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    आपका पत्र मिला 2015-12-16
    2015-12-16 17:30:17 cri

    अनिल:आपका पत्र मिला कार्यक्रम सुनने वाले सभी श्रोताओं को अनिल पांडे का नमस्कार।

    हैया:सभी श्रोताओं को हैया का भी प्यार भरा नमस्कार।

    अनिलः दोस्तो, आज से मैं और हैया आप लोगों के लिए आपका पत्र मिला कार्यक्रम पेश करेंगे। पहले की तरह आज के कार्यक्रम में हम श्रोताओं के ई-मेल और पत्र पढ़ेंगे। इसके बाद एक श्रोता के साथ हुई बातचीत के मुख्य अंश पेश किए जाएंगे।

    अनिल:चलिए श्रोताओं के पत्र पढ़ने का सिलसिला शुरू करते हैं। पहला पत्र हम पढ़ते हैं ओड़िशा से हमारे मोनिटर सुरेश अग्रवाल जी का। उन्होंने लिखा है ......केसिंगा दिनांक 13 दिसम्बर । चौबीस घण्टे लम्बी प्रतीक्षा के बाद आज एक बार फिर सीआरआई हिन्दी का ताज़ा प्रसारण शाम ठीक साढ़े छह बजे शॉर्टवेव 9450 किलोहर्ट्ज़ की आवृत्ति पर स्पष्ट रिसैप्शन के साथ सुना, तो हम सभी मित्र-परिजनों की बाछें खिल उठीं और प्रसारित कार्यक्रम का पूरा लुत्फ़ उठाने के बाद अब मैं उस पर हम सभी की त्वरित टिप्पणी के साथ आपके समक्ष उपस्थित हूँ। आशा है कि आप हमारी इस नियमित क़वायद से संतुष्ट होंगे। बहरहाल, ताज़ा अन्तर्राष्ट्रीय समाचारों के बाद पेश आज का साप्ताहिक "सण्डे की मस्ती" भी ध्यानपूर्वक सुना। शिक्षक सम्मान पर आचार्य चाणक्य का व्याख्यान आज के कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रहा। यह बात बिलकुल सही है कि एक शिक्षक तभी सफल होता है, जब वह प्रत्येक नागरिक के मन में राष्ट्रीय भावना जागृत कर सके। आज हमारे देश और समाज को चाणक्य जैसे शिक्षकों की ही आवश्यकता है। एचआईवी एड्स पर अभिनेता अमिताभ बच्चन की सीख का दूसरा अंक भी सुग्राह्य लगा। लाखों रुपये के नोट देख कर भी ऑटोचालक सलीम की नीयत नहीं बदली, उसे हमारा सलाम। चेन्नई में बाढ़ और बारिश के कहर से शादियां भी प्रभावित हुईं, यह जानकारी रिसैप्शन में एकाएक आयी गड़बड़ी के कारण ठीक से समझ में नहीं आयी। चीन में प्रतिदिन अढ़ाई किलोग्राम लाल मिर्च खाने वाले शख़्स का नाम नोट करना भी सम्भव नहीं हुआ। चीन ही में एक पाण्डा का पैंतीसवाँ जन्मदिन मनाये जाने का जो समाचार दिया गया, व्यवधान के कारण ठीक से नहीं सुना जा सका। प्रेरक कहानी "सच्ची मदद" के तहत नन्हें परिन्दे और अज़नबी परिन्दे का किस्सा वास्तव में काफी प्रेरक लगा। धारावाहिक महाभारत में भगवान श्रीकृष्ण की महत्वपूर्ण सीख क्रम में आज सत्ता के वास्तविक रूप सम्बन्धी सीख गाँठ बांधने योग्य लगी। आज के कार्यक्रम में पेश जोक्स में शराबी द्वारा 98.5 एफ़एम पर फ़ोन किये जाने वाला जोक उम्दा लगा। धन्यवाद एक अच्छी प्रस्तुति के लिये। विगत दो दिनों से श्रृंखला "पश्चिम की तीर्थयात्रा" का प्रसारण नहीं किया जा रहा, क्या इसे श्रृंखला का समापन समझा जाये ? यदि हाँ, तो इतनी लम्बी चली श्रृंखला के समापन की औपचारिक घोषणा अवश्य की जानी चाहिये थी। धन्यवाद।

