टेयर भूमि पर स्थापित फामन मठ चौबीस आंगनों से घिरा हुआ है। फामन मठ का आकार-प्रकार आठ कोनों वाला है और वह पत्थरों से निर्मित 13 मंजिला स्तूप है। फामन मठ का भूमिगत भवन 21.4 मीटर लम्बा है और क्षेत्रफल 314.8 वर्गमीटर है। पुरातत्वविदों ने इस बात की पुष्टि की है कि इस भूमिगत भवन में सुरक्षित भगवान बुद्ध की ऊंगली की उपलब्धि चीन में छिन राजवंश के सम्राट छिनशहुंग के मकबरे के बाद दूसरी अहम पुरातत्व खोज माना जाता है और विश्व बौद्ध जगत तथा विश्व संस्कृति इतिहास की एक अहम घटना है।

    प्रोग्राम के दूसरी रिपोर्ट में रूपा जी ने हमें राजधानी पेइचिंग शहर के पश्चिमी उपनगर में स्थित हजार वर्ष पुराने मशहूर थान चेह मंदिर के बारे में हमें रूबरू कराया।थान चेह मंदिर एक हजार सात सौ साल पुराना मंदिर है। इसका निर्माण ईस्वी 307 में हुआ था। उसका कुल क्षेत्रफल 2.5 हैक्टर है ।थान चेह मंदिर में खाना बनाने का एक कांस्य बर्तन बहुत चर्चित है और वह थान चेह मंदिर की एक धरोहर भी जानी जाती है। थान चेह मंदिर में भीमकाय कांस्य बर्तन के अलावा और एक धरोहर भी है और वह है विख्यात पत्थर मछली। पत्थर मछली की लम्बाई 1.7 मीटर है और वजन 150 किलोग्राम भारी है तथा उस का रंग गहरे हरा है। स्थानीय वासियों की मान्यता में यह पत्थर मछली रोगों का इलाज करने व संकट को दूर करने में सक्षम है। मंदिर परिसर में शाह के विशाल पेड़ है जो पर्यटकों का मन मोह लेते है । शाह पेड़ की ऊंचाई चालीस मीटर से भी अधिक है , जबकि उस की मोटाई सात आठ व्यक्तियों की बांहों जितनी लम्बी है । इस पेड़ की छायादार क्षेत्रफल कोई 6 सौ वर्गमीटर विशाल है जो गर्मियों में पर्यटकों को शीतलता प्रदान करता है। इस मंदिर पर विस्तार से जानकारी देने के लिए धन्यवाद।

    हैया:आगे देवशंकर जी लिखते हैं.....1 दिसंबर मंगलवार को देश-विदेश के ताज़ा समाचार सुनने के बाद अनिल जी और वेइ तुंग जी द्वारा प्रस्तुत साप्ताहिक "टी टाइम" प्रोग्राम सुना। इस प्रोग्राम से हमें हर सप्ताह अच्छी जानकारी प्राप्त हो रही है। इसमें हमारे देश का पहला संविधान दिवस और वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में विदेशी सैलानियों के लिए ड्रेस कोड लागू किये जाने के बारे में जानकारी मिली। कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान पर्व के बारे में जानकारी भी अच्छी लगी।

    3 दिसंबर बृहस्पतिवार को साप्ताहिक "आज का लाइफस्टाइल " प्रोग्राम में सुना है कि सीआरआई- हिंदी विभाग की उद्घोषिका मीरा जी द्वारा एक सप्ताह के अपने भारत प्रवास पर व्यक्त विचार काफी उत्साहवर्धक लगे। मुझे यह जानकर बहुत ख़ुशी हुई कि अपने पहली भारत यात्रा के दौरान उन्होंने हमारा कोलकाता दौरा भी किया। वहीं सुना है कि वर्तमान समय में चीन में कुल 32.7 फीसदी वयस्क सामान्य से अधिक वजन वाले हैं जो चीन की बढ़ती समृद्धि का एक संकेत है। 4 दिसंबर,2015 साप्ताहिक "चीन का तिब्बत" प्रोग्राम में तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के आली प्रिफेक्चर की त्साता कांउटी के जल संरक्षण ब्यूरो के कर्मी श्याओ लुओका के बारे में जानकारी प्रदान करने हेतु धन्यवाद।

