ताल्येन शहर में फव्वारों की संख्या ही सब से अधिक नहीं , चौंकों की संख्या भी चीन में प्रथम नम्बर पर है। साथ ही ताल्येन शहर संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा चुने गये सब से बढ़िया व सुंदर शहरों में से एक है ।
ताल्येन शहर उत्तर चीन के एक प्रायद्वीप के दक्षिण छोर पर स्थित है और तीन तरफ से समुद्र से घिरा हुआ है । नीला आसमान , स्वच्छ हरा समुद्र , सफेद रेत और काली चट्टान इस शहर के समुद्री दृश्य के परिचायक हैं । ताल्येन शहर बहुत साफ सुथरा नज़र आता है , अनगिनत लॉन फीतों की तरह समूचे शहर को एक साथ जोड़े हुए हैं , पर्यटक हरे-भरे पड़ों से आच्छादित सड़कों पर खड़े होकर विशाल समुद्र देख सकते हैं ।
ताल्येन शहर में टेढी-मेढ़ी सड़कों की वजह से साइकिल बहुत कम देखी जा सकती हैं । पर पर्यटकों को सुविधा उपलब्ध कराने के लिये साइकिल किराये पर लिए जा सकते हैं । सितम्बर में ताल्येन का मौसम न ज्यादा गर्म और न अधिक ठंडा होने के कारण बहुत सुहावना होता है । पर्यटक ऐसे खूबसूरत मौसम में किराये पर साइकिल लेकर पूरा शहर घूमने जा सकते हैं , विशेषकर समुद्रतट के आसपास की सड़कों पर साइकिल चलाते हुए मनोहर प्राकृतिक दृश्यों का खूब आनन्द उठा सकते हैं ।
चौक संस्कृति ताल्येन शहर की एक अलग पहचान है । शिंगहाईवान चौक और हाईचीयुन चौक समुद्र के बगल में अवस्थित हैं , पर्यटक इन दोनों चौकों पर खड़े होकर समुद्र और समुद्रतट पर खड़ी मूर्तियों को साफ-साफ देख सकते हैं । आठ मार्च को चौक की ढलान पर चलने वाली तार वाली बसें नज़र आती हैं । दसियों विशाल चौक और सैकड़ों सड़क बगीचे शहर के हरेक कोने में बने हुए हैं , हरी घास , रंगीन फूल , सफेद कबूतर , फव्वारे , मूर्तियां और जापानी व रूसी वास्तु शैली से युक्त इमारतें पर्यटकों को मोह लेती हैं । ताल्येन शहर में रहने वाले चांग फूंग ने इस शहर का परिचय देते हुए कहा कि ताल्येन शहर के सभी चौकों में शिंगहाईवान चौक सब से देखने लायक है ।
उन्हों ने कहा कि हमारे सामने जो चौक है , उस का नाम शिंगहाईवान है , उस का क्षेत्रफल 17 लाख 60 हजार वर्गमीटर है और वह चीन में सब से विशाल चौक माना जाता है । अब हम आगे बढकर एक सूर्यमुखी रूपी फव्वारा देख सकते हैं । फिर उन्हों ने एक कांस्य की मूर्ति की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह कांस्य मूर्ति ताल्येन शहर की स्थापना की सौंवीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में विशेष तौर पर निर्मित हुई है ।
ताल्येन शहर का आधुनिक अजायबघर भी शिंगहाई वान चौक पर है ।यह आधुनिक वास्तु शैली में निर्मित नया म्युनिजम पर्यटकों को बराबर मोहित करता है । इस म्युजियम के प्रधान श्री ल्यू चन वी ने कहा
यह आधुनिक म्युजियम 1899 से लेकर अब तक के सौ वर्षों में ताल्येन शहर में हुए परिवर्तनों , विशेषकर पिछले बीसेक सालों में सुधार व खुले द्वार की नीति लागू होने के बाद के ताल्येन शहर के उद्योग , कृषि और पर्यटन जैसे क्षेत्रों के विकास को दर्शाने के लिये स्थापित किया गया है । म्युजियम के मुख्य भवन का फर्शीक्षेत्र तीस हजार चार सौ वर्गमीटर है और प्रदर्शनी हाल का रक्बा 15 हजार वर्गमीटर है ।
लौहे इस्पात से निर्मित भवन के विशाल शीशे खिड़कियां अत्यंत रोशनीदार हैं और पूरा भवन हवादार है । यह आधुनिक म्युजियम शहरी सूरत , उत्थान पर अर्थतंत्र , रोमांटिक शहर और सिंहावलोकन व भविष्य जैसे कुल चार मुद्दों में बटा हुआ है । पुराने ताल्येन प्रदर्शनी क्षेत्र के पास नया ताल्येन क्षेत्र है । इन दोनों प्रदर्शनी क्षेत्रों से ताल्येन वासियों के जीवन में आया जमीन-आसमान का परिवर्तन प्रतिबिंबित होता है । प्रधान श्री ल्यू चन वी ने कहा कि इस आधुनिक म्युजियम को देशी-विदेशी पर्यटकों की ओर से खूब दाद मिली है।