    हैया:सुरेश अग्रवाल जी, हमें रोजाना पत्र भेजने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद। चलिए, अगला पत्र मेरे हाथ आया है पश्चिम बंगाल से बिधान चंद्र सान्याल जी का । उन्होंने लिखा है कि दिनांक 27 नवंबर को तिब्बत की राजधानी ल्हासा में कुछ जगहों के बारे में वर्णन बहुत अच्छा लगा। इसके बाद दक्षिण एशिया फोकस प्रोग्राम के तहत सुरक्षा और आतंकवाद विषय पर भारत चीन सहयोग के बारे मेँ चर्चा और भारत के गृह मंत्री राजनाथ सिंह के साथ बातचीत बहुत महत्वपूर्ण लगी। शानदार प्रस्तुति के लिए धन्यवाद।

    वहीं दिनांक 29 नवंबर को साप्ताहिक मस्ती की पाठशाला 'सण्डे की मस्ती ' सुना । इस कार्यक्रम के तहत बहुत सारी रोचक जानकारी मिली जिसमें एक चीनी पुरुष की प्रेम कहानी जो अपने बीमार पत्नी की सालों से साल सेवा कर रहा है, लापता हीरे की अंगूठी के मालिक को तलाश में फेसबुक का इस्तेमाल आदि जानकारी अच्छी लगी। हास्य कविता, महाभारत में श्रीकृष्ण की वाणी , चुटकुले सब मिलाकर एक खास प्रस्तुति के लिए सण्डे की मस्ती टीम को धन्यवाद।

    अनिल:आगे बिधान चंद्र सान्याल जी लिखते हैं कि हाल ही में हमारे देश में सहनशीलता के बारे में काफी चर्चा हो रही है। यह चर्चा हमारे समाज और राजनीति में जारी है। मैं कहना चाहता हूं कि रुकावट, दुख और नुकसान जीवन का सत्य है , जिससे कोई भी नहीं बच पाया है। जब भी लोग लोग किसी चीज को चाहते हैं, या फिर जीवन में बदलाव चाहते हैं, या फिर अपने प्रियजनों से कुछ इच्छाएं रखते हैं और वह पूरी नहीं होती तब क्रोध और अवसाद हमारे ऊपर हावी हो जाता है। चाहे छोटी चीज हो या बड़ी चीज हो जैसे कि परीक्षा में अव्वल न आना, रिश्ते में किसी के द्वारा ठुकराया जाना , रोड पर किसी को गाड़ी से ओवरटेक किए जाना, अपनी मर्जी के अनुसार न चल पाना आदि कारणॉ से लोग अक्सर बहुत परेशान हो जाते हैं आधुनिक समाज इसके लिए दोषी है। क्योंकि यह सिखाता है कि कुछ भी बरदाश्त मत करो। जो लोग दुख और तकलीफ को सहन करते हैं और दूसरों के बारे में सोचते हैं, उन्हें कमजोर और मूर्ख माना जाता है। जो पूरे बल से छोटी से छोटी बात पर लड़ पड़ते हैंऔर अपने बारे में सोचते हैं, उन्हें हीरो कहा जाता है। इस सामाजिक बदलाव को बजह से आज ऐसा आलम है कि हर व्यक्ति क्रोधित होकर विस्फोट करता है। मैंने ऐसे कई मरीज देखे हैं , जो इस रवैए के कारण कई मनोवैज्ञानिक बीमारियोों का शिकार बने हैं। ऐसे लोग अपने करीबी लोगों में खूबियों की बजाय खामियों को ढूंढ़ते रहते हैं। इससे वे अकेलेपन और अवसाद के शिकार होते हैं, दुख इनका पीछा नहीं छोड़ता। भारतीय संस्कृति के अनुसार सहनशीलता कमजोरी या कायरता नहीं है। यह शक्ति है। सहनशील व्यक्ति अपने अंतःकरण की शक्ति से दर्द का सामना करते हुए ऊपर उठ जाते हैं। ऐसे लोग जानते हैं कि जीवन में दुख और सुख दोनों को बैराग्य भाव से ही लेना चाहिए। मनुष्य जिस भी चीज पर ध्यान लगाएगा , वह उसे अपनी तरफ खींचेगा और बल प्रदान करेगा। अगर हम दुख के बारे मेँ सोचेंगे तो दुख पीछा नहीं छोड़ेगा। पूरा ध्यान सकारात्मक सोच पर लगाना चाहिए। हम दुख पर ध्यान केंद्रित कर दुखो को बलशाली बनाते है। सहनशीलता हो और अंहकार न रहे तो आप अपने को पूरी सृष्टि से जुड़ा हुआ पाएंगे। दुख से सुख की ओर जाना चाहते हैँ तो सहनशीलता बढ़ानी होगी। धन्यवाद।