    अनिल:देवशंकर चक्रवर्ती जी, हमें पत्र भेजने के लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद। चलिए, आगे पेश है बिहार से राम कुमार नीरज जी का पत्र। उन्होंने लिखा है.....कला संस्कृति से जुड़े रिपोर्टों के कर्म में सी आर आई हिंदी सेवा के साइट पर सहस्र वर्ष पुराना लुंग शिंग मंदिर के बारे विस्तृत रूप से पढ़ा और जाना.बेहद अच्छा लगा.यह जानना सचमुच बेहद दिलचस्प है कि उत्तर चीन के हो पेई प्रांत की राजधानी उत्तर शी च्या च्वान शहर से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और यहां सुरक्षित राष्ट्रीय स्तरीय सांस्कृतिक व ऐतिहासिक अवशेषों की संख्या भी बहुत अधिक है और शिंग लुंग मंदिर भी उन में अपना विशेष स्थान रखता है।

    कहा जाता है कि यह मूर्ति वास्तविक सौंदर्य और खूबसूरत बोधिसत्व के तस्वीर की सूक्ष्म मिलावट का सफल नमूना है। हो पेई प्रांत के शह च्या च्वान शहर के सामाजिक अकादमी के अनुसंधानकर्ता व विद्वान ल्यांग युंग ने उसके सौंदर्य की प्रशंसा में कहा कि यह मूर्ति बेहद सजीव लगती है और वह बौद्ध मूर्तियों में विशेष स्थान रखती है।

    इसके अलावा लुंग शिंग मंदिर में स्वी राजवंश काल में निर्मित लुंग ज़ांग स शिला लेख और चीनी प्राचीन वास्तु शैली युक्त सहस्र बुद्ध मूर्तियां भी चीन बेमिसाल मानी जाती हैं ।

    लुंग ज़ांग स शिलालेख एक हजार चार सौ साल पहले निर्मित हुआ था । इस शिला लेख पर अंकित चीनी लिपि कला अपनी विशेष पहचान बनाती है और वह अचमकदार सोने के नाम से भी जानी जाती है । सन 1052 में निर्मित मुनि भवन भी प्राचीन चीनी वास्तु कला इतिहास में दुर्लभ है । सात मीटर ऊंची कांस्य मूर्ति के सात मंजिला आधार पर कमल के फूल की सहस्र पंखुड़ियां बनायी गयी हैं और हरेक पंखुड़ी पर एक महीन मूर्ति बैठी हुई दिखाई गई है , इसलिये वह सहस्र मूर्ति कहलाती है । विद्वान ल्यांग यूंग ने कहा कि यह मूर्ति प्राचीन चीनी वास्तु कला की परिचायक है और चीन में बेमिसाल भी है। एक ज्ञानवर्धक रिपोर्ट के आप सब को शुक्रिया। धन्यवाद।

    हैया:राम कुमार नीरज जी, हमें पत्र भेजने के लिए शुक्रिया। चलिए, अगला पत्र हम आपको सुनाते हैं पश्चिम बंगाल से रविशंकर बसु जी का। उन्होंने लिखा है.... 17 दिसंबर को अनिल पाण्डेय जी द्वारा पेश किये गए दुनिया भर के ताज़ा समाचार सुनने के बाद अखिल पाराशर जी और मीरा जी द्वारा पेश साप्ताहिक "आज का लाइफस्टाइल" प्रोग्राम का ताज़ा अंक सुना।