औसतन हर रोज अमरीकी , जापानी और अफ्रीकी पर्यटकों समेत हजार से अधिक दर्शक यहां आते हैं । देखने के बाद वे एक स्वर में प्रशंसा करते हुए कहते हैं कि इस संग्रहालय का दौरा करने से मानों ताल्येन शहर की पूरी सूरत देख ली हो ।
आधुनिक संग्रहालय देखने के बाद हम सीधे ताल्येन ध्रुवीय समु्द्री भवन देखने जा सकते हैं । 2002 में स्थापित यह ध्रुवीय समुद्री भवन चीन में प्रथम ध्रुवीय विशेषता वाला आधुनिक अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी भवन माना जाता है , क्यों कि पेंगुइन व वाल जैसे उत्तरी व दक्षिणी ध्रुवीय जानवरों को पहली बार ताल्येन शहर में रखा गया है । पर्यटक जब इस समुद्री भवन में प्रवेश करते हैं , तो मानो समुद्री दुनिया में पहुंच गये हो । अनगिनत छोटे-बड़े शीशे वाले झरोखों में से विभिन्न प्रकार के समुद्री जीव जंतु बड़े आराम से तैरते हुए नजर आते हैं । इस भवन में कार्यरत सुश्री ली आई मिन ने एक शीशे के झरोखे से तैरने वाले सफेद वाल की ओर इशारा करते हुए कहा कि
आप जो वह समुद्रीय सफेद वाल देख रहे हैं , वह हमारे ध्रुवीय समुद्री भवन के समुद्री जानवरों का प्रतिनिधि ही नहीं , हमारा शुभचिन्ह भी है । वह बड़ा प्यारा है । वह उत्तरी बर्फीले सागर का रहने वाला है , उस का पूरा बदन अत्यंत सफेद है । वह लोगों को अभिवादन करने , सिर हिलाने और हंसने में भी समर्थ है । इतना ही नहीं , वह बहुत सी मधुर आवाजें भी निकाल सकता है ।
ताल्येन ध्रुवीय समुद्री भवन का क्षेत्रफल 36 हजार वर्ग मीटर से अधिक है और वह कुल चार भागों में बंटा हुआ है । प्रथम भाग में मुख्य तौर पर दक्षिणी व उत्तरी ध्रुवीय जानवर हैं , पर्यटक यहां पर बड़े नजदीक से सफेद वाल , उत्तरी ध्रुवीय भालू , पेंगुइन , समुद्री कुत्ते जैसे दसेक ध्रुवीय जानवरों को देख सकते हैं । दूसरे भाग में ध्रुवीय जानवरों का अभिनय देखा जा सकता है । 12 हजार दर्शकों से भरे बड़े हाल में पर्यटक बाघ वाल , सफेद वाल और समुद्री शेर जैसे समुद्रीय जानवरों के रुचिकर अभिनय का आनन्द उठा सकते हैं । तीसरे भाग में एक विशाल केंद्रीय जलीय पाइप में पर्यटक दसियों किस्मों वाली शार्क देख सकते हैं , साथ ही व्यक्तियों व शार्कों द्वारा साथ मिलकर नाचने का चकित दृश्य देखने को मिलता है । जबकि चौथे भाग में माइनस 40 डिग्री से कम सेल्सियस डिग्री वाली मानवकृत बर्फीली दुनिया है , पर्यटक इस में दक्षिणी व उत्तरी ध्रुवों के बर्फीले वातावरण का मजा ले सकते हैं ।
इस के अतिरिक्त ताल्येन शहर में सालाना अंतर्राष्ट्रीय त्रेस शो , ताल्येन निर्यात व्यापार मेला , ताल्येन अंतर्राष्ट्रीय मैराथन दौड़ और ताल्येन आतिशबाजी वसंतोत्सव भी लाखों करोड़ों देशी-विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करते हैं । मौके पर जापान , कोरिया और रूस के लोक कलाकार अपनी रंग-बिरंगी राष्ट्रीय पोशाकों में सजधज कर ताल्येन वासियों के साथ बड़ी खुशी से सड़कों पर नृत्य गान करते दिखाई देते हैं । पहली बार ताल्येन शहर के दौरे पर आये पर्यटक ली हुंग ने कहा
मैं पहली बार ताल्येन शहर आया हूं , समुद्री तट पर कई दिन ठहरा । मुझे ताल्येन शहर से बड़ा लगाव है । शहर में बहुत से बड़े चौकों और विशेष वास्तु शैलियों से युक्त इमारतों ने भी मुझ पर गहरी छाप छोड़ी है । मैं फिर एक बार ताल्येन शहर का दौरा करना चाहता हूं ।