    हैया:बिधान चंद्र सान्याल जी, आप नियमित रूप से हमें पत्र भेजते हैं और अपनी प्रतिक्रिया हम तक पहुंचाते हैं, इस पर हम आपके आभारी हैं। चलिए, अगला पत्र हम आपको सुनाते हैं गुजरात से मकवाना विशाल जी का। उन्होंने लिखा है मेरा प्यार भरा नमस्कार स्वीकार करें। 18 नवंबर को आपका पत्र मिला प्रोग्राम में श्रोताओं की प्रतिक्रिया के साथ-साथ सुरेश अग्रवाल जी से बातचीत अच्छी लगी। वहीं 19 नवंबर को आज का लाइफ स्टाइल प्रोग्राम सुना। प्रोग्राम में पेश बातचीत अच्छी लगी, वहीं करियर कॉर्नर में ग्रुप डिस्कशन के बारे में जाना। साथ ही फ़िल्म का प्रोमो सुनवाया जाना अच्छा लगा। एक अच्छी प्रस्तुति के लिए धन्यवाद।

    अनिल:मकवाना विशाल जी, हमें पत्र भेजने के लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद। चलिए, आगे पेश है उत्तर प्रदेश से सादिक आज़मी जी का पत्र। उन्होंने लिखा है कि नमस्कार विगत दिनों तमिलनाडु में भारी तबाही बाढ़ के रूप मे देखने को मिली, जो रौंगटे खड़े करने वाले थी। लगभग 100 सालों बाद प्रकृति की इतनी बड़ी मार वहां के निवासियों को झेलनी पड़ी, पर विवश मानव सब्र का दामन कभी नहीं छोड़ता और जीवन के पथ पर अग्रसर रहता है, यही कारण है हर त्रासदी के बाद ईश्वर वहां विकास के नए द्वार खोल देता है अपार संभावना की उत्तपत्ति होती है। वर्तमान मे वहां जन जीवन सामान्य होता दिख रहा है मीडिया की खबरों के अनुसार बाढ़ ग्रस्त तमिलनाडु में स्थिति में कुछ सुधार नज़र आ गया है, 2 दिसंबर से बाधित हुई हवाई अड्डे की सेवा अंशिक तौर पर बहाल हो चुकी है। लेकिन राजधानी चेन्नई शहर का आधा भाग अभी भी पानी में डूबा हुआ है।

    पिछले दसियों वर्षों में आई सबसे गंभीर बाढ़ ने दक्षिण में 320 व्यक्तियों की जान ले ली। केंद्र सरकार ने 4 दिसंबर को घोषणा की कि बाढ़ग्रस्त 40 लाख जनसंख्या वाले चेन्नई शहर के अधिकांश क्षेत्रों में बिजली और सूचना का नेटवर्क नष्ट हुआ है। कुछ क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति, विद्यालय और यातायात आदि सब ठप हैं। चेन्नई को छोड़कर मूसलाधार वर्षा से कुडालूर जैसे क्षेत्रों को भी भारी नुकसान पहुंचा है। राहत कार्यों पर नागरिकों को होने वाली दिक्कतों को दूर करने के लिए सरकार ने बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में सैकड़ों जवान भेजे हैं और सरकार के राहत जहाजों ने हजारों व्यक्तियों को सुरक्षित क्षेत्रों में स्थानांतरित किया है।हम आशा करते हैं जीवन सामान्य पटरी पर जल्द आजाएगा, आपके द्वारा इस पूरे घटनाक्रम पर पैनी नज़र देख अपार हर्ष हुआ और cri का श्रोता होने पर गर्व भी, धन्यवाद

    हैया:सादिक आज़मी जी, हमें पत्र भेजने और अपनी बात हमें बताने के लिए हम आपको धन्यवाद देते हैं। चलिए अगला पत्र आपको सुनाया जा रहा है उत्तर प्रदेश से अनिल कुमार द्विवेदी जी का। उन्होंने लिखा है कि नव वर्ष 2016 के आगमन में अब कुछ ही दिन बचे हैं। अत: आप लोगों को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनायें। HAPPY NEW YEAR. नया साल मुबारक बाद।

    दो शब्द : अच्छे लोगों की इज्जत, कभी कम नहीं होती। सोने के सौ टुकड़े करो, फिर भी कीमत कम नहीं होती। भूल होना "प्रकति " है, मान लेना "संस्कृति" है, सुधार लेना "प्रगति" है, ये रास्ते ले ही जाएंगे.... मंजिल तक, तू हौसला रख, कभी सुना है कि अंधेरे ने सुबह ना होने दी हो.