    आज इंसानी दिमाग को लेकर एक महत्वपूर्ण वैज्ञानिक रिसर्च रिपोर्ट के साथ कार्यक्रम की शुरुआत किया जाना अच्छा लगा।'दिमाग की बात' हम तक पहुंचाने के लिए अखिल जी को शुक्रिया। आज हेल्थ केयर में सर्दी के मौसम में जोड़ों का दर्द से हमें कैसे राहत मिलेगी इस बारे में दी गई जानकारी भी ज्ञानवर्द्धक लगी। कार्यजीवन के आधे रास्ते में करियर में परिवर्तन सम्बन्धी बातें भी काफी सूचनाप्रद लगी।मनोरंजन हंगामा में सुना है कि आमिर खान की फिल्म पीके चीन में सबसे बड़ी कमाई करने वाली पहली भारतीय फिल्म बन गई है। यह वाकई खुशी की बात है कि आज के ज़माने में चीनी लोग भारतीय फिल्में देखना पसंद करते हैं। मेरे विचार में फिल्में समाज का आईना होती हैं और चीन के साथ रिश्ते बेहतर करने में दोनों देशों के बीच फिल्म आदान -प्रदान अहम रोल अदा कर सकता है। भारतीय सिनेमा के महानतम अभिनेताओं में शुमार दिलीप कुमार को देश के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से अलंकृत किया जाना सर्वथा उचित है।अंत में 'दिलवाले' और ' बाजीराव मस्तानी ' का प्रोमो सुनवाया जाना भी बहुत अच्छा लगा। क्रिसमस के उल्लासमय पर्व के अवसर पर मैं चाइना रेडियो इंटरनेशनल-हिंदी परिवार के सभी आदरणीय कर्मचारियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं।

    अनिल:बसु जी आगे लिखते हैं....हिंदी विभाग की वेब साइट पर चाइना रेडियो इंटरनेशनल के प्रतिनिधि समूह की भारत यात्रा की फोटो देखकर मैं बहुत खुश हुआ,खासकर हिंदी विभाग की मैडम श्याओ थांग जी और लिली जी की फोटो देखकर। मुझे उम्मीद है कि सी आर आई ग्रुप को हमारा देश भारत अच्छा लगा होगा। अनुरोध है कि श्याओ थांग जी और लिली जी ने अपनी भारत यात्रा की अनुभव हमारे साथ साझा करेंगे तो अच्छा होगा।

    16 दिसंबर,बुधवार को हमारे सबसे प्यारा कार्यक्रम "आपका पत्र मिला" को संभालने के लिए अनिल आज़ाद पाण्डेय जी के साथ हैया जी को धन्यवाद देने के साथ साथ मैं अपनी दिल से स्वागत भी करता हूं। मैं आशा करता हूं कि हैया जी ने अनिल जी के साथ हमारे इस खास कार्यक्रम को और भी ऊंचाई तक ले जायेंगे। हम इस कार्यक्रम में मीनू जी की मधुर आवाज मिस करेंगे।

    हैया:रविशंकर बसु जी, हमें पत्र भेजने और अपनी बात हमें बताने के लिए हम आपको धन्यवाद देते हैं। चलिए अगला पत्र आपको सुनाया जा रहा है पश्चिम बंगाल से बिधान चंद्र सान्याल जी का। उन्होंने लिखा है....दिनांक 16 दिसंबर को आपका पत्र मिला प्रोग्राम सुना। जिसमेँ एक पत्र था सहिष्णुता और असहिष्णुता के बारे मेँ। मैं बताना चाहता हूं कि यह मेरा विचार था। मैं जो भी टिप्पणी भेजता हूं, अपनी मेहनत से भेजता हूं।

    उसमेँ कभी कभी भाषा की गलती जरूर रहती है, लेकिन जब मैं कोई विशेष पत्र भेजता हूं तो बार-बार सोचकर लिखता हूं। सीआरआई हिन्दी सेवा के प्रति प्रेम ने कुछ हिन्दी सीखने को प्रोत्साहित किया। शायद यह बात आपको अच्छी नहीं लग रही हो।लेकिन हमेशा प्रयास करता रहूंगा। धन्यवाद ।

    हैया:अब सुनिए हमारे श्रोता अमल कुमार विश्वास के साथ हुई बातचीत।

    अनिल:दोस्तो, इसी के साथ आपका पत्र मिला प्रोग्राम यही संपन्न होता है। अगर आपके पास कोई सुझाव या टिप्पणी हो तो हमें जरूर भेजें, हमें आपके खतों का इंतजार रहेगा। इसी उम्मीद के साथ कि अगले हफ्ते इसी दिन इसी वक्त आपसे फिर मुलाकात होगी। तब तक के लिए अनिल पांडे और हैया को आज्ञा दीजिए, नमस्कार।

    हैया:गुडबाय और मेरी क्रिसमस।

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