    अनिल:अनिल कुमार द्विवेदी जी, हमें आपकी शुभकामनाएं हमें मिल गयी हैं। आपको भी नया साल मुबारक। चलिए, अंत में हम पढ़ते हैं पश्चिम बंगाल से हमारे मोनिटर रविशंकर बसु जी का पत्र। उन्होंने लिखा है कि सादर नमस्कार। दिनांक 7 दिसंबर रात साढ़े नौ से साढ़े दस बजे तक मीडियम वेव 1269 किलोहर्ट्ज (kHz) पर आपका रेडियो प्रोग्राम सुना। आज की सभा में पंकज श्रीवास्तव जी द्वारा पेश किये गए दुनिया भर के ताज़ा समाचार सुनने के बाद साप्ताहिक "चीन का भ्रमण" का ताज़ा अंक सुना।

    आज के "चीन का भ्रमण" प्रोग्राम में मैडम रूपा जी द्वारा पेश पेइचिंग शहर के शी छंग जिले में अवस्थित चीनी भूतत्वीय म्यूजियम ( Geological Museum of China) के बारे में हमें एक रिपोर्ट सुनने को मिली । रिपोर्ट ध्यान से सुनकर मुझे पता चला कि चीनी भूतत्वीय म्यूजियम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध है जो चीन और एशिया में सबसे बड़ा और सबसे मूल्यवान भूतत्वीय म्यूजियम है जिसका स्थापना 1916 में हुई था और उसका कुल क्षेत्रफल 11 हजार वर्गमीटर है। वह अपने लंबे इतिहास, अनोखी भूवैज्ञानिक संसाधनों के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। सामाजिक, शैक्षणिक कार्यों के अलावा, चीनी भूतत्वीय म्युजियम पेइचिंग शहर में पर्यटन के लिए एक आदर्श स्थान भी है। इस विशाल म्यूजियम में दो लाख से अधिक विविध कीमती वस्तुएं सुरक्षित हैं और इतनी अधिक वस्तुएं पांच प्रमुख प्रदर्शनी भवनों व दो अस्थायी प्रदर्शनी हालों में प्रदर्शित किया जाता हैं।

    चीनी भू्तत्वीय म्यूजियम के मुख्य हॉल में विशेषता वाली चीनी जेड संस्कृति और पश्चिमी जेड संस्कृति उभर के आता है। चीनी भूतत्वीय म्युजियम रोकक्रिस्टल जैसी बेशकीमती वस्तुएं बहुत अधिक हैं। इस म्युजियम के जेट हॉल में एक 3.5 टन भारी भीमकाय रोकक्रिस्टल (quartz crystal) विश्व में सब से बड़ा रोकक्रिस्टल राजा माना जाता है, उसकी ऊंचाई 1.7 मीटर है। मसलन रोकक्रिस्टल राजा, शान्टंगोसोरस गिगांटर्स (Shantungosaurus giganteus) और सिनोर्नीथोसाँर्स (sinornithosaurus) जैसी पुरातन जीव जंतुओं के जीवाश्म भी बेमिसाल हैं। डायनासोर (dinosaur) यानी शान्टंगोसोरस गिगांटर्स का जीवाश्म 8 मीटर ऊंचा और 15 मीटर लम्बा है और वह विश्व स्तरीय बेशकीमती माना जाता है । इस म्यूजियम के पृथ्वी हॉल , खनिज पदार्थ हॉल और भूमि संसाधन हॉल ने चीन और सारी दुनिया के भूतत्वीय संसाधनों को सजीव रूप से दिखाया जाता है जिससे भूगोल विज्ञान संबंधित जानकारी अच्छी तरह मिलती है। एशिया में सबसे बड़ा भूतत्वीय म्यूजियम होने के नाते चीनी भूतत्वीय म्युजियम ने अमेरिका,जापान,रूस, ब्रिटेन,जर्मनी और बेल्जियम जैसे देशों के राष्ट्रीय संग्रहालयों के साथ संपर्क भी किया है। हर वर्ष चीनी भूतत्वीय म्युजियम सैकड़ों विदेशी विशेषज्ञों और विद्वानों का सत्कार करता है और उन के साथ ऐकडेमिक आदान प्रदान भी करता है।

    हैया:आगे बसु जी लिखते हैं कि आज इस प्रोग्राम के दूसरी भाग में दक्षिण पश्चिम चीन के सछ्वान प्रांत में स्थित तीस हैक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल वाला च्येन छ्वान म्युजियम समूह के बारे में एक अच्छी जानकारी दी, जो मुझे बहुत अच्छी लगी। सछ्वान प्रांत की ता ई कांऊटी के आन रन कस्बे में अवस्थित च्येन छ्वान म्युजियम समूह में कुल 25 प्रदर्शनी भवन, तीन स्मारक चौंक और एक होटल बना हुआ है। इसमें से आठ प्रदर्शनी भवन और दो स्मारक चौंक विधिवत रूप से पर्यटकों के लिये खोल दिए गए हैं। च्येन छ्वान म्यूजियम समूह में कुल बीस लाख से अधिक दुर्लभ वस्तुएं सुरक्षित रखी हुई हैं। इन वस्तुओं को कुल तीन खंडो में सजाया गया है, पहले खंड में मुख्य तौर पर द्वितीय विश्व युद्ध काल में चीनी युद्ध मौर्चों पर छोड़ी गयी यादगार वस्तुएं , जिनमें हथियार , सैनिक वस्त्र , पत्र व दस्तावेज और फोटो जैसी चीजें शामिल हैं। जबकि दूसरे खंड में मुख्यतः चीनी मिट्टी बर्तन , और प्रचार प्रसार चित्रों जैसी कलात्मक कृतियां दर्शायी जाती हैं। ये वस्तुएं 1966 से 1976 तक के दौरान चीन के एक विशेष ऐतिहासिक काल में तैयार चीजें हैं। तीसरे खंड में चीनी लोकोचार व सांस्कृतिक कलात्मक वस्तुएं प्रदर्शित हैं, जिन में पुराने ढंग वाले फर्निचर और फोटो भी शामिल हैं। रिपोर्ट से पता चला कि दर्शक इस च्येन छ्वान म्यूजियम समूह में पुरानी फिल्मों , कार्टून फिल्मों , यहां तक की वीडियो गेम्सों के जरिये सुरक्षित वस्तुओं के इतिहास और उन के पीछे छिपी हुई कहानियां जानने में सक्षम भी हैं। च्येन छ्वान म्यूजियम समूह की अपने विशेष वास्तु शैलियां भी भिन्न भिन्न एतिहासिक कालों को अभिव्यक्त करने का परिचायक हैं ।च्चेन छ्वान म्यूजियम के चिन क्वई होटल में भी सजावट के रूप में सुरक्षित वस्तुएं रखी गयी हैं जो चीन का एक बड़ा नमूना है। मै आशा करता हूं कि मुझे भी एकदिन इस म्युजियम समूह का दौरा करने का अवसर मिलेगा। च्येन छ्वान म्यूजियम समूह के बारे में हमें विस्तार से जानकारी देने के लिए आप लोगों को धन्यवाद।

    अनिल:अंत में बसु जी ने लिखा है कि इसके के बाद आज "मैत्री की आवाज़" प्रोग्राम में चीन-भारत आदान-प्रदान कार्यक्रम के तहत हाल ही में चीन दौरे पर गए भारतीय युवा दल के सदस्य छत्तीसगढ़ के एल. एल. बी. के छात्र तथा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का प्रदेश अध्यक्ष श्री राजू मोहन्त जी के साथ बातचीत के मुख्य अंश सुनने को मिले। उन्होंने अपनी पहली चीन यात्रा के बारे में अपना अनुभव हमें बताया जो मुझे बहुत अच्छा लगा। वे चीनी नागरिकों के राष्ट्र प्रेम को देखकर बड़ा प्रभावित हुए। साथ ही उन्होंने चीनी नागरिकों की कर्म संस्कृति,अनुशासन और मेहमान नवाजी की बहुत तारीफ की। चीन व भारत के युवाओं के बीच आवाजाही और बढ़ाने के लिए सुझाव दिए।

    मेरा मानना है कि दोनों देशों की आपसी आदान-प्रदान से भारत और चीन के बीच मैत्री और सहयोग भी समृद्ध होगा। अगर सीआरआई हिंदी विभाग हम श्रोता लोगों को इस आदान-प्रदान कार्यक्रम में शामिल करेंगे तो हम बहुत खुश होंगे। धन्यवाद।

    हैया:अब सुनिए हमारे श्रोता श्रीपाल गर्ग के साथ हुई बातचीत।

    अनिल:दोस्तो, इसी के साथ आपका पत्र मिला प्रोग्राम यही संपन्न होता है। अगर आपके पास कोई सुझाव या टिप्पणी हो तो हमें जरूर भेजें, हमें आपके खतों का इंतजार रहेगा। इसी उम्मीद के साथ कि अगले हफ्ते इसी दिन इसी वक्त आपसे फिर मुलाकात होगी। तब तक के लिए अनिल पांडे और हैया को आज्ञा दीजिए, नमस्कार।

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